रात के 12:00 बज रहे थे.... पूरा शहर गहरी नींद में सोया हुआ था..... अमावस की काली रात में जहां हाथ को हाथ नहीं सूझ रहे थे.... एक अकेली लड़की सुनसान सड़क के बीचो बीच चले जा रही थी वही उसके पीछे कुछ दूर से कुत्ते उसे देखकर जोर-जोर से भौंक रहे थे लेकिन जैसे ही उस लड़की ने पीछे मुड़कर उन कुत्तों की ओर देखा तो वह भौंकना बंद करके वापस तेजी से भागने लगे और वह लड़की वापस अपने रास्ते जाने लगी ।
उससे कुछ दूर पर एक होटल में पार्टी चल रही थी दरअसल उस होटल के अंदर एक बड़ा सा पब (बार) था जहां नाइट पार्टी चलती थी वहां अंदर का दृश्य स्वर्ग जैसा था शराब और शबाब दोनों मौजूद थे डीजे वाला तेज आवाज में गाना चला रहा था जिस पर सभी मगन होकर नाच रहे थे वहीं कुछ लोग जो एक दूसरे को गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड बताते हैं अपनी रासलीला में खोए हुए थे।
बार में हर तरह की शराब भरी पड़ी थी जिसे वेटर सबको सर्व कर रहा था वही चार दोस्तों व्हिस्की पीते हुए बैठे हुए थे प्रणव आदि विक्रम सुमित उनकी नजर बार में बैठे लड़कियों के ऊपर थी !
प्रणव- ओह सीट पूरा मूड खराब हो गया....
आदि- क्या हो गया बे
प्रणव- अबे सोचा था बार में कोई नई लड़की आएगी तो उसके साथ रोमांस करेंगे, लेकिन यहां तो वही घिसी पिटी पुरानी लड़कियां हैं
विक्रम- प्रणव सही कह रहा हैं यार बहुत दिन हो गए किसी नई कली को चखें हुए
सुमित- अबे माना तुम तीनों अमीर बिजनेसमैन के बेटे हो लेकिन पिछली बार जो हुआ था वह दोबारा नहीं होना चाहिए
प्रणव- अबे चुप कर बे... उसमें गलती उस लड़की की थी अगर चुपचाप हमारा साथ देती तो उसे भी मजा आता और हमें भी लेकिन नहीं...
विक्रम- अबे चुप करो तुम लोग, जो चढ़ी थी उसे भी उतार दिया
वह चारों बात ही कर रहे थे कि बार का दरवाजा खुला और एक लड़की अंदर आई... पार्टी के अनुकूल छोटे छोटे कपड़े चेहरे पर मेकअप पर आंखों में तेज चमक...वह लड़की बला की खूबसूरत लग रही थी... वह शायद पहली बार इस पब में आई थी इसलिए उसे थोड़ी परेशानी हो रही थी वह चारों उसे देख कर पागल हो गए
आदि- अरे भाई लगता है ऊपर वाला भी हम पर मेहरबान हैं देखो किस बला की खूबसूरत लड़की को हमारे लिए भेजा है
विक्रम- हां भाई तू सही कह रहा हैं ऐसी खूबसूरत लड़की मैंने आज तक नहीं देखी
सुमित- हां लड़की तो रूप की देवी लग रही है क्यूं प्रणव.. अरे यह प्रणव कहां चला गया तीनों इधर उधर देखने लगे तभी उनकी नजर उस लड़की की ओर गई.... प्रणव उस लड़की के पास पहुंच चुका था
प्रणव- हेलो मिस मेरा नाम प्रणव चौधरी हैं... वह लड़की हाथ मिलाते हुए बोली हेलो मेरा नाम मोहिनी है मेरे दोस्तों ने मुझे इस पब के बारे में बताया था वह काम से बाहर गए तो मुझे अकेले ही आना पड़ा... लेकिन यहां कोई मुझे कंपनी देने वाला नहीं है मोहिनी थोड़ी असहज होती हुई बोली
प्रणाम- अरे हम हैं ना मोहिनी जी प्लीज आइए आप जैसी खुबसूरत लड़की को कंपनी देना किस्मत वालों को ही मिलती है
मोहिनी- ओह थैंक यू सो मच
प्रणव- मोहूजी इसमें थैंक यू की क्या बात है यह तो हमारा सौभाग्य है जो दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की हमारे साथ बैठकर जाम का आनंद लेगी
अरे आप भी ना मोहिनी थोड़ी शरमाते हुए बोली
प्रणव मोहिनी को उनके दोस्तों के पास ले जाता है और सबसे परिचय करवाने के लिए बोलता है यह मेरे दोस्त हैं आदि विक्रम और सुमित
मोहिनी- हेलो गाइस
आदि- आइए बैठिए मिस
मोहिनी थैंक्यू बोलते हुए बैठ गई
विक्रम- बताइए क्या पीना पसंद करेंगे आप
मोहिनी - जी मुझे तो वोटका ही सूट करता है विस्की की एक पैग ही मुझ पर नशा करने लगता है... यह सुनकर चारों के आंखों में चमक आ गई
आदि एक बोतल लेकर बोला- तब तो आपको एक बार यह जरूर ट्राई करना चाहिए यह सन उन्नीस सौ की बेशकीमती व्हिस्की है
मोहिनी- इतनी पुरानी तब तो फिर एक पैग पीना ही पड़ेगा
प्रणव ने वेटर से एक पैग बनाने के लिए बोला वेटर ने एक पैग बना दिया जिसे प्रणव ने अपनी जेब से कुछ निकाला और उसमें मिला दिया और फिर मोहिनी को दे दिया मोहिनी ने एक झटके में ही वह पैग खाली कर लिया
मोहिनी - वाह यह तो सच में बहुत जबरदस्त हैं
आदि- तो फिर एक पैग और हो जाएं
मोहिनी- ठीक है पर बस एक पैग
प्रणव ने वेटर को इशारे में 4-5 व्हिस्की के पैग बनाने के लिए बोला और सारे पैग यामिनी के सामने रख दिए
मोहिनी एक-एक करके सारी व्हिस्की की पैग खत्म कर दिया जैसा उसने बताया था वैसा ही हुआ.... मोहिनी को तेज नशा चढने लगा था वह DJ में गाने को सुनकर वहां डांस करने चली गई
इधर प्रणव आदि विक्रम सुमित मोहिनी को खा जाने वाली नजरों से देख रहे थे वह भी मोहिनी के साथ डांस करने चले गए डीजे वाला तेज आवाज में गाना बजा रहा था
जिसका मुझे था इंतजार
जिसके लिए दिल था बेकरार
वो घड़ी आ गई आ गई
आज प्यार में हद से गुजर जाना है
मार देना है तुझको या मर जाना है
मुझ पर क्या गुजरी तू क्या जाने
लेकर रहूंगी बदला तुम से
आए हो दिल की आग बुझाने
कातिल मेरी नजरों से बच कर कहां जाएगा
दिया है जो मुझको वही तुम मुझसे पाएगा
तीर बनकर जिगर में उतर जाना है
मार देना है तुझको या मर जाना है
डीजे वाले को समझ नहीं आ रहा था कि उसने तो दूसरा गाना चलाया था फिर यह गाना कैसे चल रहा है
मोहिनी बोलती हैं मुझे बहुत गर्मी लग रही है मुझे खुली हवा में ले चलो प्रणव
प्रणव उसे लेकर बार से बाहर चला जाता है नशे की वजह से वह ठीक से चल नहीं पा रही थी प्रणव के कंधे पकड़े हुई थी... बाहर आकर थोड़ी बातें की फिर मोहिनी बोली मुझे नींद आ रही है प्रणव मुझे यहां से ले चलो
प्रणव बोला - हां क्यों नहीं डार्लिंग आओ कार में बैठो मैं तुम्हें ले चलता हूं
मोहिनी गाड़ी में बैठ जाती हैं प्रणव कार को लेकर तेजी से अपने फार्म हाउस की ओर मोड़ देता है उसके दोस्त उसके पीछे गाड़ी में आ रहे थे प्रणव यामिनी को अपने फार्म हाउस ले आता है प्रणव यामिनी को अपने बेडरूम में ले चलता है
मोहिनी- प्रणव बहुत गर्मी लग रही है मुझे स्विमिंग पूल के पास ले चलो
प्रणव खुशी खुशी उसे अपने बेडरूम के अंदर ही बने स्विमिंग पूल के अंदर ले जाता है वहां मोहिनी सीधे स्विमिंग पूल में कूद जाती हैं प्रणव भी उसके पीछे-पीछे स्विमिंग पूल में कूद जाता है मोहिनी काफी देर तक स्विमिंग करती रही
फिर प्रणव के पास आकर बोली- प्रणव तुम मुझे बहुत अच्छे लगने लगे हो ऐसा लग रहा है जैसे जिसका इंतजार था मुझे वह मेरे सामने हैं
प्रणव मोहिनी को अपने बांहों में भरते हुए बोलता है मुझे भी ऐसा ही लग रहा है
मोहिनी प्रणव के होठों को किस करने लगती हैं प्रणव भी उसका साथ दें लगता है और फिर प्रणव के हाथ अपने आप मोहिनी के जिस्म को छूने लगते हैं
कुछ देर बाद.......
आदि गुस्से से कर की टायर को जोर से पैर मारता है- ओह सीट इस कार को भी अभी पंचर होना था
सुमित- टेंशन क्यों ले रहा है यह हो गई पंचर ठीक
विक्रम- अब हमें जल्दी चलना चाहिए नहीं तो प्रणव पूरा माल अकेले खा जाएगा
आदि तेज स्पीड से गाड़ी चलाने लगते हैं कुछ ही देर में वे उस फार्म हाउस में पहुंच जाते हैं तीनों अंदर जाते हैं प्रणव को आवाज लगाते हैं पर कोई जवाब नहीं आता तीनों उसके बेडरूम में जाते हैं तो देखते हैं.....
मोहिनी अपने नाइट ड्रेस में सोई हुई थी नशे में बोल रही थी आदि आदि प्लीज मेरे पास आओ ना
आदि खुश होकर- क्या किस्मत है रूप की देवी खुद मुझे बुला रही है । फिर उन दोनों की तरफ देखते हैं बोला तुम दोनों बाहर जाओ ना यार
विक्रम- अच्छा बेटा अकेले-अकेले मजे लेना चाहता हैं
आदि- अरे यार प्लीज मेरे बाद तुम इस सुंदरी का आनंद ले लेना पर अभी प्लीज जाओ ना यार तुम लोग
सुमित- ठीक है बेटा तू भी क्या याद करेगा पर थोड़ी जल्दी करना हमें भी चखना है इस मीठे आम का स्वाद
वह दोनों बाहर चले जाते हैं आदि दरवाजा बंद करके मोहिनी के पास बिस्तर में आ जाता है एक नजर मोहिनी के पूरी बॉडी में डालता है ' सच में क्या जिस्म पाया है मोहिनी तुमने' यही बोलता हुआ आदि उसके पैरों को चूमने लगता है और चूमते चूमते ऊपर जाने लगते हैं
आदि गर्दन को चूम ही रहा था कि उसे कुछ अजीब सी आवाजें सुनाई देने लगती है साथ ही अजीब से बदबू भी आने लगी है उसकी नजर जब मोहिनी पर पड़ती है तो वह बुरी तरह से घबरा जाता और उससे दूर हटते हुए जमीन पर गिर पड़ता है
मोहिनी बोली- आओ ना आदि रुक क्यों गए, पास आओ मेरे
आदि के चेहरे पर डर और हैरानी दोनों के भाव दिख रहें थे उसका चेहरा पूरा पसीना पसीना हो गया था वह बोलना चाहता था पर उसके मुंह से आवाज ही नहीं निकल रहा था जैसे तैसे वह घबराते हुए बोला- दि.... दिया... त.... तुम तो म.... मर चुकी थी.... फिर यहां कैसे
मोहिनी- क्या बोल रहे हो आदि कौन दिया मैं तो मोहिनी हूं
.. आओ ना मेरे पास मोहिनी आदि की ओर बढ़ती हैं लेकिन आदि बिजली की फुर्ती के साथ वहां से उठा और दरवाजा खोल कर जल्दी से उस कमरे से बाहर आ गया और भागते हुए सुमित और विक्रम के पास गया उसकी दिल की धड़कन की आवाज बाहर तक सुनाई दे रही थी आदि को ऐसे भागते हुए आते देखकर वह दोनों बोले- अभी क्या हुआ तुझे... ऐसे भागते हुए क्यों आ रहा है
आदि की सांसें उखड़ने लगी थी वह कुछ बोलना चाहता था पर उसके मुंह से आवाज ही नहीं निकल रही थी बस हाथ से उस रूम की तरफ इशारा कर रहा था
विक्रम पूछने लगा- अरे कुछ बोलेगा भी क्या हुआ तुम्हें.... ऐसा क्या देख लिया उस बेडरूम मे जो तेरा यह हाल हो गया.... जरा मैं भी तो देखूं यह बोलकर विक्रम उस बेडरूम की ओर जाने लगा आदि उसे रोकने की कोशिश करने लगा लेकिन विक्रम उस बेडरूम की ओर बढ़ गया
वहां का नजारा देखकर वह चौक गया कुछ ही पलों में विक्रम के चेहरे पर हल्की सी स्माइल फैल गई बेडरूम के अंदर मोहिनी बड़ी ही मादक अवस्था में बैठी हुई थी, विक्रम को देखकर वह बोली- अरे यार यह आदि को क्या हुआ अचानक से चिल्लाते हुए रूम से बाहर चला गया.... विक्रम तुम मेरे पास आओ ना......
विक्रम एक बार आदि को देख कर बोला- फट्टू क्या हुआ इतनी मालदार लड़की को देखकर तेरी फट गई.. चलो मैं ही जन्नत का मज़ा ले लेता हूं
विक्रम खुशी से बोला- हां क्यों नहीं मेरी जानेमन यह कहकर विक्रम अपने शर्ट की बटन खोलते हुए मोहिनी के पास चला गया और उसे अपने बाहों में भर कर किस करने लगा लेकिन थोड़ी देर बाद विक्रम के चीखने चिल्लाने की आवाज आने लगी... बचाओ बचाओ.. आदि सुमित हेल्प मी उसकी आवाज चारों तरफ गूंजने लगी लेकिन थोड़ी ही देर में उसकी आवाज आनी बंद हो गई चारों तरफ सन्नाटा फैल गया था.......
आदि और सुमित एक दूसरे के चेहरे को देखने लगे कुछ देर बाद सुमित उठा और क्या हुआ विक्रम के साथ, यह देखने जाने लगा वही आदि एक जगह पर बूत बनकर बैठा हुआ था सुमित बेडरूम के पास गया अंदर देखा तो वह बेड पर पीठ करके बैठा हुआ था
सुमित ने राहत की सांस ली और उसके पास जाने लगा और बोला- यह सब क्या था विक्रम हमें डराने की कोशिश कर रहे थे लेकिन विक्रम कुछ नहीं बोला तो सुमित ने विक्रम के कंधे पर हाथ रखा तो विक्रम वही बेजान लाश की तरह गिर पड़ा उसके पूरे चेहरे का मांस निकला हुआ था उसके छाती को किसी नुकीली चीज से फाड़ा दिया गया था
सुमित यह देखकर चीख पड़ा उसकी जान हलक में आ गई थी वह वहां से भागना चाहता था पर दरवाजा सटाक से बंद हो गया साथ ही लाइट भी बंद हो गई
सुमित डरते डरते जेब से मोबाइल निकाला और तेजी से दरवाजे की ओर भागने लगा लेकिन किसी चीज से वह टकरा कर नीचे गिर पड़ा और मोबाइल उसके हाथ से छूटकर दूर जा गिरा..... सुमित डरते हुए उठा और मोबाइल की ओर बढ़ने लगा झुक कर जैसे ही मोबाइल उठाकर सामने देखा तो डर के मारे कांप गया
उसके सामने एक बेहद बदसूरत और भयानक चुड़ैल खड़ी हुई थी उसके आधे चेहरे पर कीडे मकोड़े रेंग रहे थे जो उसका मांस खा रहे थे जिसे देखकर कोई भी भयभीत हो जाए आधा चेहरा बहुत सुंदर था सुमित उसे देख कर बोला- दि.... दिया... तु... तुम तुम तो... नहीं यह यह नहीं हो सकता तुम तो म... मर चुकी थी फिर याद कैसे.. नहीं मैं सपना देख रहा हूं
मोहिनी वापस अपने नॉर्मल रूप में आते हुए बोली- यह क्या बोल रहे हो सुमित मैं तो मोहनी हूं कौन दिया
सुमित- दिया मुझे माफ कर दो मैं तुम्हारे साथ ऐसा नहीं करना चाहता था उन तीनों की वजह से मैं मजबूर था मैंने उन्हें बहुत समझाने की कोशिश की.... प्लीज मुझे माफ कर दो...छोड़ दो मुझे...
मोहिनी एक भयानक आवाज से गुर्राते हुए बोली- ऐसे कैसे माफ कर दूं... उस दिन मैं भी तुम लोगों के सामने कितना गिड़गिड़ाई थी कि छोड़ दो मुझे जाने दो पर तुम लोगों ने मुझे जाने दिया.... मेरी लाइफ बिल्कुल सही चल रही थी तुम लोगों ने मुझे और मेरे पूरे परिवार को खत्म कर दिया
अब माफी नहीं...... मिलेगी तो सिर्फ मौत.......
मोहिनी का चेहरा वापस से उस भयानक रूप में आ गया उसने सुमित के होठों पर किस किया और उसके मुंह में अपने नुकीले दांत गड़ा कर पूरा जबड़े ही उखाड़ दिए... उससे खून की धारा बहने लगी सुमित दर्द के मारे कांप उठा फिर मोहिनी ने उसके कंधे पर किस किया और वहां का पूरा मास ही उखाड़ कर खा गई सुमित दर्द से छटपटाने लगा और मोहिनी के चंगुल से छूटने की कोशिश करने लगा
अचानक वह मोहिनी की पकड़ से छूट गया वह दरवाजे की ओर भागा पर दरवाजा खुल नहीं रहा था वह दरवाजा पीटने लगा तभी मोहिनी उसके पास आई और उसे उठाकर जमीन पर पटक दिया और उसके कंधे पर बैठ गई अपने नुकीले नाखूनों को एक ही झटके में उसके छाती में घुसा दिया और सुमित का दिल निकाल लिया और मजे से खाने लगी सुमित वहीं ढेर हो गया
उसकी चीखें सुनकर आदि वहां से भागने लगा... जल्दबाजी में उसका पैर फिसल गया और वह सिढीयो से होता हुआ सीधा नीचे गिर पड़ा उसे काफी गहरी चोटें आई हुई थी पर वह उन सब की परवाह किए बिना वहां से भागने लगा गाड़ी के पास गया तो याद आया चाबी उसके कोट में था जो उसके बेडरूम में छूट गया था
वह गुस्से से चिल्लाया... फिर पैदल ही वहां से भागने लगा वह फार्म हाउस से काफी दूर आ गया था सड़क के बीचो बीच स्ट्रीट लाइटें जल रही थी आदि ने राहत की सांस ली पर उसे बार-बार उसका भयानक चेहरा याद आ रहा था जो उसके बिल्कुल करीब थी
दूर से गाड़ी आते हुए दिखाई दिया आदि के जान में जान आई.. आदि ने हाथ दिखाकर लिफ्ट मांगने लगा गाड़ी उसके पास आकर रुका लेकिन जैसे ही आदि ने गाड़ी को देखा तो बुरी तरह से डर गया.. वो उसी की गाड़ी थी वह वहां से भागने लगा तभी स्ट्रीट लाइटें अपने आप बंद चालू होने लगी और अचानक से सभी लाइटें एक साथ बंद हो गई चारों तरफ घोर अंधेरा हो गया आदि वही डर के मारे खड़ा हो गया उसे उस दिन की सारी बातें याद आने लगी
आदि भीख मांगते हुए बोला- दीया प्लीज मुझे माफ कर दो मैं उस दिन पागल हो गया था नशे की वजह से.. प्लीज मुझे माफ कर दो मैं वह सब नहीं चाहता था
वह सुनकर एक भयंकर और दर्द से भरा हुआ आवाज आदि के दोनों कानों पर पड़ी तुम चारों की वजह से आज ही मेरी यह हालत हो गई... नहीं कर सकती तुम लोगों को माफ तुम लोगों ने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी मेरे साथ मेरे परिवार की भी जिंदगी खत्म कर दी.... कर सकते हो वह सब वापस... नहीं ना अब तुम लोगों को माफी नहीं..... मिलेगी तो सिर्फ मौत.....
मोहिनी अचानक से आदि के सामने आ गई उसके सर पर खून सवार था उसने एक ही झटके में आदि का सर अपने दोनों हाथों से फोड़ दिया... खून की सारी बूंदे मोहिनी के चेहरे पर फैल गया
आदि आदि वही बेजान होकर गिर पड़ा मोहिनी कुछ देर तक वहीं गुस्से से चिल्लाती रही फिर एक गहरी सांस लेते हुए वापस मुड़ी और उसी अंधेरी सड़क में गायब हो गई
कुछ समय पहले
मोहिनी प्रणव के होठों को किस करने लगी वही प्रणव भी उसका साथ देने लगा प्रणव जैसे ही यामिनी के वक्षस्थल की और बड़ा तो देखा वहां बहुत बड़े-बड़े कीड़े रिंग रहे थे उसे देख कर वह चौक गया फिर जब उसने मोहिनी का चेहरा देखा तो घबरा गया वह कोई और नहीं दीया ही थी
वह उसे देखकर बुरी तरह चौंक गया उसके कुछ बोलने से पहले ही मोहिनी उसे पानी के अंदर ले गई उसके अंदर इतना गुस्सा था की उसने प्रणव को बीच से फाड़ दिया और उसे तब तक नोचती रही जब तक प्रणव के शरीर से खून का आखिरी कतरा निकल नहीं गया
पुरा स्विमिंग पूल का पानी खून खून हो गया मोहिनी को थोड़ी राहत मिली वह स्विमिंग पूल में आंखें बंद करके अपने पुराने दिन को याद करने लगी
'दिया बेटा जरा अपने बाबा को दवाई खिला दो' दिया की मम्मी बोली
दिया हां बोल कर जल्दी जल्दी किचन से बाहर आई और दवाई और पानी लेकर बाबा के कमरे में आई टूटे हुए बेड में उसके पापा लेटे हुए थे उन्हें लकवा मार दिया था जिसके वजह से वो चल फिर नहीं सकते दिया ने उन्हें दवाई खिलाई और उनके पास बैठ गई- बाबा आप चिंता मत करो आप बहुत जल्दी ठीक हो जाओगे
दिया का मोबाइल बजा वो तुरंत अपने कमरे की ओर भागी और काल अटेंड किया- हैलो
'हैला दिया कहा है तु जल्दी आ बास तुम्हारा वेट कर रहे हैं' दिया की दोस्त बोली
दिया- हां बस आ रही हू
यह बोलकर दिया तेजी से अपना बैग पकड़ कर अपने पुराने स्कूटर की ओर भागी और जैसे तैसे वो आफिस पहुंची... बास ने टाइम देखा तो वो पुरे 20 मिनट लेट थी उसने उसे अपने आफिस बुलाया
दिया को यकीन हो गया था उसकी नौकरी गई वह डरते डरते आफिस गई और थोड़ी देर बाद बाहर आई तो उसके सभी दोस्त उसे ही देख रहे थे दिया पहले उनको निराश स्वर में देखती रही फिर खुशी से झूमते हुए बोली- मुझे प्रमोशन मिल गया
ये सुनकर सभी दोस्त खुश हो गए और दिया से पार्टी मांगने लगे तो दिया ने भी हां बोल दिया दरअसल बास दिया के काम से बहुत खुश थे वो अपना काम ईमानदारी से करती थी भले ही लेट आती थी पर अपना सारा काम खत्म करके जाती
आज भी वो अपना सारा काम खत्म करके आफिस से बाहार निकली तो देखा रात के 11 बज चुके थे ओह सीट दिया ने जल्दी से अपना स्कूटर आन किया और घर की ओर भागी लेकिन उसकी स्कूटर बीच रास्ते में ही खराब हो गई वह और भी परेशान हो गई आसपास सुनसान इलाका था वह क्या करे यही सोच रही थी ऊपर से उसे अपने मम्मी पापा की याद आई
उसके पापा एक छोटी सी नौकरी करते थे जहां उनपर चोरी का इल्ज़ाम लग गया जिसके बाद उन्हें अपना घर बेचना पड़ा इस हादसे के कुछ दिन बाद उनको लकवा हो गया और सारी ज़िम्मेदारी दिया के कंधे पर आ गई उसकी मम्मी की एक एक्सीडेंट में आंखों की रौशनी चली गई उन दोनों का बस दिया ही एकमात्र सहारा था
दिया लिफ्ट लेने की सोच रही थी की तभी सामने से एक गाड़ी उसके सामने आकर रूकी उसमें एक एक लड़का कार का मिरर नीचे करके बोला - क्या हुआ मिस आपका स्कूटर खराब हो गया अगर आप चाहें तो हम आपको लिफ्ट दे सकते हैं एक अकेली लड़की का ऐसे सुनसान इलाके में रहना सुरक्षित नहीं
दिया को लिफ्ट लेना ही पड़ा वो गाड़ी में बैठ गई गाड़ी के अंदर वही चारों बैठे थे आदी प्रणव सुमित विक्रम उनके चेहरे में वैशीयत साफ छलक रही थी
उन चारों ने जबरदस्ती दिया के जिस्म के साथ जी भर कर खेला उसको रौंद दिया अपने हवस मिटाने के लिए दिया रहम की भीख मांगती रही पर उन राक्षसों ने उसकी एक बात नहीं मन भर जाने के बाद उसे नग्न अवस्था में छोड़कर उस रूम से बाहर आकर हाल में सिगरेट पीने लगे वहीं दिया पुरी तरह से टूट चुकी थी उसके अंदर अब जीने की कोई आस नहीं बची थी उसके आंखों से लगातार आंसू निकल रहे थे तभी फिर से वो शैतान एक बार फिर दिया को अपनी हवस का शिकार बनाने आ रहे थे की दिया उठी और उस छठी मंजिल के खिड़की से कूद कर खूद को उन नर्क से आजाद कर दिया
ये देखकर वे चारों डर गए और किसी को पता ना चले इसलिए उसने दिया को दूर जंगल में फेंक दिया जहां जानवरों ने उसके शरीर को नोच नोच कर खा गए लेकिन कुछ ही देर में दो भयानक आंखें उस काली अंधेरी रात में उस जंगल से बाहर आई उसके अंदर बदलें की आग थी उसके चीखों से पुरा जंगल गुंज उठा
मोहिनी गुस्से से आग बबूला हो गई वह गुस्से से चिल्लाती हुई उस स्विमिंग पूल से बाहर आई और बाकी बचे राक्षसों को खत्म करने.........
अब माफी नहीं.... मिलेगी तो सिर्फ मौत................
®®®DINESH DIVAKAR "Ᏼᴜɴɴʏ"