कमरे में बहुत अंधेरा था जब नर्मदा ने आवाज़ कोई सुन कर अपनी आँखें खोली। उसे कुछ पल लगा यह समझने में की वोह कहां है, और उसे याद था की जब वोह गांव के मेले से वापिस आई थी तो सो गई थी। उसे यह पक्का यकीन नही की वोह कब तक सोती रह गई थी क्योंकि वोह काफी देर तक जगी रह गई थी।
उसने हाथ फैला कर अपने साइड में बटन छुआ और लाइट जला दी। एक पल के लिए उसकी आँखों में रोशनी से झिलमिला गई और उसे कुछ अजीब सी टूटने की आवाज़ सुनाई दी। उसने आवाज़ की दिशा में देखा और लगभग सांसे अटक गई और उसने थूक गटक लिया।
नील रॉकिंग चेयर पर बैठा था, उसका चेहरा दूसरी तरफ था नर्मदा से और वोह सो रहा था। नर्मदा ने लाइट धीमे कर दी और बैड से उठ खड़ी हुई और दबे हुए कदमों से नील के करीब बढ़ने लगी।
नर्मदा नील से एक कदम की दूरी पर रुक गई और उसकी मनमोहक छवि को निहारने लगी। नील के चेहरे के भाव काफी नर्म लग रहे थे सोते वक्त। उसके जबड़े रिलैक्सिंग मोड में लग रहे थे, उसकी आँखें उसकी भारी पलकों से ढकी हुई थी, और उसके होंठ, बहुत ही सॉफ्ट नज़र आ रहे थे। धीरे धीरे हाथ बढ़ा कर, अपनी उखड़ते सांसों के साथ नर्मदा ने अपनी उंगली अपने होंठो से छू दी। उसका शरीर नील के होंठ अपने होंठो पर महसूस करने की चाहत करने लगा।
वोह पलट गई, वोह उसे उसकी नींद में डिस्टर्ब नहीं करना चाहती थी पर वोह रुक गई जब उसने नील को नींद में बड़बड़ाते हुए सुना। नर्मदा मुस्कुरा पड़ी और पीछे पलट कर उसे देखने लगी जब उसने महसूस किया की वोह खुद नील के बड़बड़ाने से ही उठी थी।
नर्मदा बिना किसी कारण नील के करीब आने लगी, पर वोह ऐसा कर रही थी, और जैसे ही मानो नील ने नर्मदा की मजूदगी महसूस कर ली थी वोह फिर बुदबुदाने लगा, “नर्मदा।”
नर्मदा की सांसे तेज़ हो गई और उसका दिल जोरों से धड़कने लगा जब उसने अपना नाम उसके लबों पर सुना। आंसू, जिसका कारण वोह बयां नहीं कर सकती थी, उसकी आँखों में भर गए, पर वोह अपनी मुस्कुराहट को रोक नहीं पा रही थी। खुशी और दुख दोनो ही एक साथ उसको होने लगी जब उसने यह महसूस किया की नील को अब भी उसके लिए कुछ फीलिंग्स हैं।
नर्मदा की फीलिंग्स बहुत स्ट्रॉन्ग थी, जो उससे कह रही थी की अपने प्यार के लिए लड़ो और उसके सारे दुख दर्द को उससे दूर करदो। उसे अपने पेट में अजीब सा दर्द होने लगा था जब उसे नील ने अपने बचपन की बुरी यादों के बारे में बताया था की उसे कैसे ट्रीट किया जाता था। नर्मदा को कोई फर्क नही पड़ता था की नील लोगों की जान लेता था या क्यूं लेता था, वोह बस उसे अपनी जिंदगी में वापिस लाना चाहती थी। उसने धीरे से हाथ बढ़ा कर अपने हाथ उसके गाल पर बड़े ही प्यार से और आराम से रख दिया।
पर यह मोमेंट ज्यादा देर तक का नही था क्योंकि अगले ही पल नर्मदा की आँखें डर और घबराहट से फैल गई जब नील ने अपनी आँखें खोल ली, और अगली बात जो वोह जानती थी की, वोह उसकी गोद में बैठी थी, उसकी पीठ नील के सीने की तरफ थी और उसकी गर्दन पर चाकू लगा हुआ था।
“नील,” नर्मदा डर से उसके कान में फुसफुसाई।
“फक! तुम यहाँ कर क्या रही हो?“ नील उसके कान में ही गरजा और चाकू को उसकी गर्दन से हटा दिया।
“मैं.... मैं सो नही पा रही थी और मैं....“ अभी जो हुआ उसके डर से वोह घबराई हुई थी और आवाज़ कांप रही थी। उसे तो लगा था की उसे नील के साथ शांति के दो पल मिले हैं लेकिन कुछ उल्टा ही हो गया।
“कभी मत करना जो तुम करने की कोशिश कर रही थी। यह तो अच्छा हुआ की मैने अपनी गन नही निकाली... वैसे तुम कर क्या रही थी?“
“मैं.... मुझे नींद नहीं आ रही थी, और मैं तुम्हारे ज़ख्म देखने की कोशिश कर रही थी,” नर्मदा ने किसी तरह बात संभाली।
“तुम्हे बस मेरा नाम पुकारना है मुझे उठाने के लिए। कभी मुझे इस तरह से छूना मत....मेरी बॉडी को दूसरे कामों के लिए ट्रेन किया गया है, और मेरे इंस्टिंक्ट तुम्हे चोट पहुँचा सकते हैं,” नील ने उसे चेतावनी देते हुए कहा।
“ओके।”
“अगर तुम्हारा मुझे सोफे की तरह इस्तेमाल करना हो गया हो, तो तुम उठ सकती हो?“ नील ने झल्लाते हुए कहा।
नर्मदा ने गहरी सांस ली और उठने की कोशिश करने लगी पर वोह वापिस गिर गई नील की गोद में क्योंकि उसके घुटनो ने जवाब दे दिया था।
“नर्मदा, तुम ठीक हो?“ नील ने एक हाथ उसके पेट पर रख उसे थाम लिया और अपने से सटा लिया जिस वजह से रॉकिंग चेयर हिलने लगी।
तब तक नर्मदा भी अपने दिल और दिमाग को शांत करने लगी। “नही। तुमने आज मुझे डरा ही दिया था।”
“सॉरी, मेरा वोह इरादा नहीं था.... मैं ऐसा दुबारा नही करूंगा।” नील अपना दूसरा हाथ नर्मदा के पैरों के नीचे से ले जाने लगा और जब तक नर्मदा समझ पाती की नील क्या करना चाहता है वोह उठ खड़ा हुआ। नील उसे गोद में ले कर बैड की ओर बढ़ गया जैसे नर्मदा में कोई वेट ही नही हो।
“मुझे नीचे उतारो,” नर्मदा ने मांग की।
“ठीक है,” नील ने हँसते हुए किसी बॉल की तरह नर्मदा को बैड पर पटक दिया।
जैसे ही उसका शरीर बैड पर बिछे गद्दे पर टकराया, नर्मदा दर्द कराही और अपना सिर पकड़ लिया।
“ओह शिट! क्या तुम्हे सिर पर चोट लग गई? आई एम सॉरी।” नील उसके साइड आ गया और उसका हाथ हटा कर उसका सिर चैक करने लगा।
पर नर्मदा ने अपनी ताकत लगा कर अपना हाथ हटाने नही दिया, पर नील उसका हाथ झटक कर उसके बालों को हटा कर चोट या निशान ढूंढने लगा।
नील ने अपना हाथ हटा लिया जब उसने नर्मदा का हँसना सुना। “मज़ा आया, यह मुझे डराने का बदला है।”
नील उसे कुछ पल तक देखता रहा। “नॉट फनी, जाओ सो जाओ।”
इससे पहले की नील उठ कर जाए नर्मदा ने तुरंत उसका हाथ पकड़ लिया। “नील, मत जाओ।”
“मैं कहीं नहीं जा रहा हूं। मैं अपनी जगह पर सोने जा रहा हूं।” नील ने उससे अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश की पर नर्मदा ने नही छोड़ा।
“यह बहुत बड़ा बैड है। तुम यहाँ पर भी तो एक साइड में सो सकते हो,” नर्मदा ने अपनी आवाज़ में सय्यम रखते हुए कहा।
नील ने अपना हाथ खींचा और लाइट्स ऑफ कर दी। “गुड नाईट।”
नर्मदा ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी बस उसकी परछाई को उससे दूर जाते हुए देखती रही। नील आराम से वापिस अपनी रॉकिंग चेयर पर बैठ गया, पर नर्मदा जानती थी की नील सोया नही है। वह जानती थी कि नींद के दिल में भी उसके लिए कुछ तो फिलिंग्स है पर वह यह श्योर नहीं थी की आखिर वोह फिलिंग्स नील के लिए क्या मायने रखती है।
“नील...“
जब नील ने कोई जवाब नही दिया तोह कुछ पल रुक कर नर्मदा ने आगे कहा। “नील, मैं जानती हूं की तुम जगे हुए हो।”
“तुम्हें क्या चाहिए, नर्मदा।”
“उस रात के बाद, जिस रात हमने किस किया था....तुम इसलिए छोड़ कर चले गए थे क्योंकि वोह किस गंदा था?“ नर्मदा ने अपने मुंह पर उंगली रख लो थी क्योंकि वोह अपने ही कहे हुए शब्दों पर खुद को हँसने से रोक नही पा रही थी।
“क्या बकवास बात कर रही हो तुम, नर्मदा?“
नर्मदा मुस्कुरा रही थी, और उसे खुशी थी की नील उसके चेहरे के भाव नही देख पा रहा था।
“तुम पहले इंसान थे जिसे मैंने किस किया था, और मैं सोच रही थी की तुम इसलिए छोड़ कर चले गए थे क्योंकि तुम्हे अच्छा नही लगा था।”
“चुप करो और सो जाओ।”
“नील, मेरे साथ ऐसा मत करो। मुझे यह जानना है की कहीं मैं बैड किसर तो नही हूं, ताकि मैं राज से मिलने से पहले थोड़ी प्रैक्टिस कर सकूं।” नर्मदा को खुद यकीन नही हो रहा था जो शब्द उसके मुंह से निकल गए थे, पर वोह तो सिर्फ उसके साथ मस्ती कर रही थी।
एक सरसरी सी उसके अंदर दौड़ गई जब उसने नील की की तेज़ सांस लेने की आवाज़ सुनी। वोह जानती थी कि उसकी बातों का नील पर असर हुआ है पर श्योर नहीं थी कि नील को आखिर उसके लिए क्या महसूस होता है। वोह उसकी फ्रस्ट्रेशन महसूस कर सकती थी जिस तरह से नील अपनी चेयर से उठ खड़ा हुआ था।
“प्लीज़ मुझे छोड़ कर मत जाओ।”
नील रुका और पलट कर काफी देर तक नर्मदा की ओर देखता रहा। “चुप हो जाओ और सो जाओ।”
“ओके,“ नर्मदा ने शिकायती लहज़े में कहा।
नील वापिस पलट गया, पर नर्मदा को समझ नही आया वोह उससे और बात करना चाहती थी। “टाइम क्या हुआ है?“
“नर्मदा।” नील अब परेशान हो गया था और यह बात नर्मदा जानती थी।
“मैं बस इसलिए पूछ रही थी की मुझे यह जानना है की अभी मुझे सोना चाहिए या उठ जाऊं।”
नील ने फ्रस्ट्रेशन से अपना हाथ झटका। “अभी सुबह के तीन बजे हैं, क्या अब तुम अपने सवाल करना बंद करोगी?“
“हाँ... मैं वापिस सोने चली जाती हूं। मैं जानती हूं की हमे कल शहर भी तो जाना है क्योंकि तुम्हे मुझे डांसिंग के लिए लेकर जाना है,” नर्मदा ने मासूमियत से अपनी बात रखी।
“क्या?“
“तुमने वादा किया था, याद है?“
नर्मदा ने सुना की नील भुनभुनाते हुए तेज़ सांसे ले रहा था और झटके से रॉकिंग चेयर पर बैठ गया था, कई सारे खयाल उसके मन में आने लगे, उसमे सबसे मजबूत ख्याल यही था की क्या जी वोह उसके बारे में फील करती है वोह सच है।
***
कहानी अगले भाग में अभी जारी रहेगी...
❣️❣️❣️