Love by ️️Duty Singham - Series 3 - Part 3 in Hindi Love Stories by Poonam Sharma books and stories PDF | Love by ️️Duty Singham - Series 3 - Part 3

Featured Books
Categories
Share

Love by ️️Duty Singham - Series 3 - Part 3

"चेंज!" उस आदमी ने ऐसे ऑर्डर दिया जैसे की उसने उसे पहचाना ही ना हो।

"हे, इट्स मी, नर्मदा!" उसे अचानक राहत महसूस होने लगी थी भले ही उस आदमी का एटीट्यूड कुछ और ही था। वोह श्योर थी की वोह आदमी उसके साथ मज़ाक कर रहा है। वोह थोड़ा वाशबेसिन की तरफ झुकी और अपनी उंगलियों को बालों में फेरने लगी। "कौन मेरे साथ यह प्रैंक कर रहा है?"

"शट अप एंड चेंज," वोह आदमी गुर्राते हुए बोला।

जो राहत वोह महसूस कर रही थी वोह गायब हो गई क्योंकि उस आदमी की आवाज़ में उसे धमकी महसूस हो रही थी, पर फिर भी उसे लग रहा था की यह किसी प्रैंक का ही हिस्सा है जो की उसका कोई एक दोस्त इससे करवा रहा है।

"बहुत हो गया हां, मज़ाक। मैने हार मान ली। अब मुझे घर ले चलो। तुम इन सब में कैसे पड़ गए, और इतने सालों तक कहां थे?"

वोह आदमी उसकी तरफ बढ़ने लगा, और उसका हर एक कदम नर्मदा का कॉन्फिडेंस खतम कर रहा था। "मैने अभी 'शट अप एंड चेंज' कहा था, इसमें कौन सी बात तुम्हे समझ नही आई?" वोह आदमी उससे एक कदम की दूरी पर आ चुका था।

"हे.....यह कोई मज़ाक की बात नही है। स्टॉप इट।" नर्मदा पलट गई बाथरूम से बाहर जाने के लिए। उसने बस एक कदम ही लिया था की किसी का मजबूत हाथ ने उसकी कमर को पकड़ लिया और वोह उसके सीने से जा लगी। नर्मदा को पीठ उस आदमी के सीने से टकराई और उसे अपनी गर्दन के पीछे उसके सीने की गरमाहट महसूस होने लगी।

"आखरी बार..... मैं चाहता हूं की तुम यह कपड़े चेंज कर लो।" उस आदमी ने एक छोटे से रैक पर फोल्ड करे हुए कपड़ों की ओर इशारा किया।

"मुझे कोई फर्क नही पड़ता की तुमने मेरे दोस्तों से क्या शर्त लगाई है, पर मैं तुम्हारे जालसाज़ में नही फसने वाली," नर्मदा ने गरजते हुए कहा और उस आदमी के पैर पर अपनी हील से जोर से मारा ताकी उससे बच कर भाग सके।

उसे अपने सीने पर कुछ प्रेशर जैसा महसूस हुआ और फिर कुछ फटने की आवाज़ आई। उसका एक नेकलेस जो उसने पहना हुआ था वोह जमीन पर एक तेज़ आवाज़ के साथ नीचे गिर पड़ा, पर उसका ध्यान इस पर नही गया। उसका बॉडी फिट क्रॉप ब्लाउज जो उसने पहना हुआ था वोह कंधे से नीचे खिसक गया क्योंकि उसकी पीठ अब पूरी खुल चुकी थी। उसने तुरंत अपने सीने पर हाथ रख लिया की कहीं ये उतर ना जाए।

उस आदमी ने उसे तुरंत पलट कर उसका चेहरा अपने सामने कर लिया। "या तो यह तुम करो, या फिर यह मैं तुम्हारे लिए कर देता हूं।"

"नही!"

नर्मदा उस आदमी की नजरों में देख कर सिहरने लगी और सोचने लगी की क्या यह वोही आदमी है जिसे वोह छह साल पहले जानती थी। वोह उस वक्त बहुत मासूम लगता था, पर अब उसकी आंखों में कोई मासूमियत नजर नहीं आ रही थी। वोह आदमी उसे अपनी ठंडी और गुस्से भरी नजरों से देख रहा था।

उस आदमी ने नर्मदा की तरफ एक कदम बढ़ाया और जवाब में नर्मदा ने एक ज़ोर का तमाचा जड़ दिया उसके गाल पर। उसने उस आदमी के चेहरे पर एक पल को शॉक जैसे भाव देखे पर अगले ही पल उसका चेहरा डरावना दिखने लगा— भयानक गुस्सा जो उसे पल भर में राख कर दे।

नर्मदा को अपने सीने पर कुछ जलता हुआ महसूस हुआ और अगले ही पल उसके गले तक उस आदमी का हाथ पहुंच गया। उसका दम घुटने लगा क्योंकि उस आदमी की पकड़ उसके गले पर बहुत मजबूत थी, जैसे वोह उसे सजा देना चाहता हो। नर्मदा की सांसे ही अटक गई, उसकी आवाज़ ही नही निकल रही थी। उसने उसका विरोध करने की कोशिश की क्योंकि उसे बहुत दर्द महसूस हो रहा था।

"नील...." नर्मदा ने किसी तरह कहा और वोह आदमी एकदम रुक गया।

उसे सालों से इस नाम से किसी ने नहीं बुलाया था। वोह तोह 'द हंटर' के नाम से ही जाना जाता है। कोई भी उसे नील के नाम से नही जानता था जबसे उसने शिकार करना शुरू किया था। उस आदमी के एकदम रुकने का फायदा उठा कर नर्मदा ने हिम्मत बटोरी और उसे धक्का दे दिया।

"तुम यह सब क्या कर रहे हो?"

उस आदमी ने अपनी उंगलियां अपने बालों में फिराई पर कहा कुछ नही।

"यह सब बकवास बंद करो। हो क्या रहा है यहां? मैं यहां क्यूं हूं?" कांपती हुई आवाज़ में नर्मदा चिल्लाई, पर उसकी त्वचा झुनझुनाने लगी उसकी छुअन महसूस करके। यह शायद इसलिए हुआ क्योंकि उसे उसके साथ सालों पहले बिताए हुए पल याद थे।

"नर्मदा, मैं वोही इंसान अब नही हूं जिसे तुम सालों पहले जानती थी....कपड़ो बदलो और चलो।"

"मैं यहां से कहीं नहीं जाऊंगी जब तक तुम मुझे यह नहीं बताते की यहां हो क्या रहा है।"

काफी देर तक नील उसे ऐसे ही देखता रहा और फिर उससे दूर हो कर उस काउंटर की तरफ चला गया जहां पर नर्मदा के लिए कपड़े फोल्ड किए हुए रखे थे। नर्मदा उसे देख रही थी की वोह कपड़े लिए उसकी ही तरफ आ रहा था।

"अगर तुम नही बदलोगी, तोह मैं तुम्हारे बदल दूंगा।" वोह अपना हाथ उसके ब्लाउज की और ले गया ताकि उसे हटा सके, पर नर्मदा डर से उछल पड़ी।

"ठीक है, मैं चेंज कर लूंगी।" उसने अपने दोनो हाथ अपने सीने क्रॉस करते हुए लगा लिए, उसकी आंखों में डर भर गया था।

"तुम्हारे पास दो मिनट हैं।"

"मुझे पाँच मिनट चाहिए," नर्मदा ने किसी तरह कहा।

"ठीक है, पाँच।" वोह उसकी ओर से पलट गया और उसे अपने ऊपर गुस्सा आ रहा था की वोह अपने ही बनाए हुए रूल्स तोड़ रहा था। वोह सिर्फ लोगों को मारना जनता था, उसने कभी भी किसी को किडनैप नही किया था। किडनैप, वोह भी एक औरत का, यह तोह उसकी डिक्शनरी में कभी था ही नही, ना कभी उसने प्लान किया था। वोह मजबूर था यह करने के लिए, और एक बार जब वोह कोई काम हाथ में लेता था तो उसे पूरा करके ही छोड़ता था।

कोई किसी को मरवाता था, और यही काम वोह करता था। पूरा अंडरवर्ल्ड उस के बारे में जनता था, पर बहुत कम लोग यह जानते थे की वोह दिखता कैसा है। उसके शिकार को तोह कभी मौका ही नही मिल पता था उसे देखने का— वोह पैदा ही मारने के लिए हुआ था। वोह बस यही उम्मीद कर रहा था की यह काम कहीं उसे ले ना दुबे।





***
कहानी अभी जारी है...
❣️❣️❣️