Vishwash - 9 in Hindi Human Science by सीमा बी. books and stories PDF | विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 9

Featured Books
Categories
Share

विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 9

विश्वास (भाग -9)

"सरला जी, एक प्लेट में खाना लगा कर भुवन बेटे को भी वहीं दे देते हैं ,वो भी खा लेगा"। उमा जी ने कहा तो सरला ने भी कहा "हाँ ये ठीक रहेगा, मैं दे आती हुँ"। सरला भुवन को खाना दे कर आयी तो उन लोगों ने भी खाना खा लिया।

"बहन जी खाना बहुत अच्छा था, धन्यवाद आपने इस अनजान शहर में इतना अपनापन और सम्मान दिया, शुक्रिया बहुत छोटा शब्द है पर बहुत बहुत आभार आपका"। सरला के ऐसा कहने पर उमा जी ने उन्हें अपने गले लगा लिया। "सरला तुम मुझे अपनी बड़ी बहन समझो। आज से मैं तुम्हे सरला और तुम मुझे दीदी कहो। हमने ऐसा कुछ नहीं किया जो तुम इतना आभार व्यक्त कर रही हो। इंसान हैं तो इंसान के काम आना हमारा फर्ज है और कर्तव्य है"।

ठीक है दीदी, अब मैं चलती हूँ। सरला जाने लगी तो उमा जी उठ कर दरवाजे तक आयीं। "तुम्हे कुछ चाहिए हो तो कभी भी चली आना टाइम मत देखना। हम दादी पोती जल्दी से नहीं सोते"। उमा जी ने टीना की ओर देख कर मुस्कराते हुए कहा।

टीना को देखने डॉं. 10 बजे के बाद ही आते थे। तब तक दोनो लोग टी वी देखते या फिर दादी बातें करती और टीना सुनती।रोज की तरह दादी अपना पसंद का चैनल लगा कर बैठी थी। टीना भी मैगजीन खोल कर बैठी थी। किसी ने दरवाजा नॉक किया ते दादी पोती टाइम देखने लगी। अभी तो टाइम है डॉ़ के आने मैं तो कौन आया सोचते हुए चिटकनी खोल दी।

दरवाजे पर एक लंबा सा लड़का देख कर वो अभी कुछ कहती कि उससे पहले उसने प्लेट आगे करते हुए कहा, "जी मैं भुवन हूँ , आपको थैंक्यू बोलने आया था इतना अच्छा खाना खिलाने के लिए और हमारी हेल्प के लिए"। "अरे बेटा अंदर आ जाओ। सारी बातें गेट पर ही कह दोगे"!! उमा जी के कहने पर वो अंदर आ गया।

टीना को देख कर वो बोला शायद आप लोगों को याद नहीं पर हम कल मिल चुके मेरा मतलब टकरा चुके हैं। अच्छा तुम्हीं थे वो? हाँ जी इनको देख कर याद आ गया। "हैलो, कैसी हो आप? मेरा नाम भुवन है, सॉयक्लोजी पढ़ाता हूँ," अपना हाथ टीना की ओर बड़ाते हुए उसने कहा। टीना ने भी अपना हाथ आगे बढा कर उससे मिलाया।

"आप अपने बारे में कुछ नहीं बोलेंगी"? "बेटा शायद तुम्हें सरला ने बताया नहीं कि अभी बोल नहीं पाती। वैसे ये मेरी पोती टीना.... रूकिए दादी जी इनको खुद बताने दीजिए। टीना ने अपने पास रखी डायरी और पेन उठा कर उसमें लिख कर बताया। आप से मिल कर बहुत खुशी हुई। आपकी हैंड राइटिंग बहुत अच्छी है, पर अब जल्दी से बोलना शुरू कर दीजिए मैं आपकी आवाज सुनना चाहता हूँ , जो यकीनन बहुत अच्छी है। कल मिलते हैं गुडनाईट"।

टीना भी मुस्करा दी और लिख कर गुडनाइट बोला। उसके जाने के बाद दादी ने कहा "टीना लड़का अच्छा है न"!!! टीना ने "हाँ" में सिर हिला दिया। हालांकि वो जानती है कि यह इतना भी आसान नही है, कह भर देने से सब ठीक हो जाए।

क्रमश: