Hum Dil de chuke Sanam - 3 in Hindi Love Stories by Gulshan Parween books and stories PDF | हम दिल दे चुके सनम - 3

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हम दिल दे चुके सनम - 3

हेलो दोस्तों अभी तक अपने पढ़ा अनुष्का अपने पापा से जिस करती है, की उसे अमेरिका अकेले जाने दे लेकिन मिस्टर मलिक उसे अकेले भेजने के लिए तयार नही रहते है। इसलिए वो अपने ऑफिस में काम कर रहे अनिल को अपने पास बुलाया है और उसे भी अमेरिका जाने के लिए तयार कर लेता है अनिल से कहता है, की तुम मेरी बेटी का ध्यान रखोगे तुम उसके साथ रहोगे बिना उसे कुछ बताए हुए। अनिल जाने के लिए रेडी हो जाता है। अब आगे.......




अनुष्का जैसे ही क्लास में गई क्लास के सारे बच्चे उठकर कहने लगे।

"गुड मॉर्निंग मिस" अनुष्का सारे बच्चों को देखती हुई बोली

"गुड मॉर्निंग" कहती हुई अपनी कुर्सी पर जाकर बैठ गई

क्लास में मौजूद 35 बच्चों में से कोई भी बच्चा अनुष्का से नहीं डरता था, वह बच्चे भी नही जो शायद अपने घर में डरते रहे होंगे, वह भी अनुष्का से नहीं डरता था, लेकिन सभी बच्चे उसकी इज्जत करते थे, लेकिन डरता कोई भी नहीं था। सभी बच्चे अनुष्का से अपनी सारी बातें कर लिया करते थे। क्लास में मौजूद सभी बच्चों की उम्र 10 साल से भी कम थी। अनुष्का बच्चों की हाजिरी लेकर अभी सोच ही रही थी, कि आज क्या पढ़ाना है, कि बच्चों ने शोर करना शुरू कर दिया। एक बच्ची अनुष्का के पास आई और इसका हाथ हिलाते हुए बोली

"मिस आपने कहा था कि कल कहानी सुनाऊंगी"

"लेकिन बेटा मैं तो सुना चुकी हूं शायद आप नहीं आई थी" अनुष्का बच्ची को गाल खींचती हुई बोली। कुछ बच्चे पोयम बोल रहे थे कुछ बच्चे स्टोरी का बोल रहे थे सबकी अपनी-अपनी फरमाइश थी।

"ठीक है आज मैं स्टोरी पढ़ाती हूं" अनुष्का ने अपना फैसला सुनाया और बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया। अनुष्का के पढ़ाने के समय सभी बच्चे खामोशी से बैठे हुए थे। पढ़ाते पढ़ाते कब 2 घंटे निकल गए पता ही नहीं चला, ब्रेकफास्ट होने के बाद अनुष्का क्लासरूम से निकलकर कॉरीडोर में पहुंची जहां एक दूसरी टीचर बैठी कॉपियां चेक कर रही थी।

"हेलो मिस माया" अनुष्का ने उसे देखते हुए कहा

"हेलो" मिस माया ने अनुष्का को बिना देखे हुए जवाब दिया और दोबारा कॉपी चेक करने में बिजी हो गई।

"आप अपने स्टूडेंट के साथ कुछ ज्यादा ही अटैच है" मिस माया कॉपी चेक करते हुए कह रही थी। अनुष्का रजिस्टर चेक कर रही थी उसे मिस माया की बात बुरी लगी थी वह लंबी सांस लेते हुए बोली।

हूं क्योंकि मैं स्टूडेंट नहीं समझती हूं, मेरे छोटे भाई बहन जैसे हैं, मैं अपना व्यवहार इन लोगों के साथ ऐसा ही रखती हूं, जैसे मैं अपने भाई बहनों के साथ रखती हूं"

"लेकिन आप इनकी टीचर है और एक स्टूडेंट और टीचर में दूरी होना बहुत जरूरी है, आपसे क्लास का कोई भी बचा नहीं डरता, कोई मतलब ही नहीं है आपका स्कूल में" मिस माया कॉपिया साइड में रख दी।

"मिस किस किताब में लिखा है कि एक स्टूडेंट और टीचर में दूरियां जरूरी है और यह छोड़िए क्या आप अपनी मामा से डरती है?? अनुष्का इन के बराबर में बैठी हुई नरमी से पूछा।

"मतलब क्या आपका" मिस माया ने आंखें छोटी करके पूछा।

"मतलब की एक टीचर का मुकाम मां बाप के बराबर होता है क्या कोई बच्चा अपने मां-बाप से डरता है???

"हां बहुत बच्चे डरते हैं" मिस माया ने जवाब दिया।

"लेकिन सिर्फ वही बच्चे जिनके मां बाप बहुत कड़े होते हैं, मैने अक्सर देखा है ऐसे बच्चे डरे सहमे रहते हैं, क्योंकि घर में तो प्यार मिलता नहीं और स्कूल के टीचर और डरा देते हैं जिससे बच्चों का फ्यूचर बिगड़ रहा है" अनुष्का ने इसकी आंखों में आंखें डाल कर रही थी।

"आप कहना क्या चाह रही हैं, साफ-साफ बोलिए" मिस माया ने आंखे छोटी करते हुए पूछा।

"देखिए मिस आजकल हर जगह यही सुनने को मिलता है ना, कि मां बाप को अपने बच्चों के साथ फ्रेंडली रहना चाहिए क्योंकि, नई नस्ल को डांट नहीं प्यार की जरूरत है, तो फिर हम भी एक तो तरह से इनकी पेरेंट्स होते हैं, तो हमें भी चाहिए कि हम उनके साथ फ्रेंडली रहे और इन को अच्छे से शिक्षा देनी चाहिए, और ऐसा नहीं है मैं अपने स्टूडेंट से हर टाइम मजाक मस्ती नहीं करती हूं, पढ़ाई के टाइम पढ़ाई होती है और जब मैं पढ़ाती हूं या समझाती हूं तो कोई भी बच्चा बीच में नहीं बोलता, आप चाहे तो कभी भी मेरी क्लास में आकर देख सकती हैं" अनुष्का बिना रुके बोले जा रही थी और बात खत्म होते मेज पर रखी बोतल से पानी पीने लगी।

"आप अपनी उम्र से कुछ ज्यादा ही बड़ी है, मुझे आज पता चला" अनुष्का जो ग्लास होठों से लगाए हुई थी मिस माया की बात सुनकर पानी पीते पीते खांसने लगी शायद इसे मिस माया की बात हजम नहीं हो रही थी, या फिर हंसी आ गई थी।

"आराम से आराम" से मिस माया इसकी हालत देख कर बोली

"आप मुझसे बड़ी है मेरा मकसद आपको नीचा दिखाने नहीं था मैं तो बस....

"नहीं मुझे बिल्कुल बुरा नहीं लगा बल्कि आपकी सोच इतनी अच्छी है जानकर खुशी हुई असल में श्री टीचर को तुमसे यही शिकायत है कि तुम पढ़ाती नहीं हो बच्चों को मस्ती मजाक करती हो अब मैं सबको एक खास वजह बता पाऊंगी की तुम क्यू ऐसा करती हो" मिस माया ने अनुष्का की बात काटते हुए जवाब दिया।

"आप यहां की बड़ी है इसलिए, मैंने आपको बताना जरूरी समझा था और मुझे अब दूसरी क्लास में भी जाना है, पीरियड लेने का टाइम होने वाला है" अनुष्का कलाई पर बंधी हुई घड़ी पर टाइम देखते हुए बोली और खड़ी हो गई।

"ओके फिर बात होगी" मिस माया दोबारा कॉपियां उठाकर चेक करने लगी और अनुष्का रजिस्टर लेकर क्लास की तरफ बढ़ गई।

"क्या कह रहे थे सर" अंशु ने अनिल के आते ही पूछा।

"कुछ नहीं यार, अमेरिका भेज रहे हैं वह अनिल ने आराम से बैठते हुए जवाब दिया।

"अमेरिका किस लिए" अंशु हैरान होते हुए कहा

"यार इनकी बेटी को घुमाने फिराने ले जाना है" अनिल ने बातें बनाते हुए कहा।

"क्यों बैठे बैठे झटके दे रहे हो???अंशु अपनी जगह से खड़ा होकर अनिल के पास आ गया।

"यार काम करने दे अभी परेशान मत कर" अनिल कंप्यूटर पर नजरें जमाए हुए कहा।

"यार अगर तुझे बताना नहीं था, तो पहले इतना बता कर सस्पेंस क्यों बनाया, देख मेरे दिल की धड़कन भी तेज हो रही है"

" अच्छा यार बताता हूं, इतना ड्रामे मत कर" अनिल अपना हाथ छुड़ाकर ऑफिस में मिस्टर मलिक के साथ हुई सारी बातें से बता दी।

"और फिर तूने क्या सोचा तू चला जाएगा" अंशु अनिल की सारी बातें सुनने के बाद कुछ सोचते हुए बोला।

"हां यार मैं इनको मना कैसे कर सकता हूं" अनिल कुर्सी से टेक लगाए हुए बोला।

"और घरवालों को कैसे और क्या बताएगा??? तेरी मम्मी पहले ही परेशान रहती है" अंशु अनिल के टेबल पर बैठते हुए बोला।

"तू इनकी टेंशन मत ले और और जाकर खुद भी काम कर और मुझे भी करने दे" वह सीधा होकर बैठ गया और काम करने में बिजी हो गया

"ठीक है यार मर्जी है तुम्हारी वैसे इनकी बेटी बहुत खूबसूरत है, तेरी तो लॉटरी लग गई" अंशु धीरे से इसके कान में कहता हुआ अपने ऑफिस की तरफ चला गया, इसके बाद अनिल उसे घूर कर देखा और दोबारा अपने काम में लग गया।

क्या अनिल अनुष्का के साथ जाएगा क्या अनुष्का को पता भी नही चलेगा जानने के लिए पढ़िए अगले पार्ट में......

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