Hum Dil de chuke Sanam - 2 in Hindi Love Stories by Gulshan Parween books and stories PDF | हम दिल दे चुके सनम - 2

Featured Books
Categories
Share

हम दिल दे चुके सनम - 2

हेलो दोस्तो अभी तक आपने पढ़ा अनुष्का एक 18 साल की लड़की है इसके 2 भाई बहन है, भाई का नाम सूरज है और बहन का नाम आकांक्षा है। अनुष्का एक स्कूल में बच्चों को पढ़ाती है उसकी मां हमेशा उसे मना करती है लेकिन टीचिंग अनुष्का का सुख है जिसको पूरा करने के लिए अनुष्का टीचिंग करती है। अनुष्का अपने पापा की लाडली बेटी है। अनुष्का के अंकल अमेरिका में रहते है जो कभी कभी इनलोगों से मिलने इंडिया आते है। इस बार अनुष्का अपने पापा से एक अजीब तरह की जिद पकड़ ली थी अकेले अमेरिका जाने की उसके पापा उसकी हर जिद पूरा करते थे..........

अब आगे.........

नाश्ता करने के बाद आकांक्षा, सूरज और अनुष्का गाड़ी में बैठ गए। आकांक्षा और सूरज अलग स्कूल में पढ़ते थे, जबकि अनुष्का अलग स्कूल में पढ़ाती थी। जहां वह पढ़ाती कम थी बच्चों की शिक्षा में इनका कॉन्फिडेंस बढ़ाने का काम ज्यादा करती थी मिस्टर मलिक ने पहले सूरज और आकांक्षा को स्कूल छोड़ा और फिर अनुष्का को छोड़ते हुए अपने ऑफिस चले गए।

"जो तुमको देख रही है उनको हम देखते हैं हाय ये सिर्फ तेरी ही कदर क्यों करती है" अंशु ने शालिनी की तरफ नजर घुमा कर अनिल से कहा।

"यार क्यों सुबह-सुबह शायर बने हुए हो" अनिल जो की फाइल कंप्लीट करने में बिजी था, अंशु की तरफ नजर उठाकर कहा।

"यार शालिनी को कब से देख रहा हूं वह बार-बार तुझे ही मुस्कुरा मुस्कुरा कर देख रही है" अंशु ने सालनी की तरफ इशारा करते हुए कहा जो शायद इनकी बातों को समझ गई थी इसलिए दोबारा डिजाइन बनाने में बिजी हो गई।

"यार शायद इसे मेरे डिजाइन चाहिए सर को इंप्रेस करने के लिए" अनिल ने आंखों से इशारा करते हुए कहा और दोबारा अपने काम में बिजी हो गया।

"एक तो तू भी ना"

"अनिल सर आपको डायरेक्टर सर ने बुलाया है" अंशु कुछ बोलना चाह रहा था तभी पियू ने इसकी बात काटते हुए अनिल को आवाज देते हुए कहा

"अच्छा चलो तुम मैं आता हूं" अनिल ने चौकते हुए जवाब दिया और कुर्सी पीछे किसका कर उठ खड़ा हो गया और फाइल टेबल पर सेट करने के बाद अंशु से कहा।

"यार इन फाइल का ध्यान रखना"

"ठीक है कोई नही लेगा तेरा फाइल" अंशु जो इस के बराबर ही बने छोटे से ऑफिस में बैठा हुआ था, कंप्यूटर पर कुछ टाइप करने लगा था, कंप्यूटर पर ही नजर रखे हुए अनिल को जवाब दिया।

"हेलो मे आई कम इन सर" अनिल ने ऑफिस का गेट खोलते ही टेबल के सामने कुर्सी पर बैठे हुए 35 _ 40 साल के एक आदमी से कहा जो अपने लैपटॉप में कुछ लिखने में व्यस्त था।

"कम इन" मिस्टर मलिक ने अनिल की आवाज पर लैपटॉप बंद करते हुए जवाब दिया और अनिल को सामने वाले कुर्सी पर बैठने का इशारा किया।

"आपने बुलाया सर सब ठीक तो है" अनिल कुर्सी पर बैठते हुए सवाल किया।

"हां बेटा एक काम था तुमसे" मिस्टर मलिक ने टेबल पर रखे क्रिस्टल नुमा पत्थर को घुमाते हुए कहा।

"क्या बात है सर" अनिल ने नरमी से पूछा।

"बेटा पहली बात तो यह है कि मैंने तुम्हें कितनी बार मना किया है कि मुझे सर नहीं कहा करो, सारी कंपनी में सबसे ज्यादा विश्वास तुम पर करता हूं क्योंकि तुम हो, तुमने आज तक यही साबित किया है कि तुम्हारे जैसा ईमानदार लोग बहुत ही कम मिलते हैं आज के दौर में" मिस्टर मलिक ने एक ही साथ में सारी बातें कह दी।

"जी सर आप बताइए मेरी जान भी हाजिर है आपके लिए" अनिल ने जज्बाती बनकर कहा

" बेटा जान नहीं चाहिए बस तुम्हें अमेरिका जाना होगा" मिस्टर मलिक ने अनिल की तरफ देखते हुए कहा और उसके जवाब का इंतजार करने लगा।

"लेकिन अमेरिका में तो कोई ब्रांच नहीं है हमारी कंपनी का" अनिल ने कुछ सोचते हुए कहा।

"हां लेकिन काम के सिलसिले में नहीं कुछ प्रसनाल इश्यूज है मेरे" मिस्टर मलिक टेबल पर नजर दौड़ते हुए बोले।

"पर्सनल इश्यूज मतलब" अनिल ने मिस्टर मलिक की तरफ देखते हुए पूछा अनिल इनकी गोल-गोल बातों को समझ नहीं पा रहा था।

"अब तुम्हें पता तो है कि मेरी एक बेटी अनुष्का जिसके लिए मेरी जान भी हाजिर रहती है, इसकी हर जिद को पूरी करने में मुझे खुशी मिलती है" मिस्टर मलिक ने ठंडी आहे भरते हुए कहा।

"जी मैंने नाम तो सुना है लेकिन आप चाहते क्या हैं" अनिल ने कहा

"अभी इसके इंटर के एग्जाम होने वाले हैं, और एग्जाम के बाद इसका 19 व बर्थडे है तो मैडम की जिद है कि इनको बर्थडे पर अमरीका जाना है अकेले और बेटा तुम तो माहौल को अच्छे से जानते हो अकेले में भेज नहीं सकता" मिस्टर मलिक ने चिंता जाहिर की।

"लेकिन अगर मैं जाऊंगा तो इनकी अकेले की जिद पूरी तो नहीं होगी" अनिल जो सारी बातें समझ चुका था आंखे छोटी करके पूछने लगा।

"मालूम है मुझे लेकिन तुम्हें इस तरह से जाना है कि इसके साथ रहो हर दम मगर इसे शक ना हो" मिस्टर मलिक ने दोनों हाथों को बांधे हुए कहा।

"लेकिन ऐसा कैसे होगा??? अनिल थोड़ा चिंतित होते हुए पूछा

"सब हो जाएगा बेटा एक बार तुम हां तो करो" मिस्टर मलिक ने उसके चेहरे पर नजर डालते हुए कहा।

"लेकिन पासपोर्ट वीजा कुछ नहीं है मेरे पास, आज तक मैं कभी इंडिया से बाहर नहीं गया हूं" अनिल ने कुछ सोचते हुए कहा।

"बेटा इन सब की टेंशन मत लो सब हो जाएगा पहले तुम जाने के लिए हां तो कहो"

"अंकल मैं तैयार हूं अनिल ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया"

"ठीक है बेटा!! मुझे तुमसे यही उम्मीद थी किस तरह जाना है किस तरह इसका ध्यान रखना है मैं तुम्हें बाद में आराम से बता दूंगा तुमने मेरे दिल का बोझ हल्का कर दिया" मिस्टर मलिक के चेहरे पर छोटी सी मुस्कान आ गई।

"ओके सर अब मैं जाऊं अनिल कहता हुआ खड़ा हो गया और गेट की तरफ बढ़ गया......

अनिल अनुष्का के साथ अमेरिका तक कैसे पहुंचेगा।और अगर रास्ते में अनुष्का को पता चल गया तो क्या होगा जानने के लिए पढ़िए अगले पार्ट में.......

दोस्तों अगर आपको कहानी पसंद आ रही हो तो अपना रिव्यू जरूर दीजिए

थैंक्यू रीडर्स.........