Atit ke panne - 27 in Hindi Fiction Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | अतीत के पन्ने - भाग 27

Featured Books
  • My Wife is Student ? - 25

    वो दोनो जैसे ही अंडर जाते हैं.. वैसे ही हैरान हो जाते है ......

  • एग्जाम ड्यूटी - 3

    दूसरे दिन की परीक्षा: जिम्मेदारी और लापरवाही का द्वंद्वपरीक्...

  • आई कैन सी यू - 52

    अब तक कहानी में हम ने देखा के लूसी को बड़ी मुश्किल से बचाया...

  • All We Imagine As Light - Film Review

                           फिल्म रिव्यु  All We Imagine As Light...

  • दर्द दिलों के - 12

    तो हमने अभी तक देखा धनंजय और शेर सिंह अपने रुतबे को बचाने के...

Categories
Share

अतीत के पन्ने - भाग 27

आलेख एक दम खामोश रह गया पर कुछ भी नहीं बता पाया।
फिर बस में दोनों बैठ गए और पुरे बस में ही आलेख एक दम शांत रहा। पिया को समझते देर नहीं लगा कि कोई ऐसी बात है जो दिल में चुभ गई है।
फिर मेडिकल कॉलेज पहुंच गए।
आज तो हमें लैब में जाना होगा।
सबसे पहले रसायनिक विज्ञान है। सभी लैब में पहुंच गए और फिर सबको एक, एक विषय दे दिया गया।
आलेख को भी विषय मिल गया और फिर वो भी करने लगा पर उसका ध्यान छोटी मां की बात में होने के कारण वो जैसे ही परिकल्पना करने लगा तो सारा केमिकल फट गया और फिर आलेख का हाथ जल गया।
लैब में भगदड़ मच गई थी।
फिर सबको शान्त करवाया गया और फिर आलेख को डाक्टर के पास भेजा गया।
पिया भी आलेख के साथ पहुंच गई।
डाक्टर ने पट्टी बांध दी और कहा कि सावधानी बरतें।
फिर सब वहां से दूसरी क्लास में पहुंच गए।
जहां पिया और आलेख एक साथ बैठ गए।
फिर सब ने नोट्स लिखा और फिर इस तरह कालेज की छुट्टी हो गई।
फिर वहां से बस स्टैंड पर इन्तजार करने लगे।
पिया ने कहा अरे बाबा बस भी करो और बताओ कि क्या हुआ?
आलेख ने कहा कल छोटी मां ने कहा कि वो मेरे पास आना चाहतीं हैं मेरे गोद में खेलना चाहती है।
पिया ने कहा हां यह बात है, इसलिए तुम इतने परेशान हो।।
आलेख ने कहा हां, और क्या?
पिया ने कहा हां,समझ गई पर देखो अब हम अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद शादी कर लेंगे और बाकी सब तुम करना।।
आलेख पिया की आंखों में देखने लगा और फिर बोला अरे बाबा अब क्या करना होगा?
पिया ने कहा कोई बड़ी बात नहीं है। शादी के बाद यह सब होना है।।
फिर पिया ने कहा अरे कालेज टूर पर जा रहे हो ना?
आलेख ने कहा हां, बोटेनिकल गार्डन जाना है।।
पिया ने कहा हां, और क्या।
आलेख ने कहा हां पर मेरा मन नहीं है जाने का ।।
पिया ने कहा ओह!अब क्या हुआ?
आलेख ने कहा हां बस नहीं जाना तुम जा सकती हो,।
पिया ने कहा जहां पिया वहां मैं, मेरे पिया वहां मैं, जहां पिया।।

फिर बस स्टैंड पर रूक गई।
दोनों उतर गए।
आलेख बिना कुछ बोले जाने लगा तो पिया ने आलेख को रोकते हुए कहा कि आज आप एक अजनबी से लगें, पता नहीं क्यों आज एक अनजान से लगें क्यों?

आलेख ने कहा हां ठीक है आज जानें दो।
पिया ने कहा हां, ठीक है मैं चलती हूं।
पिया भी वहां से चली गई।।
और फिर आलेख भी हवेली पहुंच गए और फिर उसे वहीं बात खाएं जा रही थी कि छोटी मां ने जो कहा है वो सच हो जाएगा।

तभी आलोक का फोन आया और फिर आलेख ने फोन उठाया और फिर बोली कि पापा कल रात छोटी मां ने ये सब कहा था।।
आलोक हंसने लगे और फिर बोलें कि अब तक तुम क्या सोच रहे थे बेटा।।
वो तो भला हो पिया का जिसने फोन करके सब कुछ बता दिया मुझे।। और फिर कल तुम्हारी सारी किताबें आ जाएगी।।
आलेख ने कहा हां ठीक है पर पापा ये सब छोटी मां ने क्यों कहां?
आलोक ने कहा अरे बाबा अच्छा है ना तेरी छोटी मां तेरे पास आएगी तेरे प्यार को पाने के लिए।।
आलेख सोचने लगा और फिर फोन रख दिया।।

अब आलेख के मन में यह बात बैठ गई कि छोटी मां आने वाली है और फिर उसे देर रात बुखार भी आ गया जब पिया ने अचानक फोन किया तो आलेख ने फोन भी न पकड़ा और फिर पिया ने बैठक खाने में फोन किया तो छाया ने फोन उठाया और फिर बोली कि बाबू को अचानक बुखार आ गया है और ये बात सुनते हुए पिया ने फोन रखा और फिर जतिन को लेकर सीधे हवेली पहुंच गई।
रात के करीब एक बजे हवेली पहुंच गए और फिर दोनों ही बेसुध हो कर आलेख के कमरे में पहुंचे तो देखा कि आलेख दर्द से कराह रहा था।

पिया ने आलेख का सर पकड़ कर देखा तो जल रहा था और फिर छाया से कहा कि जल पट्टी लेकर आए।
जतिन ने कहा अरे बेटा एक डाक्टर को बुला लेता हूं।
पिया ने कहा हां, ठीक है मैं तब तक पट्टी करती हुं।
फिर छाया एक कटोरी में पानी लेकर आई और फिर रूमाल भी दिया।
पिया ने जल्दी जल्दी से पट्टी करने लगी।
आलेख एक दम बेहोश था इतना तेज बुखार जो हुआ था।
जतिन ने एक सरकारी अस्पताल से एक डाक्टर को लेकर आ गए।
डाक्टर ने चेक किया और फिर इंजेक्शन दिया।
पिया ने कहा डाक्टर साहब बुखार कम हो जाएगा?
डाक्टर ने कहा हां बिल्कुल।।
कुछ दवाएं लिख देता हूं।
जतिन ने कहा हां ठीक है। क्या ये बेहोश हो गया है?
डाक्टर ने कहा हां पर एक बात है कि बुखार आने की वजह कोई बात है जो दिमाग में बैठ गया है।
पिया ने कहा ओह माई गॉड।।
पर ठीक हो जाएगा ना?
डाक्टर ने कहा हां बुखार कुछ देर बाद उतर जाएगा।
जतिन ने कहा कि ठीक है। मैं दवा लेकर आता हूं। ये कह कर जतिन दवा लेने चले गए।
कुछ ही देर बाद दवा लेकर आ गए।
पिया ने कहा पापा दुध के साथ दवा देना चाहिए।
जतिन ने कहा हां, जल्दी से ले आओ। फिर पिया जल्दी से दूध लेकर आ गई।
फिर जतिन और पिया ने मिलकर आलेख को दूध पिला दिया और फिर दवा भी खिला दिया।
फिर आलेख सो गया और पिया और जतिन भी वही बैठ गए।
रात भर दोनों ने वैसे ही बैठ कर बिता दिया।
सुबह सुबह आलेख ने अपनी आंख खोली तो देखा कि सिर के पास पिया बैठी थी और उसकी आंखें बंद थी और फिर दूर सोफे पर उसके पापा बैठे हुए सो रहे थे।
आलेख ने मन में सोचा अरे ये लोग कब आए?
मेरे शरीर में एक दर्द हो रहा है।
कुछ ही देर बाद पिया उठ गई और फिर बोली अरे आलेख तुम ठीक हो?
आलेख ने कहा हां, मुझे क्या हुआ था?
पिया ने कहा अरे तुमने तो डरा दिया था कल तुम्हें बुखार आया था तो छाया ने ही हमें बुलाया कल रात को पापा डाक्टर लेकर आए थे।
आलेख ने कहा हां, इतना कुछ हो गया।
और फिर जतिन भी उठ गए और फिर पुछे अरे बेटा कैसे हो?
आलेख ने कहा हां, ठीक हुं।

पिया ने कहा हां, एक बार बुखार चेक कर लेती हुं।
आलेख ने कहा हां ठीक है बदन में दर्द हो रहा है।
छाया आकर सबको चाय और नाश्ता देने लगी और फिर बोली अरे बाबू कल तो बस बहुत डरा दिया सबको।।
फिर छाया नाश्ता देकर चली गई।
फिर सब मिलकर नाश्ता और चाय पीने लगे।
आलेख को बुखार नहीं था अब ये पिया ने कहा हां पर तुम्हें कुछ दिनों तक आराम करना होगा।
आलेख ने कहा हां, मगर कालेज।
पिया ने कहा हां मैं रोज आकर तुम्हें नोट्स देकर जाऊंगी।
आलेख ने कहा हां ठीक है फिर।।
पिया ने कहा पापा अब हम चलें।
जतिन ने कहा हां, ठीक है पर आलेख तुम ठीक तो हो ना? कुछ भी बात होगी तो फोन करना।
आलेख ने कहा हां ठीक है।
फिर दोनों चले गए।
आलेख ने आलोक को फोन किया पर आलोक ने फोन नहीं उठाया।
कुछ ही देर बाद आलोक का फोन आया तो आलेख ने सारी बात बताई।बस इतना सुनते ही आलोक ने कहा बेटा तू फोन रख मैं अभी आ रहा हूं।
आलोक को बस अपने बेटे के पास पहुंचना था।। क्योंकि उसे काव्या को किया हुआ वादा याद आ गया कि कुछ भी हो जाए आलेख को कभी को किसी चीज की कमी न महसूस हो।
आलोक ने एक बैगपैक किया और ड्राइवर ने गाड़ी निकालने को कहा।
फिर निकल गए अलीगढ़।
बस कुछ घंटों बाद ही हवेली पहुंच गए आलोक।
और फिर आलेख के कमरे में पहुंच कर एक छोटे से बच्चे की तरह रोने लगे आलोक।
आलेख भी एक दम से आश्चर्य हुआ और फिर बोला अरे पापा आप रो क्यों रहे हैं?
आलोक ने कहा अरे बेटा कुछ बातें ख़ामोश ही अच्छी लगती है।

आलोक ने कहा बेटा अब ठीक हो ना?
आलेख ने कहा हां, ठीक हुं पापा।
आलोक ने कहा देखो आज जतिन जी और पिया नहीं आते तो क्या होता?
आलेख ने कहा हां, समय से आ गए थे।
छाया ने कहा बाबूजी आप हाथ मुंह धोकर आइए।
नाश्ता कर लीजिए।
आलोक ने कहा हां, ठीक है।
आलोक के जाने के बाद आलेख ने पिया को फोन किया और फिर सब बताया।
पिया सुनकर बहुत खुश हुईं।
आलेख ने कहा हां,शाम को आ जाओ घर पापा ने कहा है।।
पिया ने कहा हां, ठीक है शाम को मिलते है।


क्रमशः