muskarate chahare ki hakikat - 23 in Hindi Fiction Stories by Manisha Netwal books and stories PDF | मुस्कराते चहरे की हकीकत - 23

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मुस्कराते चहरे की हकीकत - 23

सुबह अवनी जल्दी उठकर घर से ऑफिस के लिए निकल जाती हैं, विवान, यश के साथ ऑफ़िस में बैठा था तभी बाहर से गार्ड आता है और विवान के पास आकर- सर कोई लड़की है बाहर,,जो आपसे मिलना चाहती हैं,,,,,,,
विवान, कुछ सोचकर- भेज दो अंदर....,,,
वह गार्ड बाहर चला जाता है।
यश,विवान से - तुमने रात को अवनी से इस तरह बात कि, कहीं वह तो नहीं है बाहर....
विवान, यश की तरफ देखकर- वह नहीं आएगी मेरे सामने.....
यश,आश्चर्य से- नहीं आएगी मतलब... वैसे भी कल तो वो जा रही है ना...
विवान कुछ नहीं बोलता, वह वहां से उठकर खिड़की के पास चला जाता है और बाहर की तरफ देखने लगता है
यश, उसके पास आकर- एक बात पूछूं तुमसे.....
विवान, हाथों को जेब में डालकर एकटक बाहर की तरफ देख रहा था,यश विवान के कंधे पर हाथ रखता है विवान यश की तरफ देखकर- हां बोलो... सुन रहा हूं मैं...
यश- तुम अवनी से प्यार करते हो ना... झूठ मत बोलना मुझे सब कुछ पता है तुम्हारी रग- रग से वाकिफ हूं मैं.... बचपन से तेरे साथ हूं, इतना तो जानता हूं तुझे....
यश की बात सुनकर विवान उसके गले लग जाता है और अपनी आंखें बंद करके- बहुत फिक्र होती है उसकी, डर लगता है उसे खोने का, मुझे नहीं पता कब मेरी नफरत, गुस्सा उसके लिए प्यार में बदल गया... इन दो महीनों में एक भी दिन ऐसा नहीं गया जब मैंने उसे याद नहीं किया... जब उसकी बीमारी के बारे में सुना तो जान निकल गई थी मेरी.. और कल पूरी रात में उसे पागलों की तरह ढूंढता रहा...
विवान एक सांस में अपने दिल की बात यश के सामने रख देता है जिसे उसने सबसे छिपाकर रखी थी,उसकी आंखों में नमी थी जिन्हें वह छुपाने की कोशिश कर रहा था फिर यश को छोड़कर वापस खिड़की की तरफ मुंह करके खड़ा हो जाता है,,,,
यस भी विवान की बातें सुनकर दुखी हो जाता है,,, फिर विवान के साइड में खड़े होकर- मुझे पता है विवान की तुम अवनी से बहुत प्यार करते हो, आज से नहीं बहुत पहले से..... कब तक इस तरह घुटते रहोगे... एक बार बात करो तुम अवनी से... और मुझे लगता है कहीं ना कहीं वह भी तुम्हें पसंद करती है...
विवान, हल्का सा मुस्कुराते हुए- काश ऐसा होता, लेकिन यह सच नहीं है और अब उससे बात करने से भी कोई फायदा नहीं है... थोड़े दिनों में मेरी और नित्या की शादी फिक्स हो जाएगी और तुम्हें याद है ना उसने क्या कहा था नित्या की खुशी उसके लिए बहुत इंपॉर्टेंस रखती हैं। मैंने भी डिसाइड कर लिया है कि मैं उसे हमेशा के लिए भूल जाऊंगा और नित्या को दिया हुआ वादा भी पूरा करूंगा....
ऐसा करके क्या तुम खुश रह पाओगे,,,, दरवाजे से किसी लड़की की आवाज आती है उसकी आवाज सुनकर यश और विवान चौक जाते और दरवाजे की तरफ देखते हैं जहां नित्या खड़ी थी,,,। नित्या को देखकर विवान और यश एक- दूसरे को देखने लगते हैं,,,,,
विवान, हैरानी से- नित्या तुम यहां... आई मीन, कब आई..?
नित्या, अंदर आते हुए- शायद बहुत देर कर दी मैंने आने में...
विवान को नित्या की बात समझ नहीं आती,,, वह नित्या को चेयर पर बैठने का इशारा करता है और खुद भी बैठ जाता है यश भी उनके पास आकर बैठ जाता हैं,,,,,,,
विवान, बात को पलटते हुए- तुम कॉलेज नहीं गई.....
नित्या- नहीं तुमसे बात करनी थी इसलिए यही आ गई...
विवान, मुस्कुराते हुए- कॉल कर लेती, मैं खुद तुम्हारे पास आ जाता.... क्या बात करनी थी..?
नित्या- यहीं जो अभी तुम कह रहे थे... क्या चल रहा है तुम्हारे मन में.....
विवान थोड़ी देर तक नित्या को देखता है फिर खड़ा होकर हिचकिचाते हुए- कु.. कु..छ..कुछ नहीं...
नित्या उठकर विवान के पास आकर खड़ी हो जाती है फिर उसकी तरफ देखकर- कब तक छुपाओगे विवान... प्यार छुपाए कीसी से नहीं छुपता... मैंने सब कुछ सुन लिया है.....
विवान, थोड़ा उदास होकर- सॉरी नित्या, मुझे नहीं पता आगे क्या होगा लेकिन आज यहीं सच है कि मैं...... विवान बोलते बोलते रुक जाता है,,,,,,
नित्या, सवालिए नजरों से- मै क्या विवान... यहीं ना कि तुम अवनी से प्यार करते हो....
विवान कुछ नहीं बोलता यश भी नित्या को हैरानी से देख रहा था।
नित्या- तुम्हें क्या लगा यह सब सुनकर मैं बहुत दुखी हो जाऊंगी, मुझे हर्ट होगा... जब अवनी बीमार हुई थी तब तुम्हारी हालत देखकर ही मुझे पता चल गया था, विवान... (विवान के कंधे पर हाथ रखकर मुस्कुराते हुए) मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं है, वैसे भी हमारे रिश्ते में ना कोई फीलिंग्स है ना प्यार....we are only best friends vivan.... तुम मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो और हमेशा रहोगे…... और रही बात तुम्हारे प्रॉमिस की तो मुझे परिवार और नाम दोनों मिल गए विवान... मेरे लिए अवनी से बढ़कर इस दुनिया में कुछ नहीं और तुम्हारी फैमिली ने मुझे हमेशा सबसे ज्यादा प्यार दिया है.... प्यार की, किसी के साथ की किसी को सबसे ज्यादा जरूरत है तो वह है अवनी......विवान उसने बचपन से बहुत संघर्ष किए हैं, बहुत तरसती है किसी के साथ के लिए... सबके सामने बहुत मजबूत रहती है लेकिन अंदर ही अंदर बहुत दर्द छुपा रखा है उसने.....उसे इस दर्द से तुम ही निकाल सकते हो उसका साथ दोगे ना....
नित्या की बातें सुनकर यश और विवान के चेहरे पर थोड़ी उदासी थी और थोड़ी मुस्कुराहट....
विवान, नित्या को गले लगाकर- थैंक्यू नित्या, मुझे समझने के लिए... शायद मै कभी तुम्हें बता नहीं पाता कि मेरे मन में क्या चल रहा है... तुमने मुझे इतने बड़े कन्फ्यूजन से बाहर निकाला... थैंक यू सो मच एंड आई प्रॉमिस तुम हमेशा हमारे घर का एक हिस्सा रहोगी मेरी सबसे अच्छी दोस्त बनकर....You are always important to me....
दोनों हा में सिर हिलाते हैं और मुस्कुराने लगते हैं,,, यश भी ख़ुशी से विवान के गले लग जाता हैं,,,,,
यश, नित्या और विवान की तरफ देखकर- चलो तुम दोनों का कन्फ्यूजन तो दूर हो गया लेकिन घर वालों को क्या कहोगे..?
नित्या- डोंट वरी यश... विवान तुम मेरे साथ घर चलोगे प्लीज....
विवान- अभी...
नित्या- मना मत करना... अभी चलना है... चले...
विवान और यश हां में सिर हिलाते हैं और तीनों कार में बैठकर कुछ देर में अग्रवाल मेंशन पहुंचते हैं,,,, तीनों अंदर आते हैं सामने पूरा परिवार बैठा था कृष्णमूर्ति और राजेश घर पर नहीं थे बाकी सभी विवान को देख रहे थे और उसकी तरफ देखकर मुस्कुरा रहे थे,,,,
विवान उन सबको इस तरह देखकर- आप मुझे ऐसे क्यों देख रहे हैं.. क्या किया है मैंने...? (और फिर यश और विवान की तरफ देखता है नित्या भी मुस्कुरा रही थी)
काव्या, विवान के पास आकर- क्या विवान, तुमने तो सीधा शेर के गिरेबान में हाथ डाला है (हंसते हुए)
विवान सबको हैरानी से देखता है जो हंस रहे थे फिर सुधा जी के पास आकर-दादी बताइए ना.. आप सब इस तरह क्यों रियेक्त कर रहे हों,,, विवान शालिनी के पास आकर- मां.. प्लीज बताइए ना.. क्या हुआ..?
रिया, विवान के पास आकर- भाई सब को आपकी लव स्टोरी पता चल गई है... इसी खुशी में हम सब इकट्ठा हुए हैं आई मीन....
विवान, बीच में ही हैरानी से- लव स्टोरी....,,,, विवान नित्या की तरफ देखता हैं नित्या हा मे सिर हिलाती है,,,, अब विवान को समझ आ गया था कि वह सब उसे इस तरह क्यों देख रहे थे,,,,
विवान, हंसते हुए अपने बालों में हाथ डालकर- आपको कैसे पता चला कि मैं उस शेरनी के चंगुल में फंस गया हूं ऐसा कुछ नहीं है.....
विवान की बात सुनकर सब हसने लगते हैं,,,,,
शालिनी- बेटा, प्यार छुपाए नहीं छुपता चेहरा देखकर पता चल जाता है.... हमने सोचा तू ही बता दे लेकिन तुमने नहीं बताया, सुबह सुबह नित्या ने हमें फोन करके बताया... अवनी बहुत प्यारी बच्ची है हमें बहुत पसंद है....
हमें भी...,,,, सब एक साथ हंसते हुए बोलते हैं।
विवान, थोड़ा उदास होकर- क्या अवनी भी मुझसे प्यार करती है...? अगर उसने मना कर दिया तो...
सभी विवान की तरफ देखने लगते हैं,,,,,,,
कुणाल कुछ सोचकर- भाई.. एक बार आप बात करना आज ही... वैसे भी कल तो अवनी दिल्ली जा रही है,,,,
विवान- पर कैसे... मैं कैसे उससे बात करूंगा...
यश, बिच मे ही- मैं कर लूं बात.... (हंसते हुए)
विवान यश को घूर के देखता हैं, बाकी सब यश की बात पर हंसने लगते हैं,,,
श्रेया- भाई प्लीज... आज आपको बात करनी ही होगी.. हम अवनी को यही बुलाते हैं,,,,
विवान- यहां क्यों..? नहीं... नहीं.. सबके सामने वह मुझे ज्यादा सुनाएगी....
नित्या - कुछ नहीं होगा विवान, मुझे पता है कहीं ना कहीं अवनी के मन में भी तुम्हारे लिए फीलिंग्स हैं.. हम सबने नोट किया है.. मैं अभी उसे कॉल लगाती हूं,,,,
नित्या अवनी को कॉल लगाती है कुछ देर रिंग जाने के बाद अवनी कॉल अटेंड करती है,,,
नित्या- हेलो अवनी... तू अग्रवाल मेंशन आ सकती है कुछ काम था.....
सामने से अवनी की आवाज आती है,, नहीं... मैं अभी नहीं आ सकती....
नित्या- प्लीज अवनी... (फिर सब की तरफ देख कर) अर्जेंट है अवनी... विवान की तबीयत खराब है....
इतना कहकर नित्या हंसते हुए फोन रख देती है सब नित्या को हैरानी से देखने लगती हैं,,,,
विवान, नित्या के पास आकर- मेरी तबीयत... क्या हुआ मुझे.. तुमने अवनी से झूठ क्यों बोला..?
नित्या मुस्कुराते हुए- रिलैक्स विवान... यह अवनी के प्यार का टेस्ट है उसने आने के लिए मना कर दिया था यदि वह तुमसे प्यार करती है तो जरूर आएगी वरना नहीं...
सब नित्या के आइडिया की तारीफ करते हैं और अवनी का वेट करने लगते हैं,,,,,,,,,,,