Shoharat ka Ghamand - 4 in Hindi Fiction Stories by shama parveen books and stories PDF | शोहरत का घमंड - 4

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शोहरत का घमंड - 4

आलिया खुशी से बोलती है, "अंकल वैसे घर का बंदोबस्त कहा पर हुआ है"।

तब रीतू के पापा बोलते हैं, "बेटा हमारा एक घर खाली है तुम चाहे तो आराम से उसमे रह सकती हो अपने परिवार के साथ हम तुमसे कोई किराया नही लेंगे"।

तब आलिया बोलती है, "थैंक्स अंकल मैं आपका ये एहसान कभी भी नही भूलूंगी और हा जेसे ही मेरी नौकरी लगेगी मे आपके सारे पैसे दे दूंगी "।

तब रीतू के पापा बोलते हैं, "बेटा तुम पेसो की टैंशन मत लो, और हा ये टेंशन भी मत लो कि अब हम घर खाली केसे करेंगे क्योंकि तुम्हारे पापा हॉस्पिटल में एडमिट है और मम्मी भी वही पर है, देखो जब भी तुम्हे घर खाली करना हो मुझे बता देना तो मे कुछ लोग और ट्रक भेज दूंगा जिससे की तुम्हे ज्यादा परेशानी नहीं होगी "।

ये सुनते ही आलिया बोलती है, "सच में अंकल मुझे समझ में नही आ रहा है कि मे क्या बोलूं "।

तब रितु बोलती है, "तुम्हे कुछ बोलने की जरूरत नहीं है चलो अब तुम हॉस्पिटल जाओ आंटी अकेली होगी और उन्हे किसी चीज की जरूरत पड़ गई तो "।

तब रितु के पापा बोलते है, "बेटा तुम अकेली क्यो जाओगी चलो हम भी तुम्हारे साथ चलते हैं और तुम्हारे पापा को देख कर आते हैं"।

तब रीतू बोलती है, "अरे वाह पापा ये तो बहुत ही अच्छी बात है"।

तभी तीनो घर से निकल जाते है। हॉस्पिटल जाते है तो देखते हैं कि आलिया की बहन बैठी होती है। तभी आलिया उससे पूछती है, "क्या हुआ तुम बाहर क्यो बैठी हो और मम्मी कहा है"।

तब आलिया की बहन बोलती है, "पापा को होश आ गया है और मम्मी पापा के पास है"।

ये सुनते ही आलिया खुश हो जाती हैं और बोलती है, "क्या .......... पापा को सच में होश आ गया है"।

तब आलिया की बहन बोलती है, "हा दीदी उन्हे होश आ गया है और वो अब खतरे से भी बाहर है"।

तब आलिया बोलती है, "अच्छा ठीक है मैं भी अभी पापा से मिल कर आती हूं"।

तभी आलिया अपने पापा के पास जाती हैं और उनका हाथ पकड़ लेती हैं और बोलती है, "अब आप केसा फील कर रहे हैं पापा"।

तब उसके पापा बोलते है, "बहुत अच्छा और तुम अकेली यहां पर तुम्हारी बहन कहा है"।

तब आलिया बोलती, "पापा वो बाहर खड़ी है"।

तभी आलिया की मम्मी बोलती है, "चलिए आप दोनो बाते करिए तब तक मैं बाहर जाती हू वरना फिर नर्स आ कर बोलेगी की यहां पर दो लोग आना मना है"।

तभी आलिया बोलती है, "मम्मी रुकिए मै भी आपके साथ चलती हू वो बाहर मेरी सहेली और उसके पापा है तब तक पापा अपनी दूसरी लाडली बेटी से मिल लेंगे"।

तभी दोनो बाहर जाते हैं और आलिया अपनी बहन को अपने पापा के पास मिलने भेज देती है "।

तभी आलिया अपनी मम्मी को रितु और उसके पापा से मिलवाती है। और आलिया अपनी मम्मी को सारी बात बता देती हैं कि उनके बीच में क्या क्या बात हुई है।

ये सुनते ही आलिया की मम्मी रितु के पापा के आगे हाथ जोड़ने लगती है और बोलती है , "भाई साहब आप तो हमारे लिए भगवान है मै आपको बता नही सकती हूं की आपने हमारे ऊपर कितना बड़ा उपकार किया है, क्योकी मुझे तो बस ये चिंता खाय जा रही थी कि मैं दो दो बेटियों को ले कर कहा जाऊंगी"।

तब रितु के पापा बोलते है, "अरे नही बहन जी एसा मत करिए मेने ऐसा कुछ भी नही किया है देखिऐ मेरे लिए जैसे रितु है वैसे ही मेरे लिए आलिया भी है और देखिऐ जिस चीज की भी कमी हो आप हमे बता देना आप बिल्कुल भी मत शरमाना, चलिए ठीक है अब हम चलते हैं "।

तभी रितु और उसके पापा चले जाते है।

तभी आलिया की मम्मी आलिया के पापा के जाती हैं। अपनी मम्मी को देख कर आलिया की बहन बोलती है, "मम्मी क्या हमे नया घर मिल गया "।

ये सुनते ही आलिया के पापा बोलते हैं, "नया घर "।

ये सुनते ही आलिया की मम्मी परेशान हो जाती हैं कि अब वो क्या बोले.........