muskarate chahare ki hakikat - 9 in Hindi Fiction Stories by Manisha Netwal books and stories PDF | मुस्कराते चहरे की हकीकत - 9

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मुस्कराते चहरे की हकीकत - 9

रात के 12:00 बज रहे थे अवनी और विवान एक होटल में पहुंचते हैं अंदर से एक आदमी उनके पास आता है और अवनी को एक कमरे में लेकर जाता है, विवान बाहर ही खड़ा रहता है अवनी रूम में पहुंचती हैं जहां पहले से चार लोग खड़े थे अवनी उनमें से सामने खड़े आदमी के पास जाती है और उन्हें सैल्यूट करते हुए- जय हिंद सर
अरविंद (सीनियर आफिसर)- जय हिंद ऑफिसर अवनी...
(अवनी, रवि, राहुल, अमित और अरविंद एक ही ख़ुफ़िया टीम में थे, अरविंद उनका सीनियर आफिसर था)
अरविंद- अवनी तुम्हारे पास जितने भी सबूत, इंफॉर्मेशन है वो सब इकट्ठा करके उनकी रिपोर्ट तैयार करो, कल मीडिया तक यह खबर पहुंचानी होगी और तुम तीनों(अमित, रवि और राहुल कि तरफ़ देखकर) अभिषेक के जितने भी कारखाने, उसके ड्रक्स के अड्डे है उन सब पर कल छापा पड़ना चाहिए, बहुत से मासूमों की जिंदगी बर्बाद की है उसने, अब और नहीं सुबह तक सब तैयार रहना ध्यान रखना वह भाग नहीं पाए और उसे बिल्कुल भी शक नहीं होना चाहिए.......
सब, एक साथ- यस सर..
अवनी- सर, विवान अग्रवाल भी हमारे साथ है उससे कुछ मदद मिल जाएगी, अभी अभिषेक नहीं जानता कि विवान हमारे साथ है,,,,,
अरविंद- लेकिन हम उस पर कैसे ट्रस्ट कर सकते हैं..?
अवनी- सर,अभिषेक ने आश्रम से जितनी लड़कियों और बच्चो का किडनैप किया है वो धोखे से किया है और फ़िर नित्या भी विवान की बेस्ट फ्रेंड है इसलिए वह हमारा साथ दे रहा है....
अरविंद, कुछ सोचकर- ठीक है अवनी, यदि तुम कह रही हो तो हमे कोई प्रॉब्लम नहीं है। फिर भी हमें विवान से एक बार बात करनी होगी,,,,,, (अरविंद रवि की ओर इशारा करते हुए) अंदर बुलाओ उनको......
रवि बाहर जाकर विवान को अंदर आने के लिए बोलता हैं विवान, रवि के साथ अंदर आता है, अन्दर अरविंद चेयर पर बैठा था सामने टेबल थीं जिस पर कुछ फाइल्स रखी हुईं थीं दाई तरफ़ अवनी और बाईं तरफ राहुल और अमित खड़े थे,,,,,,
विवान,अरविंद के सामने रखी कुर्सी पर बैठकर- चिंता मत कीजिए सर, मैं आपको धोखा नहीं दूंगा.....
अरविंद, कुछ सोचकर- ठीक है,,, अरविंद कुछ देर विवान से बात करता है फ़िर अवनी के पास आकर-अवनी, आज रात ही तुम्हें अपनी रिपोर्ट तैयार करनी होंगी,,, (फ़िर रवि, राहुल और अमित के पास आकर) और तुम तीनों अपने साथ कुछ और ऑफिसर्स को लेकर जाओ और अभिषेक के पूरे ठिकानों का पता लगाओ,,,, कल सुबह हम यही मिलेंगे, ध्यान रहे किसी को पता नहीं चलना चाहिए,,,,,।
अवनी,अरविंद के पास आकर- लेकिन सर, अभिषेक ने मुझे हॉस्पिटल में ढूंढा तो उसे शक हो जाएगा.....
विवान,अवनी के पास आकर- मैंने पूरा इंतजाम कर दिया है अवनी, तुम्हारी जगह किसी और पेशेंट को वहां रखा गया है और सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है ताकि अभिषेक को लगे कि तुम वही हो,,,,
अरविंद, विवान के कंधे पर हाथ रखकर- थैंक्स मिस्टर अग्रवाल.... हमारा साथ देने के लिए, हमें मालूम है कि कल सवाल आप पर भी उठेंगे लेकिन हम उन हजारों मासूमों की जिंदगी खराब नहीं होने दे सकते.......
विवान- आप अपना काम करिए सर, हमारी रेपुटेशन से ज्यादा आपका काम जरूरी है और उन मासूमों की जिंदगी,,,,,,
अरविंद, अवनी से- अवनी अब तुम्हारा बाहर जाना ठीक नहीं होगा और वैसे भी तुम्हें गोली लगी है इसलिए तुम इसी होटल में रहोगी और अपनी रिपोर्ट तैयार करोगी,,, टेक केयर...
अरविंद अवनी को रूम की चाबी देकर रवि, राहुल और अमित के साथ वहां से निकल जाता है विवान और अवनी दोनों वही रुकते हैं,,
अवनी, विवान से- अब तुम्हे भी यहां से निकलना चाहिए विवान...
विवान अवनी की बात को अनसुना करके करण को कॉल लगाता है
विवान, करण से- भाई, आज मैं घर नहीं आ पाऊंगा.. वो अवनी की तबीयत ज्यादा ही खराब है इसलिए मैं यही रुकता हूं आप घर पर बोल देना और मैं यहां हूं आप चिंता मत कीजिए डॉक्टर ने बोला है कि सुबह तक अवनी को यहां से ले जा सकते हैं, प्रवीण भी यहीं है,,,
करण- ठीक है,, अवनी का ख़्याल रखना.....
विवान फोन रखता है और सोफे पर सिर टिकाकर बैठ जाता है
अवनी, विवान की बातें सुन रही थी वह उसके सामने आकर- तुमने झूठ क्यों बोला मतलब तुम यहीं रुकने वाले हो...!
विवान- हां.. तुम्हें कोई प्रॉब्लम है क्या..?
अवनी, हैरानी से- पर विवान.....
विवान, फ़ोन निकालकर उसमे कुछ ढूंढते हुए- ऑफिसर अवनी ज्यादा मत सोचो,अपना काम करो और मैं भी अपना काम करता हूं,,,, ट्रस्ट मि.....
विवान बिना अवनी को देखे अपने फोन में कुछ काम करने लगता है और अवनी भी फाइल्स लेकर बेड पर जाकर बैठ जाती है और अपना काम करने लगती है।
विवान, अवनी कि तरफ़ देखकर मुस्कराते हुए- इसका मतलब तुम्हें मुझ पर ट्रस्ट है, थैंक यू मिस शेरनी....
अवनी,भी उसकी तरफ हल्के से मुस्कुराते हुए- तुम भी किसी जंगली जानवर से कम नहीं हो इसलिए हम एक ही प्रजाति से है सो आई कैन ट्रस्ट यू.....
विवान, अवनी की बात पर हंसते हुए- रियली हम दोनों एक ही प्रजाति के हैं,,,,,,
दोनों एक दूसरे को देखकर हंसने लगते हैं।।।।
विवान,अवनी को हंसता हुआ देखकर- वैसे तुम हंसती हुई इतनी भी बुरी नहीं लगती इसलिए गुस्सा छोड़कर, थोड़ा हंस भी लिया करो,,,,
विवान कि बात सुनकर अवनी के चहरे से मुस्कराहट गायब हो जाती हैं वह थोड़ा सीरियस होकर- उसके लिए भी वजह होनी चाहिए और मेरे पास हंसने की कोई वजह नहीं है.......
विवान,अवनी के चेहरे की उदासी पढ़ते हुए- अरे तुम तो सीरियस हो गई.... वैसे तुम मेरे साथ अपना दर्द बात सकतीं हो,,,
विवान फ़िर से- मुझे लगता हैं तुमने अभी भी मुझे अपने बारे में कुछ नहीं बताया...
विवान की बात सुनकर अवनी अपनी फाइल्स को कसकर पकड़ते हुए- क्या करोगे जानकर कुछ दर्द, कुछ जख्म ऐसे होते हैं जो किसी को ना बताया जाए तो ही ठीक है और मैंने तुम्हें बता दिया तो मुझे तुम्हारी आ... (अवनी आगे कुछ नहीं बोलती वह अपने काम में लग जाती है)
विवान, अवनी कि तरफ़ देखकर- मेरी क्या....
अवनी- कुछ नहीं....(फिर से अपनी फाइल के पन्ने पलटने लगती है)
विवान, मुस्कराते हुए- कही तुम मुझे प...
अवनी, विवान की बात पूरी होने से पहले ही- नहीं बिल्कुल नहीं.... मैं तुम्हें क्यों पसंद करूंगी और वैसे तुम मेरे साथ केवल नित्या के लिए हो.. कल वो मिल जाएगी मुझे यकीन है,,, और फिर मैं यहां से चली जाऊंगी।
विवान- कहां..? और तुम्हारी जॉब...
अवनी थोड़ी देर रुककर, विवान की तरफ देखते हुए- अपने दिमाग पर ज्यादा जोर मत दो मिस्टर विवान.... यह मेरी लाइफ है मैं कुछ भी करूं तुम्हें क्या... वैसे मुझे तुमसे एक बात पूछनी थी,,,,
विवान- पूछो
अवनी- क्या तुम नित्या से प्यार करते हो...?
विवान, कुछ देर रुककर- पता नहीं..... लेकिन तुम यह क्यों पूछ रही हो...
अवनी, विवान से नजर चुराते हुए- नहीं ऐसे ही...
विवान- अब मैं भी कुछ पूछना चाहता हूं यदि तुम चाहो तो,, वैसे भी तुम कल तो जा रही हो ना इसलिए....
अवनी हा मे सिर हिलाती हैं,,,,,,,,,,
विवान- क्या तुमने किसी से प्यार किया है ..?कभी स्कूल, कॉलेज, ऑफिस कहीं...?
अवनी, विवान की तरफ देखकर- नहीं.. और शायद कभी नहीं..
विवान, उसे चिढ़ाते हुए- हां तुम सही कह रही हो तुम जैसी लड़की से कैसे कोई शादी या प्यार कर सकता है..
अवनी, गुस्से में- मिस्टर विवान मेरे पास तुम्हारी बकवास सुनने के अलावा भी कुछ काम है इसलिए मुझे अपना काम करने दो,,,,,
विवान, मुस्कुराते हुए अभी भी अवनी की तरफ देख रहा था।।।
दोनों अपने-अपने काम में बिजी थे विवान बार-बार किसी को कॉल कर रहा था और अवनी भी कभी कैमरे में तो कभी फाइल्स मैं कुछ ढूंढ रही थी।
रात के 3:00 बज रहे थे अवनी अरविंद के पास कॉल करती है।।
अवनी- सर मैंने सारे सबूत कलेक्ट कर लिए हैं और आप के पास सेंड कर दिए हैं...
अरविंद- ठीक है अब तुम रिलैक्स करो, अपना काम हो जाएगा और विवान को समझा देना उसे क्या करना है...
अवनी- ओके सर,,,, अवनी फोन रखती हैं और विवान की तरफ देखकर- विवान तुम्हें सुबह अभिषेक का पता करना होगा कि वह कहां है... मैं सो रही हूं यदि तुम्हें नींद नहीं आए तो मुझे 5:00 बजे उठा देना वरना मैं उठ जाऊंगी तुम सो जाओ,,,,,,
अवनी वही बेड पर सो जाती हो और विवान सोफे पर लेटकर, अवनी को देखते हुए- काश तुम मुझसे अपनी बात शेयर कर पाती.... काश मैं तुम्हें बता पाता कि क्यों तुम्हें तकलीफ में देखकर मुझे तकलीफ होती है,,,, विवान कुछ देर यूंही अवनी की तरफ देखता रहता है कुछ देर में उसे भी नींद आ जाती है,,
सुबह 5:00 बजे
अवनी के फोन में अलार्म बजता है,अवनी उठकर खिड़की की तरफ जाती है सामने सोफे पर उसकी नजर पड़ती है जहां विवान सो हो रहा था, अवनी विवान के पास आकर- कैसे घोड़े बेचकर सो रहा है जैसे इसके अमीर बाप का ही हॉटल हों,,,,, अवनी वहां से चली जाती है
अवनी तैयार होकर वापस विवान के पास आती है अवनी, विवान को उठाते हुए- विवान उठो हमें यहां से निकलना है,, उठ जाओ वरना मैं जा रही हूं...
विवान, नींद में ही- चैन से सोने भी नहीं दोगी क्या...
जाओ यहां से,,,
अवनी चारों तरफ देखती है उसे सामने पानी का जग दिखाई देते हैं
अवनी, गुस्से में पानी से भरा जग लाकर विवान पर डालते हुए- मिस्टर विवान हम यहां घूमने नहीं आए हैं और ना ही यह तुम्हारे बाप का हमें तोहपे में दिया हुआ होटल है,,,
पानी डालने से विवान अचानक खड़ा होकर- तुम्हारी प्रॉब्लम क्या है,,,, उठाने का कोई और तरीका नहीं मिला तुम्हें और क्या तोहफा तोहफा लगा रखा है ऐसे सो होटल एक साथ खरीद सकता हूं समझी....
अवनी- अपना ये रौब किसी ओर पर झाड़िये मिस्टर विवान अग्रवाल... मुझे अभी यहां से निकलना है और मैं जा रही हूं और याद रखिए आप ने अपने ऊपर एक जिम्मेदारी भी ली है।।
विवान, अपनी आंखों पर हाथ फेरते हुए- याद है मुझे,,
अवनी अपना बैग लेकर बाहर आ जाती है
विवान,ख़ुद से ही- इतने से दिनों में इस लड़की ने मेरी हालत खराब कर दी है ज्यादा दिन इसके साथ रहा तो जिंदा नहीं छोड़ेगी मुझे,,,,
विवान भी तैयार होकर अग्रवाल मेंशन की ओर निकल जाता है
यहां बजाज हाउस में करण और काव्या की शादी की तैयारियां चल रही थी काव्या अवनी के पास फोन लगाती है
काव्या - तबीयत कैसी है अवि तेरी....
अवनी, काव्या से- मै बिल्कुल ठीक हूं... तू अपनी शादी पर ध्यान दें, मैं तेरे फेरों तक पहुंच जाऊंगी.....
काव्या- ओके, अपना ध्यान रखना...
यहां विवान भी अपने घर आता हैं जहां बहुत सारे मेहमान थे और सब तैयार होकर बारात ले जाने की तैयारियों में बिज़ी थे विवान सबके पास आता है और सब उसे अवनी के बारे में पूछते हैं
विवान- अवनी अब ठीक है वह प्रवीण के साथ गई वहीं से काव्या भाभी के घर जाएगी..
कृष्णमूर्ति, विवान के पास आकर- बेटा पता चला कल गोली किसने चलाई थी....
विवान- नहीं डेड,,,, पुलिस ने उसे पकड़ लिया है आप चिंता मत कीजिए किसी को कुछ नहीं होगा,,,,
विवान वहां से अपने कमरे में चला जाता है,विवान के पास अवनी का कॉल आता है,,,
अवनी- विवान, तुम जल्दी पता करो कि अभिषेक इस वक्त कहां है हमें अभी सूचना मिली है कि उसने किडनैप किए हुए सारे बच्चों और लड़कियों को दो-तीन जगह रखा है जल्द उसे नहीं पकड़ा तो उसके आदमी सब को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं,,,,,,
विवान- डोंट वरी अवनी, मै अभी पता करता हूं,,,
विवान अवनी का फोन रखता और अभिषेक के पास कॉल लगाता है लेकिन अभिषेक का फोन बंद आ रहा था विवान गिरिराज के पास कॉल करता है,लेकिन वह भी नहीं उठाता फिर विवान,अभिषेक के असिस्टेंट के पास कॉल करता है और उससे अभिषेक के नंबर लेता है,,,
विवान उन नंबरों पर कॉल करता है दो-तीन बार रिंग जाने के बाद अभिषेक कॉल उठाता है
विवान,अभिषेक से- भाई, आप शादी में नहीं आ रहे क्या...?
अभिषेक - नहीं, एक इंपोर्टेंट मीटिंग हैं आज, इसलिए मैं और डेड दोनों नहीं आ सकते, हमने अंकल को बोल दिया था,,,,
विवान - भाई मुझे भी आपसे किसी जरूरी प्रोजेक्ट पर ही बात करनी थी आप अपना एड्रेस बताइए, मैं अभी आता हूं....
अभिषेक- कल बात कर लेंगे विवान,अभी नहीं मैं बाहर हूं
विवान- भाई आश्रम के लिए हमने जो प्रोजेक्ट शुरू किया था वह हमारे हाथ से निकल जाएगा मैं आपके पास उसके डॉक्यूमेंट सेंड करता हूं आप देख लीजिए इस पर आपके सिग्नेचर होना जरूरी है
विवान अभिषेक के पास कुछ डाक्यूमेंट्स फाइल भेजता है
अभिषेक, फाइल्स देखकर- ठीक है विवान मै तुम्हें एड्रेस सेंड करता हूं तुम जल्दी से डाक्यूमेंट्स लेकर आ जाओ फिर मुझे दुसरी जगह जाना है,,,,,,
विवान- ठीक है मैं अभी आता हूं,,,
विवान फोन रखता है और अभिषेक का एड्रेस अवनी के पास भेजकर,उसे कॉल करता है
विवान- मैंने तुम्हें एड्रेस सेंड कर दिया है मैं अभी वहां पहुंचता हूं तुम भी पहूचो.....
अवनी- ठीक है,,,
विवान तैयार होकर नीचे आता है और करण के पास आकर- भाई अभी मुझे किसी काम से निकलना होगा मैं सीधा काव्या भाभी के घर आपसे मिलता हूं,,,
करण कुछ बोलता उससे पहले ही विवान वहां से निकल जाता हैं

Continue....