Teri Chahat Main - 39 in Hindi Love Stories by Devika Singh books and stories PDF | तेरी चाहत मैं - 39

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तेरी चाहत मैं - 39

"बड़े कंजूस इंसान हैं आप साहिल साहब, अकेले - अकेले यहां इतने सुहाने माहोल में चाय की चुस्कियां ले रहे हैं।" न्यूटन के पिचर से आवाज आई तो वो पलटा, सामने अलविना कड़ी मुस्कान रही थी।

"ओह, अलविना आप हैं, और कंजूसी कैसी आप भी आई और मेरे साथ चाय का लुत्फ उठाइए।" न्यूटन ने मुस्कुरा के कहा।

“वाह आप तो बड़े दिलदार इंसान निकले। वैसे आप यहां क्या कर रहे हैं।" अलविना चाय का कप पकड़ते हुए वही साहिल के साथ बैठ गई।

"मैं तो यहाँ दरगाह आया था, और आप?" न्यूटन ने जवाब दिया।

"मैं भी दरगाह ही आई थी।" अलविना ने जवाब दिया।

“और बताता क्या हाल चल हैं आपके। काई दिनों से आप मिली ही नहीं।” न्यूटन ने अलविना से पुछा।

"मिले तो आप भी नहीं।" अलविना ने मुस्कुराते हुवे कहा।

"हां, बात तो सही है। पिछले कई दिनों से फाइनल एग्जाम व्यस्त था। शायद आप भी व्यस्त होंगी।" न्यूटन बोला।

“पर परीक्षा खतम हुआ तो कोई एक हफ्ता हो गया। पर तब भी आप दिखें नहीं।” अलविना ने पुछा

"कुछ नहीं, अलविना बस ऐसे ही।" न्यूटन ने टालना चाहा।

“हम्म.. अब नहीं बताना है तो कोई बात नहीं। आपकी शकल पे मौजूद थकावट साफ बयान कर रही है।” अलविना ने मुस्कुरा के पुछा।

"अच्छा क्या बयान कर रही है।" न्यूटन ने मुस्कुरा के पुछा।

"बहुत कुछ जो आप बताना नहीं चाहते साहिल साहब।" अलविना ने मुस्कुरा के कहा।

"अच्छा बतायें अलविना साहिबा, क्या बयान कर रहा है मेरा ये चेहरा।" न्यूटन ने फिर मुस्कुराते हुवे पुछा।

"हम्म.. देखने से तो मुझे 100 फीसदी दिल का मामला लग रहा है। पर आपके साथ हुई वो चर्चा याद है मुझे। पर फिर भी लगता है की कोई है जो आपके रातों की नींद और दिन का चैन ले के गायब हो गई है।" अलविना ने मजे लेते हुए कहा।

“कमाल है बस, रहने दो। समझ आ गया है कितना कुछ जानती है आप फेस रीडिंग के बारे में।” न्यूटन ने जल्दबाजी से कहा। न्यूटन इस वक्त दिल खोल के हंस रहा था। अलविना उसे देख कर मुस्कुराने लगी।

फिर बोली "साहिल क्या हो गया। पागल हो गए हो क्या। बस करो।"


“कुछ नहीं मैं ठीक हूं। बस आपके प्रेडिक्शन्स पे हंसी आ रही थी।" न्यूटन अपनी हसीं रोकते हुए बोला।

"चलो मेरी बेफालतू के बातों से तुम्हारा मूड तो ठीक हुआ।" अलविना बोली।

"हां ये बात तो है, काई दिन बाद इतनी शिद्दत से हंसी आई है।" न्यूटन बोला।

"वैसे कितने दिनों बाद तुम खुल के हंसे हो साहिल, ये बात भी बता दो।" अलविना ने न्यूटन की आंखों में देखते हुए बोला।

"मतलब!" न्यूटन उसकी बात पर झेप गया।


"हां, बताओ ना कितने दिनो बाद तुम खुल के हंसे हो। और प्लीज सच बोलना।" अलविना अभी भी उसी तरह उसकी आंखें मैं देखते हुए बोली।

"मैं झूठ क्यूं बोल्ने लगा अलविना। और ये कौन सी बात हुई। मैं खुश हूं, मजे में हूं।" न्यूटन बोला।

“सच में, चलो तुम कह रहे हो तो मान लेते हैं, पर तुम्हारा चेहरा कुछ और बयान कर रहा है। खैर तुम नहीं बताना चाहते तो कोई बात नहीं, शायद अभी तक तुमको इतना यकीन नहीं है, जितना मुझे तुमपर है।" अलविना ने मुस्कुरा के जवाब दिया।

“नहीं ऐसा कुछ नहीं है अलविना। कोई बात हो तो करूँ ना शेयर करने के लिए।” न्यूटन बोला।

"हम्म... कोई बात नहीं साहिल, बस मैं तुमको इतना बताता देना चाहती हूं की मैं हर किसी के साथ रोड के किनारे बैठ के चाय नहीं पीती। और तुम वो पहले शक्स हो। अच्छा अब मैं चलती हूं।" अलविना ने उठते हुए कहा।

"प्लीज ऐसा कुछ नहीं है अलविना, मुझे आप पर भरोसा है।" न्यूटन ने उठी हुई अलविना का हाथ पकड लिया।

"मेरा हाथ छोड़ो साहिल!" अलविना ने कहा तो साहिल ने घबरा कर उसका हाथ छोड़ दिया और बोला "आई एम.. आई एम सॉरी, वो आप नराज हो के जा रही थी तो...।"

"इट्स ओके साहिल, पर मेरी नारजगी आपके लिए इतने मायने रखती है क्या!" अलविना फिर से बैठते हुए बोली।

“मेरे लिए हर उस शक्स की नराजगी मैंने रखती है जो मेरी जिंदगी मैं जरूरी है। और जो कुछ पिचले कुछ दिनो मैं हुआ है उसके बाद तो मैं किसी को नराज करने की सोच भी नहीं सकता।” न्यूटन बोला

"हम्म .. मतलब मैं आपकी जिंदगी में मायने रखती हूं, पर हुआ क्या है आपके साथ।" अलविना ने मुस्कुराते हुवे कहा।

"मैंने किसी का दिल तोड़ा है अलविना, और अब मुझे अपनी गलती का एहसास हो रहा है।" न्यूटन ने डूबते हुई आवाज मैं कहा।
"कोई लड़की है, जिस्का दिल तोड़ा है आपने।" अलविना ने न्यूटन की आंखों में देखते हुए कहा।

"हां, एक लड़की है। पर अब पता नहीं है की नहीं।” न्यूटन ने जवाब दिया।
"देखा मेरा अंदाज गलत नहीं होता। पर वो अब नहीं है से क्या मतलब हुआ। प्लीज जरा खुल के बतायें आप।"

अलविना ने इसरार किया तो न्यूटन अस अंजान लड़की के बारे में मैं सब बताता चला गया।
“ओह तो ये बात है, बड़ी ही कमाल की लड़की है, आपके सामने नहीं आई। आपके बारे में पूरी जानकारी रखी है। लगता है आप उसके दिल और दिमाग पे चले गए थे।” अलविना ने मजे से कहा।

"हां और अब वो मेरे दिल और दिमाग पे छाई हुई हैं।" न्यूटन बोला
“पर आप क्यों इतने परेशान हो रहे हैं। आपने तो कहा था की प्यार वेगरा मैं दिलचस्पी है नहीं, फिर क्यो उस लड़की के बारे में क्यों सोच रहे हैं। हो सकता है की वो मजाक कर रही हो। और आपके तो नहीं कहा था की वो आपके पीछे पड़ जाए। मोहब्बत कर ले।" अलविना ने हंसते हुई कहा।

“पता नहीं अलविना, मुझे क्या हो गया, उस रात की बातों से लगा की वो कहीं से भी झूठ नहीं बोल रही। उसकी एक - एक बात मैं सच्चाई थी। उसकी दलीलें और वो जाने से पहले आखिरी कॉल, सब कुछ सच था। मुझे लगता है की मैंने उसे मार डाला है।”

"हम्म… उस लड़की ने आपके दिल को फिर से धड़कना सिखाया है। अब आप क्या करेंगे?" अलविना ने कहा।
“क्या करूं कुछ समाज नहीं आता, रोज कॉल करता हूं, और एसएमएस भेजता हूं पर कोई जवाब नहीं आता। एक बार अगर वो मौका दे तो मैं काम से अपनी गलती की माफी मांग लूं।” न्यूटन ने जवाब दिया।

“अच्छा अगर वो आपको दोबारा मिल जाए और आपको माफ़ कर दे तो क्या आप मोहब्बत कुबूल करेंगे। आपको उसे देखा ही नहीं है, मान लिजिये की आपकी जितनी कबील या अच्छी ना दिखी हो, आप जानते हैं कि मैं क्या कहना चाहती हूं। अलविना ने पूछा।
“हर इंसान को दुसरा मौका मिलना चाहिए, मुझे भी दोबारा मोहब्बत करने का हक तो है। रही बात कब्लियत की, तो मेरे साथ रह के कबील हो ही जाएगी। और खूबसूरत, प्लीज देखो मुझे, मैं किस एंगल से आपको बहुत स्मार्ट दिखता हूं।" न्यूटन ने हस्ते हुए जवाब दिया।
"तुम लड़कियों को नहीं समझे सकते हो साहिल, ज्यादातर लड़कियों को एक अच्छा इंसान चाहिए होता है। ऐसा इंसान जो उनको समझ सके, उनको चाहे। बस इतना काफ़ी होता है।” अलविना ने मुस्कुरा के कहा।
"हम्म .. तो आपको भी क्या यही सब चाहिए।" न्यूटन ने पूछा।

“पता नहीं, पर अभी तो मुझे सिर्फ एक चीज चाहिए, कुछ खाना है। बहुत भूख लगी है।" अलविना ने उठते हुए कहा।
“हां भूख तो मुझे भी लग रही है। चलिये किसी अच्छी जगह चलते हैं, मैं भी कुछ खा लेता हूं।" न्यूटन ने उठते हुए कहा।
"एक सुझाव दू, मेरा घर पैदल दूरी पे है, मेरे घर चलो, मैं ठीक - थाक खाना बना लेटी हूं।" अलविना ने कहा।
"हॉस्टल के मेस से तो अच्छा होगा, पर आप के घर, आपके घर वालों को अच्छा नहीं लगेगा।" न्यूटन बोला
"अकेले रहती हूं, पैरेंट्स फॉरेन मेन हैं।" अलविना ने कहा।
"ओह..." न्यूटन बोला तो अलविना हंसते हुऐ बोली "डरो मत, तुमको इस बार नहीं मारूंगी या पिटवाउंगी। और एक बात और, दोस्ती और अपने पन से भारी चाय का शुक्रिया”
न्यूटन हसने लगा और अलविना के साथ उसके घर की तरफ चल पड़ा।


To be continued
in 40th Part