Teri Chahat Main - 21 in Hindi Love Stories by Devika Singh books and stories PDF | तेरी चाहत मैं - 21

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तेरी चाहत मैं - 21



अगले दिन ऑफिस मैं भी सब के दिमाग मैं शादी के फंक्शन का ही प्लान था। तभी सिमरन ने आ कर उनको कुछ क्लाइंट्स की फाइल्स देने आई। वो सब को समझ रही थी, क्या करना है।
उसके जाने के बाद न्यूटन बोला "राज कुछ आगे बढ़ेगा या नहीं। कब हम सिमरन को अपनी भाभी घोषित करेंगे।" राज बोला "उसमे टाइम लगेगा। इंतजार करो।”

सना बोली "तेरे को वो पसंद है की नहीं, ये बता।" राज ने कहा "हां, बहुत। मुझे तो अब उसके ख्वाब भी आते हैं।"
हीना बोली, “तो और कितना इंतजार करोगे। केह दे ना दिल की बात?"
राज बोला "नहीं यार पता नहीं क्या सोचेगी। अभी हम लोग मिले ही कितना हैं। ये सही नहीं होगा।"
अजय बोला "मेरे दोस्त, पहली नज़र का प्यार है तेरा। तेरी आंखों मैं मोहब्बत देखी है, और महसूस किया है की सिमरन भी तुमको पसंद करती है। देख भाई, इज़हार कर दे। फैसला ऊपर वाले पे छोड़ दे।”
राज सवालिया लेहजे मैं बोला "और अगर इनकार कर दिया तो?"
अजय मुस्कुराते हुए बोला "तो क्या हुआ, मोहब्बत है, कोई कॉन्ट्रैक्ट नहीं की दोनो की रजामंदी हो। तू इज़हार कर. भाई हर मोहब्बत पूरी नहीं होती, लेकिन मुझे यकीन है तेरी मोहब्बत पूरी होगी।”
तो भाई ये भी बता दो की इजहार ए मोहब्बत कैसे करा जाए? राज ने पुचा।
इसपर हीना बोली "कम्बखत, तो अजय को ही पटा भी लेने दे और वही शादी भी कर लेगा। तू कुछ ना कर, दिमाग इस्तमाल कर और दुनिया का सबसे पुराना तरीका कर लव लेटर वाला।”
राज बोला "पर वो कैसे लिखते हैं?" न्यूटन बोला "गूगल से हेल्प ले गधे।" राज बोला "सना, बता ओ तुम कुछ।" सना बोली “यार असली गूगल की बात हो रही है। मेरी नहीं।"
राज बोला “ओ मुझे लगा, तुम्हारी बात की जा रही है। खैर मैं करता हूं कोशिश।”
फिर सब अपने काम मे लग गए, और राज ने भी हिम्मत कर के किसी तरह एक प्रेम पत्र लिख ही दिया। फिर उसे एक लिफाफा मैं रख कर, चुप चाप सिमरन की टेबल पर रख आया।
थोड़ी देर बाद, सिमरन गुस्से मैं लाल हुई राज के पास आई और बोली, "आप जरा मुझसे मीटिंग रूम मैं आ कर मिलिए अभी।" उसकी आंखें लाल थी।
राज घबरा गया और चुप चाप बैठक कक्ष मैं चला गया। बाकी सब भी घबरा गए थे।
मीटिंग रूम मैं पहुच कर, राज बोला "जी सिमरन क्या हुआ?" सिमरन लेटर दिखाते हुए बोली "ये आपने लिखा है?"
राज डर कर फिर हकलाने लगा "जे जे जे वो... मैं ....." "हकलाना बंद करिये और हा या ना मैं जवाब दिजिये" सिमरन ने बहुत धीरे से कहा।
राज ने हिम्मत बटोरे के कहा, "जी मैंने ही लिखा है।" सिमरन ने कहा "अपने क्या सोच कर ये हरकत की। क्या समझते है आप अपने आप को?”
राज बोला “वो..वो मैं…. मुझे लगा, मतलब….मतलब, सबने कहा की मैं आपको पसंद करता हूं, तो मैंने लव लेटर लिख दिया……” राज हकलाते हुए बताता हैं।
सिमरन बोली "तो मतलब आप मुझे पसंद नहीं करते, बस लोगो ने कहा और आप ने लेटर लिख दिया।"
"नहीं - नहीं, ऐसी बात नहीं है, मैं तो आप को पसंद करता हूं। वो बस….. ओह मैं ये क्या बक रहा हूं। देखिये आई एम सॉरी। प्लीज इस लेटर को को इग्नोर करिये ।"
सिमरन बोली "क्या कहा अपने, मैं इग्नोर कर दूं। क्या इग्नोर कर दूं। ये लेटर या आप मुझे नहीं पसंद करते।"
राज बोला “बस… बस सब कुछ भूल जाओ। सोचिये ये कभी नहीं हुआ। मैं भी उन सबकी बातो मैं आ गया और सब गडबड कर डाली।”
सिमरन ने मुस्कुराते हुए कहा, "ओह ऐसी बात है, मतलब मिस्टर राज आप मुझे पसंद नहीं करते और न ही मुझे प्यार करते हैं?"
राज बोला “नहीं सिमरन ऐसा नहीं है मैं आपको प्यार करता हूं…। ओह शिट फ़िर मैं गड़बड़ बोल गया। देखिये प्लीज मुझसे गलती हो गई। मुझे माफ़ कर दिजिये। मैं…..मैं जाता हूं।”
राज पलट कर दरवाजे की तरफ मुडा तो सिमरन बोली "अगर प्यार करते हो तो माने क्यूं नहीं?"
राज रुक गया और पलटा। सिमरन खडी हुई मुस्कुरा रही थी।
राज फिर बोला “मै…. मैं……। "
"ये मैं - मैं करना बंद करो और सच - सच बता दो, क्या तुम मुझे को पसंद नहीं करते। क्या मैं इतनी बुरी हूं!" सिमरन राज के करीब आ कर बोली।
अब राज की थोड़ी सी हिम्मत आई। कौन बोला "मैं सच में तुमको पसंद करता हूं, और प्यार करता हूं।"
सिमरन ने मुस्कुराते हुए कहा "जरा सही से प्रपोज करो। फीलिंग नहीं आ रही।"
राज तब उसके पास आ के बोला "मुझे लगा की मेरे नसीब मैं कभी खुदा ने बहारे नहीं बख्शी, दिल में हर तरफ पतझड़ ही तो था, फिर आपके आने से ऐसा लगता है कि तुम आए हो जिंदगी में मेरी बहार बनके… .. सिमरन क्या आप मेरी जिंदगी मैं हमेशा बहार की तरह रहेगी, मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं।"
सिमरन ने मुस्कुरा के सिर्फ रजामंदी में आंखे झुका ली।
फ़िर सवालिया अंदाज़ से पुछा "जब इतनी मोहब्बत है तो, इतनी देर क्यूं लगा दी इज़हार मैं?" राज बोला "मैं असल मैं सही वक्त का इंतजार कर रहा था।"
सिमरन जल्दबाजी हुई बोली "तुम्हारे सही वक्त के चक्कर में कोई और मुझे ले जाता, तब क्या करते!" राज मुस्कुरा के बोला "फिर मैं किसी और को लेटर लिखता।"
सिमरन बोली “अगर लिखते तो बहुत जूते मिलते। लेटर मैं बहुत स्पेलिंग मिस्टेक हैं, और ऐसा लग रहा है की लव लेटर ना हो के, तुम जॉब के लिए एप्लीकेशन दे रहे हो।" ये कह कर वो खिलखिला कर हंसने लगी। राज बोला "असल मैं पहली बार लिखा है ना, प्रैक्टिस नहीं है। अगली बार ठीक से लिखूंगा।”
सिमरन ने उसे घूरते हुए कहा "हाथ तोड़ दूंगी अगर किसी और को लिखा।" राज हसने लगा। फिर बोला "क्या मैं ये मान लूं की आप भी मुझे पसंद करता है?"
सिमरन ने अदा से कहा "अब जब अप्लाई किया ही है तुमने, तो मना करके मैं तुम्हारा दिल नहीं तोडने वाली। मुझे पता है की तुम्हें कोई और लड़की तो पुछेगी नहीं। मैं ही मान जाती हूं।"
राज बोला “ओह…. इतना जब पसंद था तो इतना गरम क्यू हो रही थी?" सिमरन जल्दबाजी हुई बोली "वो तो मैं बस मज्जे ले रही थी। कसम से तुम्हारी हालत देखने वाली थी। इतना डेयर हुआ था की अगर ड्रामा थोड़ा और चलता तो पता नहीं क्या हो जाता।”
राज बोला "तुम बहुत ज़लिम हो, बच्चे की जान निकल दी तुमने।" सिमरन हसने लगी और बोली “क्या मेरा मासूम बच्चा है! कितना डरता है।"
फिर राज बोला "अच्छा रविवार को क्या आप फ्री हैं?" सिमरन जल्दबाजी हुई बोली "है ! क्या मुझे डेट पे ले जा रहे हो।”
राज बोला "नहीं, छोटा सा फंक्शन है। रूबी आप की दुबारा शादी करवा रहे हैं। आप भी आई। सब से मिल लिजिये गा।”
सिमरन जल्दबाजी हुई बोली "वाह!!! पहली डेट सीधे घर मे। वो भी सबके साथ। मजा आ गया। पर मुझे डेट पर भी तो ले जाओगे या इसी तरह निपटा दोगे! मुझे बड़ा क्रेज है की कोई मुझे भी डेट पे ले जाए। "
राज बोला "यह सब होगा। आप के सब सपने पूरे होंगे, बस देखती जाएं।” सिमरन बोली "संडे पक्का है ना। मुझे पिक कर लेना।” "जी ज़रूर पिक कर लुंगा" राज ने कहा।
फिर दोनो खुशी - खुशी बहार आ गए। राज मस्कुराते हुए अपनी सीट पे आ कर बैठा गया। सब उसे घूर कर बैठे गए। हीना बोली "राज क्या हुआ। जल्दी बता?"
राज मस्कुराते हुए बोला "तुम लोग अब सिमरन को अपनी भाभी घोषित कर सकते हैं।"

ये सुन कर सभी बहुत खुश हो गए।

To be continued
in 22th part