Teri Chahat Main - 7 in Hindi Love Stories by Devika Singh books and stories PDF | तेरी चाहत मैं - 7

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तेरी चाहत मैं - 7

कुछ दिन ऐसे ही मज़े में बीते। सब अच्छा चल रहा था। अजय और उसके दोस्त की स्टडीज, उसके बाद अजय और न्यूटन की जॉब सब कुछ अच्छा बीत रहा था। कुल मिला कर चंडाल चौकड़ी की जम रही थी। लेकिन ये सब ऐसे नहीं रहने वाला था। उस दिन सना और हिना, दोनो कैंटीन में पहुंची तो परेशान थीं। सब ने पूछा कि क्या हुआ? तो सना रोने लगी। यह देख अजय, राज, रोहित और न्यूटन उसे चुप कराने लगे और हिना से पूछने लगे कि क्या हुआ?

हिना बोली “मैं और सना आज मार्केट से आ रहे थे। रास्ते में जब हम यूनिवर्सिटी कैंपस के लिए मुड़े तो वह जो खाली रोड है उसपर विक्रम के फालतू दोस्त खड़े थे। उन लोगों ने हम लोगों पर फब्तियां कसी और हम दोनो को स्कूटी से गिरा भी दिया। फिर उसमे से एक ने तो मेरे बाल भी खींचे। उस जगह को अड्डा बना लिया है विक्रम और उसके लफंगे दोस्तो ने।”

ये कह के हिना भी रुसवा सी हो गई। अजय और उसके दोस्तों का खून खौल गया। अजय वहां से उठकर चला गया, पीछे-पीछे राज और बाकी सब भी थे।

अजय ने कहा, “चलो आज विक्रम की हीरो गिरी खत्म कर ही देते हैं।” इतना कह कर अजय तेज कदमो से यूनिवर्सिटी कैंपस से चला गया। पीछे पीछे बाकी भी हो लिए। थोड़ी दूर पर पेड़ के नीचे कुछ लड़के खड़े थे।

अजय और बाकी उनके पास पहुंचे, और बोले “क्या आप लोगों के अंदर शराफत बिल्कुल खत्म हो गई है जो आप लोग आने जाने वाली लड़कियों से इतनी बदसलूकी करते हैं?”

उनमे से एक बोला “हमारा दिल, हम कुछ भी करें। तेरे को लेक्चर देने को नहीं बोला। तू जानता नहीं क्या विक्रम को। हम उसके दोस्त हैं। किसी में इतना दम नहीं जो हमसे ऊंची आवाज में बात करे, चल जा किस लिए अपनी शामत बुला रहा है। “

अजय बोला “पता है ज़ैन नाम का कार्टून कौन है, ज़रा विक्रम से भी पूछो कि उसका हाथ कैसा है जो मैंने मोड़ा था। तुम सब उस कार्टून का दम भर रहे हो, जिसमे इतना दम नहीं कि अकेले किसी से आंख मिलाकर बात कर सके।”

इस पर एक दूसरा लड़का बोला “ओह तो तू है वह नया हीरो! चल पता तो चले कितना दम है तेरे में। विक्रम ने बताया था कि तेरी क्लास लेनी है, चल आज देखते हैं।” इतना कहकर उस लड़के ने चाकू निकाला और अजय पर हमला किया।

अजय ने उसके हाथ को बीच में ही रोका, और उसके गले को एक हाथ से पकड़ लिया। दोनो हाथो का ज़ोर लगाने लगा, एक कलाई पर और दूसरा गर्दन पर। अजय की गिरफ्त ज़बरदस्त थी। वह लड़का उसे छुड़ाने लगा। बाकी साथी आगे बढ़े तो राज, रोहित और न्यूटन भी पीछे ना रहे।

एक जोरदार लड़ाई शुरू हो गई। चाकू, ब्लेड, हॉकी सब इस्तेमाल हुए, लेकिन काम ना आए। मिट्टी के शेर असली शेरों के आगे बिखर गए, कुछ देर बाद वो लड़के जमीन सूंघ रहे थे। उनकी हॉकी स्टिक उन पर ही तोड़ डाली गई।

अजय बोला, “ये जो चाकू-छुरियां तुम दिखाकर हमको डरा रहे थे, एक गलती कर गए। अभी तक तुम लोगों का सामना मर्दों से नहीं हुआ। ये चाकू-छुरियां कोई भी रख लेता है, पर उसे किसी मर्द के आगे चलाना, तुम जैसे गिरे हुए लोगों के बस का नहीं। देख लो अपना हाल।”

राज बोला “चलो चला जाए। कूड़ा उठाने के लिए अब क्या रुकना।”

अजय बोला “रुको राज, वैसे ही इन लोगों की कोई इज्जत नहीं है, पर इनको पता चलना चाहिए की लड़की की इज्जत क्या होती है जो ये लोग सारे आम रोज उतारने की कोशिश करते हैं।”

रोहित बोला “अब क्या करना है? इतनी मार तो शायद इनके मां-बाप ने भी नहीं मारी होगी।”

अजय बोला “देखते जाओ, पर पहले इन नमूनों को बांध दो एक साथ, इस पेड़ से, जिसके नीचे ये अपना अड्डा बनाए हुए हैं।”

राज बोला “रस्सी कहाँ से लाए?”

न्यूटन बोला “इनकी शर्ट्स जो फट गई है, किस दिन काम आएगी?”

फिर क्या था आनान फानन में वो लड़के पेड़ से बंधे थे। फिर अजय ने उनके चाकू को उठाया, और उनके पास जाकर बोला “इसका एक इस्तेमाल मैं तुम्हें दिखाता हूं।”

फिर अजय ने उसी चाकू से उनका सर गंजा करना शुरू किया। उसे देख बाकी भी जुट गए। कुछ देर के बाद सब के सर गंजे थे और जिनकी मूंछें थीं, वो आधी थीं।

न्यूटन बोला “यार जरा सा मेकअप कर देते हैं।” फिर वो उन्हीं की बाइक्स का ग्रीस निकालकर, उनके चेहरे पर मलने लगा।

तभी वहां हिना और सना भी कुछ दूसरे स्टूडेंट्स के साथ आ गईं। उन लफंगों का ये हाल देखकर सब हसने लगे। तबी वहां से विक्रम और रिया कार से गुज़रे। ये देख वो लड़के चिल्लाने लगे “विक्रम हमें छुड़ाव।” पर विक्रम इतने सारे लोगों को देख वहां से चला गया। रिया अजय को घूरती रही। उसका खूबसूरत और गुलाबी चेहरा और लाल होता चला गया।

ये देख अजय बोला “लो देख लो जिसका तुम दम भर रहे थे वो तो खुद भाग गया। ये सुन बाकी सब हसने लगे।” फिर अजय और बाकी लोग भी वापस आ गए।



To be continued in 8th Part