Mahila Purusho me takraav kyo ? - 41 in Hindi Human Science by Captain Dharnidhar books and stories PDF | महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 41 - अभय ने दामिनी से की कोर्ट मेरिज

Featured Books
  • అరె ఏమైందీ? - 16

    అరె ఏమైందీ? హాట్ హాట్ రొమాంటిక్ థ్రిల్లర్ కొట్ర శివ రామ కృష్...

  • నిరుపమ - 2

    నిరుపమ (కొన్నిరహస్యాలు ఎప్పటికీ రహస్యాలుగానే ఉండిపోతే మంచిది...

  • అరె ఏమైందీ? - 15

    అరె ఏమైందీ? హాట్ హాట్ రొమాంటిక్ థ్రిల్లర్ కొట్ర శివ రామ కృష్...

  • నిరుపమ - 1

    నిరుపమ (కొన్నిరహస్యాలు ఎప్పటికీ రహస్యాలుగానే ఉండిపోతే మంచిది...

  • ధర్మ -వీర - 5

    వీర ఒక్కసారిగా వెనక్కి తిరిగి చూస్తాడు, చూసి "వీడా, వీడికి ఎ...

Categories
Share

महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 41 - अभय ने दामिनी से की कोर्ट मेरिज

केतकी की तेरहवी हो चुकी थी । करीब 20 दिन बाद .. जब अभय पर केतकी की माॅ का ध्यान गया ..उसे लगा कि मेरा दामाद कितने अच्छे शील स्वभाव का है .. अभय को वहां सभी की देखभाल करते देखा था , रातभर जग जग कर सभी की देखभाल कर रहा था । वह अभय के बारे मे सोचकर दुःखी हो रही थी । केतकी की मृत्यु के बाद सबका केन्द्र बिन्दु वह खुद बनी हुई थी । सबको चिन्ता केतकी की माॅ की ही थी ।
कहावत प्रचलित है कि बेटे से भी प्यारा महिलाओ को अपना दामाद लगता है । इसलिए ही संतोष ने दामिनी के विवाह का प्रस्ताव रख दिया .. दामिनी केतकी की सहेली थी , उसका तलाक हो चुका था । दामिनी ने एक मुस्लिम लड़के से प्रेम विवाह किया था । अक्सर केतकी दामिनी को लेकर अपनी मा से कहा करती थी .. दामिनी को फौजी से विवाह करना पसंद है । मा !..यदि मुझे कुछ हो जाये तो' अभय से इसकी शादी करवा देना ..

उसकी कही बात को याद करके संतोष ने दामिनी का विवाह अभय से करवाने की बात कह दी । उसकी यह बात सुनकर सभी ने पहले तो हल्के मे लिया ..सोचा ..इसका मानसिक संतुलन अभी ठीक नही है ..
लेकिन सबका ध्यान तो उसने इस ओर कर ही दिया था । अभय ने कभी ऐसा सोचा भी नही था .. ऐसी बात इतनी जल्दी ही शुरू हो जायेगी ।

उधर दामिनी के मन मे अभय को लेकर एक तस्वीर उभरने लगी । उसने अपने मन मे सोचा ऐसा अगर होता है तो मुझे कोई आपत्ति नही है । दामिनी बाहर निकल गयी ...
उसने अपनी बड़ी बहिन से फोन पर बात की ..केतकी की मा की कही सारी बात बताई ..बड़ी बहिन ने कहा ..दामिनी अगर ऐसा होता है तो बहुत अच्छी बात है.. यदि तुझसे कोई पूछता है तो कह देना मेरे पापा से बात कर लो ..वे ही डिसाइड करेंगे ..
अभय के पिता पूरण सिंह ने दामिनी के बारे मे पूछताछ की तो उसे पता लगा वह पुलिस मे है और तलाकशुदा है । उसको बड़ा बुरा लगा कि समधन के दिमाग मे यह कैसे आया ..हम ऐसी लड़की को बहु बना लेंगे .. अभय के लिए बहुत लड़कियां मिल जायेंगी .. अभय की मा ने कहा ..अब हमे चलना चाहिए.. यहां रूकना ठीक नही है ..

दूसरी तरफ केतकी की मा ने अभय को अपने पास बुलाकर कहा दामाद जी ..केतकी की इच्छा थी इस लिए मैंने कह दिया ..आपकी मर्जी है.. आप कही ओर भी शादी करलोगे तो भी हमारे दामाद रहोगे .. आपके मम्मी पापा अगर राजी हो तो ही यह रिश्ता करना ...

दामिनी को अपनी बड़ी बहिन से सहमति मिलने के बाद .. दामिनी ने कजरी को फोन किया । (कजरी की केतकी बेस्ट फ्रेंड थी ) कजरी ने कहा ..मैं जीजू ( अभय ) से बात करूंगी ।

इस तरह से बातों का दौर चला ..अभय को शादी करने के लिए तैयार कर लिया गया ..
अभय के मम्मी पापा ने अभय को मना कर दिया था .. बेटा यह रिश्ता नही हो सकता .. अभय ने कहा ..पापा ! आप सीकर जा रहे हो ..मै एक दो दिन रूक कर आऊंगा ..

अभय के माता पिता वहां से रवाना हो गये .. उनके जाने के बाद ..अभय ने अपनी सास से कहा .. कल मैं भी जाऊंगा .. आंखो मे आंसू लिए संतोष ने कहा ..हां ..अब तो जाना ही होगा ..नौकरी पर .. हमसे मिलते रहना.. अभय ने कहा ..हां हां क्यों नही ..मै बात भी करता रहुंगा ।

दामिनी भी अगले दिन अभय के साथ ही ट्रेन से रवाना हो गयी .. ट्रेन मे एक साथ सफर कर रहे दामिनी व अभय की मनोदशा अब पहले जैसी नही थी .. दामिनी ने हिम्मत करके अपने मनकी बात अभय से कह दी .. देखो जीजू आप भी बैल्ट की नौकरी करते हैं और मै भी .. यदि आप तैयार है तो मुझे कोई आपत्ति नही है..
अभय ने कहा मेरे मम्मी पापा को विश्वास में लेना होगा.. दामिनी बोली हां आप उनको समझाओ ..अब जमाना बदल गया है .. जात पात से ऊपर उठना होगा ..और किसी को तो पहल करनी ही होगी ..
अभय ने दामिनी को देखा .. एकटक लगाए देखता ही रह गया .. फिर मुस्कुराकर.. कहने लगा ..क्या मैं आपके योग्य हूँ..

दामिनी ने कहा ..देखो जीजू .. आप योग्य हैं इस लिए ही मैने पूछा है..

पुरूषों की यह कमजोरी ही समझनी चाहिए ..यदि लड़की खुद विवाह का प्रस्ताव रखे और पुरूष उसको मना नही कर पाते .. हां मन मे थोड़ी चाह भी हो ..
अभय ने भी हां करते हुए ..दामिनी के दोनों हाथ अपने हाथों में थाम लिए.. पास की सीट पर बैठे दंपत्ति सब सुन रहे थे .. उन्होने सारी कहानी सुनी .. और उनके फैसले को सही बताया .. और कोर्ट मैरिज करने की सलाह दी .. दामिनी ने कहा जीजू ..! बीच मे अभय ने टोका, अब जीजू नही .. दामिनी मुस्कुराकर ठीक है .. अभय !.. आपकी छुट्टियां कब तक है ? अभी तो दस दिन और है ...ओह.. तब तो हमें जल्दी ही कोर्ट मैरिज कर लेना चाहिए.. अभय अपने मम्मी पापा को लेकर सोचने लगा .. यदि उनसे कहुंगा तो ..वे तैयार नही होंगे.. फिर निर्णय किया कि पहले शादी कर लेता हूँ ..फिर तो मान ही जायेंगे ..
अभय ने कहा ..हम सीधे ही कोर्ट चलेंगे . अरे अरे तैयार भी नही होंगे क्या ..?
दामिनी ने अपने परिचित वकील से बात की ओर समय ले लिया .. जरूरी कागजात पूछ लिए कि क्या क्या साथ लाना है ..वकील ने कहा दो गवाह आईडी प्रूफ जन्म प्रमाणपत्र व फोटो ।
उसी दिन अभय और दामिनी ने कोर्ट मैरिज कर ली ।