१ सच है, शत्रु से संभलकर और हो सके तो चार हाथ दूर ही रहने में भलाई होती है। २ सीख - बुद्धिमानों की सलाह गंभीरता से लेनी चाहिए। ३. सीख- आपस की फूट सदा ले डूबती है। ४. सीख -- 1. एकता में बल हैं। 2. अहंकारी का देर या सबेर अंत होता ही हैं। ५. सीख- एकजुट होकर बड़ी से बड़ी विपत्ति का सामना किया जा सकता है। ६ सीख- शत्रु को अपने घर में पनाह देना अपने ही विनाश का सामान जुटाना है। ७. सीख- आपसी सद्भाव व प्रेम सदा एक दूसरे के कष्टों को हर लेते हैं। ८. सीख- दूसरों की चिकनी-चुपड़ी बातों में आने की मूर्खता कभी नहीं करनी चाहिए। ९. शिक्षा- सच्चा मित्र वही है जो संकट में काम आए। १० सीख- जो स्वयं को ही सबसे श्रेष्ठ समझता है उसका अहंकार शीघ्र ही उसे ले डूबता है। ११ सीख- चापलूसों की दोस्ती हमेशा खतरनाक होती है। 12. सीख- अपनों से बदला लेने के लिए जो शत्रु का साथ लेता है उसका अंत निश्चित है। 13 सीख-- झूठी शान बहुत महंगी पडती हैं। कभी भी झूठी शान के चक्कर में मत पड़ो। 14. सीख- ढोंग कुछ ही दिन चलता है, फिर ढोंगी को अपनी करनी का फल मिलता ही है। 15. सीख- शेखी मारने वाले ढोल की तरह ही अंदर से खोखले होते हैं। 16. सीख- भाग्य के भरोसे हाथ पर हाथ धरकर बैठे रहने वाले का विनाश निश्चित है। 17. सीख- शत्रु की बातों पर विश्वास करना अपनी मौत को दावत देना है। 18. सीख- बुद्धि का प्रयोग करके हर संकट का हल निकाला जा सकता है। 19. सीख-- नकल करने के लिए भी अकल चाहिए। 20. सीख- 1. दूसरों को धोखा देने वाला स्वयं धोखा खा जाता है।2. संकट के समय बुद्धि से काम लेना चाहिए। 21. सीख- 1. दूसरों की बातों पर आंखें मूंदकर विश्वास नहीं करना चाहिए।2. मुसीबत में धीरज व बुद्धिमानी से कार्य करना चाहिए। 22. सीख- चतुराई से शारीरिक रुप से बलशाली शत्रु को भी मात दी जा सकती है। 23. सीख- पहनावा बदलकर दूसरों को कुछ ही दिन धोखा दिया जा सकता है। अंत में असली रुप सामने आ ही जाता है। 24. सीख- दो के झगड़े में तीसरे का ही फ़ायदा होता हैं, इसलिए झगडों से दूर रहो। 25. सीख- सतर्क व्यक्ति जीवन में कभी मार नहीं खाता। 26. सीख- अधिक कंजूसी का परिणाम अच्छा नहीं होता. 27. सीख- अपने शुभचिन्तकों और हितैषियों की नेक सलाह न मानने का परिणाम बुरा होता है। 28. सीख- अजनबियों पर कभी विश्वास न करो. 29. सीख- मूर्खों को सीख देने का कोई लाभ नहीं होता। उल्टे सीख देने वाला को ही पछताना पडता है। 30. सीख- बेमौके मुंह खोलना बहुत महंगा पडता है। 31. सीख- कई में दूसरों के रंग में भंग डालने की आदत होती है और वे उम्र-भर की दुश्मनी मोल ले बैठते हैं। 32. सीख- नकली पन की पोल देर या सबेर ज़रूर खुलती है। 33. सीख- शत्रु की सलाह में उसका स्वार्थ छिपा होता है। 34. सीख- बिना सोचे-समझे कोई काम न करो। 35. सीख- संगठन शक्ति बड़े-बड़ों को धूल चटा देती है।