Ziddi Ishq - 36 in Hindi Anything by Sabreen FA books and stories PDF | ज़िद्दी इश्क़ - 36

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ज़िद्दी इश्क़ - 36

"वैसे माहेरा मैं ने तुम्हारी ज़ुबान का बिरयानी से इलाज किया था।"

माज़ उसे बिरयानी वाली बात याद दिलाते हुए बोला।

"हाहाहा....जिसमे मिर्चें नही थी।"

माहेरा हस्ते हुए बोली तो माज़ का मुंह हैरानी से खुल गया।

"रामिश भाई मेरी दोस्त प्लस भाभी कैसी है??"

माहेरा ने अचानक से रामिश से पूछा।

"रामिश तुम्हारी भी बीवी है?????"

क्योंकि शेर खान ने अलीज़ा को बस माज़ की शादी के बारे में बताया था इसलिए रामिश कि शादी का सुनकर वोह हैरान होकर बोली।

"जी मैम...वोह मैं ने भी माज़ के साथ ही शादी करली थी। वोह माहेरा की दोस्त है। कल वोह मेंशन आएगी तो मैं आपको मिलवा दूंगा।"

वोह बालो में हाथ फेरते हुए बोला।

"अहां बहोत अच्छे....अब तो मुझे लगता है सलमान की भी शादी हो गयी होगी!"

अलीज़ा ने मुस्कुराते हुए सलमान को देखा।

"बिल्कुल नही...मॉम मैं आपका अच्छा बेटा हु मैं आपको ले कर ही शादि करने जाऊंगा।"

सलमान अलीज़ा की बात सुनकर शरीफ बनते हुए बोला।

"मॉम इसकी शक्ल पर मत जाए आपके इस शरीफ बेटे ने भी लड़की पसंद की हुई है।"

माज़ को उसकी शराफत एक आंख ना भाई इसीलिए वोह उसका भंडा फोड़ते हुए बोला।

"वाह बेटा जी ज़रा इधर तो आना।"

माज़ की बात सुनकर अलीज़ा ने उसे घूरते हुए अपने पास आने के लिए कहा।

"डैड आप कोने में खड़े हँस क्या रहे है मेरी मदद करे।"

सलमान शेर खान को मुस्कुराते देख कर बोला।

"बेटा येह तुम्हारा और तुम्हारी माँ का मसला है और तुम्हे हम से झूठ बोलने के लिए किसने कहा था।"

शेर खान ने मुस्कुराते हुए कहा।

शेर खान की बात सुनकर वोह मासूम सी शक्ल बना कर अलीज़ा के पास चला गया तो वोह उसके कान खींच कर बोली।

"चलो जल्दी बताओ ज़रा कौन है वोह हूर जिसे येह लँगूर मिला है।"

"आह....मॉम मैं कहा से आपको लंगूर दिखता हु। इतना हैंडसम हु बल्कि मैं माज़ भाई और रामिश भाई से ज़्यादा हैंडसम हु।"

वोह पहेले तो अलीज़ा की बात सुनकर सदमे में ही चला गया और फिर सम्भल कर जल्दी से बोला।

"माज़ डॉक्टर अलेक्स आ गए है मैं उन्हें लेने जा रहा हु।"

रामिश अचानक से बोला तो सबका ध्यान उसकी तरफ चला गया।

"हम्म...ले कर आओ।"

माज़ ने कहा।

माज़ का जवाब सुनकर रामिश दूसरी तरफ का दरवाज़ा खोल कर बेसमेंट में चला गया।

डॉक्टर के आने के बाद सलमान और रामिश कमरे से बाहर चले गए।

डॉक्टर ने पहेले अलीज़ा के चेक और उसकी दवाइयां लिख दी और उसके बाद माहेरा को चेक करके उसकी दवाइयां लिख दी तो माज़ डॉक्टर अलेक्स को वापस छोड़ने के लिए चला गया।

............

डॉक्टर के जाने के बाद माज़ माहेरा को ले कर स्टडी रूम में आया। वहां पहले से ही रामिश और सलमान मौजूद थे।

माज़ स्टडी रूम में लगे सोफे पर बैठ गया तो माहेरा भी उसके पास ही बैठ गयी जबकि रामिश और सलमान खड़े ही थे।

"माहेरा मैं चाहता हु इंडिया में तुम्हारे साथ जो हुआ वोह हम सबको डिटेल में बताओ।"

माज़ ने कहा तो माहेरा उन सबको एक नज़र देखते हुए सारी बात बताने लगी। उन सबको इंडिया की बात बताते हुए उसकी आँखों से आंसू गिर रहे।

सब कुछ बताने के बाद उसने एक नज़र माज़ को देखा जिसका चेहरा गुस्से से लाल हो गया था।

माज़ ने उसे अपनी बाहों में ले कर चुप कराया और फिर पूछा।

"माहेरा वोह लिफाफा कहा है जो तुम्हे भालू में से मिला था???"

"वोह मैं जो बैग लायी थी उसी में है।"

माहेरा ने अपनी भीगी पलके झपकाते हुए कहा।

माज़ ने रामिश से बैग लाने का इशारा किया जबकि सलमान उस छोटी से लड़की की बहादुरी अक्लमन्दी से हैरान हो गया।। वोह दिखने में कितनी नाज़ुक दिखती थी कि एक हल्की सी फूंक से उड़ जाए लेकिन वोह थी चालक और होशियार.......

रामिश वोह बैग ले कर आया और उसे माहेरा को दिया।

माहेरा ने बाग खोल लर उसमे से लिफाफा निकाल कर माज़ को देखा जिसने आंखों से लिफाफा खोलने का इशारा किया।

माहेरा ने लिफाफा खोला तो उसमें एक डायरी और यूएसबी थी। माहेरा ने डायरी का पहेला पेज खोला तो उस मे उसका नाम लिखा हुआ था।

"माहेरा रात को डायरी पढ़ लेना अभी हम यूएसबी देख लेते है।"

माज़ ने माहेरा से कहा जो डायरी खोल कर देख कर कहा।

उसकी बात सुनकर माहेरा ने डायरी बंद करदी।

सलमान ने अपने पीछे से लैपटॉप उठा कर माज़ को दिया। उसने लेपटॉप ऑन करके उसमें यूएसबी लगाई।

उसने ड्राइव ओपन की तो उसमें कुछ फोटो थी।

माज़ ने फ़ोटो ओपन की सबसे पहली फ़ोटो उसके डैड के मैनेजर की थी।

"येह डैड के मैनेजर है।"

अगली फ़ोटो इंस्पेक्टर की थी।

"येह वही इंस्पेक्टर है जिसने मुझे टॉर्चर किया था।

अगली फ़ोटो उनके बिज़नेस पार्टनर की थी।

"येह डैड के बिजनेस पार्टनर है।"

आखिरी फ़ोटो देख कर माज़ को हैरानी हुई और फिर बात समझ मे आते ही उसके चेहरे पर स्माइल आ गयी जो किसी के देखने से पहेले ही गयेब हो गयी।

"मुझे नही पता येह कौन है लेकिन देखा हुआ लग रहा है।"

माहेरा ने आखिरी फ़ोटो देख कर माज़ से कहा।

"कोई बात नही जब तुम्हे याद आ जायेगा तब तुम बता देना और मैं चाहता हु अब तुम कमरे मे जा कर येह डायरी पढ़ो और फिर हमें बताओ कि इस मे क्या लिखा है।"

माज़ ने माहेरा के माथे पर किस करके उसे जाने के लिए कहा।

वोह उसकी बात सुनकर अपनी जगह से उठी और बाहर जाने लगी तो उसे पीछे से माज़ की आवाज़ आयी।

"माहेरा कुछ खा कर मैडिसन खा लेना।

उसकी बात सुनकर माहेरा उदासी से मुस्कुराते हुए बाहर चली गयी।

उसकी मॉम भी तो उसे इसी तरह कहती थी। वोह अपने पेरेंट्स के बारे में सोचते हुए वहां से चली गयी।

क्योंकि रामिश और सलमान ने फोटोज नही देखी थी इसलिए उन्हें येह भी नही पता था कि आखिरी फ़ोटो में कौन है।

"हाँ रामिश बोलो तुम मुझे क्या बताने वाले थे??"

माज़ ने सिगरेट सुलगाते हुए रामिश से पूछा।

उसकी बात सुनकर रामिश ने उसे अपने और सोफिया के बीच हुई सारी बात बता दी और अपने फोन से एक फोटो निकाल कर माज़ को दिखाते हुए बोला।

"येह उसकी बहेन अन्नू है।"

"भाई मुझे भी तो फ़ोटो दिखाए!"

सलमान एक्ससाइटेड हो कर बोला तो माज़ ने फोन उसको दे दिया।

"लीना....."

वोह मुंह ही मुंह मे बड़बड़ाया।

"भाई येह लड़की तो लीना है। येह वही लड़की है जिसे मैं पसंद करता हु। इसकी मेमोरी लॉस हो गयी वोह एक साल पहले ही कोमा से बाहर आई है इनफैक्ट किसी ने इसे मुझे मारने के लिए भेजा था।"

सलमान हैरान होता हुआ जल्दी से माज़ से बोला।
"हम्म्म्म......तो इसका मतलब उन दोनों को ब्लैकमेल करके वोह तुम दोनों को मरवाना चाहता था। माहेरा को भी किसी ने मारने की कोशिश की और मॉम पर भी हमला हुआ था। इन सब मे एक चीज़ कॉमन है वोह हु मैं।"

"वोह जो कोई भी है मुझे मारना चाहता है और तुम लोग इस फ़ोटो को ज़रूर देखना चाहोगे इसमें उस आदमी का सुराग है।"

वोह लैपटॉप पर आखिरी आदमी की फ़ोटो दिखाते हुए बोला।

"येह.....मुझे तो पहेले ही इस पर शक था। तुम्हारी वजह से इसका बेटा मरा था। वोह तुम से इसी बात का। बदला लेना चाहता है।"

"सलमान लीना या अन्नू जो भी उसका नाम है। मैं चाहता हु तुम उसे फोन करके यहां बुलाओ और कहो प्लान के मुताबिक जो उसे कॉल करता है उससे कहे कि वोह तुम्हे रोम में मरना चाहती है।"

"और रामिश तुम सोफिया को को यहां मेंशन में बुला लो और उसे उसकी बहेन के बारे में भी बता देना।"

"एक बार वोह दोनो इस मेंशन में आ जाये फिर हम उनको प्रोटेक्ट करेंगे।"

"और मैं चाहता हु एक कंपनी के ज़रिए तुम इस इंस्पेक्टर को इटली का फ्री टूर टिकट भेजो। चार दिनों के अंदर येह मुझे रोम में चाहिए।"

माज़ ने कहा तो वोह दोनो वहां से चले गए।

...........

माहेरा अपने कमरे में बिठा उस डायरी को पढ़ रही थी।

पास्ट.......

माहेरा के डैड एक वकील थे। किसी केस के चलते उन्होंने ने एक गैंगेस्टर से पंगा ले लिया था जिसकी वजह से उस गैंगेस्टर ने उसके माँ बाप को मार दिया था लेकिन माहेरा की मॉम ने उसे वार्डरोब में छुपा दिया था जिसकी वजह से उसकी जान बच गयी।

ज़ाकिर साहब उनके छोटे भाई थे अपने भाई की मौत के बाद उन्होंने ने उसे गोद ले लिया था। वोह माहेरा को अपनो सगी बेटी की तरह ही प्यार करते थे।

ज़ाकिर साहब को लगातार बिज़नेस में लॉस हो रहा था। उनके पार्टनर ने उन्हें एक डील के बारे में बताया था जिससे उनका बिज़नेस डूबने से बच सकता था।

वोह ड्रग एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट करने की डील थी। उससे ना सिर्फ उनका बिजनेस बच जाता बल्कि उन्हें नफा भी होता।

ज़ाकिर साहब ने तो पहेले इनकार कर दिया था लेकिन फिर उनके पार्टनर के बार बार कहने पर वोह मान गए थे।

उन्हें पता चला वोह जिन लोगो के साथ डील कर रहे है वोह बहोत खतरनाक है इसलिए उन्होंने माहेरा को खुद से दूर इटली भेज दिया था क्योंकि वोह उसे खोना नही चाहते थे और अपना बिजनेस सेटल होने के बाद इस डील को कैंसिल करना चाहते थे।

माहेरा के जाने के बाद वोह थोड़ा रिलैक्स हो गए थे लेकिन फिर एक साल बाद उन्हें पता चला की उनके पार्टनर ने ड्रग के साथ साथ ह्यूमन ट्रेफिकिंग की भी डील शुरू कर दी थी।

वोह अपने पार्टनर पर बहोत गुस्सा हुए थे और फिर उन्हें पकड़े जाने का डर भी था।

उन्होंने सारी बात आरज़ू बेगम को बताई तो वोह भी डर गई थी इसीलिए उन्होने शहीद और ज़ाहिद को अमेरिका भेज दिया था क्योंकि वोह अपनी वजह से अपने बच्चो की जान खतरे में नही डालना चाहते थे।

इसी वजह से वोह माहेरा को इंडिया नही आने दे रहे थे फिर ज़ाकिर साहब ने धीरे धीरे अपने पार्टनर कस भरोसा जीत कर उनके खिलाफ सुबूत जुटाना शुरू किया और उसी दौरान उन्हें पता चला कि पुलिस भी इन सब मे शामिल है।

आखिर दो साल मेहनत कर के बाद उन्हें सबूत मिल ही गये और उस आदमी की फ़ोटो भी जो ड्रग स्मगलिंग करता था। उस बिज़नेस का असली मालिक और वोह सारे सबूत उस यूएसबी और फ़ाइल में मौजूद थे।

लेकिन उनसे एक गलती हो गयी थी जब वोह फ़ाइल रिकॉर्ड कर रहे थे जब उनकी फोटेज़ कैमरे में रिकॉर्ड हो गयी थी।

ज़ाकिर साहब ने पहेले ही वोह सारे सबूत माहेरा के भालू में छुपा दिए थे।

उस रात वोह आरज़ू बेगम के साथ डिनर कर रहे थे जब उनका पार्टनर और वोह पुलिस वाला उनके घर आया लेकिन सबूत ना मिलने की वजह से उन्होंने ज़ाकिर साहब उनकी बीवी और घर मे मौजूद गार्ड और कामवाली को गोली मार दी।

......

वोह डायरी पढ़ कर रोने लगी। वोह यहां कितने मज़े से रहती थी लेकिन उसके पेरेंट्स वहां कितने परेशान रहते थे।

माज़ सारा प्लान डिस्कस करके रूम में आया तो माहेरा को रोते देख भाग कर उसके पास गया और उसे अपनी बाहों में ले कर चुप कराने लगा।

माहेरा ने रोते हुए माज़ को सारी बात बता दी थी।

"माहेरा मुझे पता है वोह आखिरी फ़ोटो किसकी है और तुम उस आदमी से भी मिल चुकी हो।"

माज़ माहेरा को चुप करवा कर उसकी बात सुनने के बाद बोला।

"माज़ मुझे बताओ वोह कौन है मैं खुद उसे अपने हाथों से मरूँगी।"

माहेरा ने गुस्से से कहा।

"तुम्हारे इलावा मेरे भी उससे कुछ हिसाब किताब बाकी है। तुम आराम करो तुम्हे कल उसके बारे में पता चल जाएगा।"

माज़ ने कहा तो माहेरा ने हाँ में अपना सिर हिला दिया।

...................

रामिश ने सोफिया को प्लान बताया और अब वोह उसे ले कर मेंशन आ रहा था।

"क्या बात है?? तुम परेशान लग रही हो??"

रामिश ने सोफिया के परेशानी से भरे चेहरे को देखते हुए पूछा।

"वोह मुझे डर लग रहा है अगर कुछ गड़बड़ हो गयी तो....मैं तुम्हे खोना नही चाहती हु।"

सोफिया ने उदासी से कहा।

"तुम फिक्र मत करो माज़ ने सारा इंतेज़ाम कर दिया है। क्या उन्होंने तुम्हे फिर से डराया है???"

रामिश उसका हाथ पकड़ कर चूमते हुए बोला।

"नही उनका फोन रात को आया था। मैं ने कहा दी हु दो दिन तक...मैं तुम्हे ज़......ज़हेर दे दूंगी।"

सोफिया ने काँपती हुई आवाज़ में कहा।

"हम्म्म्म......फिर दोबारा उनका फोन आये तो कह देना तुम आज मुझे ज़हर दे दोगी।"

रामिश ने कहा।

"मैं बता दूंगी।"

सोफिया ने कहा।

"वैसे मेंशन में तुम्हारे लिए एक सरप्राइज है।"