Ziddi Ishq - 30 in Hindi Anything by Sabreen FA books and stories PDF | ज़िद्दी इश्क़ - 30

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ज़िद्दी इश्क़ - 30

वोह सोई हुई थी जब सूरज की रौशनी हल्की हल्की उसके चेहरे पर पड़ने से उसकी आंख खुली। उसने करवट लेनी चाही तो किसी चीज़ ने उसे रोज़ दिया। माहेरा ने धीरे से अपनी आंखे खोली तो उसकी नज़र सामने दीवार पर लगी घड़ी पर पड़ी जिसमे सुबह के आठ बज रहे थे।

एक नज़र घड़ी पर देखने के बाद उसने अपने साथ लेटे माज़ की तरफ देखा जो उसे बाहों में लिए हुए सुकून से सो रहा था।

उसने अपने सूखे होंठो को ज़ुबान से तर किया और उसका हाथ हटा कर उठ गई। उसने साइड टेबल से गिलास उठाना चाहा तो उसके बाज़ू में तेज दर्द होने लगा। उसे कल इस दर्द का अहसास नही हुआ क्योंकि कल उसके सारे काम माज़ ने ही किये थे।

मगर अब उसके हाथ पर ज़ोर दे कर उठने की वजह से उस बाज़ू में दर्द होने लगा था।

उसने एक नज़र अपने पास सुकून से सो रहे माज़ पर डाली।

उसने हल्के से अपने हाथ से उसके मुंह को थपथपाया तो माज़ ने जल्दी से अपनी आंखें खोली और उसे देखा।

"क्या हुआ तुम्हे??? तबियत तो ठीक है ना??? या डॉक्टर को बुलाऊँ??"

माज़ ने उठते हुए माहेरा के चेहरे पर दर्द भरे एक्सप्रेशन देख पूछा और जल्दी से उठ कर बैठ गया।

"मुझे प्यास लगी है लेकिन हाथ पर जोर देने की वजह से दर्द होने लगा है लेकिन तुम्हे क्या तुम तो सुकून से सो रहे हो।....हुन....."

माहेरा ने पहेले मासूमियत से और फिर मुंह बिगाड़ कर कहा।

माज़ ने जल्दी से उठ कर पानी का गिलास उठाया और उसके मुंह को लगाते हुए बोला।

"तो पहेले मुझे उठा देती खुद उठने की ज़रूरत क्या थी। चलो अब पानी पियो फिर मैं डॉक्टर को बुलाता हु।"

माहेरा ने पानी पीते हुए उसकी बात सुनकर अपना सिर हिलाया।

"अच्छा ठीक है लेकिन मेल डॉक्टर बुलाना...ओके?"

माहेरा ने अपनी हँसी छुपाते हुए कहा।

"क्या मतलब मेल डॉक्टर? कल तुम्हरी फीमेल डॉक्टर ऑपरेशन में बिजी थी इसलिए वोह आया था और अब से तुम्हे वही चेक करेंगी।"

माज़ ने माथे पर बल डालते हुए कहा।

"हां मुझे पता है उस डॉक्टर ने तुमसे फ्लर्ट किया होगा और तुम भी मेरे ना होने की वजह से उससे मुस्कुरा मुस्कुरा कर बाते भी की होगी और अब तुम्हे उसकी याद आ रही होगी तो कोई तो बहाना चाहिए ना उससे मिलने के लिए।"

वोह मुंह बिगाड़ते हुए बी तो माज़ अपनी हँसी दबाते हुए वहां से बाहर चला गया और एक गार्ड को डॉक्टर इस्टेसी को बुलाने का कह कर वापस अंदर आया और फ्रेश होने के लिए वाशरूम में चला गया।

थोड़ी देर बाद जब वोह वाशरूम से बाहर आया तो माहेरा उसे ही घूर रही थी।

"तुम अब मेरी बात को इग्नोर करने लगे हो। मुझे पता है मैं तुम्हे अच्छी नही लगती तुमने सिर्फ अपने मतलब के लिए मुझ से शादी की थी।"

माहेरा रोनी से शक्ल बना कर बोली।

माज़ जो सुकून से उसकी बातें सुन रहा था अब उसके चेहरे पर बल पड़ गए और वोह उसके करीब आ कर झुक कर उसके माथे पर किस करते हुए बोला।

"माहेरा ऐसी कोई बात नही है मैं तो बस तुम्हे तंग कर रहा था यार तुम तो सीरियस हो गयी।"

"तो फिर तंग करने पर सॉरी क्यों नही बोल रहे??"

माहेरा रोने वाली शक्ल बना कर मासूमियत से बोली तो माज़ को उसकी सारी बाते समझ आ गयी। वोह पीछे हटा और उसे घूरते हुए बोला।

"बेड पर भी तुम्हे सुकून नही है बस हर वक़्त मुझे परेशान करती रहना।"

अभी वोह और बोलने ही वाला था कि दरवाज़ा खोल कर एक डॉक्टर और नर्स अंदर आयी।

माहेरा ने उस डॉटरको देख तो पचास साल के करीब की थी जबकि माहेरा को माज़ से कहि अपनी बात सोच कर शर्मिंदगी होने लगी।

डॉक्टर ने माहेरा का चेक उप किया और ड्रिप चेंज करवाने के बाद माज़ से बोली।

"सर अब येह बिल्कुल ठीक है इन्हें दोपहर तक डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।"

माज़ ने उनकी बात सुनकर अपना सिर हिलाया तो डॉक्टर कमरे से चली गयी।

"माज़"

डॉक्टर के जाने के बाद माहेरा ने धड़कते दिल के साथ उसे पुकारा।

"हम्म..."

माज़ ने उसकी तरफ देखते हुए कहा।

"वो...वोह मुझे तुम से एक ज़रूरी बात करनी है? प्लीज गुस्सा किये बिना एक बार मेरी बात सुनलो।"

वोह हिचकिचाते हुए बोली तो माज़ बेड पर उसके साथ बैठ गया और आगे बोलने का इशारा किया।

"मुझे इटली आये हुए तीन साल हो गए है मैं एक बार भी इंडिया जा कर अपने मॉम डैड से नही मिली....वो...वोह मुझे उनकी याद आ रही है इसलिए मैं चाहती हु बस एक बार मैं उनसे जा कर मिल लू। मैं कुछ दिनों के लिए इन खूनखराबे वाले माहौल से दूर जाना चाहती हु ताकि मैं उन्हें अपनी शादी के बारे में बता सकू। मुझे ऐसा लग रहा है मैं उन्हें धोखा दे रही हु।"

माज़ उसकी बात सुनकर फौरन खड़ा हो गया और उसका गुस्से से लाल चेहरा बता रहा था वोह खुद को कितना कंट्रोल कर रहा है

"तुम्हे लगता है मैं तुम्हारी बातो से बेवकूफ बन कर तुम्हे खुद से दूर जाने दूंगा बिल्कुल भी नही। मैं जानता हूं तुम मुझे छोड़ कर जाना चाहती हो।"

"मैं तुम्हे कभी इंडिया नही जाने दूंगा। हम तुम्हारे पेरेंट्स को यही बुला लेंगे लेकिन तुम इंडिया कभी नही जाओगी येह बात याद रखना अगर तुम मुझे छोड़ कर गयी तो तुम कभी भी अपने अपनो से नही मिल पाओगी।"

वोह गुस्से से बोला तो माहेरा उसका पागल लन देख कर डर गई।

"तुम गलत समझ रहे हो माज़। मैं तुम्हे छोड़ कर क्यों जाउंगी मैं तो बस अपने पेरेंट्स से मिलना चाहती हु और तुम मुझे ऐसे कैद करके नही रख सकते।"

माहेरा पहेले आराम से और आखिरी बात झुंझला कर बोली।

"अगर तुम येह सोच रही हो कि तुम बीमार हो और मैं तुम्हे कुछ नही कहूंगा तो येह तुम्हारी भूल है। जिस दिन से मैं ने तुमसे शादी की उस दिन से तुम मेरी मिल्कियत बन चुकी हो।"

"और अब मैं तुम्हारी बकवास और नही सुन सकता मैं जा रहा और अब तुम यहाँ अकेली बैठ कर घर जाने के ख्वाब देखती रहो क्योंकी मैं कभी तुम्हे खुद से दूर जाने नही दूंगा।"

माज़ बोलते हुए साइड टेबल पर पड़ा गिलास दीवार पर मरते हुए कमरे से निकल गया जबकि माहेरा उसका खुद के लिए पागल पन देख कर हैरान हो गयी।

मिलान, इटली:

वोह दोनो सुबह की ताजा हवा में सायकिलिंग कर रहे थी और एक दूसरे से हस हस कर बाते कर रहे थे।

"सलमान एक बात बताओ तुम सुबह इतनी जल्दी कैसे उठ जाते हो क्योंकि रात एक बजे तक तो मुझे तुम्हारे मैसेज आते रहते है।"

लीना ने पूछा।

"यार क्या बताऊँ तुमसे मिलने का सोच कर तो मैं जल्दी उठ जाता हूं वरना मुझे अपनी नींद बहोत प्यारी थी।"

सलमान मुस्कुराते हुए बोला।

"अहां...इसका मतलब मेरी वजह से तुम्हारी नीद उड़ गई। वैसे इतनी चीज़ी लाइन्स मुझे आज तक किसी ने नही बोली।"

वोह हस्ते हुए बोली तो सलमान ने भी मुस्कुराते हुए अपनी साईकल एक ओपन रेस्टुरेंट के सामने रोक दी तो लीन भी रुक गयी।

वोह दोनो अपनी साईकल साइड ने खड़ी करके टेबल पर जा कर बैठ गए। उन्होंने स्पेशल नाश्ता आर्डर किया और बातें करते हुए नाश्ता करने लगे।

"लीना तुमने कभी बताया नही तुम्हारी फैमिली कहा रहती है?"

सलमान ने उसे देखते हुए पूछा।

उसकी बात सुनकर लीना गड़बड़ा गयी और फिर जल्दी से खुद को नॉर्मल करते हुए बोली।

"वो....वोह मैं अकेली रहती हूं। मेरी फैमली में कोई नही है उनकी चार साल पहेले डेथ हो चुकी है।"

उसका उदासी से भरा चेहरा देख कर सलमान ने अपने होंठ भींच लिए तभी उसकी नज़र अपने सामने पड़ी तो उसने लीना का हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचा और टेबल को ऊपर कर दिया।

"ठाह"

सलमान ने अपने सामने खड़ी गाड़ी में से एक आदमी को खुद पर निशाना लेते देख लिया था।

लीना जो न समझी से सलमान को देख रही थी गोली की आवाज़ सुनकर डर गई। उसने ज़ोर से सलमान का बाज़ू पकड़ लिया। सलमान ने जैकेट से अपनी गन निकाली और अपने सामने वाले आदमी को शूट किया। वोह गोली सीधा उस आदमी के पेट पर लगी और वोह वही गिर गया।

अब रेस्टुरेंट में भगदड़ मच चुकी थी। सलमान ने भीड़ का सहारा लेते हुए लीना का हाथ पकड़ा और वहां से भागने लगा।

वोह छोटी छोटी गलियों से हो कर भाग रहे थे और तीन आदमी उनका पीछा कर रहे थे।

सलमान ने एक आदमी पर गोली चलाई जो उसके बाज़ू को छू कर गुज़री लेकिन वोह फिर भी उसका पीछा कर रहा था।

वोह भागते हुए एक छोटी सी गली में घुसे तो आगे रास्ता बंद था। उन दोनों ने पीछे मुड़ कर देखा तो वोह तीनो आदमी पीछे खड़े मुस्कुरा रहे थे।

सलमान उनसे अकेले निमट सकता था लेकिन वोह लीना की जान खतरे में नही डाल सकता था। उसकी गन में सिर्फ तीन ही गोली बची थी।

उन में एक आदमी ने सलमान पर गन तानी तभी पीछे से किसी ने उसके हाथ पर गोली चला दी।

सलमान उस गोली से बचने के लिए पीछे हटा ही था लेकिन गोली उसके कंधे को छू कर निकल गयी थी जिसकी वजह से उसके कंधे से खून निकलने लगा था। सलमान ने अपने दर्द को नजरअंदाज किया और उस लोगो पर गोली चला दी क्योंकि उसका उनका ध्यान पीछे से गोली चलाने वाले पर था।

उनके पीछे सलमान के गार्ड खड़े थे जिसे उसने अपनी घड़ी में लगी हु बटन दबा कर सिग्नल दिया था।

जबकि एक मिनट में वोह तीनो ज़मीन पर ढेर हो चुके थे। सलमान के बाज़ू से खून निकलते देख लीना अपने हाथों से खून रोकने की नाकाम कोशिश करने लगी।

सलमान के गार्ड भाग कर उसके पास आये और सलमान को ले कर पास के प्राइवेट क्लीनिंक पर चले गए।

.............

माहेरा जो माज़ के जाने के बाद उदासी से बैठी थी कमरा खुलने की आवाज़ पर उस ने खुश होते हुए दरवाज़े की तरफ देखा लेकिन वहां रोज़ी को देख कर उसकी खुशी अगले पल ही गयेब हो गयी।

"आप कैसी है मैम?"

रोज़ी ने उसके पास आ कर मुस्कुराते हुए पूछा।

"मैं ठीक हु रोज़ी तुम वहां क्यों खड़ी हो यह बैठ जाओ।"

माहेरा ने उसे खड़े देखा तो बेड के पास स्टूल पर बैठने का इशारा करते हुए कहा।

"मैं आपके लिए स्पेशल सूप लायी हु।"

रोज़ी ने मुस्कुराते हुए स्टूल पर बैठते हुए कहा।

"कुछ और बना लेती रोज़ी मेरा सूप पीने का बिल्कुल भी मूड नही है।"

माहेरा सूप का नाम सुनकर मुंह बना कर बोली।

"रोज़ी म...माज़ कहा है?"

माहेरा ने हिचकिचाते हुए पूछ।

"मैम सर ने ही मुझे भेजा है कि मैं आपको सूप पिला कर दवाई दे सकू और वोह बगल वाले कमरे में ही है। आपको पता है जब आप बेहोश हुई थी तो माज़ सर ने सबका बुरा हाल कर दिया था। सबके बुलाने पर काट खाने को दौड़ते थे और एक दिन भी आपको अकेला छोड़ कर हॉस्पिटल से नही गए। उन्होंने उन आदमियो को भी पकड़ लिया था जिन्होंने आपको किडनैप किया था और उनकी खूब धुलाई की थी।"

रोज़ी की बात सुनकर माहेरा मुस्कुराने लगी।

.........

माज़ ने रोज़ी को माहेरा के पास भेज के बाद रामिश से कह कर हॉस्पिटल की सिक्योरिटी डबल करवाई और हॉस्पिटल से घर आ गया।

वोह इस वक़्त अपना गुस्सा खत्म करना चाहता था जो उन दोनों आदमियो को मार कर ही खत्म होता जिन्होंने माहेरा को किडनैप किया था।

वोह बेसमेंट के अंदर जाने के बाद सेल की तरफ जाने लगा।

वोह एक सेल को खोल कर अंदर गया तो सामने एक आदमी बुरी हालत में ज़मीन पर लेटा हुआ था। उसके मुंह और हाथ पैर पर खून जमा हुआ था। वोह पहेले भी उस आदमी को मार चुका था लेमिन उसे मरने नही दिया था।

माज़ ने सेल के बाहर खड़े गार्ड से ठंडे पानी की बाल्टी लाने के लिए कहा। वोह गॉर्ड भागते हुए वहां से गया और ठंडे पानी की बाल्टी लेकर आया।

माज़ ने उसे इशारे से पानी उस आदमी और डालने के लिए कहा। उस गार्ड ने जैसे ही उस आदमी पर पानी डाला वोह आदमी हड़बड़ाते हुए होश में आया।

माज़ उसके करीब पंजो के बल बैठा और अपनी जेब से चाकू निकाल कर धीरे धीरे उस गर्दन पर फेरने लगा। वोह आदमी डरते हुए पीछे हटने की नाकाम कोशिश करने लगा।

"याद आया तुम्हे किसने भेजा था??"

वोह चाकू की नोक उसकी गर्दन पर गढाते हुए बोला तो वोह आदमी डरते हुए जल्दी से बोला।

"म.....मुझे नही पता बस उस लड़की को किडनैप करके हमे एक जगह लाने के लिए कहा गया था और इसके लिए हमें एडवांस पैसे दिए गए थे।

"तुम ने उसके बाल खींचे थे....अपने इस हाथो से...तुम्हे पता है उसे कितना दर्द हुआ होगा?"

वोह उसके ज़ख़्मी हाथ को पकड़ कर कट लगाता हुआ बोला और अपनी बात पूरी करते ही चाकू उसके हाथ के अंदर गढ़ा दिया। उस आदमी की दर्द भरी चीखे पूरे बेसमेंट में साफ सुनाई दे रही थी।

वोह उसकी चीख सुनकर मुस्कुराया। उसे येह बात कभी आता ना पता चलती की इस ने माहेरा के बाल खींचे थे अगर माहेरा उसका हुलिया ना बताती।

वोह उसका दूसरा हाथ पकड़ कर उसमें चाकू गढाते हुए बोला।

"तुम्हारी वजह से उसका इतना खून बर्बाद हुआ। सिर्फ तुम्हारी वजह से वोह तीन दिन तक बेहोश रही।"

माज़ अब चाकू से उसके सीने पर मारने लगा और जब उसकी सांसे धीरी होने लगी तो उसने चाकू उसके दिल मे गाढ़ कर मार दिया और चाकू को वापस निकाल कर उस पर लगा हुआ खून अपनी पेंट पर साफ करते हुए सेल से निकल गया। अब जा कर उसका गुस्सा थोड़ा शांत हुआ था।

...….......

वोह शावर ले कर बाहर आया तो उसके फ़ोन पर सलमान की कॉल आ रही थी।

उसने मुस्कुराते हुए फ़ोन उठाया तो सलमान की जगह किसी और कि आवाज़ सुनकर उसके माथे पर बल पड़ गए।

"हेलो सर...मैं सलमान सर का बॉडीगार्ड बोल रहा हु....वोह दरअसल...आज सलमान सर पर हमला हुआ था...एक..एक गोली उनके बाज़ू को छू कर निकल थी बाकी वोह बिल्कुल ठीक है। हम उन्हें पास के एक क्लिनिक में ले कर आये है। इस वक़्त उन्होंने मुझे अपको खबर देने के लिए कहा है और येह भी कहा है कि वोह रात में आपसे बात करेंगे।"

उस बॉडीगार्ड ने डरते हुए सारी बात कही।

"तुम लोग उस वक़्त कहा थे जब सलमान को गोली लगी?"

माज़ ठंडी आवाज़ में बोला।

उसकी आवाज़ सुनकर वोह गार्ड काँपती आवाज़ में बोला।

"सर....सलमान सर अपनी एक दोस्त के साथ सायकिलिंग पर गए थे और उन्होंने हमे अपने साथ आने के लिए हमे सख्ती से मना किया था।"

"मैं ने कहा था कुछ भी हो जाये उसे अकेला मत छोड़ना। तुम लोगों के ख्याल से मुझसे ज़्यादा सलमान की इम्पॉर्टेंस है। उससे कह दो एक हफ्ते के अंदर वोह मुझे मेंशन में वापस चाहिए और तब मैं जॉन से तुम लोगो की खिदमत करवाऊंगा। अब अगर अपनी जान प्यारी है तो उसे अकेला मत छोड़ना।"

माज़ गुस्से से चिल्लाते हुए बोला।

"ज...जी सर।"

माज़ ने उस आदमी की बात सुनकर फोन कट किया और गुस्से से अपने बालों में हाथ फेरने लगा। उसे गुस्सा इस बात का था कि उसे पता नही था कि कौन छुप कर उन पर हमला कर रहा है।