"आप...कौन है? और आप ने मेरा हाथ क्यों पकड़ा है?"
माज़ जो माहेरा के होश में आने से खुश था उसकी बात सुनकर उनक होश ही उड़ गए।
"क्या मतलब तुम्हे याद नही मैं तुम्हारा हसबैंड हु इसीलिए तो मैं ने तुम्हारा हाथ पकड़ा है और मेरे साथ येह ड्रामे मत करो मैं जानता हूं तुम मुझे तंग करने के लिए मज़ाक़ कर रही हो।"
माज़ उसके करीब बैठते हुए बोला।
माहेरा ने उसकी बात सुनकर हैरानी से उसकी तरफ देखा और पीछे हटते हुए बोली।
"मैं आपसे क्यों मज़ाक़ करूँगी और कोई मेरा हस्बैंड कैसे हो सकता है। मैं खुद अभी पंद्रह साल ही हु अंकल।"
माज़ उसके मुंह से खुद के लिए अंकल सुनकर सदमे में ही चला गया।
"क्या बकवास कर रही हो माहेरा जल्दी से बताओ तुम मज़ाक़ कर रही हो ना? और मैं तुम्हे अंकल कहा से लग रहा हु यार।"
माज़ ने खुद की तरफ इशारा करते हुए हैरानी से कहा।
माज की बात सुनकर माहेरा रोनी से शक्ल बना कर बोली।
"मेरा भालू कहा है अंकल? अपने उसे मार दिया ना! मैं मम्मा को बताऊंगी आप बहोत बुरे है।"
माज़ उसकी बात सुनकर परेशानी से अपनी जगह से उठा जबकि उसके चेहरे की उड़ी हुई रंगत उसकी हालत साफ बता रही थी। उसने माहेरा की तरफ देखा जो रोनी सी शक्ल बनाये अपना भालू मांग रही थी।
माहेरा ने उसकी उड़ी हुई रंगत देखी तो अपनी हँसी नही रोक पाए और ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी। माज़ अब भी वैसे के वैसे ही खड़ा उसे देख रहा था। उसे जल्द ही सारी बात समझ मे आ गई वोह माहेरा की तरफ लपका तो उसने जल्दी से अपना सिर पकड़ लिया।
"माज़ अंकल मेरे सिर में बहोत दर्द हो रहा है जल्दी से मुझे कोई दवा दो।"
माहेरा अपना सिर पकड़ते हुए शरारत से बोली।
उसे सब कुछ याद था लेकिन वोह पहले तो उन सब बातों को भुलाने के लिए और दूसरा माज़ से उसकी पहले की हुई हरकत का बदला लेने के लिए एक्टिंग कर रही थी। जब उसने माज़ को अंकल कहा था तो उसके एक्सप्रेशन को देख कर वोह अपनी हँसी नही रोक पाई थी।
माज़ ने माहेरा की बात सुनकर मुस्कुराते हुए अपना सिर न में हिलाया और उसके माथे पर किस कर करके फिर हल्का सा उसके होंठो को चूम कर कमरे से बाहर चला गया।
उसने बाहर जा कर रोजी से माहेरा के लिए सूप बनाने के लिए कहा और वापस कमरे में आ गया।
माज़ कमरे में आ कर माहेरा को अपनी बाहों में लिए बेड से टेक लगा कर बैठा था और अपनी उंगलिया धीरे धीरे उसके बालो ओर फेर रहा था जिससे माहेरा को सुकून मिल है था। वोह दोनो ही फिलहाल खामोश थे।
थोड़ी देर बाद रोज़ी माहेरा के लिए सूप बना कर लायी। माज़ उठ कर बैठ गया और टरे अपने सामने रख कर माहेरा को भी टेक लगा कर बिठा दिया।
सूप को धीरे धीरे चमच से हिलाने के बाद उसने सूप माहेरा के सामने किया तो माहेरा मुंह बनाते हुए थोड़ा सा सूप पिया और फिर माज़ का हाथ रोक दिया। माज़ ने टरे साइड में रख कर उसे दवा दी जिसे माहेरा ने खमोशी से खा लिया।
माज़ टरे ले कर बाहर चला गया और वापस आ कर माहेरा के पास लेट गया और उसका सिर अपने सीने पर रख लिया।
माहेरा ने जैसे ही अपनी आंखें बंद की उसे फिर उसकी मॉम को गोली मारते हुए आदमी का मंजर नज़र आया।
"म....माज़...मुझे...डर लग रहा है।"
माहेरा ने डरते हुए माज़ से कहा।
माहेरा की धीरे आवाज़ सुनकर उस ने उसे खुद में भीच लिया और उसके सिर पर होंठ रखते हूये बोला।
"शु.श, मेरे होते हुए तुम्हे कुछ भी नही हो सकता। अब मैं हु ना तुम्हारे साथ इसलिए सुकून से सो जाओ।"
माहेरा ने माज़ की बात सुनकर अपनी आंखें बंद करली और जल्द ही वोह दोनो सो गए।
...........
माज़ सुबह उठा तो माहेरा के सिर अपने सीने पर देख कर उसने उसे तकिए पर लेटाया और उसके माथे पर किस करके फ्रेश होने के लिए वाशरूम में चला गया।
माहेरा जो आराम से माज़ के सीने पर सिर रख कर सो रही थी। माज़ के उसके तकिए पर सिर रखने से उसकी नींद खराब हो गयी। मगर उसने अपनी आंखें बंद ही रखी क्योंकि उसके सिर में अभी भी हल्का हल्का दर्द हो रहा था।
माहेरा माज़ के वाशरूम में जाते ही अपनी आंखे खोल कर बेड से टेक लगा कर उठ गयी और धीरे धीरे अपने माथे को मसलते हुए दर्द को कम करने की कोशिश करने लगी।
माज़ फ्रेश हो कर निकला तो माहेरा को अपना माथा सहलाते देख उसके पास आ कर बोला।
"माहेरा क्या तुम्हें दर्द हो रहा है?"
"हाँ मेरे सिर में बहोत दर्द हो रहा है और कमर में भी।"
वोह मासूमियत से बोली जबकि उसके सिर्फ सिर में दर्द था कमर में तो था ही नही। वोह तो बस माज़ को तंग कर रही थी।
"अगर ज़्यादा दर्द हो रहा था तो मैं डॉक्टर को बुला लूं वोह आ कर तुम्हरे चेक कर लेंगी।"
माज़ एक गुटना बेड पर रख कर उसके सिर को चूमते हुए बोला।
"नही बस सिर में ज़्यादा दर्द है और मैं पैन किलर लुंगी तो कमर दर्द ठीक हो जाएगा। अब प्लीज तुम मुझे उठा कर वाशरूम के दरवाज़े तक छोड़ आओ।"
माहेरा ने मासूमियत से बोल कर अपनी बाहें फैलाई तो माज़ ने उसके दर्द के बारे में सोच कर उसे उठाया और वाशरूम के दरवाज़े पर छोड़ने की बाजए उसे अंदर तक छोड़ आया।
माज़ बाहर आया और उसने साइड से अपना मोबाइल उठा कर जैक्सन को कॉल की।
"गुड मॉर्निंग सर।"
जैक्सन ने फोन उठाते ही कहा।
"ह्म्म्म......येह बताओ माल डलीवर कर दिया तुमने या अभी तक नही?"
माज़ ने पूछा।
"जी सर हम पहले माल डिलीवर नही करने वाले थे लेकिन फिर रामिश सर आ गए और उन्होंने सिक्युरिटी डबल करवा कर माल डिलीवर करवा दिया।"
जैक्सन की बात सुनकर माज़ आगे बोला।
"और उन आदमियों का कुछ पता चला कि उन्हें किसने भेजा था?"
सर हम पर हमला करने के लिए उन आदमियों को किसी ने पैसे दिए थे?"
जैक्सन ने जवाब दिया।
"ठीक है हम मीटिंग में उस बारे में डिटेल में बात करेंगे।"
माज़ ने माहेरा को वाशरूम से निकलते देख जल्दी से जैक्सन से कहा और फ़ोन कट करके माहेरा की तरफ चला गया जो मासूमियत से उसे ही देख रही थी।
"येह बताओ तुम कमरे में नाश्ता करोगी या सबक साथ डाइनिंग टेबल पर?!"
माज़ ने उसे सोफे पर बिठाते हुए पूछा।
"मैं कमरे में नाश्ता नही करना चाहती।"
माहेरा ने मुंह बना कर कहा।
माज़ उसका जवाब सुन कर उसे उठाने ही लगा था कि उसकी आवाज़ सुनकर रुक गया।
"मैं चल कर चली जाउंगी वहां अंकल और रामिश भी होंगे।"
"तुम्हे चलते हुए दर्द तो नही होगा। मैं उठा कर ले कर चलता हूं इसमें कोई प्रॉब्लम नही है।"
माज़ ने उसे देखते हुए पूछा अब वोह थोड़ा थोड़ा समझ रहा था शायद माहेरा उससे झूठ बोल रही है।
"हाँ बिल्कुल अब ज़्यादा दर्द नही हो रहा है मैं चल कर चली जाउंगी।"
वोह जल्दी से खडी होते हुए बोली।
माज़ ने उसे दरवाज़े की तरफ जाते देखा तो उसके पीछे चल दिया।
वोह डाइनिंग रूम में एंटर हुए तो शेर खान और रामिश बैठे नाश्ता कर रहे थे।
माहेरा कुर्सी खींच कर बैठी तो माज़ भी उसके पास ही बैठ गया मगर माहेरा को बिना तकलीफ के कुर्सी खींच कर बैठते देख उसे उसकी चालाकी का पता चल गया।
"बेटा अब तुम कैसी? ज़्यादा दर्द तो नही हो रहा है?"
शेर खान ने माहेरा के बैठते ही पूछा।
"जी अंकल अब बिल्कुल ठीक हु बस सिर में थोड़ा सा दर्द हो रहा है।"
माहेरा ने शेर खान की बात सुनकर जवाब दिया।
"ह्म्म्म....माज़ अगर कोई प्रॉब्लम होगी तो डॉक्टर को बुला लेना।"
शेर खान ने अपनी जगह से उठते हुए कहा।
शेर खान की बात सुनकर माज़ ने अपना सिर हिलाया तो वोह डाइनिंग रूम से चले गए।
"सर आप नाश्ते में क्या लेंगे?"
रोज़ी ने माज़ से पूछा तो उसने उसे अपने नाश्ते के बारे में बताया लेकिन जब माहेरा की बारी आई तो माज़ उसकी बात काट कर बोला।
"रोज़ी माहेरा के लिए सूप बना कर लाओ और याद रखना इसे कोई स्पाइसी चीज़ खाने को मत देना।"
रोज़ी ने माज़ की बात सुन कर सिर हिलाया और उनका नाश्ता तैयार करने के लिए किचेन में चली गयी।
"माज़ मैं बीमार नही हु जो स्पाइसी चीज़े नही कहा सकती और मैं वोह गंदा सा सूप तो बिकुल नही पीने वाली।"
माहेरा ने उसे घूरते हुए कहा।
"माहेरा डॉक्टर ने तुम्हे सूप पीने के लिये कहा है तो फिलहाल तुम सूप ही पियोगी और अगर तुम अब कुछ भी कहा तो देखना....."
माज़ ने सीरियस हो कर कहा तो माहेरा मुंह बना कर रामिश की तरफ मुड़ गयी और उसका चेहरा देखते ही हैरान हो गयी।