Hudson tat ka aira gaira - 45 - Last part in Hindi Fiction Stories by Prabodh Kumar Govil books and stories PDF | हडसन तट का ऐरा गैरा - 45 - (अंतिम भाग)

Featured Books
Categories
Share

हडसन तट का ऐरा गैरा - 45 - (अंतिम भाग)

कुछ दूर तक तो ऐश और रॉकी पानी के भीतर ही भीतर तैरे किंतु जब उन्हें पक्का यकीन हो गया कि न तो उनका पीछा किया जा रहा है और न अब दूर - दूर तक उस जहाज का कोई नामो- निशान दिख रहा है, तब वे सतह पर आए और फड़फड़ाते हुए धीरे - धीरे तैरने लगे ताकि थोड़ी देर में उनके पंख पूरी तरह सूख जाएं और वो उन्मुक्त उड़ान भर सकें।
दूर क्षितिज पर सूरज के निकल आने से गर्म मुलायम धूप की किरणें सागर पर पड़ने लगी थीं और धीरे- धीरे पानी भी गुनगुना सा होने लगा था।
दोनों बेहद खुश थे। उन्हें एक ऐसी दुनिया से निजात मिल गई थी जो उनका जीना हराम किए हुए थी। समय के साथ- साथ वो दोनों अपने शरीर के नए परिवर्तनों के भी अभ्यस्त हो चले थे। अब उन्हें एक नई ज़िंदगी का आदी होकर जीना था क्योंकि उनके लिए जीने की चुनौतियां पहले से भी अधिक ही बढ़ गई थीं।
वो जान चुके थे कि अपने बदन के बदलावों के कारण वो इंसानों के कौतूहल के निशाने पर आ गए हैं इसलिए उन्हें अब हमेशा ही इंसानों की भीड़- भाड़ से बचना होगा। उन्हें हर वक्त चौकन्ना रहना होगा।
इधर अपनी ही प्रजाति के साथियों में भी उनके नए रूप को सहज ही स्वीकार कर लेने की चुनौती बनी हुई थी।
ऐश ने रॉकी से कहा - तुम क्या सोचते हो? क्या इस नए रूप के साथ हम पहले की तरह ही लंबी और ऊंची उड़ान भर पाएंगे? कहीं जमीन के कातिल शिकारी हमें पकड़ने या तीर से घायल करने की कोशिशें तो नहीं करेंगे?
रॉकी ने कहा - सकारात्मक रहो ऐश। हमारे नए रूप से हमें चाहने वाले मित्र भी तो मिलेंगे। वे हमारी हिफाज़त करेंगे। तुम इतनी मायूस क्यों हो रही हो? इस तरह डर- डर कर तो जिया नहीं जा सकता।
ऐश ने एक रहस्यमय मुस्कान रॉकी की ओर डाली और बोली - तुम नहीं समझोगे रॉकी। मेरी चिंता हम दोनों को लेकर नहीं है।
- तो फ़िर??
- मुझे तो उस तीसरे की चिंता है जो जल्दी ही हमारी ज़िंदगी में आने वाला है।
- क्या??? रॉकी की आंखों में बला की चमक आ गई। वह खुशी से कई चक्कर घूम कर ऐश के सामने आ गया और उससे लिपट गया।
ऐश की आंखों में भी खुशी के आंसू आकर हीरे की कनी की तरह दमकने लगे। उसने अपना सिर रॉकी के सीने से टिका दिया।
हवा और धूप के साथ- साथ उनके जिगर की ऊष्मा ने उनके डैने पूरी तरह सुखा दिए थे और वो दोनों एक साथ किलकारी भरते हुए आसमान में उड़ चले। बिल्कुल जैसे दो विमानों ने साथ में दौड़ते हुए टेक ऑफ़ किया हो।
कई घंटों तक दोनों एक साथ उड़ते रहे। थकान या भय का नामोनिशान तक न था। उन्हें अब सब कुछ सुहाना सा लग रहा था।
तभी रॉकी ने सहसा एक ज़ोर की आवाज़ निकाली - वो देखो!
ऐश ने भी उधर देखा। देखते ही वो खुशी से चिल्ला उठी। उसे विश्वास नहीं हुआ कि उनका खोया हुआ स्वर्ग उन्हें इस तरह अचानक वापस मिल सकता है। नीचे कुछ ही दूरी पर उन्हें हडसन तट के चिर परिचित नजारे दिखाई देने लगे। कुछ ही दूरी पर स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी का चमकता सब्ज़ रंग देख कर दोनों को जैसे अपनी आंखों पर विश्वास न हुआ। अपनी धरती अपने वतन की खुशबू आने लगी थी। वो हडसन तट के करीब ही थे।
उन्हें अपने पुराने साथी लोग भी याद आने लगे। न जाने वो अब उनके इस बदले हुए रूप में उन्हें पहचानेंगे भी या नहीं। यही उधेड़बुन दोनों के दिल में चल रही थी।
हडसन का तीखा मोड़ मुड़ते ही उन्हें इंसानों का जमावड़ा दिखाई दिया।
शायद यहां पर कोई समारोह चल रहा था। एक ओर भव्य विशाल मंच सजा था जिसे चारों ओर से युवाओं ने घेर रखा था।
उनका दिल एक पल के लिए कांपा। उन्हें इंसानों के नज़दीक इस तरह जाना चाहिए या नहीं? यही सोच रहे थे दोनों।
वो कुछ असमंजस में किनारे की एक बड़ी सी शिला पर जा बैठे। रॉकी कुछ घबरा रहा था। ऐश का हाल तो और भी बुरा था। वह अब रॉकी से बिल्कुल चिपट गई थी और भय से अब तक कांप रही थी। उस पर हल्की बेहोशी सी छाने लगी थी।
दूर से देखने पर दोनों एक दूसरे में खोए- लिपटे हुए ऐसे लग रहे थे मानो एक ही जिस्म हो। किसी मूर्ति की भांति खड़े दोनों सामने चल रहा तमाशा देख रहे थे। दोनों की ही आंखें बन्द थीं। जैसे इतने दिनों के बाद अपनी धरती को महसूस कर रहे हों।
तभी उन्होंने देखा कि लोगों की भीड़ अचानक पलट कर उन दोनों की ओर आने लगी है। वे घबराए। दोनों ने एक- दूसरे को अपने आलिंगन में और भी दृढ़ता से बांध लिया और किसी पथरीली शिला की भांति खड़े रहे।
नज़दीक आए युवकों के हाथ में न तीर- कमान थे और न बंदूखें, न जाल या पिंजरे भी नहीं। उनके हाथों में तो कैमरे थे। मोबाइल थे।
वे सब दनादन उनकी तस्वीरें उतारे जा रहे थे। अपार जनसमूह हर्ष और उल्लास से इस्तकबाल कर रहा था उस "सबसे सुंदर प्यार भरे जोड़े" का जिसे चुनने के लिए कई महीनों पहले इस पूरे क्षेत्र में पोस्टर लगाए गए थे।
जब लोगों की भीड़ कुछ कम हुई तब दोनों ने एक दूसरे की ओर प्यार से देखते हुए आगे बढ़ कर नदी के थिरकते पानी में छलांग लगा दी और अपने अदभुत बदन को चुराते दोनों पानी में विलीन हो गए!