तुलसी पूजा का महत्व
सातवां माह कार्तिक एक पवित्र माह के रूप में माना गया है। कहते हैं कि इस महीने में भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं जो इस वजह से इस महीने का पौराणिक महत्व बहुत खास माना जाता है।
स्कंद पुराण के अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय ने तारकासुर का वध भी इसी माह में किया था, इसके लिए इसका नाम कार्तिक पड़ा। इस मास में पवित्र नदियों में स्नान, दान, उपासना, हवन आदि करने के विशेष महत्व है। इसके अलावा इस माह में तुलसी पूजा का भी महत्व बताया गया है।
तुलसी पूजा
भगवान विष्णु यानी कि श्रीहरि को तुलसी जी बेहद प्रिय हैं, इस कारण से कार्तिक मास में तुलसी का पूजन करना बेहद शुभ माना गया है। कार्तिक महीने में तुलसी की पूजा का खास महत्व है। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास में तुलसी की पूजा करने से आपके धन में इजाफा होता है और जीवन से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं। ऐसा माना जाता है कि तुलसी जी भगवान विष्णु की प्रिया हैं। तुलसी की पूजा कर भक्त भगवान विष्णु को भी प्रसन्न कर सकते हैं। तुलसी पूजा से न केवल घर के रोग, दुख दूर होते हैं बल्कि अर्थ, धर्म, काम तथा मोक्ष की भी प्राप्ति होती है।
इस महीने में स्नान के बाद तुलसी तथा सूर्य को जल अर्पित किया जाता है तथा पूजा-अर्चना की जाती है। यही नहीं तुलसी के पत्तों को खाया भी जाता है जिससे शरीर निरोगी रहता है। तुलसी के पत्तों को चरणामृत बनाते समय भी डाला जाता है। तुलसी के पास सुबह-शाम दीया भी जलाया जाता है।
तुलसी पूजा का महत्व
सातवां माह कार्तिक एक पवित्र माह के रूप में माना गया है। कहते हैं कि इस महीने में भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं जो इस वजह से इस महीने का पौराणिक महत्व बहुत खास माना जाता है।
स्कंद पुराण के अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय ने तारकासुर का वध भी इसी माह में किया था, इसके लिए इसका नाम कार्तिक पड़ा। इस मास में पवित्र नदियों में स्नान, दान, उपासना, हवन आदि करने के विशेष महत्व है। इसके अलावा इस माह में तुलसी पूजा का भी महत्व बताया गया है।
तुलसी पूजा
भगवान विष्णु यानी कि श्रीहरि को तुलसी जी बेहद प्रिय हैं, इस कारण से कार्तिक मास में तुलसी का पूजन करना बेहद शुभ माना गया है। कार्तिक महीने में तुलसी की पूजा का खास महत्व है। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास में तुलसी की पूजा करने से आपके धन में इजाफा होता है और जीवन से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं। ऐसा माना जाता है कि तुलसी जी भगवान विष्णु की प्रिया हैं। तुलसी की पूजा कर भक्त भगवान विष्णु को भी प्रसन्न कर सकते हैं। तुलसी पूजा से न केवल घर के रोग, दुख दूर होते हैं बल्कि अर्थ, धर्म, काम तथा मोक्ष की भी प्राप्ति होती है।
इस महीने में स्नान के बाद तुलसी तथा सूर्य को जल अर्पित किया जाता है तथा पूजा-अर्चना की जाती है। यही नहीं तुलसी के पत्तों को खाया भी जाता है जिससे शरीर निरोगी रहता है। तुलसी के पत्तों को चरणामृत बनाते समय भी डाला जाता है। तुलसी के पास सुबह-शाम दीया भी जलाया जाता है।