Soundless Love - 5 in Hindi Love Stories by Sarvesh Saxena books and stories PDF | साउंडलेस लव - 5

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साउंडलेस लव - 5

एक दिन नमन ने आकाश को छेड़ते हुये कहा “ यार एक बात बताओ, मैं तुम्हे इतने दिनों से जानता हूं, बाहर घूमने जाता हूं, कमरे पर आता हूं लेकिन तुम मुझसे कभी किसी लड़की की बात नहीं करते... चक्कर क्या है?????भाईईई......” |



आकाश शर्मा गया और हडबडाते हुये बोला “ वो....वो...यार वो ऐसा....... बस कुछ नहीं बस मुझे कहां.... इन सबमें.....” |

वो बस इतना ही कह पाया | उसकी शर्माहट देखकर नमन और मजे लेते हुये बोला “ समझ गया.... बहुत शर्मीले हो, मतलब अभी कोरा कागज है यह दोस्त मेरा, किसी का नाम नहीं लिखा इसके दिल पर” |



वो यह लाइन गुनगुनाने लगा तो आकाश ने कहा “ कोरा कागज मतलब”?

उसकी बात सुनकर नमन ने उसके गले मे हांथ डाला और कहा “ कोरा कागज मतलब नही समझे?” आकाश ने फिर ना मे सिर हिलाया |



नमन ने अपना चेहरा बिल्कुल उसके चेहरे के पास लाकर कहा “ हाय .....मेरे यार तुम तो कसम से ....देखो जब तक कागज पर कुछ लिखते नही तब तक वो कोरा रहता है ना ठीक वैसे ही तुम हो जब तक तुम्हारे दिल पर किसी लडकी का नाम नही लिखता तब तक तुम कोरे ही हुये ना” |



आकाश ने सिर हिलाते हुये कहा “ ओह्ह्ह्ह्ह, ये मतलब है” |

नमन कुछ और कहता इससे पहले आकाश ने बात को बदलते हुए कहा “ मेरी छोड़ो अपनी बताओ.... तुम्हें तो हर लड़की पसंद आती है, तुम्हारी तो बहुत सारी गर्लफ्रेंड होगी, फिर क्युं इतने उतावले से रहते हो बिल्कुल कुकर की तरह” |



इस पर नमन ने हैरानी जताते हुये कहा “ क्या मतलब कुकर??? भला तुमने कुकर से मुझे कैसे कंपेयर कर दिया” |

इस पर आकाश ने हंसते हुये कहा “ और नही तो क्या एक दम कुकर हो तुम जरा सी आग दिखाई नही कि बस सीटी मारने लगे” |



ये कहकर दोनों जोर जोर से हंसने लगे और फिर हंसी रोकते हुये नमन ने कहा, “यार कसम से कह रहा हूं, इतना हैंडसम हूं स्मार्ट हूं पता है मुझे, मै बचपन से ही हूं पर कभी इस बात पर घमंड नहीं किया, अब तो नौकरी भी है लेकिन कोई लड़की भाव ही नहीं देती और देती भी है तो ज्यादा दिनों तक टिकती नही है यार” |



आकाश उसकी बातों पे हां मे हां मिलाता रहा |

नमन ने फिर कहा “ लेकिन यार तुझे लड़की पटानी नही आती, लेकिन तू बिल्कुल भी चिंता मत कर मैं...मैं तेरा भाई तुझे बतायेगा कि कैसे लड्की को पटाना है” |



ये सुनकर आकाश को जोर से हंसी आ गई पर वो कुछ नही बोला लेकिन नमन बराबर बोलता रहा “ अरे यार लड़की पटानी है ना तो लड़की को पहले इंप्रेस करो, उसकी आंखों मे आंखें डालकर प्यार से देखो, शॉपिंग कराओ, घुमाओ और बढिया बढिया होटेल मे खाना खिलाओ, फिर देखो तुम आगे आगे और लडकी पीछे पीछे.....देख भाई तेरा तो पता नही लेकिन देख लेना मुझे कोई बहुत अच्छी लड़की मिलेगी” |



नमन ने अपनी हथेली आकाश के आगे की और कहा “ पक्का” आकाश ने उसकी हथेली पर अपनी हथेली रखते हुए कहा “ हां यार बिल्कुल पक्का” |



दोनों इसी तरह की खूब बातें करते और उनकी दोस्ती और गहरी होती जाती |



एक बार संडे के दिन आकाश नमन का इंतजार कर रहा था क्युंकि दोनों ने आज मिलने का प्लान बनाया था पूरे दिन इंतजार करने के बाद भी नमन नही आया तो आकाश परेशान हो गया और तो और उसका मोबाइल भी बन्द था | अब धीरे धीरे शाम हो चली थी उसने दुबारा फिर नमन को फोन लगाया तो इस बार उसका फोन लग गया तब नमन ने बताया कि “ आज उसकी तबीयत थोड़ी सी डाउन है इसलिए वो नही आ पाया और सॉरी यार कल से लाइट भी नही थी तो फोन की बैटरी भी बन्द हो गई थी इसलिए तुम्हें फोन करके बता नहीं पाया” |



आकाश में परेशान होते हुए पूछा “ अरे कोई बात नही, तुम ये बताओ क्या हो गया तुम्हे”?

“ बस कुछ नहीं हल्का सा फीवर है और बॉडी इतनी टूट रही है जैसे कि पता नहीं कितने पहाड़ मैंने चढ़े हैं, काश कोई लड़की होती है जो अपने कोमल हाथों से पूरी बॉडी की मसाज कर देती पर मेरी किस्मत में यह सब कहां” ये कहकर नमन चुप हो गया |



इस पर आकाश ने चिल्लाते हुए कहा “ क्या यार तुम बीमार हो लेकिन तुम्हें अभी भी बस ठरक चढ़ी हुई है, मैं अभी आता हूं तुम्हारे पास और फिर तुम्हें हॉस्पिटल ले चलता हूं” |

नमन ने कहा “ नहीं यार ऐसा कुछ नहीं है, मैं इतनी सी बात के लिए हॉस्पिटल नही जाउंगा”|



नमन ने बहुत मना किया लेकिन आकाश ने उसकी एक न सुनी और फोन रख कर सीधा नमन के घर आया और पास में ही एक छोटे से हॉस्पिटल में उसे दिखाने ले गया |



डॉक्टर ने उसे देखकर चेकअप किया और कहा “ कुछ नहीं घबराने की कोई बात नहीं इनको सिर्फ वायरल हुआ है मैंने यह दवाई लिख दी है आप दवाई ले लें और आराम से घर पर इंजॉय करें” |

वो डॉक्टर अभी इतना ही कह पाये कि तभी उनके केबिन मे एक स्टाफ नर्स आई और बोली

“ सर डॉक्टर मल्होत्रा आपका वेट कर रहे हैं, वो पेशेंट जो बेड नंबर सिक्सटीन पे था उसकी हालत कुछ ज्यादा क्रिटिकल लग रही है, प्लीज चलिये” |

यह कहकर नर्स ने एक झलक नमन को और फिर आकाश को देखा और चली गई |

आकाश उठकर बाहर जाने लगा लेकिन नमन अभी भी वहीं का वहीं बैठा था और उसी और देख रहा था | नमन को देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे वो नर्स अभी भी वही खड़ी हो और दोनों एक दूसरे को देख रहे हों | डॉक्टर साहब भी बाहर जा चुके थे |



आकाश ने उसकी पीठ पर मारते हुए कहा “ क्या हुआ?”

नमन ने ठंडी सी आवाज में कहा “ प्यार..... प्यार हुआ है यार, कसम से तु मेरा दोस्त नहीं मेरी जान है, तू अगर मुझे यहां ना लाता तो मैं तो कसम से मर जाता अपनी बीमारी से नही, अकेलेपन से” |

आकाश ने उसे आंखे दिखाते हुये कहा “ ओहो.....कितने फिल्मी हो तुम यार ...अब बस करो, और चलो वो स्टाफ नर्स है” |

नमन ने बाहर की ओर देखते हुये कहा “ तो...तो क्या हुआ यार, क्या स्टाफ नर्स का दिल नही होता या उसे प्यार करने का हक नहीं” |



आकाश उसे खींचते हुये बोला “ बस यार अब यहां नही, घर चल” |

नमन ने फिर कहा “ नहीं यार, मुझे एक बार उसको देखना है, प्लीज.... वो मुझे देख रही थी और उसकी आंखों में मेरे लिए प्यार उमड रहा था, यार कुछ करके मुझे एडमिट करा दे प्लीज यार... प्लीज......” |

वो बार बार आकाश से प्लीज प्लीज कहता रहा और अचानक जमीन पर गिर पड़ा | ये देखकर आकाश बुरी तरह से घबरा गया |