Me and My Feelings - 65 in Hindi Poems by Darshita Babubhai Shah books and stories PDF | में और मेरे अहसास - 65

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में और मेरे अहसास - 65

1.
आज कहे धरा आकाश सुने l
अमर प्रेम का अटूट सेतु बने ll

दो जीस्त एक जान बनाकर l
दौनों ही एक ही दिशा चुने ll

प्यार की डोरी से बंधकर l
दौनों ही उड़े आसमाँ छूने ll

एक दूसरे से जुड़े होकर l
चार आँखे एक सपना बुने ll

जिये जी भरकर और जीने दे l
सखी जिंदगी का मज़ा लुटे ll
३०-९-२०२२


2.
हर जगह हर शय में तू ही है l
मेरी नज़र से देख कहा नहीं है ll

रेजे रेजे, पता पता, फ़िजा में l
ज़मीं और आसमाँ तू सभी है ll

ज़माने भर में घूम के देखा l
अंदर बाहर तू हर कहीं है ll

क़ायनात हर शे मे शामिल हो l
सखी तू जहां है सुकून वही है ll

बागो में रंगबिरंगी फूल खिले l
तेरे आने से फ़िजा महकी है ll

प्यार की बारिस क्या हुई l
धरा दुल्हन की तरह सजी है ll

आज कसम खाके कहते हैं l
साँस तेरी धड़कन मेरी है ll
१-१०-२०२२

3.
जिंदगी खेल नहीं है l
बंदगी खेल नहीं है ll

अपने आप में जीना l
सादगी खेल नहीं है ll

उम्रभर साथ रहना l
राबता खेल नहीं है ll

मुहब्बत में प्यार से l
खेलना खेल नहीं है ll

यार की नमी आँखें l
झेलना खेल नहीं है ll
२-१०-२०२२


4.
नज़रे क्या मिली वो मेरा हमराज़ बन गया l
दिल से दिल का लगाना राज़ बन गया ll

कुछ इस तरह दिल मे समाँ गया है कि l
दिन का सुकून रातों की नींद छिन गया ll

ख़ुदा की ख़ुदाई पे सर झुकाना चाहते हैं l
रास्ते दिखाने वाला हमसफ़र मिल गया ll

पाकीज़ रूह से राबता क्या हुआ सखी l
मुहब्बत में रूह का कमल खिल गया ll

प्यारी रूहियत देखकर दुनिया सन हुई l
तौफ़ीक़े इश्क देख आसमाँ हिल गया ll
३-१०-२०२२
5.
पहाड़ो पे गुलाबी ठंड पड़ी है l
आज सर्दी की साँझ बड़ी है ll

सपनों की रानी ठिठुरती l
सामने लम्बी रात खड़ी है ll
४-१०-२०२२
6.
जिंदगी की नैया का माझी खुदा बना l
नज़रे रहम से साहिल अलहदा बना ll

ख़ुदाई कूट कूट के भरी हुई है सखी l
गैरों से हटके आशियाना जुदा बना ll

भीतर से ख़ामोशी का उफान आया l
आज मौन का शोर बढ़कर सदा बना ll

इश्क के सफ़ीने में सवार होकर देखो l
बेपनाह बेइंतिहा प्यार में अदा बना ll

मुहब्बत की तौफ़ीकी का इनाम मिला l
प्यार की पाकीजगीद में आबिदा बना ll
५-१०-२०२२
साहिल - किनारा
अलहदा - अलग
सफ़ीने -नाव
तौफ़ीक़ - हिम्मत
सदा - आवाज़


7.
आँखों में नमी है l
किसकी कमी है ll

जाने क्या बात हुई l
ख्वाइशे सहमी है ll

हौसला टूटते ही l
जिंदगी थमी है ll
६-१०-२०२२


8.
उलझा कर गया कोई अपनी बात से l
आँखें भर गया कोई अपनी बात से ll

सखी बेख़ौफ़ बेतकल्लुफ हो गए हैं l
दिल छल गया कोई अपनी बात से ll

एक ही मुलाकात का असर देख लो l
ख़ुद हिल गया कोई अपनी बात से ll

रग रग में सदाकत छलक रहीं थीं l
मुँह सिल गया कोई अपनी बात से ll

बड़े बड़े वादे किए साथ रहेगे ताउम्र l
आज फ़िर गया कोई अपनी बात से ll
७-१०-२०२२

9.


प्रीतम ने प्यार का गाना गाया l
बादलों के घूँघट में चाँद शरमाया ll

आज दुल्हन की तरह सजी धजी l
चांदनी का रूप चांद को भाया ll

पलकों के शामियाने में छुपाया l
प्रेम की आँखों में देखा साया ll

शहनाई बारिस बूँदों ने बजाई  l
सपनों में बारात लेकर आया ll

मिलन की घड़ियां आन खड़ी l
मौसम यार का सन्देशा लाया ll

रूप इस तरह नीखरा इश्क़ का l
अजब गजब का क़हर ढाया ll

ख्वाबों की रानी नीद ले आई l
भीगी रात ने शबनम लुटाया ll

पूनम के रूप ने दिवाना किया l
भीगे प्यारे मौसम ने रुलाया ll

बादलों से यारी हो गई है सखी l
बारिस ने दो दिलों को मिलाया ll
८-१०-२०२२


10.
पूनम का चांद छुपा बादलों में l
लिपट कर छुपा आंचलों में ll

चांदनी भी शरमा गई है आज l
दुल्हन सी सिमटी घुंघटों में ll
11.

ख्वाबो मे न आया करो l
आके फ़िर न जाया करो ll

बैचैनी बढ़ जाती है सखी l
सुरीले गीत न गाया करो ll

जानते हैं जज्बात बहकते है l
प्रिंन्स यूँ न शरमाया करो ll

बारहा जाने का नाम लेकर  l
एसे सितम न ढाया करो ll

जी भरके देख लेना चाहते हैं l
प्यारा चहेरा न छुपाया करो ll

शबनम छलके मुस्कुराहट में l
हसीं दौलत न लुटाया करो ll
१०-१०-२०२२


12.
शब्दों को रवानी मिल जाये l
अब ग़ज़ल सुहानी मिल जाये ll

मुद्दतों के बाद लिखने के लिए l
तड़पती कहानी मिल जाये ll

उम्र के आखरी मंजिल पर l
जीने को जवानी मिल जाये ll

ख्वाबों में देखा करते थे जिसे l
मुहब्बत दीवानी मिल जाये ll

तन्हाई में दिल को बहलाने l
प्यार की निशानी मिल जाये ll

खूबसूरत जिंदगी के लिए l
चाहत रूहानी मिल जाये ll

दिलरुबा दिल ए नादां सखी l
हसीन मस्तानी मिल जाये ll

संभाल के किताब में रखी l
निशानी पुरानी मिल जाये ll
११-१०-२०२२

13.
पर्बत सा ठहरा दिल है मेरा l
दरिया सा गहरा दिल है मेरा ll

सबकुछ साफ साफ नज़र आता l
आईना सा चहेरा दिल है मेरा ll

फूल ही फूल खिले हुए हर कहीं l
घने जंगल सा हरा दिल है मेरा ll
१२-१०-२०२२


14.
गर तुम साथ होते हिज्र की रात में l
मजा आ गया होता मुलाकात में ll

शरद पूनम की चाँदनी रात में सखी l
दिल बहलता तेरी मीठी बात में ll

प्यार की बारिस क्म ही होती है तो l
भीगने का मज़ा लेलो बरसात में ll

जुदाई के नाम से भी घबरा जाते हैं l
बहुत फ़र्क है आजकल हालात में
१४-१०-२०२२


15.
मिलन की रात आई साज श्रृंगार मैं करूँ l
जिंदगी भर में सिर्फ उनके लिए सँवरूँ ll

बड़ी देर के बाद मिले है ये हसीन लम्हे l
कहीं प्यार टोक न जाए नजरों से डरूँ ll

मौसम ने भी आज साथ देने की ठानी l
सखी दिल प्यार की बारिस से भरूँ ll
१४-५-२०२२
16.
आज खुशी से नाच रहा है मनवा l
मिलने का वादा किया हैं सजनवा ll

रहता नहीं है एक पल क़रार दिल को l
जल्द ही मिलने आया करो बलमा ll
१५-१०-२०२२

17.
आँधी में भी हौसलों को टूटने ना दिया l
सखी सच्चाइ का दामन छूटने ना दिया ll

रेज़ा रेज़ा हुए हर बार हर लम्हा जग में l
टूटकर भी नसीब को रूठने ना दिया ll

कोशिशें लाख की तन-मन मिटाने की l
खुद पर दुश्मनों को जीतने ना दिया ll

सितमगर बारहा वार करते रहे ताउम्र l
चैन ओ सुकूं किसीको लूटने ना दिया ll

मुहब्बत को खुलकर पानाह दी फ़िर l
पशेमां होकर माथा पीटने ना दिया ll
१६-१०-२०२२


 

 

 

 

18.


कुछ लम्हे ऐसे भी हसके गुज़ार लो l
हर पल हर लम्हा हसके सँवार लो ll

थोड़ा सा झुक लॉ,थोड़ा रुक जाओ l
संबंध को जीतने के लिए हार लो ll

हर कोई टांग खींचने को तैयार है l
तार तार हुई जिंदगी को उबार लो ll

उदासी के बवंडर में फंसे है लोग l
खुशी देने की क़सम बार बार लो ll

बेशकीमती लोग भेजे हुए हैं तो l
जो जैसा है वैसे ही स्वीकार लो ll
१७-१०-२०२२