Zindagi - 7 in Hindi Moral Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | ज़िन्दगी - 7

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ज़िन्दगी - 7

हा हा ठीक है. अब इतना ज्यादा बोलने की जरूरत नहीं है. और हा आगे से इसकी कोई शिकायत नहीं मिलनी चाहिए.

हा ठीक है. दादी कोई शिकायत नहीं मिलेगी आपको इसकी. तो अब हम जाए हमे और भी काम है.

हा ठीक है. जाओ लेकिन टाइम होते ही घर आ जाना ठीक है. कही ऐसा ना हो की तुम लोगो को भी ढूंढ ने के लोगो को भेजना पड़े.

हा दादी नहीं लेट करेंगे जल्दी आ जायेंगे. आप थोड़ा शांत रहो. और हा कालू काका. दादी जी को रेस्ट करना है. तो उन्हें थोड़ा रूम तक ले कर जाना ठीक है.

अरे मेरे पैरो में अभी तक बहुत दम है. इतना है की 50 किलो वजन अभी तक झेल सकती हूं. हा नही तो समझ कर क्या रखा है. और तुम कालू जी आपने कैसे इस निकुंज के बच्चे को हा में मुंडी हिला दी.

माफ करना मालकिन गलती हो गई. आगे से नहीं करेंगे अब हम तो यहा काम करते है. तो हमारा यह काम है. की आप सब की बात माने.

अरे कालू जी आप को सब की बात मानने की जरूरत नहीं है. ठीक है. और हा कालू जी आप यहा पर एक जिम्मेदारी वाला काम करते हैं. तो कभी भी अपने मन मे ऐसा सवाल मत लायेगा. की में तो एक नौकर हूं. या बस एक छोटा सा इंसान जो की कुछ कर नही सकता. आपने शुरू से लेकर हमारी बहुत मदद की है. इस लिए हम आपको बताना चाहते है. की कभी भी आपको हमारी जरूरत हुई तो आप बे जीजक हूं याद करना हम तुरंत हाजिर हो जायेंगे ठीक है.

हमारी इतनी सारी मदद और फिकर करने के लिए आपका जितना शुक्र माने उतना कम है. हम भी आपकी मदद जिन्दगी भर करेंगे. और जिन्दगी भर करेंगे.

चलो ठीक है. अब जाओ और खाना खा लो. काम करते हो दिन भर थक गए होंगे. आप जाओ आराम करो थोड़ी देर ठीक है.

जी मालकिन हम आते है. खाना खा कर.

कुछ देर बाद...

परी तुम्हे पता है. मेरी दादी मुझे कितना सारा प्यार करती है.

हा तो बताओ कितना सारा प्यार करती है. वैसे मेरा प्यार तो तुम्हे दूर दूर तक नजर नहीं आता ना.

आए हाए. लेकिन तुम तो मेरी दोस्त हो ना. तुम्हारे बारे में मेने उस तरह कभी सोचा ही नहीं. जैसे एक लड़का. और लड़की सोचते है. वैसे दादी वाला प्यार अलग है हा. उस पर कोई टिप्पणी मत देना.

में तुम्हारी तरह बेवकूफ और पागल नही हूं. जो तुम्हारे जैसी सोच रखूंगी.

ओके फाइन क्लियर इट्स ऑल अबाउट एट सो नेक्स्ट.

नेक्स्ट क्या मेने जो कहा उसका मुझे जवाब नही मिला है. और मुझे मेरा जवाब नही मिला तो तुम जानते हो में क्या कर सकती हूं.

अरे बाबा लेकिन मुझे सोच ने तो दो. थोड़ा वक्त दो मुझे की में क्या करू.

ओह मतलब अभी नहीं बता सकते. क्या में अच्छी नहीं लगी तुमको. क्या में तुम्हारे लायक नही हूं. इस लिए तुम मुझे जवाब नही दे पा रहे हो ना.

अरे ऐसा कुछ नही है. एक्चुअली मुझे दो मिनट तो दो ना बाबा ऐसे में डिसाइड कैसे करू की में तुम्हे जवाब क्या दू हा या ना.

आगे जानने के लिए पढ़ते रहे. जिन्दगी. और जुड़े रहे मेरे साथ.