इंसान नहीं मजाक हूं मैं
जिसे दुनिया अतरंगी नामों से पुकारती है
सांवला सा रंग है मेरा
कद काठी भी कुछ खास नहीं
दिखने में मोटी सी हूं
नाक भी थोड़ी टेडी है
आंखें पूरी खुलती नहीं
ना गालों पर डिंपल पड़ते हैं
चाल में अदाएं नहीं
बातों में मिठास नहीं
ना गुलाब की पंखुड़ियों से होठ है
दांत भी मोती से चमकीले नहीं
ना पतली सी कमर है
ना सुरीली सी गर्दन
ना बदन से सुलगते अंगारे
ना खूबसूरत झील सी निगाहें
बेढगी से बाल है
कपड़े पहनने का सलिका भी नहीं
ना किसी की नजर मुझ पर ठहरती है
ना मुझे देख कोई आहे भरता है
शायद यही वजह है कि दोस्तों के मजाक का विषय हूं मैं
रिश्तेदारों की तानों का हिस्सा
घरवालों की शर्मिंदगी की वजह
दुनिया की नजरों में इंपरफेक्ट हूं मैं,,,,
गोरी,,, अठारह वर्षीय एक लड़की जो अभी अपने शब्दों को कविता का रूप देने की कोशिश कर रही थी कि किसी के दरवाजा खटखटाने की आवाज सुन उसने अपनी डायरी तकिए के नीचे छुपाई और आंखों से आंसू पोछकर आईने में खुद को देखा और चेहरे पर हल्की सी दर्द भरी मुस्कुराहट उभर आई लेकिन आंखें रोने की वजह से अभी भी लाल थी उसने आंखें बंद की और गहरी सांस लेते हुए खुद से बोली = बस अब नहीं.. अब तू बिल्कुल नहीं रोएगी, अब एक भी आंसू तेरी आंखों से नहीं बहना चाहिए तुझे तेरे महादेव की कसम है,,,
गोरी ने अपनी आंखें खोली फिर आईने पर नजर पड़ गई और आसू खुद ब खुद बाहर निकल आए,,,
सांवला रंग था उसका, उस पर भी जगह-जगह धब्बे थे लंबाई भी कुछ खास नहीं थी और शरीर में मोटी थी, घुंघराले बाल जिनमें ऊपर सफेद कलर के बाल मोतियों से चमक रहे थे,,,,
गोरी फुर्ती से आईने के सामने से हट गई और जाकर दरवाजा खोला, दरवाजे पर उसकी छोटी बहन किरण खड़ी थी किरण अंदर आकर बेड पर पर चढ़ते हुए बोली,,,
दीदी बाहर आपकी सहेली निशिका मिली थी वह कह रही थी कि आप कल कॉलेज की फ्रेशर पार्टी में नहीं जा रहे
नहीं मेरी इच्छा नहीं है....,, गोरी ने संक्षेप में जवाब दिया और लेट गई
ऐसे कैसे इच्छा नहीं है आप तो कितना एक्साइटेड थी ना फ्रेशर पार्टी को लेकर फिर अचानक क्या हुआ
किरण के सवाल पर गोरी के जहन में अपने दोस्तों की बातें घूमने लगी,,,
तो डन गाइस कल सब प्रेशर पार्टी में शॉर्ट्स पहन कर आ रही हो,.... पांच छ लड़कियों के ग्रुप में से एक लड़की बोली, ग्रुप में गोरी भी उनमें ही साथ खड़ी थी सब ने हां में सिर हिला दिया,,
उनमें से एक लड़की गोरी के कंधे पर हाथ रख कर बोली= हम सबका तो ठीक है पर गोरी को शॉर्ट्स कहां से मिलेगा, शॉर्ट ड्रेस भी इसके तो लार्ज साइज में ही आती है,,,
उसके कहते ही लड़किया एक साथ हंसने लगी और गोरी भी मुस्कुरा दी,
गौरी बाई चांस तुझे शॉर्ट ड्रेस मिल भी जाए तो कलर थोड़ा ढंग का चूज करना, पिछली बार की तरह रेड मत पहन कर आ जाना तुम पर वह सूट नहीं करता और ब्लैक और वाइट तो बिल्कुल मत पहनना.... दूसरी लड़की ने कहा,,, और प्लीज बालों को कलर कर लेना,,,,
गोरी बाहर से उनकी बातों पर मुस्कुरा रही थी पर अंदर ही अंदर उसे घुटन महसूस हो रही थी फिर भी वह मुस्कुरा कर बोली= ठीक है समझ गई और ड्रेस थोड़ी लूज ही पहनूंगी ताकि फटने का डर नहीं रहे
कहकर गोरी हंसने लगी और बाकी लड़कियां भी,,,,
दीदी कहीं आप ड्रेस के बारे में तो नहीं सोच रही ना.... किरण की बात सुन गोरी होश में आई,,,
आई नो पक्का ड्रेस की प्रॉब्लम ही होगी वैसे मेरे पास ड्रेस तो है लेकिन आप पर फिट नहीं बैठेगी
गौरी ने किरण की तरफ देखा और अपने आंसू रोकते हुए बोली= कोई जरूरत नहीं है और कहां ने मेरी इच्छा नहीं है जाने कि, मुझे यह फंक्शन पसंद नहीं पता है ना तुझे अब तू सो जा मैं पानी लेकर आ रही हूं,,,
गोरी कमरे से बाहर आई और सीधा छत पर आकर रुकी उसे अंदर घुटन हो रही थी वह ऊपर छत पर एक कोने में बैठ गई और मुंह पर हाथ रखकर जोर जोर से रोने लगी,, कुछ देर रो लेने के बाद उसने अपने गले में पहने महादेव के लॉकेट को मुट्ठी में पकड़ा और मन ही मन उनसे शिकायतें करने लगी,,
आपने मुझे ऐसा क्यों बनाया, क्यों मैं सबकी तरफ परफेक्ट नहीं हूं, लोग क्यों मुझे बार बार यह एहसास दिलाते हैं कि मुझ में कुछ कमी है, आप ही बताइए मैं लंबी नहीं हूं गोरी नहीं हूं, पतली नहीं हूं तो इसमें मेरा क्या दोष है, क्या मैं अपनी अपनी सेप साइज चेंज कर सकती हूं... नहीं ना... चाहते हुए मैं कुछ नहीं कर सकती फिर लोग क्यों हंसते हैं मुझ पर, बताइए ना महादेव क्या मैं इंसान नही हूं, सब अपने अकॉर्डिंग ही क्यों जज करते हैं, जो मन में आए बोल देते हैं क्या उन्हें बिल्कुल एहसास नहीं होता कि जब वह मुझे मेरी कमियां गिनाते हैं तो कैसा लगता है मुझे,,,
मैं पढ़ाई में अच्छी हू, अच्छी इंसान हूं, इन बातो की कोई इंपॉर्टेंस नहीं, किसी के लिए भी कुछ भी करने की तैयार रहती हूं लेकिन किसी को भी वह सब नजर नहीं आता, नजर आता है तो यह है कि मेरा रंग सांवला है मैं नाटी हूं मोटी हूं, सुंदर नहीं दिखती,
क्या जिंदगी जीने के लिए इंसान को बॉडी की शेप साइज कलर की चेकलिस्ट पर खरा उतरना जरूरी है,
गोरी आधे घंटे तक वहीं बैठे बैठे सोचती रही फिर खुद को शांत कर कमरे में आकर लेट गई,,,
आज गोरी के घर में फंक्शन था रिश्तेदार और मेहमान आए हुए थे गोरी की दोनों बहने किरण और सुरभी मेहमानों से मिल रही थी लेकिन गोरी बहुत कम कमरे से बाहर आ रही थी रिश्तेदार उसके लिए विलेन की तरह थे वह जानती थी कि वह बाहर उनके सामने गई तो वह कैसे कैसे सवाल पूछेंगे
अरे गोरी तू तो दिन दिन और छोटी होती जा रही है जमीन में दसेगी क्या
गोरी बेटा थोड़ी बहुत डाइटिंग पर ध्यान दिया कर, जानती है ना आजकल के लड़कों को पतली लड़कियां पसंद आती है
बेटा तू ना चेहरे पर हल्दी और मुल्तानी मिट्टी लगाया कर उससे चेहरे पर निखार आएगा
निखिल जी की दो बेटियां तो सोना है बस गोरी ही पता नहीं ऐसी क्यों पैदा हो गई, कभी-कभी तो शक होता है यह इनकी बेटी है भी या नहीं"
ऐसे तरह-तरह के सवाल सुनते हुए ही गोरी बड़ी हुई थी और आज भी रिश्तेदारों के इन सवालों का सामना करने से बचने के लिए गोरी बाहर नहीं आ रही थी लेकिन मम्मी की आवाज सुनकर उसे बाहर आना ही पड़ा,,,
वह बाहर आकर सबकी नजरों से छुपते हुए एक और आकर खड़ी हो गई जहां किसी की नजर उस पर ना जाए, कितना अजीब था ना बचपन में फंक्शंस का नाम सुनते ही वह उछलने लगती थी और फंक्शन जब खुद के घर में हो तो खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं होता था, रिश्तेदारों से मिलने का, बच्चों के साथ खेलने का इंतजार रहता था क्योंकि बचपन में कोई इतना जज नहीं करता था लेकिन आज उसे फंक्शन के नाम पर पहले से ही डर लगने लगता था कि सब इकट्ठा होंगे, उसे उसकी बॉडी को लेकर जज किया जाएगा सबके सामने इंपरफेक्ट फील करवाया जाएगा जिसको जो कमी दिखेगी बोल कर चला जाएगा, इन सब की वजह से पूरा परिवार होने के बावजूद गोरी खुद को तन्हा महसूस करती थी,,,,
कॉलेज के दोस्तों के नाम पर सिर्फ एक लड़की थी जिसके साथ गोरी कंफर्टेबल महसूस करती थी मजाक मजाक में वह भी गोरी को कह देती थी कि हम दोनों साथ में चलते वक्त अच्छे नहीं लगते ऐसा लगता है मैं किसी स्कूल की बच्ची के साथ चल रही हूं ,,उसके सवाल पर गोरी सिर्फ मुस्कुरा कर रह जाती थी,,
कॉलेज लाइफ जिंदगी का वह फेज होता है जिसमें हर तरह की फीलिंग्स जकड़ लेती है अट्रैक्शन, प्यार, दोस्ती मस्ती, इन सब से बाहर जैसे कुछ हो ही नही, गलत और सही का कोई अंदाजा नहीं होता, उसके लिए उसकी चुनी गई राह ही सही होती है फिर चाहे वह गलत ही क्यों ना हो, सब की नजर उस पर ही आकर ठहरे, उसे सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंस मिले फिर इसके लिए चाहे कुछ भी करना पड़े और अपोजिट अट्रैक्शन जिसे नाम दिया जाता हैं प्यार का वह तो नशे की तरह जकड़ लेता है, इस फीलिंग्स से बचना सबसे मुश्किल होता है,,,
गोरी भी उम्र के उसी दौर में थी, उसकी फ्रेंड से लेकर क्लास की हर लड़की कमिटेड थी और इसलिए सब गोरी के सिंगल होने पर उसे डम समझते थे, ये तो फैक्ट है की कॉलेज लाइफ में सिंगल होना भी एक शर्मिंदगी जैसा है। गोरी भी क्लास के एक लड़के को पसंद करती थी लेकिन उससे कह पाने की कभी हिम्मत नहीं होती थी यह सोच कर कि सब की तरह उसने भी उसे जज किया तो अगर उसने उस लड़के को अपनी फीलिंग बता दी तो पूरी क्लास उस लड़के का भी मजाक बना देगी, यह सोचकर वह अपनी फीलिंग को छुपा लेती लेकिन अपनी फीलिंग को छुपाए रखना उसके लिए कितना मुश्किल था यह वही जानती थी।।।
गोरी ने इन सबके बीच खुद को पढ़ाई में पूरी तरह झोंक दिया था क्योंकि उसका मानना था कि वह सक्सेस हो जाएगी तो सबका मुंह बंद हो जाएगा, कितने सारे एग्जाम्पलस देखे थे, लोगो ने जिन जिन ने कमियां निकाली वो लाइफ में कुछ कर सबका मुंह बंद कर देते है वो अपनी कमियों को अपनी ताकत बना लेते हैं, गोरी को भी लगता था कि अपनी सारी कमियों को अपनी ताकत बनाएगी कुछ ऐसा कर के दिखाएगी जिंदगी में कि किसी को मौका ही नहीं मिलेगा उसकी बॉडी को लेकर उसे ताने मारने का,,
वह रात दिन किताबे लिए बैठी रहती थी लेकिन किस्मत ने यहां भी उसका साथ नही दिया, उसका कॉन्फिडेंस इतना गिर गया था कि वह सबके सामने खड़ी होकर प्रेजेंटेशन भी नहीं दे पाती थी वही उसकी क्लास की लड़कियां बिना पढ़े भी कॉन्फिडेंटली प्रेजेंटेशन देकर चली जाती थी, टीचर्स का ध्यान भी गोरी पर नहीं जाता था, इन सबके चलते गोरी का हौसला, उसका सेल्फ कॉन्फिडेंस उसकी इनर वैल्यूज सब खत्म धीरे-धीरे खत्म होने लगी और इसका नतीजा यह हुआ कि स्कूल में टॉप करने वाली गोरी कॉलेज के पहले साल में ही कुछ सब्जेक्ट में फेल हो गई,,,
उसके फेल होने की वजह किसी को मालूम नहीं पड़ी ना किसी ने जानने की कोशिश की, बल्कि दोस्तों रिश्तेदारों और परिवार से बस एक ही बात सुननी पड़ी, भगवान ने शक्ल सूरत तो नहीं दी लेकिन अक्ल तो दी थी उसका भी सही से इस्तेमाल कर लेती तो जिंदगी सुधर जाती है,,,
गोरी की कमियों में उसका फेलियर भी शामिल हो गया था, पढ़ाई के नाम पर थोड़ी-बहुत तारीफ सुनने को मिल जाती थी लेकिन सब खत्म होने लगा था।
कई बार गोरी ने खुद को खत्म करने का सोचा लेकिन परिवार के बारे में मां पापा के बारे में सोचकर वह रुक जाती, कितनी चोट पहुंचा लेती थी खुद को, कभी भगवान के सामने रोते हुए अपने हाथ जला लेती थी ताकि वह उसका दर्द समझे, कभी ब्लेड से हाथों को काट लेती कभी रात रात भर रोती रहती, सब से छुपकर सुंदर दिखने के नए-नए नुस्खे अपनाती, वजन कम करने के लिए खाना कम कर दिया, चाहे भूख से उसकी जान निकलती हो, सब के सो जाने के बाद दौड़ लगाती ताकि कोई देखकर हंसे नहीं, जहां से उसे जैसे उपाय मिले, किसी ने बताए वो सब उसने ट्राई किया लेकिन शरीर में कोई बदलाव नहीं आता, कैसे जैसे कर कॉलेज खत्म हुई, , आगे कहीं जाकर नौकरी करने की हिम्मत ही नहीं थी उसमे, इसलिए घर से बाहर निकलना बंद कर दिया घर को ही उसने अपना एक कंफर्ट जॉन बना लिया था, ताकि दूसरो की नजरे उसे देख उसका मजाक ना बनाए,
शादी की उम्र हुई, घरवाले ने रिश्ते देखना शुरु किया, एक दो रिजेक्शंस के बाद गोरी की सगाई तय हुई,,
24 साल की गोरी आईने के सामने बैठी तैयार हो रही थी क्योंकि सगाई थी उसकी, लड़के को सिर्फ फोटो में देखा था उम्र थोड़ी ज्यादा थी सावला और मोटा सा था लेकिन गोरी को कोई फर्क नहीं पड़ा क्योंकि उसे तो परफेक्ट मैन की तलाश भी नहीं थी, दूसरी वजह यह भी थी की बाकी लड़कियों की तरह गोरी जैसी इंपरफेक्ट लड़कियों के लिए हैंडसम और परफेक्ट लड़कों के सपने देखना तो जैसे गुनाह था और अगर उन्होंने लड़के को लेकर अपनी डिमांड रख भी दी तो सब उन्हीं पर हंसने लगते थे कि परफेक्ट लड़का चाहिए तो खुद को भी परफेक्ट होना चाहिए इसीलिए गोरी ने कोई शर्त नहीं रखी थी कि उसे कैसा पार्टनर चाहिए और किसी ने गोरी से यह सवाल पूछा भी नहीं था,,,,
गौरी की सगाई हुई, वह खुश थी की अब जिंदगी का नया दौर शुरू हो रहा है तो अब कोई उसे जज नहीं करेगा वह सुकून से जिंदगी जी पाएगी, उसका पति उसे लेकर कभी शर्मिंदगी महसूस नही करेगा लेकिन उसे नहीं मालूम था कि बॉडी सैमिंग का सही मतलब उसे शादी के बाद समझ आने वाला था, नई बहू को देखने आई आसपास की औरतों रिश्तेदारों के मुंह से अपने शरीर रंग रूप की बनावट पर टिप्पणियां सुन उसे समझ आ गया था कि उसकी जिंदगी आगे भी आसान नहीं होने वाली, वह सुनती रही लेकिन उसकी सारी उम्र हिम्मत तब टूट गई थी जब शादी के कुछ साल बाद ही ससुराल वाले और जिसके साथ खुशहाल जिंदगी के सपने देख कर वो आई थी उसी पति ने बात बात पर उसके रंग रूप को लेकर उसे ताने देना शुरू कर दिया,, हर आदमी को एक परफेक्ट पत्नी चाहिए फिर चाहे वह खुद कैसे भी हो, गोरी के साथ भी ऐसा ही होने लगा था उसका पति चाहे कैसा भी हो लेकिन अब उसे गोरी को अपने दोस्तों से मिलाने में भी झिझक होती थी, कुछ सालो में ही इसी वजह से गौरी के साथ झगड़े और मारपीट शुरू होने लगे थे, कोई नही था जो उसका साथ देता, मायके जाती तो उसकी कमियों को लिस्ट में एक ये भी जुड़ जाता की गृहस्ती भी नहीं संभाल पाई, सुंदर होती तो पति भी दिलजस्पी लेता, इस तरह की औरत से तो दूर ही भागेगा, सारे रास्ते बंद हो चुके थे और अब गोरी में हिम्मत नहीं बची थी लोगो का सामना करने की, उसे समझ आ गया था की लोगो की सोच कभी नहीं बदल सकती,,,,
आखिर तंग आकर गोरी ने एक दिन अपनी जिंदगी खत्म कर ली, खुद को आजाद कर लिया इस समाज से और यहां के लोगो के ताने से,,,,किसी को वजह तक पता नहीं चली कि उसने ऐसा क्यों किया क्योंकि बाहरी तौर पर तो वह ठीक ही थी असली लड़ाई तो उसकी खुद के भीतर थी जिसे लाख कोशिशों के बाद भी वह जीत नहीं पाई।।।।।
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बॉडी शमिंग.... एक ऐसी बीमारी जो लोगों की छोटी सोच से पनपती है, अगर भीड़ के बीच खड़ा होकर कोई बॉडी शमिंग पर स्पीच देने लग जाए या दोस्तों के बीच यह विषय छिड़ जाए तो सब हंसने लगते है क्योंकि उनके अनुसार बॉडी शमिंग इज नॉट ए बिग डील, यह कोई समस्या का विषय नहीं है, इस शब्द का अर्थ कोई नहीं समझ पाता शिवाय उन लोगों के जो इसका शिकार होते हैं, शरीर पर लगी हुई चोट आसानी से दिख जाती है लेकिन अंदरूनी चोट चाहे जितनी गहरी हो किसी को नजर नहीं आती और बॉडी शमिंग वही अंदरूनी चोट है जो हंसते हुए इंसान की हस्ती, उसका अस्तित्व मिटा देती हैं उसके वजूद को मिटा देती है। मानसिक रूप से उसे इतना कमजोर बना देती है की कुछ भी करने लायक खुद को नही समझता,,,दूसरो के द्वारा उड़ाए गए अपने शरीर के मजाक से हालत होकर लोग खुद से नफरत करने लगते है, उन्हे अपनी जिंदगी बोझ लगने लगती हैं और वो न चाहते हुए भी बोझ बनकर रह जाते हैं,,,
कहने को तो हर कोई कहता है की लोग हमारे बारे मे क्या बोलते हैं क्या सोचते हैं हमे फर्क नहीं पड़ता चाहिए लेकिन वास्तविकता में ऐसा होता नही, सबको फर्क पड़ता है की लोग उसे लेकर कैसी टिप्पणियां करते हैं, उसकी बॉडी में कितने डिफेक्ट निकालते है,
"तन की सुंदरता से ज्यादा मन की सुंदरता जरूरी है" ये लाइन सिर्फ कहने के लिए बनी है, सच यही है की मन से पहले तन की सुंदरता देखी जाती हैं, लड़के हो या लड़किया, पार्टनर चुनते वक्त यह नही देखते की उनका व्यक्तित्व कितना अच्छा है, उनके आंतरिक गुण कैसे है, वो देखते हैं तो सिर्फ उनकी सुंदरता, ताकि किसी से मिलाते वक्त उन्हें झिझक महसूस ना हो,
खैर.......!!!!!!
दो दिन पहले न्यूज में आया था की बॉडी सेमिंग से परेशान होकर एक औरत ने सुसाइड कर लिया, तो वही से ये टॉपिक दिमाग में आया तो गोरी का किरदार लिख दिया,,,,
कैसी लगी बताइएगा, इंतजार रहेगा आपकी प्रतिकियाओ का....... बाकी इस कहानी का मोरल मुझे भी नही पता क्योंकि बॉडी सैमिंग को लोग अपना पर्सनल अधिकार समझते हैं की वो जिसके बारे मे चाहे जैसी टिप्पणियां कर सकते हैं उनकी सोच को रोकने वाला कोई भी नही तो चाहे, सो.....
MaNiShA NeTwAL