Sapne - 43 in Hindi Fiction Stories by सीमा बी. books and stories PDF | सपने - (भाग-43)

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सपने - (भाग-43)

सपने.....(भाग-43)

आस्था वापिस आदित्य के साथ मुंबई आ गयी.... जब वो लोग पहुँचे तो सब डिनर कर रहे थे। नवीन भी वापिस आ चुका था। श्रीकांत तो नाराज हो रहा था कि उसने जाने से पहले उठाया क्यों नहीं? वो भी साथ चलता ...पर आदित्य ने उसे ये कह कर मना ही लिया कि," वो डिस्टर्ब था, कुछ समझ ही नहीं आ रहा था क्योंकि इससे पहले उसने कभी कुछ ऐसा हैंडिल नहीं किया था, पर फिर भी सब ठीक से हो गया यही काफी है"।
आस्था ने आदित्य को मना कर दिया था कि "अभी वो किसी को कुछ भी नहीं बताएँगे"।
आदित्य को न बताने का कोई लॉजिक समझ नहीं आ रहा था, पर फिर भी वो उसकी बात मान गया। आस्था ने स्नेहा को फोन करके बता दिया कि, "वो किसी काम में अटक गयी है 8-10 दिन में आएगी पर उसके घर में अभी उसके आने के बारे में कुछ नहीं कहेगी"। राजशेखर और रश्मिकीर्ति की शादी की डेट अगले महीने 12 है तो उसने सबको एक साथ ही कह दिया कि," वो इन दिनो में फ्री रहें 10 से लेकर 14 तक सब को साथ रहना है"।
आस्था फंस गयी थी क्योंकि उसे स्नेहा की शादी में भी तो जाना था.....वो कैसे मैनेज करेगी? "राज मैं तो नहीं आ पाऊँगी तुम्हारी शादी में...... मेरी बेस्ट फ्रैंड की शादी है 15 को और वो मैं नहीं सकती। जब तुम यहाँ आओगे तो हम पार्टी कर लेंगे"......आस्था की बात सुन कर राजशेखर गहरी सोच में डूब गया...."नहीं आस्था मेरी शादी में भी आना उतना ही जरूरी है जितना तुम्हारी बेस्ट फ्रैंड की शादी जरूरी है तुम्हारे लिए....मैं भी तो तुम्हारा दोस्त हूँ "!
आस्था--- "हाँ राज तुम ठीक कह रहे हो...पर मेरे लिए दोनो शादी को अटैंड करना मुश्किल है.....उसके और तुम्हारे फंक्शन सब आस पास ही होंगे......मैं नहीं रहूँगी तो क्या हुआ? बाकी सब को अटैंड करेंगे ही"।
राजशेखर---- "ठीक है फिर मैं अम्मां और अप्पा को दूसरी डेट पूछने को कहता हूँ, पर मेरी सबसे दोस्ती तुम्हारी वजह से हुई थी, आना तो तुम्हें पड़ेगा ही, फिर चाहे डेट आगै पीछे करनी पड़े"।
आदित्य --- "अगर ऐसा है तो राज तुम डेट 15 के बाद की कहो निकालने के लिए.....आस्था की वो चाइल्डहुड फ्रैंड है.... इसका जाना बनता है....पहले बात कर ले घर पर कि डेट चेंज हो सकती है या नहीं"?
राजशेखर--- ठीक है....मैं सुबह बात करता हूँ।
श्रीकांत--- "ठीक है यार, डेट फाइनल करके बता देना हम तेरे पास पहुँच जाएँगे...मैं और सोफिया 1-2 दिन में घर के लिए निकलेंगे"।
नवीन-- "ऐसा है तो पार्टी हो जाए बढिया और जोरदार.....क्योंकि मैं भी जा रहा हूँ शोज के लिए"।
राजशेखर--- "यार तुम्हारा कितने दिनो का टूर है"?
नवीन--- "तुम चिंता मत करो सिर्फ दो हफ्ते बिजी हूँ....मजे से शादी अटैंड करूँगा..."।
सोफिया--- "ठीक है फिर कल सेलीब्रेट करते हैं पूरा दिन..... राज तुम छुट्टी ले लो"!
राजशेखर---- "नहीं ले सकता यार....पर हॉफ डे में आ जाऊँगा"।
नवीन-- "ठीक है फिर रश्मि भी अगर हॉफ डे में आ पाए तो उसे भी ले आना"।
राजशेखर----- "नहीं यार.... उसे रहने दो,हम दोस्त चिल करेंगे....शादी के बाद तो उसके साथ ही रहना है न"!
आदित्य---- "क्या बात है यार!! अभी से परेशान हो गया लगता है", आदित्य ने उसे छेड़ते हुए कहा।
राजशेखर--- "आदित्य यार तुम सही हो, सिंगल हो कोई दिक्कत नहीं.... पर ये लड़कियाँ न गर्लफ्रैंड बनी रहे तो ठीक रहती हैंं, जब बीवी बनने के प्रोसेस में आते ही कुछ ज्यादा ही डिमांडिग और डोमिनेटिंग हो जाती हैं साथ ही अटैंशन सिकर भी। रश्मि को बुलाने को मतलब बस उसको ही अटैंड करना हो जाएगा", राजशेखर ने मुँह बनाते हुए कहा तो सब हँस दिए।
सोफिया --- "सब एक जैसे नहीं होती राज,
क्यों श्री मैं ठीक कह रही हूँ न"? उसने श्रीकांत की तरफ देखते हुए सहमति के लिए प्रश्न उछाला।
श्रीकांत--- "बिल्कुल ठीक कहा तुमने सोफी"।
आस्था--- "सोफिया ठीक कह रही है राज....,
तुम्हारी रश्मि जैसे सब नहीं होते"?
आदित्य--- "राज बिल्कुल ठीक कह रहा है, 100% सही बात है। ज्यादातर लड़कियाँ बेकार के ड्रामें करने लगती हैं"!
आस्था और सोफिया ने घूर कर आदित्य को देखा तो आदित्य बोला," देखो दोनो बिल्लियाँ शेरनी बन कर घूर रही हैं मुझे श्री", कोई बचा लो मुझे इस नारी शक्ति से! आदित्य के मजाक ने आस्था को गुस्सा दिला दिया और श्री तो सोफिया को समझाने में लगा था कि "मजाक कर रहा है वो"। वो दोनो अपने अपने कमरे में चली गयी और पीछे पीछे श्रीकांत सोफिया को मनाने अपने कमरे में चला गया और आदित्य ने आस्था को "सॉरी" बोला और कहा," वाकई मजाक कर रहा था"। राजशेखर और नवीन एक कमरे में सो गए....आदित्य ने आखिर आस्था को मना ही लिया अपनी प्यार भरी चुहलबाजी करके। आदित्य और आस्था दोनो ही बेहद खुश थे अपने नए से बने रिश्ते से.....। अगला दिन पूरा दिन सबने मस्ती की और राजशेखर भी जल्दी ही आ गया.....देर रात तक खाना पीना और नाच गाना होता रहा....अगला दिन छुट्टी का था तो सब आराम से उठे और फिर वही मस्ती का आलम बना हुआ था। बीच बीच में आदित्य ने कुछ पल आस्था के साथ रहने के लिए जैसे तैसे चुरा लिए। वीकैंड था तो सब साथ थे, इसके बाद कब सब एक साथ होंगे ये एहसास भी सबको था। राजशेखर ने अपने घर पर फोन करके कुछ प्रोजेक्ट के चलते शादी की डेट को पोस्टपोन करने के लिए मना ही लिया था। वैसे भी अभी तैयारियाँ शुरू ही नहीं हुई थी तो उसके अप्पा ने अगले ही दिन फोन करके नयी डेट उससे अगले महीने की 4 तारीख बताई तो राजशेखर ने खुशी खुशी "हाँ" कह दी। हालंकि रश्मि को भी राजशेखर ने सच नहीं बताया था, क्योंकि वो नहीं चाहता था कि रश्मि उसके फ्रैंडस के बारे में कोई गलत राय बना ले। मस्ती को माहौल तो वैसे ही बना हुआ था, जब राजशेखर ने शादी की नयी डेट बतायी तो एक और मौका मिल गया सबको सेलिब्रेशन का......।
क्रमश: