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सबने वहाँ जाकर देखा कि रिया और सागर ज़मीन पर गिरे पड़े है । तभी किसी ने कहा कि कोई जंगली साँप काट गया है । किस्मत अच्छी है, साँप जहरीला नहीं था । किसी का कोई पालतू साँप हो सकता है । शुभांगी ने रिया के गाल हिलाए, सागर को विशाल और अतुल होश में लाने लगे । तभी किसी स्थानीय खड़े व्यक्ति ने कोई पेड़ से पत्ता तोड़कर उनके पैर पर रगड़ा तभी उन दोनों को होश आ गया। दोनों को सहारा देकर जीप तक लाया गया । अनन्या ने विशाल को रोकते हुए कहा, मुझे तुमसे कुछ बात करनी है । चारों जीप के पास आ गए और विशाल वही अनन्या से बात करने लगा । विशाल तुम्हारे फ्रैंड्स इतने नौटंकी क्यों है। पहले वो शुभांगी फालतू का हल्ला मचा रही थी । अब ये दोनों यहाँ ड्रामा करके बैठ गए। इन्हे क्या ज़रूरत थी, इस तरह अलग होकर यहाँ मज़े करने की, सब्र नहीं होता क्या । अनन्या ने गुस्से में कहा। बात तो तुम्हारी सही है, मेरी जान। पर हो जाता है। इतना गुस्सा नहीं करते। एक बार रिसर्च का काम ख़त्म हो जाए. उसके बाद हम सीधे नैनीताल चलेंगे । फ़िर मैं और तुम। विशाल ने बड़े प्यार से अनन्या के गालों को छूते हुए कहा। अपना पर्स लेने आई शुभांगी ने दोनों की सारी बातें सुन ली । आने दो, इस अनन्या के आशिक़ को फ़िर बताती हूँ। जीप अपनी गति से चलती जा रही है। रिया सागर के कंधे पर सिर रखकर सो रही है। विशाल और अनन्या हँस हँसकर बातें कर रहे हैं। शुभांगी ने बैग खोला और पॉल एंडरसन की बुक ही उसके हाथ लगी। उसने पढ़ना शुरू कर दिया ।
रास्ता पीछे छूटता जा रहा है। अतुल ने जीप की स्पीड बढ़ा दी और वो लोग अपनी मंज़िल पर पहुँच ही गए। जीप से उतरकर सबने आसपास देखा एक खुले पेड़ पौधों से ढके मैदान के बीचो-बीच है, पॉल एंडरसन का घर। जो अब म्यूजियम बन चुका है। मगर कोई चहल-पहल नहीं है। केवल उनके घर के बाहर एक वॉचमैन बैठा हुआ है। अधेड़ उम्र वॉचमैन फ़ोन पर कोई गेम खेल रहा है। उन लोगों को देखकर वह चौंक गया। आप लोग यहाँ ? हाँ, भैया हम लोग स्टूडेंट्स है । पॉल एंडरसन के बारे में जानने के लिए आये है। वॉचमैन ने सबको गौर से देखा, फ़िर बोला, अभी देखकर चले जाओंगे या फिर रुकने का प्रोग्राम है । कल शाम तक यहाँ से चले जायेगे। विशाल ने जवाब दिया। अगर अंदर रुकना है तो रजिस्टर में एंट्री करो और 1000 रुपए दो। और अगर पास वाले ऑउटहॉउस में रुकना है तो रजिस्टर में साइन कर अंदर चले जाओ। अतुल ने एंट्री कर दी। क्या और भी लोग यहाँ आते है ? अतुल ने नाम लिखते हुए पूछा। हाँ आते है, मगर एक दो घण्टे में निकल जाते है । हमने कभी किसी को रुकते हुए नहीं देखा। ठीक है, लो कर दी एंट्री । विशाल ऑउटहॉउस में ही रुकेंगे। अनन्या ने फ़रमान सुना दिया।
हाँ, वही जायेगे। अभी तो बस अंदर एक चक्कर लगा आए। शुभांगी ने विशाल को घूरा तो वह झेप गया । घर के अंदर पहुँचते ही उन्होंने देखा कि घर में बहुत पुराना सामान है। उनकी किताबें , रेडियो, कोई बिजली के उपकरण और कन्फेशन बॉक्स। ज़रूर वो यही लोगों को बिठाकर उनकी बात उनके रिश्तेदारों की आत्मा से करवाते होंगे । अतुल ने कहा तो सब उस बॉक्स की ओर देखने लगे। पॉल एंडरसन बहुत अच्छे इंसान थे। वह लोगों की मदद करते थे । अब रिया भी बोल पड़ी। मुझे तो यह बेकार काम लगता है। अरे ! भई जो गुज़र गया सो गुज़र गया । क्या ज़रूरत है गड़े मुर्दे उखाड़ने की । अनन्या बेफिक्री से कहा । बिलकुल जान, मगर हर किसी की ज़िन्दगी का कोई न कोई मकसद होता ही है। हो सकता है, उन्हें ये सब काम करके शांति निलती हो । विशाल की बात कसुनकर अनन्या ने मुँह बना लिया । क्या नमूनी लड़की ढूँढ ली, इस गधे ने । शुभांगी ने मन ही सोचा । तभी उसकी नज़र कॉन्फेशन बॉक्स पर गई । उसे लगा अंदर कोई बैठा उन्हें देख रहा है। इतनी डरावनी आंखें उसने कभी नहीं देखी है। उसने कॉन्फेशन बॉक्स की खिड़की को गौर से देखा, मगर अब उसे कोई नज़र नहीं आया ।
अतुल ने कैमरा निकलकर फोटो खींचनी शुरू कर दी । पूरे घर को उसने कैमरे में कैद कर लिया । रिया बुक पढ़ने लगी । कुछ पेपर्स टेबल पर रखे हैं । मगर सब मिटटी से सना हुआ है । लगता है, काफी दिनों से सफाई नहीं हुई है । कौन करेगा सफाई । सरकार कहाँ ध्यान रखती होगी । तभी लोग अपने काम से बचते होंगे। अनन्या फ़िर बोल पड़ी । ऊपर सीढ़ियाँ चढ़कर गए तो वहाँ पॉल एंडरसन का कमरा है । जहाँ बेड, एक आराम कुर्सी और पुरानी घड़ी टंगी हुई थीं । इनका बेड तो आरामदायक है। अतुल जैसे ही बैठने को हुआ । उसे लगा उसे किसी ने ज़ोर से धक्का मारा हों । पर उसे लगा शायद यह हरकत विशाल की है। इसलिए वह चुप रह गया । शुभांगी को तो पूरे घर में अजीब से गंध आ रही है । हो सकता है, यह घर में आई सीलन की वजह से हों । चलो यार ! कल सुबह आते है। आज ज़रूरी फोटो ले ली है। बाहर चलकर उस भैया का इंटरव्यू ले लेते हैं । कुछ पुरानी वीडियो है । चलाकर देखते है, क्या पता चल जाए । अतुल वीडियो हाथ में लिए बोला । कल आसपास के लोगों से बात करते हैं। कहकर सब घर से बाहर निकल गए ।
बाहर वाचमैन से प्रश्न पूछने लगे, कुछ बताए मिस्टर एंडरसन के बारे में । विशाल ने पूछा । मैं दो साल पहले यहाँ आया हूँ। मुझे ज्यादा कुछ नहीं पता । दो साल पहले कुछ दो-चार विदेशी आये थें, कोई फिल्म बनाने । फिर आप आये हों । अभी तो आप कह रहे थे कि लोग आते रहते हैं । आपके जैसे लोग दो साल पहले आये थें । अब तो भूले भटके कोई आये तो आये मगर कोई ज्यादा टिकता नहीं है । देखने के लिए अंदर है भी क्या । क्या उन्होंने कोई फिल्म बनाई ? शुभांगी ने पूछा । पता नहीं मैडम, वो मुझे पैसे देकर अंदर गए । सुबह मैं आया तो कोई नहीं था । शायद चले गए होंगे। यह रजिस्टर आपका रख ले । कल दे देंगे। रिया ने रजिस्टर लेते हुए कहा और विशाल ने भी उसकी जेब में 100 रुपए डाल दिए । वह कुछ कह न सका । ऑउट हॉउस के रिसेप्शन पर बैठी मैडम ने मुस्कुराते हुए उन्हें कमरे की चाभी सौपी । सब अंदर आ गए । अनन्या बैडरूम में चली गई । सागर भी सामान उठाकर कमरे में आ गया । उनके हटते ही शुभांगी ने कहा, "क्या है, यह लड़की, बत्तमीज़ है बिलकुल । कोई दूसरी नहीं मिली तुझे । यार! इस ट्रिप के लिए पटायी है । एक बार काम खत्म हो जाए, बस फ़िर तू कौन, मैं कौन । विशाल ने बेपरवाह होकर कहा ।
कमरे में अनन्या ने अपना टॉवल लिया और बाथरूम के अंदर गई । बाथरूम तो बहुत बड़ा है । बाथ टब भी बहुत गहरा है । उसने अपना टॉवल होल्डर पर टांगा और जीन्स उतारकर बाथ टब की तरफ बढ़ी । उसने देखा की टब में कोई उल्टा लेटा हुआ है । उसकी चीख निकल गई। जिसे सबने सुना और ऊपर की ओर भागे । अनन्या भी चीखते-चिल्लाते हुए बाहर निकल आई । उसकी आँखों से आँसूं निकल रहे हैं । उसने डरते-डरते बताया बाथरूम में कोई है । जब अंदर जाकर देखा तो किसी को कुछ नज़र नहीं आया । हम सबको कुछ खा लेना चाहिए । उसने अनन्या को गले लगाते हुए कहा । जान कभी थकान से भी कुछ हो जाता है । मैं नीचे जाकर कुछ आर्डर करता हूँ । सागर और अतुल कुछ खाने के लिए लेने चले गए ।
रिसेप्शन पर मैडम नहीं है । वे आउटहाउस में किसी को ढूँढने लगे । कमाल है ! कोई है ही नहीं । सागर ने कहा । कोई आता नहीं होगा तो स्टॉफ चला गया होगा । बाहर से कुछ ले आते हैं । अतुल ने कहा । यार ! मैं कह रहा हूँ जितनी जल्दी हो यहाँ से निकल लेते है । मुझे भी कुछ ख़ास अच्छा नहीं लग रहा । मैंने पूरा ऑउटहॉउस देखा कहीं कोई नहीं है । अब वो मैडम भी गायब है। जब मैं और रिया अकेले थे। तब जैसे ही रिया के करीब आया तब किसी ने हमारे सिर पर मारा और हम पत्थर की ठोकर से बेहोश हो गए । पता नहीं, साँप ने कब काटा । सागर की आवाज में संदेह और डर है । ठीक है, यार ! कल जल्द से जल्द निकल लेंगे ।
खाने का सामान लेकर वो लोग वापिस आए । सबने खाना खाया । शुभांगी लैपटॉप लेकर बैठ गई। वह खींची हुई फोटो देखना चाहती है । सागर रिया सैर को निकल गए । मेरे सिर में बहुत दर्द है । अनन्या यह कहकर सोने चली गई। विशाल भी उसके पीछे चला गया । अतुल का फ़ोन आ गया। तभी थोड़ी देर बाद विशाल नीचे आया और कहने लगा कि अनन्या अपने कमरे में नहीं है । एक बार पूरा ऑउट हॉउस देख लो । शुभांगी ने बोला । विशाल अतुल को ले उसे ढूंढ़ने लग गया । सभी फोटो अपलोड होने लगे ।
नीचे सागर और रिया ने अनन्या को अंडरसन के घर की तरफ़ जाते देखा। उन्होंने यह बात विशाल और अतुल को बताई और वो चारों वही चले गए । शुभांगी सबसे अनजान प्रोजेक्ट की तैयारी करने के लिए सभी फोटो को अपनी फाइल में कॉपी पेस्ट करने लगी । एक फोटो पर नज़र पड़ते ही उसकी हालत खराब हो गई । उसकी पलके झपकना भूल गई । उसके हाथ लैपटॉप पर रुक गए।