Juari - 2 in Hindi Anything by Brijmohan sharma books and stories PDF | जुआरी फिल्मप्रोड्यूसर - 2

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जुआरी फिल्मप्रोड्यूसर - 2

(2)

बीयर ट्रैप
विजय ने अपने ब्रोकर से पूछा,

“ गोयालजी ! एक दिन मै मार्किट में इन्वेस्ट करने लगा तो गिरते शेयर के भाव अचानक बढ़ने लगे और मुझे अधिक भाव में शेयर खरीदना पड़े, ऐसा क्यों ?

ब्रोकर ने गंभीरता से जबाब दिया,

“ विजयजी ! अनेक बार मार्केट गिर रहा होता है किन्तु तभी अचानक वह ऊपर जाने लगता है |

क्योंकि बीयर कम भाव में शेयर खरीदकर उसका भाव कुछ समय के लिए बढ़ा देते हैं जिसे नासमझ इन्वेस्टर तेजी समझकर फस जाते हैं | किन्तु यह बीयर की एक चाल होती है |

वे मार्किट को फिर गिरना शुरू कर देते हैं | इसे बीयर ट्रैप कहते हैं | “

मार्किट की इस शार्ट चाल से सावधान रहने की जरुरत होती है |

फ़िल्मी पार्टी
विजय ने फिल्म निर्माण में प्रवेश करने का निश्चय किया ।

उसने मुम्बई के एक प्रसिद्ध होटल में एक शानदार पार्टी का आयोजन किया । उसने इस पार्टी मे फिल्म वर्ल्ड की प्रसिद्ध हस्तियों को निमंत्रण दिया ।

विजय व अरु होटल के द्वार पर खड़े होकर हर आतिथि का गर्मजोशी से स्वागत कर रहे थे |

अनेक प्रसिद्ध अभिनेता,अभिनेत्रियां, म्यूजिशियन, निर्माता, निर्देशक व फाइनेन्सियर आदि फिल्मी हस्तियां पार्टी में शामिल हुई ।

लेडीज ने बड़ी भड़कीली चमचमाती हुई ड्रेस पहन रखी थी | वे इठलाती हुई सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास कर रही थी | अनेक सभ्रांत पुरुष भी बन ठन के स्वयं को स्मार्ट दिखाते हुए पार्टी की शोभा बढा रहे थे |

पार्टी में खूब नाच गाना व खाने पीने के दौर पर दौर चले । देर सुबह तक पार्टियों का जश्न चलता रहा । फिल्म जगत में इन पार्टियों का बड़ा महत्व हे । इनमें नई फिल्मो के निर्माण के विषय में एक दूसरे से चर्चा की जाती है ।

एक दुसरे से मिलने का मौका मिलता है | फिल्म निर्माण में किस्से सहायता लेना, किसी दिक्कत के लिए किस्से कंसल्ट करना आदि समस्याओं ला मार्गदर्शन की हिंट मिल जाती है |

आने वाली फिल्मों की रुपरेखा व निर्माण से सम्बंधित सहायता की सम्भावना तलाशी जाती है । फाइनेन्सर फिल्म जगत की रीढ़ होता है । यहां प्रोडूसर को फाइनेन्सर से प्रारंभिक चर्चा करने का मौका मिल जाता हे ।

आधी रात को एक खुबसूरत नवयुवती स्टेज पर कैबरे डांस करने लगी | वह एक एक करके अपने अधोवस्त्र दर्शको की और

फेंक रही थी | सभी लोग साँस रोके उसे बिना पलक झपकाऐ देख रहे थे |

इसके बाद एक अलग खेल खेला गया |

पार्टी में उपस्थित सभी लोगों ने मास्क पहन लिए |

एक व्यक्ति ने अनाउंस किया, “ अब हर उपस्थित व्यक्ति डांस करने के लिए अपने साथी को चुनने के लिए स्वतंत्र है, किन्तु कृपया कोई भी सज्जन या महिला अपने मास्क न उतारे | नकाब उतारने वाला या उसमे किसी तरह छेड़छाड करने वाला व्यक्ति प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाएगा | ”

अपने अपने साथी को चुनने का दौर चला | यह एक बडा मनोरंजक खेल था |

इस दौर में भारी अफरातफरी मची | किसी को खुबसूरत नया साथी मिला |

किसी बूढ़े के हाथ जवान तो किसी जवान को बुढिया नसीब हुई |

सुबह होने तक तरह तरह के नाच गाने के दौर चलते रहे |

गुप्ता फाइनेन्स के प्रेसिडेंट ने विजय के फ्यूचर वर्क में रूचि दिखलाई ।

गुप्ता फाइनेंस के मेनेजर ने विजय को अपने ऑफिस में मिलने के लिए बुलाया |

दूसरे दिन विजय गुप्ता फाइनेन्स के आफिस पहुंचा ।

उसने फाइनेन्सर को अपनी सारी योजना विस्तार से समझाई ।

अपने फिल्म की संक्षिप्त कहानी बतलाई |

उसने अपनी भावी फिल्म के विषय में लिए जाने वाले हीरो हेरोइन म्यूजिक डायरेक्टर के विषय में उसे अपनी योजना बतलाई | फायनेंसर विजय के प्लान से संतुष्ट दिखे |

इस डील में यह समझौता हुआ कि शूटिंग की रकम किश्तों में मिलेगी । पिछली किश्त का हिसाब देने पर अगली किश्त जारी कर दी जाएगी । फिल्म पूरी होने पर पूरी रकम पर २0 प्रतिशत ब्याज देना होगा व प्राफिट में 1०% का हिस्सा रहेगा । दोनों के बीच एक लिखित समझौता संपन्न हुआ |

 

फिल्म निर्माण प्रारंभ
 

विजय ने एक सादे समारोह में अपनी फिल्म का श्रीगणेश किया ।

उसने उस समय के प्रसिद्ध हीरो कुमार व हिरोइन शोला को साइन किया ।

इसी प्रकार उसने म्यूजिक डायरेक्टर, डांस डायरेक्टर, करैक्टर आर्टिस्ट आदि को कॉन्ट्रैक्ट किया ।

साथ ही कुछ नये लउ़के लड़कियों को ब्रेक दिया गया जो फ्री में काम करते थे ।

उनमें से कुछ लड़के लडकियाँ तो प्रोड्यूसर को फिल्म में ब्रेंक देने के लिए धन भी देते थे ।

 

 


शूटिंग 1
 

शूटिंग शुरू हुई |

उस दिन फिल्म का पहला शाट चल रहा था ।

एक सीन समुद्र के किनारे फिल्माया जा रहा था ।

हिरोइन गाना गाते हुए नाच रही थी। कुछ देर मे उसे गुंडे घेर लेते हैं। वे उसके साथ जोर जबर्दस्ती करने का प्रयास करते हें । इतने मे हिरोइन को ढूंढता हुआ घोड़े पर सवार हीरो वहां आ धमकता है। खूब ढुशुम ढुशुम होती हे |

गुंडे भाग खड़े होते हैं।

हिरोइन समुद्र के किनारे गाना गाते हुए फिर से डांस करती है । हीरो घोउ़े पर सवार होकर उसे ऊपर खींचकर अपने पास बैठा लेता हे । वे दोनो गाना गाते हैं ।

फिर लंच ब्रेक हो जाता है ।

 
हिरोइन से इश्क
 

हिरोइन शोला अपने कमरे में आइने के सामने बैठकर स्वयं को अनेक कोणों से देख रही थी । इतने मे उसके कमरे में विजय ने प्रवेश किया ।

शोला : ‘आइये प्रोड्यूसर साहब, बैठिये ।’

विनयः ‘ वाह मेडम आपका काम क्या लाजबाब है ! आप बड़ी नेचरल एक्टिंग करती है ।’

शोला ने इठलाते हुए कहा, :’ धन्यवाद’ ।

वह विजय को अपने पास बुलाकर उससे सटकर बैठ गई । वह बहुत देर तक विजय को ऐकटक देखती रहती हे । उसने पूरी फिल्म इंडस्ट्री मे ऐसा खूबसूरत युवक नहीं देखा था; लंबा कद,गोरा छरहरा गोल चेहरा, अत्यंत सुंदर दंतावली; बहुत स्मार्ट ! फिल्म का हीरो कुमार विजय की खुबसूरती के आगे कहीं नहीं ठहरता था ।

वह कहने लगी, “ विजय ! आप तो खुद हीरो का रोल कर सकते हो “ |

“जी बहुत शुक्रिया, मै आपकी राय पर विचार करूँगा | अभी तो मुझे हाथ में लिया काम पूरा करना है “, विजय ने कहा |

विजय उसे मस्का लगाने के लिए उसकी तारीफ कर रहा था क्योंकि बउ़ी हिरोइनों से आसानी से डेट नहीं मिलती । किन्तु यहां मामला उलटता दिखाई दिया । पहली नजर में शोला विजय पर फिदा होगई ।

विजय ने रेक्वेस्ट करते हुए कहा ‘ शोलाजी ! आप मुझे आगे की डेट्स ईजीली दे देना ।’

शोला ने कहा ‘ विजयजी ! जब भी आपका फोन आएगा, मै दूसरों की डेट्स केंसल करके आपको डेट्स दे दूंगी । आप बिलकुल निश्चिंत रहें ।’

शोला ने कुछ इठलाते हुए कहा ‘ विजय ! कल रात आप मेरे बंगले पर डिनर के लिए आ रहे हैं ।’

विजय शोला का अभिप्राय समझ चुका था । उसने भी मुस्कराकर जबाब दिया,

‘यह मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात होगी । मैं कल रात को नौ बजे आपकी खिदमत मे हाजिर हो जाउंगा ।’

 

 

मजे ही मजे
 

अगले रात को ठीक नौ बजे विजय ने शोला के बंगले पर दस्तक दी ।

शोला उसका बेसब्री से इंतजार कर रही थी । वह एक ट्रांसपेरेंट ब्लेक नाइट सूट पहने थी । उसने कसकर विजय का आलिंगन कर लिया । दोनों ने एक दूसरे पर चुम्बनों की बौछार कर दी । शीघ्र ही दोनों निर्वस्त्र बस्तर में एक दूसरे मे समा गऐ । तूफान शांत होने पर शोला ने कहा ‘ लो तुम्हारे स्वागत में मै तुमहे डिनर का पूछना ही भूल गई ! ’

उन दोनों ने डिनर किया । फिर शराब व शबाब के दौर चले | रात भर विजय शोला के साथ ही रहा । दोनों ने जीवन भर एक दूसरे का मित्र बने रहने की कसमे खाई ।

सुबह विदा लेते समय शोला ने कहा, “ आज की सुहानी रात को मै जीवन भर नहीं भूल सकती | “

विजय ने कहा, “ ऐसी जन्नत का मै ताउम्र इन्तजार करूँगा|“

“हम मिलते रहेंगे “, शोला ने उसे विदा करते हुए कहा |

“जब भी आप इस नाचीज को याद फरमाईयेगा, आपकी खिदमत में मै तत्काल हाजिर हो जाऊंगा “विजय ने मुस्कुराते हुए जबाब दिया|

उस शाम एक कार में एक जोड़ा समुद्र के किनारे एकांत की तलाश में भटक रहा था । कार में विजय व शोला थे । वे कार में बार बार परस्पर एक दूसरे को आलिंगन कर रह थे | रह रहकर वे एक दुसरे पर चुम्बन ले रहे थे |

बहुत ढूंढने पर भी उन्हें एकांत नहीं नसीब हो रहा था । हर जगह फिल्मी पत्रकारों का बहुत भय था जो चटपटी खबरों के लिए जहन्नुम तक उनका पीछा कर सकते थे ।

ऐक सुनसान जगह देखकर वे कार से उतरकर एक दूसरे को बाँहों में भरने लगे ।

पूर्ण एकांत देखकर वे चट्टान पर बैठ गए |

क्षतिज पर डूबता सूरज लाल बड़ा गोला दिखाई दे रहा था | दूर दूर तक लहरे हिलोरें भर रही थी

समंदर में तैरते जहाज व नावें बड़ी सुन्दर दिखाई दे रही थी |

समंदर की लहरें रह रहकर उनपर पानी की बौछार कर रही थीं | समुद्री हवाएं बड़ी खुशनुमा माहौल पैदा कर रही थी | तभी वहां कुछ लोग उनकी ओर आते हुए दिखाई दिए । पहचान लिए जाने के भय से वे तुरंत वहां से निकल लिए । उन्होंने शहर से दूर समंदर के किनारे एक होटल मे ऐक नाईटसूट बुक कर लिया ।

 

 

शूटिंग 2
एक अन्य दिन एक महत्वपूर्ण दृश्य फिल्माया जा रहा था।

हिरोइन को उसके पिता ने प्रेमी से न मिलने देने के लिए एक कमरे मे बंद कर दिया था।

रात का समय था।

उस बिल्डिंग के पीछे के पाइप को पकड़ते हुए हीरो धीरे धीरे ऊपर की मंजिल पर जा पहुंचा।

ऊपरी मंजिल पर पहुंचकर उसने धीरे से कमरे की पिछली खिड़की खेाल ली । हिरोइन अपने पलंग पर बैठी हुई रो रही थी । हीरो धीरे से कमरे में कूद गया | उसने बिना आवाज किए हिरोइन के गले मे पीछे से अपनी बांहें डाल दी । वह चौंक पड़ी ।

डाली चिल्लाने को थी, तभी राजा धीरे से बोला- ‘मैं हूं मेरी जान।’

डाली ने उससे लिपटते हुए कहा- ‘ मुंझे यहां से ले चलो राजू ! मेरा यहां दम घुटता है । ’

‘थोड़ा धीरज रखो प्यारी, बस चंद दिनो की बात है, मै तुम्हे यहां से ले जाउंगा । ’

इतने मे दरवाजे पर जोर से थपथपाने की आवाज होती है ।

हीरो पाइप के सहारे शीघ्रता से उतरकर भाग खड़ा होता है।

डाली का पिता क्रोध में भरकर फुफकारता हुआ अंदर आता है | वह पूरा कमरा छान मारता हे ।

‘कौन था यहां? तुम किससे बातें कर रही थी? ’ उसने पूछा ।

‘यहां कोई नही था, पापा,’ डाली ने रोते हुए जबाब दिया।

‘तुम्हे प्यार करने के लिए गली का एक आवारा कुत्ता ही मिला । मै उस राजा के बच्चे को मार डालूंगा’

कहते हुए पिता ने जोर से दरवाजा बंद कर दिया । उसने बाहर से दरवाजे की सांकल लगा दी |