Unsolved Case - Part 2 in Hindi Detective stories by Deeksha Vohra books and stories PDF | Unsolved Case - Part 2

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Unsolved Case - Part 2

एपिसोड 2 ( आज़ादी की चाबी )
( सीन 1 )
उस घर में जाने के बाद , माया ने किसी से भी कांटेक्ट नहीं किया | आज पूरा एक हफ्ता हो चूका था | पर कोई उसके बारे में कुछ भी नही जनता था |
शौर्य : गुस्से में चिलाते हुए अपने क्लिग्ज़ से कहता है | where the hell is maya .
शौर्य को अब माया की फ़िक्र हो रही थी | आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ था की , माया ने इतने लम्बे समय तक उससे बात न की हो | ऑफिस में शौर्य , माया का सीनियर था | पर वो दोनों शादी शुदा थे | दोनों ने लव मेर्रिअगे की थी | ओर तो ओर माया प्रेग्नेंट भी थी | पर ये बात किसी को बही नहीं पता था | सिवाए उनके कुछ दोस्तों , परिवार , और ऑफिस वालो के |
राजीव , जो शौर्य के साथ ही काम करता था | कहने लगा
राजीव : चिंता मत करो शौर्य , माया ठीक होगी | वो कोई आप लडकी नहीं है | वो सबसे अलग है , एक सीबीआई एजेंट है वो | उसे कुछ नहीं होगा | ok |
ये कहते हुए , राजीव ने शौर्य को काफी का मग पकड़ाया , और खुद कुछ पेपर देखने लगा | तभी कोई उन दोनों के पास आता है | और उन्हें कुछ देता है | और कहता है : सर ये आपके लिए आया है | देख लीजिये |
राजीव ओर शौर्य एक दुसरे की तरफ देखते है | राजीव ने वो बॉक्स अपने हाथ में पकड़ा और उसे खोलने लगा | पर तभी शौर्य ने उसका हाथ पकड़ा , ओर कहने लगा |
शौर्य : रुको राजीव | तुम्हे यकीन है , की हमे ये खोलन चाहिए ?
राजीव : डोंट वरी शौर्य , सब ठीक है | let me open it , ok .
ये कहते हुए राजीव ने वो बॉक्स खोला | और ज़ोर से चिलाया , o my god , what the hell is this ? वो बॉक्स अंदर से पूरा खून से लथपथ था | ओर अंदर एक नोट था , जिसमें लिखा हुआ था , बचा सकते हो तो बचा लो | राजीव ने उस नोट को पढ़ा और शौर्य की तरफ देखकर बोला |
राजीव : या क्या है , कोण इतना हैवान हो सकता है | इतना घटिया काम कौन कर सकता है |
दोनों के दिमाग में सिर्फ एक ही बात आ रही थी | की ये कहीं माया से रिलेटेड न हो |
सीन 2
वहीँ शेहर की दूसरी तरफ , एक गुंडे मवाली जेसा दिखने वाले आदमी ने , माया के सामने खाने की प्लेट राखी , और बोला |
आदमी : देखो लडकी , बॉस ने कहा है , की तुम्हे भूखा नही रखना है | क्यूंकि तुम हमारे बहुत काम आने वाली हो | तो चुपचाप ये खाना लो , ओर कहा लो |
माया उस आदमी पर थूकते हुए कहती है |
माया : ( गुस्से में )नहीं खाना मुझे तुम्हारा खाना | ले जाओ इसे यहाँ से |
फिर वो आदमी , माया के बालों को ज़ोर से पकड़ते हुए कहता है |
आदमी : बहुत चर्बी है न तुझमें | अभी तुझे दिखता हूँ |
ये कहते ही उस आदमी ने माया को ज़ोर से थपड मारा , जिसकी आवाज़ दुसरे कमरे में बेठे लडको को जब आई | तो वहां से एक लड़का जल्दी से आया , और बोला |
लड़का : अरे भाई , क्या कर रहा है ये तू ? बॉस ने कहा है की ये माँ बनने वाली है | हमे इसे कुछ भी नहीं करना है | ओर पता है न , ये हमारी आज़ादी की चाबी है ? चल , छोड़ दे इसे , नहीं खान इसे कुछ तो रहने दे | हमने अपना काम कर दिया है | चल तू यहाँ से |
उन दोनों के जाने के बाद माया खुद से ही कहने लगी |
माया : इन लोगों को कैसे पता की , मैं प्रेग्नेंट हूँ ?
माया ने वो खाना देखा , जो उसके सामने रखा था | और सोचने लगी |
माया : इस हालत में मेरा भोखा रहना ठीक नहीं होगा | मुझे ये खाना कहा ही लेना चाहिए |
ओर वो प्लेट उठती है | ओर खाना खाने लगती है |