Mohobbat toh Mohobbat hai - 12 in Hindi Love Stories by Vandana thakur books and stories PDF | मोहब्बत तो मोहब्बत है - Part-12

Featured Books
Categories
Share

मोहब्बत तो मोहब्बत है - Part-12

मन्नत हॉस्पिटल

दिल्ली


नर्स सामने खड़ी लड़की को देखते हुए चिल्लाते हुए कहती है-:" डॉक्टर वर्तिका आप एक तो इतना लेट हैं उस पर आप इतना नुकसान करती हैं आपसे कोई काम सही से हो भी सकता है या नहीं,,,, डॉ शांतनु अंदर ऑपरेशन के लिए आपका वेट कर रहे हैं और आप इतना लेट आ रही है आपकी वजह से मुझे हर वक्त डांट सुननी पड़ती है और उस पर आप हर वक्त काम बिगाड़ने वाली हरकतें ही करती हैं,,,," नर्स ने बरसते हुए कहा ।


वर्तिका नर्स की तरफ देखकर मासूम शकल बनाते हुए -:" सिस्टर एम सॉरी मैं आपकी मदद कर देती हूं,, पर इसमें मेरी कोई गलती नहीं है गलती आपकी है अगर आप ध्यान से चलती तो यह सब नहीं होता,,,," वर्तिका ने नर्स की तरफ देखते हुए कहा नर्स वर्तिका की बातें सुनकर और भी ज्यादा गुस्से में आ जाती है ।


" तुम अभी के अभी ऑपरेशन थिएटर में चलो डॉ शांतनु तुम्हारा वेट कर रहे हैं अब इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं सुनूंगी,,, तुम इंटर्न को संभालना भी बहुत मुश्किल होता है,,, यहां से इंटर्नशिप पूरी करने आते हो पर तुम्हारे नखरे डॉक्टर से ज्यादा होते हैं,,,,," नर्स ने चिढ़ते हुए कहा और वर्तिका को ऑपरेशन थिएटर की तरफ इशारा करती है वर्तिका नर्स को कुछ कहना चाहती थी पर वह जानती थी अगर वह ऑपरेशन थिएटर में जल्दी से नहीं गई तो डॉ शांतनु उसको कहीं का नहीं छोड़ेंगे इसलिए वह दुम दबाकर ऑपरेशन थिएटर की तरफ भागती है ।


" बड़बोली लड़की " नर्स ने मुंह बनाकर कहा और अपना गिरे हुए सारे सामान को उठाकर वापस ट्रे में रखने लगती है ।



कुछ ही देर में ऑपरेशन कंप्लीट होता है और वर्तिका एक डॉक्टर के साथ जो कि करीब 25 से 30 साल के बीच में थे से बातें करते हुए ऑपरेशन थिएटर से बाहर निकलती है ।


" डॉ वर्तिका आज भी आप बहुत लेट हुई है जब आपको सिस्टम समीरा ऑपरेशन के बारे में इन्फॉर्म करती है तभी आपको ऑपरेशन थिएटर के बाहर मौजूद होना चाहिए पर आप तो मुझसे भी लेट आती हैं मुझे यह काम में कोताही बिल्कुल भी पसंद नहीं है और आप को समझा समझा कर मैं परेशान हो गया हूं मानता हूं कि आप डॉक्टर विकास की बहन है पर इतना लापरवाही करना सही नहीं,,,," डॉक्टर शांतनु ने वर्तिका को घूरते हुए कहा वर्तिका चुपचाप अपना सिर झुकाए खड़ी थी उसे अभी सिर्फ 2 साल हुए थे इंटर्नशिप में पर फिर भी वह बहुत ज्यादा गड़बड़ करती रहती थी जिस वजह से सारे डॉक्टर उस पर सिर्फ चिल्लाते हैं या फिर उसे डांटते ही रहते थे पर शायद उसे अब इन सब की आदत हो चुकी थी ।


वो तो ट्वेल्थ में छिपकली पर एक्सपेरिमेंट करते हुए भी चिल्ला - चिल्ला कर पूरे कॉलेज को खड़ा कर देती थी यह तो इतनी तक कंडीशन थी उसने पता नहीं क्या सोच कर डॉक्टर बनने की ठानी थी पर इंटर्नशिप के 1 साल तक वह खून देखकर ही चिल्ला बढ़ते हैं पर उसे अब इस राह पर चलना ही था इसलिए वह कुछ भी नहीं कर सकती थी ।


" अब यू खड़े-खड़े बडबडाना बंद करिए और जाकर पेशेंट को अच्छे से दवाई वगैरा दीजिए और पेशेंट की फैमिली को इन्फॉर्म कर दीजिएगा यह ऑपरेशन सक्सेसफुल रहा,,,, मैं जा रहा हूं मुझे डॉक्टर विकास से कुछ बात करनी है,,,,," शांतनु ने इतना कहा और वहां से डॉक्टर विकास के केबिन की तरफ चले गए ।


वहीं वर्तिका डॉ शांतनु से कुछ कहना चाहती थी पर वह नहीं कह पाती और फिर अपने सर पर हाथ रखते हुए खुद से कहती है -:" डॉक्टरी नहीं हो गई कोई तो हो गई सब के सब मुझ पर ही गोली चलाते हैं अब जरूरी है खड़ूस भी भाई से मेरी शिकायत करने गया होगा,, यहां की नर्स ,, वार्डबॉय से लेकर डॉक्टर ,, डॉक्टर तक मुझे ऐसे ट्रीट करते हैं जैसे मैं कोई काम की ही नहीं है,,,, हद होती है सुनाने की भी सुबह सिस्टर समीरा ने सुनाया उसके बाद डॉ शांतनु ने अभी भाई का सुनाना बाकी है,,,,,"


वर्तिका ने इतना कहा और अपना सिर भटकते हुए पेशेंट की फैमिली की तरफ से ली जाती है कुछ देर बाद सारा काम खत्म करके वह अपने केबिन में बैठी ही थी कि तभी केबिन का दरवाजा कोई धडधडाकर खोलता है । जिस पर डॉक्टर वर्तिका चौंक जाती है ।


सामने करीब 25 साल का एक लड़का खड़ा था जोकि दिखने में किसी हीरो से कम नहीं था उसके बाल थोड़े बिखरे हुए थे पर चेहरे पर लंबे मुस्कान थी उसकी भूरी आंखें जोकि वर्तिका को देखकर और भी ज्यादा चमक गई।


" हे ब्यूटीफुल मैंने तुम्हें डिस्टर्ब तो नहीं कर दिया,,," उस लड़के ने मुस्कुराते हुए कहा ।


वर्तिका उस लड़के को देखते ही अपने होठों में बोलती है-:" अभी तक तो नहीं किया था पर लगता है अब करने वाले हो,,," वर्तिका ने धीरे से कहा था कि वो लड़का ना सुन ले ।


" ब्यूटीफुल तुम कुछ कह रही हो "


" नहीं डॉक्टर अमितेश मैं क्या कह सकती हूं,, मैं तो बस यह कह रही थी कि स्वागत है आपका वेलकम,,,"


वर्तिका के मुंह से यह सुनकर अमितेश के चेहरे पर एक लंबी मुस्कान आ जाती है वर्तिका के बिल्कुल सामने वाली चेयर पर आकर बैठते हुए अपने कमर के पीछे से हाथ को आगे करता है जिसमें उसने गुलाब का फूल पकड़ा हुआ था वो वर्तिका की तरफ बढ़ाते हुए-:" ए ब्यूटीफुल रोज फॉर यू मिस ब्यूटीफुल,,,,,"



अमितेश ने मुस्कुराते हुए वर्तिका से कहा वही वर्तिका अमितेश के हाथ में गुलाब का फूल देखकर गहरी सांस लेती है ।


" पर मुझे गुलाब के फूल से एलर्जी है क्या आप जानते नहीं,,,, मैं आपको हर बार यही कहती हूं पर आप भूल जाते हैं आपको पता है मुझे गुलाब का फूल छूते ही छींके आने लगती हैं,,,,, और मुझे लोटस ज्यादा पसंद है,,,,,"


वर्तिका ने अमितेश के चेहरे को देखते हुए कहा वही अमितेश का मुंह वर्तिका की बातें सुनकर छोटा सा हो जाता है ।


" आई एम सॉरी डॉक्टर वर्तिका,,, पर आप चाहती है तो अभी आपके लिये लोट्स का बिके मंगावात हूं,,,,"


" नहीं रहने दीजिए,,,, अभी आप पेशेंट को संभालिए मुझे फिलहाल इन सब चीजों की जरूरत नहीं है,,,,"


" पर मैंने अपने सारे पेशेंट को देख लिया है और अभी कोई न्यू केस नहीं है,,,, तो क्या आप मेरे साथ कॉफी पीने चलेंगे यहां पास में ही एक नया कैफे खुला है " अमितेश ने आंखों में चमक लिए कहा पर वर्तिका का कोई भी मन नहीं था कि वो अमितेश के साथ कहीं भी जाए ।


" पर मेरा यहां से जाना भी पॉसिबल नहीं है आपको पता है मैं अभी इंटर्न हूं जब आपकी तरह डॉक्टर बन जाऊंगी उसके बाद मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है पर अभी आपको पता है ना डॉ शांतनु, डॉ अभिनव , डॉक्टर विकास,, इन तीनों को पता चला कि मैं ड्यूटी के टाइम पर हॉस्पिटल से बाहर हूं तो मुझे बहुत कुछ करना पड़ सकता है सो आई एम सॉरी डॉक्टर अमितेश आई हो आप समझेंगे "



वर्तिका इतना कहते ही पहले तो डॉक्टर अमितेश का चेहरा उतर जाता है पर फिर वह कुछ सोचते हुए मुस्कुराकर-:" ओके बाय शाम को 6:00 बजे आपकी छुट्टी हो जाती है तब तो आप मेरे साथ चल सकती हैं प्लीज मना मत कीजिएगा मैं डॉक्टर विकास से बात कर लूंगा आज रात का डिनर आप मेरे साथ कर सकती हैं प्लीज,,,प्लीज,,,," डॉ अमितेश बहुत ही ज्यादा उम्मीद भरी नजरों से वर्तिका को देख रहे थे वर्तिका एक गहरी सांस होती है और अपना सिर हमें हिला देती है वर्तिका की हां सुनने के बाद अमितेश के चेहरे पर एक लंबी मुस्कान आ जाती है वह तुरंत चेयर से खड़ा होता है और वर्तिका की तरफ देखते हुए कहता है-:" ओके तो फिर मैं डॉक्टर विकास से अभी बात कर लेता हूं ताकि वह आपको आज जल्दी जाने दे,,, थैंक यू सो मच डॉक्टर वर्तिका आपको नहीं पता आप कितनी अच्छी हैं,,,,,,,"


डॉक्टर अमितेश इतना कहकर हवा में उड़ते हुए ही केबिन से बाहर निकल जाते हैं वही डॉक्टर वर्तिका अमितेश पर जाने के बाद एक गहरी सांस लेती है और अपनी कोहनी टेबल पर टिका कर अपने सिर पर हाथ रखते हुए-:" क्या मुसीबत है,,,,,"



डॉक्टर वर्तिका 23 साल की बेहद खूबसूरत लड़की जो कि इस मन्नत हॉस्पिटल के फाउंडर विकास रहेजा की इकलौती बहन है पर स्वभाव में यह बहुत ज्यादा चंचल, मस्तीखोर और बच्चों की जैसी हरकतें करने वाली है इसलिए इसे हॉस्पिटल में बहुत ज्यादा डांट पड़ती है और डॉ विकास ने भी इसे हमेशा समझाया है कि हॉस्पिटल में वह उसकी बहन नहीं बल्कि एक इंटर्न है । और वह भी कभी भी अपने भाई का सहारा लेकर आगे सीढ़ियां नहीं करना चाहती है इसलिए वह बिल्कुल एक साधारण इंसान की तरह हॉस्पिटल में काम करती है ।


वही डॉक्टर अमितेश 27 साल के इस हॉस्पिटल के एक जाने-माने डॉक्टर जोकि विकास के दोस्त के भाई हैं डॉक्टर अमितेश वर्तिका को बहुत पसंद करते हैं और पिछले 2 सालों से उसे अपने प्यार का एहसास करवाने के लिए उसके आगे पीछे घूमते रहते हैं डॉक्टर वर्तिका के दिल में डॉक्टर अमितेश के लिए कोई भी जज्बात नहीं है वो उन्हें बस अपना एक अच्छा दोस्त मानती है क्योंकि उसकी फैमिली के अमितेश की फैमिली के साथ अच्छे रिलेशन थे ।


दूसरी तरफ

हिती एंटरप्राइजेज

मुंबई,महाराष्ट्र


अविनाश अपने केबिन में बैठकर लैपटॉप पर कुछ वर्क कर रहा था तभी रोहन केबिन कार्ड और नौकर के अंदर आता है।


" सर आपकी शाम की दिल्ली की फ्लाइट है,,, पिछले साल आपने अपने टैक्सटाइल बिजनेस के लिए जो जमीन वहां खरीदी थी उस पर कुछ कानूनी अनबन हो गई है पिछले 1 महीने से सारा काम अटका हुआ है अब एक बार आप इसे देख लीजिए,,,,," कहते हुए रोहन ने फाइल अविनाश की तरफ बढ़ा दी ।


अविनाश ने चुपचाप उसे फाइल एक तरफ रखने का इशारा किया और अपना सिर हिलाते हुए कहा-:" ठीक है तुम भी मेरे साथ चलोगे और मेरे साथ अपनी फ्लाइट की टिकट भी बुक कर लो "


" पर सर आपके साथ तो निशा मैम जाने वाली थी,,,,!!


" नहीं अब तुम मेरे साथ चलोगे निशा से कहो कि वो यहां पर सारी मिटिंग्स देख लेवे, अब तुम जाओ,,,,," अविनाश ने आर्डर देते हुए कहा ।


" जी ठीक है सर,,,,," रोहन ने इतना कहा और केबिन से बाहर चला गया ।


केबिन से बाहर आने के बाद उसने खुद से कहा-:" अविनाश सर मुझे निशा मैम से यह सब कहने को कह रहे हैं जबकि वो जानते हैं कि वो मेरी ऐसी बातें सुनकर मुझे मोबाइल के अंदर से ही दो - चार थप्पड़ मार सकती है " रोहन ने इतना कहा और एक गहरी सांस लेकर अपने काम में लग गया ।


जारी है……...