Lady Killer - Part 2 in Hindi Adventure Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | लेडी किलर - पार्ट 2

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लेडी किलर - पार्ट 2

ऐसा होने पर माधुरी शर्मा जाती ।और वह रोमांचित हो जाता।
एक दिन वह अपने कमरे मे बैठा फिल्मी पत्रिका के पन्ने पलट रहा था।उस दिन माधुरी के कॉलेज की छुट्टी थी।वह उसके कमरे में आते हुए बोली,"बिजी हो'?
"नही तो," उसने मैगजीन से नजरे हटाकर माधुरी को देखा थ।नील रंग के सलवार कुर्ते में वह शोख चंचल और सेक्सी लग रही थी।
"आज फ़िल्म देखने का मूड है"
"कौनसी?"
"रंगीला"
और माधुरी के कहने पर वह उसके साथ फ़िल्म देखने के लिए गया था।फ़िल्म रोमांटिक प्रेम कहानी थी।फ़िल्म का एक दृश्य देखकर वह इतना रोमांचित हो गया था कि उसने अपना हाथ माधुरी के हाथ पर रख दिया।माधुरी ने उसे गर्दन घुमाकर उसकी तरफ देखते हुए कहा,"क्या है?'
"यू आर वेरी स्वीटी"
"आई नो,"उसकी बात सुनकर माधुरी बोली,"चुपचाप पिक्चर देखो।"
उस समय तो उसने अपना हाथ हटा लिया।पर फिर बीच बिवः मे वह उसके शरीर पर हाथ रखता रहा।परन्तु माधुरी ने कोई प्रतिक्रिया नही दी।इसका अर्थ उसने यह लगा लिया कि उसकी हरकत का माधुरी बुरा नही मान रही।
उस दिन अकेले में माधुरी के संग गुज़ारे चंद घण्टे उस पर ऐसे हावी रहे कि उसे रात को नींद नही आई।वह पूरी रात बिस्तर में करवटे बदलते हुए माधुरी के बारे में ही सोचता रहा।
माधुरी से पहले जितनी भी औरते उसके सम्पर्क में आई थीं।उनकी देह को पाने में उसे ज्यादा समय कभी नही लगा।परन्तु माधुरी के साथ ऐसा हक हुआ।इसकी वजह थी।माधुरी उसके बॉस की बेटी थी।वह अपने बॉस के मकान में रह रहा था।बॉस की पत्नी उससे पुत्रवत स्नेह करती थी।ऐसे में वह माधुरी की देह को पाने में वह जल्दबाजी नही करना चाहता था।जल्दबाजी में उठाया कदम उसके लिए घातक सिद्ध हो सकता था।
इसलिय वह बहुत होशियारी, चालाकी और सूझबूझ से माधुरी की तरफ कदम बढ़ा रहा था।जिस तरह पक्षी को दाना डालकर जाल में फंसाया जाता है।वैसे ही वह माधुरी को अपने चुंगल में फंसाने के लिए प्रयास कर रहा था।
आधी रात को वह बाथरूम जाने के लिए अपने बिस्तर से उठा।बाथरूम के दरवाजे पर पहुंचा उसी समय माधुरी अंदर से निकली थी।उसे देखकर वह बोली,"क्या बात है राजन अभी तक सोए नही?'
"तुम्हारी याद ने इस तरह बेचैन कर रखा है कि जी चाहता है इतना कहने के साथ उसने माधुरी को अपनी बाहों में भर लिया।
"यह क्या कर रहे हो"राजन के अप्रत्याशित व्यहार से माधुरी घबरा गयी,"मम्मी पापा में से किसी ने देख लिया तो?'
"वो दोनों एक दूसरे से चिपटकर सो रहे होंगे।उनके पास हमे देखने की फुर्सत कहा है"?राजन ने माधुरी को और कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया था।
"छोड़ो मुझे वरना मैं चिल्लाऊंगी।"माधुरी ने धमकी दी तो राजन ने उसे छोड़ दिया था।
राजन ने अपना सारा ध्यान माधुरी के तन को कैसे पाया जाए इस पर लगा रखा था।एक दिन वह बैंक से जल्दी लौट आया।माधुरी की मम्मी मंदिर गयी हुई थी।उस दिन माधुरी को अकेला पाकर राजन ने उसे बाहों में भरकर चुम लिया था।राजन की इस हरकत से माधुरी इतनी गुस्सा हुई कि उसने राजन के गाल पर थप्पड़ जड़ दिया।
राजन माधुरी की इस हरकत पर हतप्रद रह गया।माधुरी थप्पड़ मारकर अपने कमरे में चली गयी।राजन कुछ देर खड़ा रहा।फिर वह भी चला गया।