Junoon Se Bhara Ishq - 9 in Hindi Love Stories by Payal books and stories PDF | Junoon Se Bhara Ishq - 9

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Junoon Se Bhara Ishq - 9

Contact of living


दरवाजे पर नॉक होते ही प्रिया ने अपने आप को संभाला। फिर प्रिया ने आहिस्ता से मगर शांत भाव से कहा।

प्रिया :- आ जाइऐ।

प्रिया के कहने पर से ही दरवाजा खुला और कई औरते एक कमरे मे आ गई। उनमे से किसीके हाथ मे बॉक्स थे तो कुछ मे कपडो के रेग्स संभाली थी। जिनमे तरह तरह के डिजाइन किये गए कपडे टंगे थे।




प्रिया कंफ्यूज सी उनको देखने लगी।

प्रिया :- ये सब क्या है ?

प्रिया के सवाल करते ही एक औरत जिनके हाथ खाली थे वो आगे आई।

सवेॅट :- good morning madam !

मेरा नाम शोफी है, और मै इस घर की केयर टेकर हू। ये कुछ कपडे और शूज आपके लिए लाये है। मिस्टर राठौर के कहने पर।

अभी जल्द बाजी मे कुछ ही कपडे आ पाये है, पर कुछ ही देर मे बाकी के कपडे और डेली यूज का सामान भी आ जायेगा।



शोफी के कहते ही कुछ लोग आगे आये। और अपने हाथो मे लाया सामान कमरे मे रखने लगे।


प्रिया :- मुझे इन सबकी जरूरत नही है। मेरे पास अपना खुद का सामान है।

सवेॅट :- सॉरी मैम ! पर आपका सारा सामान मिस्टर राठौर के कहने पर फिकवा दिया है। अब क्योकी आप उनकी लेडी है तो उस हिसाब से आपके कपडे, शूज, मेक-अप यहा तक की खाना सब सर के हिसाब से होगा।

और कुछ और . . . . . . चीजे भी है जिन्हे आपको मिस्टर माथुर ब्रेकफास्ट के वक्त बताएगे।

तो प्लिस अब आप जल्दी से तैयार होकर नीचे आ जाइऐ।


इतना कह शोफी कमरे से बहार चली गई। उसके जाने से प्रिया हैरान परेशान सी कमरे मे रखे सामान को देखने लगी। ये दुनिया उसकी दुनिया से बिल्कुल अलग थी।



अब क्या उसे सांस भी इस आदमी की मर्जी से लेनी पडेगी। नही ! वो यहा से चली जायेगी। जितना जल्दी हो वो इस घर और इस अभय राठौर से दूर चली जायेगी। अपने मनमे निश्चय कर वो प्रिया उठी और तैयार होने लगी।



सारे सामान को देख प्रिया इतना तो समज चूकी थी की ये इंसान इकनॉमिकली काफी स्ट्रोंग है। कुछ नौकर ने उसे मदद के लिए कहा, पर प्रिया ने उन सबको बहार भेज दिया।




हर काम उसे शुरु से ही अपने हाथो से ही करने की आदत थी। और यहा इतने लोगो के सामने उसे असहजता हो रही थी। कुछ देर मे वो तैयार होकर कमरे से बहार तो शोफी को सामने खडा पाया।

शोफी :- आइए मैडम !

प्रिया धीरे धीरे आगे बढी। उसके साथ शोफी उसे रास्ता दिखाते जा रही थी। डायनिंग रुम मे आते ही शोफी एक साइड खडी हो गई। प्रिया ने देखा टेबल पर तरह तरह की डिशेज रखी हुई थी।



चायनीज, इटालियन और भी न जाने क्या क्या। कुछ के तो नाम भी प्रिया नही जानती थी। उसे ये सब देख उसे घुटन सी होने लगी। नही ! वो यहा नही रह सकती। वो यहा रहेगी ही नही। वो यहा से दूर चली जाएगी। बहार दूर।




वैसे भी वो कुछ दिन पहले ही वो अब्रोड टूर पर जाने वाली थी। हा, अब वो अब्रोड ही जायेगी। वहा उसे अभय राठौर कभी नही ढूंढ पायेगा। वो मन मार कर ब्रेकफास्ट के लिए बैठ गई। और धीरे धीरे खाने लगी।



उसने नाश्ता खतम किया ही था की तभी सामने थ्री पिस सूट मे आदमी चलता हुआ सा आया। और आकर उसके सामने खडा हो गया।



हैल्लो, मिस मेहरा ! मै मिस्टर राठौर का पसॅनल लोयर हू। संजीव माथुर। आपको कुछ डॉक्यूमेंट थे जो दिखाने है।



फाइल उसके सामने रखते हुए बोला। " आप एक बार इन्हे देख ले। " जो कुछ भी हो रहा था वो प्रिया की सोच से उलट था। वो शक की निगाह से उस डॉक्यूमेंट को देखने लगी।




जैसे जैसे वो terms and conditions पढती जा रही थी। उसके चेहरे के भाव भी उसी की तरह पल पल बदल रहे थे। एक पल को प्रिया का दिल किया की वो इन सारे डॉक्यूमेंट को उठाकर फाड दे। और उस अभय के चेहरे पर मार आये।



कितना बडा सनकी है ये आदमी ! कैसे वो उसकी लाइफ कंट्रोल कर सकता है ? किसने दिया उसे वो हक ? की उसकी जिंदगी की हर एक डिजीजन हर चीज उससे होकर गुजरेगी।



Terms थी भी कुछ इस तरह की, किसी का भी दिमाग उससे पढ कर भूल जाये।

1 : आप किसी भी दूसरे आदमी के साथ किसी भी तरह का कोई संपर्क नही रखेगी। नाही कभी किसी आदमी का हाथ पकडेगी, ना किस करेगी, ना ही उसके साथ संबंध बनाने की कोशिश करेगी।

2 : अभय राठौर से आपका जो भी रिश्ता है या आगे रहेगा इसके बारे मे भी किसी को न बताया जाये।

3 : आप अपने काम पर जा सकती है। और अपना हर काम दिन मे कर सकती है। जो आप चाहे पर शाम होते ही आपको घर वापस आना होगा। क्योकी आपकी शाम और रात मिस्टर राठौर की है। तो आपको अपने काम से ठीक शाम 6 बजे वापस आना है, आप एक मिनिट भी लेट नही हो सकती।

4 : आपको सोने से पहले ठीक से बाथ लेना होगा क्योकी मिस्टर राठौर को गंदकी बिल्कुल भी पसंद नही है। तो इस चिज का आपको ध्यान रखना होगा की आप ठीक तरह से साफ रहे और गंदकी से दूर रहे।


5 : आप सिर्फ ट्रेडिशनल कपडे ही पहन सकती है। शोटॅ ड्रेसेस, स्कटॅ या कोई भी कपडे जो आपके शरीर के किसी भी हिस्से को दशाॅये उन्हे आप नही पहन सकती।



6 : आप परफ्यूम नही लगा सकती।

7 : उस दिन की तरह डांस करना किसी और के सामने अलाउड नही है।



8 : मिस्टर राठौर की हर बात मानना आपकी फस्ट प्रायॉरिटी होगी।




ऐसे ही न जाने कितने ही नियम थे जो उस डॉक्यूमेंट मे लिखे थे। उसका चेहरा गुस्से लाल हो गया था।


प्रिया :- how dare he, कौनसा इंसान ऐसे रुल बनाता है।

Agreement पूरे 10 पेज का लंबा था।


प्रिया गुस्से मे उस डॉक्यूमेंट को देखे जा रही थी। वही, मिस्टर माथुर उसका पूरा agreement पढने के इंतजार मे था। साथ ही उसके चेहरे के बनते बिगडते भावो को देखे जा रहा था।


जब उसने देखा की प्रिया ने पूरा पढ लिया है। तो उसने प्रिया के सामने एक पेन रख दिया।

मिस्टर माथुर :- अगर आपने इसे पढ लिया हो तो इसे साइन कर दिजिए।



प्रिया जानती थी की, बिना साइन किये वो बच नही सकती थी। ये सिर्फ कहने को सिर्फ एक agreement था, क्योकी सच तो ये था की ये उसकी मजबूरी थी।



वो इनसे एग्री हो या ना हो उसे मजबूरन वो सारे नियम मानने ही होगे। अगर वो यहा रहती है तो। उसने कुछ सोचा और पेन उठाया और उस पर साइन करने लगी।


पर तभी उसे मिस्टर माथुर की आवाज सुनाई दी :- मैम, शायद आपने अपना साइन गलत किया है। कोई बात नही, मेरे पास दूसरा भी डॉक्यूमेंट है।




प्रिया शॉक मे उस वकील को देखने लगी। की ये लोग उसका नाम जानते है। मतलब इन सब लोगो के पास उसकी सारी इन्फोर्मेशन भी होगी।



क्या अब वो सच मे फस गई है।



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