Pehchan - 10 in Hindi Fiction Stories by Preeti Pragnaya Swain books and stories PDF | पेहचान - 10

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पेहचान - 10

किसीके हाथों ने उसे पकड़ लिया ,काफी वक़्त बीतने के बाद, कुछ धूँधली सी ,आँखों से सामने दिखाई दी येसा महसूस हुआ जैसे कोई बहुत तेजी से मार रहा हो एक चीख मुँ से निकली आ....... और पीहू होस मे आगयी उसकी पूरी बॉडी पसीने से भीग चुकी थी गला सुखने लगा, तो वो पानी ढूँडने लगी,तभी उस बूढ़े इंसान ने कहा क्या ढूँड रही हो ?

पीहू इशारे से बोली पानी,बूढ़े ने पानी दिया पानी पीने के बाद जाकर पीहू थोड़ा अच्छा महसूस की.....
वो कुछ सोची और तुरंत बिस्तर से उठकर उस इंसान के पैर पकड़ ली और रीते हुए बोली
देखिये please मैं नही जानती आपकी क्या मजबूरी है जो आप अपनी पेहचान छुपा रहे है । पर मैं इतना तो समझती हूँ , इसके पीछे जरूर कोई बड़ी वजह होगी ,promise मैं आपके बारे मैं किसीको कुछ नही कहूंगी please आप मेरी मदत कर दीजिये देखिये आप जो बोलेंगे,मैं वो करूँगी, अगर बोलेंगे तो सारी जिंदगी मैं आपकी गुलाम बन जाऊंगी पर please मदत कर दीजिये............

बोलते हुए नीचे से उठी और सिसकते हुए बोली-
अच्छा अब समझी आपको मुझपे भरोसा नही है न ,,की कंही मैं आपसे वादा करके तोड़ न दूँ कंही आपके बारे मैं किसीको बोल न दूँ, यही न ..........बोलकर कमरे मैं इधर उधर देखने लगी तभी उसे एक चाकू मिल गयी, उसे उठाते हुए बोली,
तो ठीक है मैं अपनी जवान काट देती हूँ ,जब जवान ही नहीं रहेगी भला मैं किसीको क्या बोलूँगी और उंगलियाँ भी काट देती हूँ ताकि किसीको लिखके भी बताने का risk न रहे। बोलते हुए अपनी उंगलियों पर चाकू लगाने लगी तो उस बूढ़े इंसान ने उसके हात से चाकू खिच लिया और एक चाटा मारते हुए बोला तुम पागल होगयी हो क्या ? पहले तो इतनी देर तक कीड़े मकोडो के बीच खड़ी रही अब खुदको बिकलांग बनाने पे तुली हो...........मरने का इरादा है क्या ?

पीहू नीचे बैठ गयी और बोली मरू नहीं तो क्या करूँ ,आपसे मदत पाने की उमीद मैं इतनी दूर आई पर आप तो मदत ही नहीं करना चाहते, यहाँ तक की आप तो मेरी बात भी सुनना नहीं चाहते भला मरने के अलावा आपने कोई और रास्ता ही छोड़ा था आपको बिस्वास दिलाने का ?

उस बूढ़े इंसान ने खासते हुए कहा ठीक है अब बोलो क्या मदत चाहिए! पीहू अपना सर उठाई और एक उम्मीद भरी नजरों से उस बूढ़े इंसान को देखते हुए बोली सच !

बूढ़े ने कहा हाँ,...

पीहू फिर बिना वक़्त गवाए अपने जेब से फोन निकली और कुछ मेडिकल रिपोर्ट दिखाई और बहुत कुछ चीजें बताने लगी...
उसकी सारी बात सुनने के बाद उस बूढ़े इंसान ने कहा तुम जो सोच रही हो क्या तुम उसे पुरा कर पाओगी?

पीहू अपने आपको सही की और बोली पहले आप अपने मुँह से कबूल कीजिये की आप ही डॉक्टर चम्पकलाल जी है फिर जाके मैं आपके सवालो के जवाब दूँगी ...

उस बूढ़े इंसान ने कहा ,हाँ मैं ही dr चम्पकलाल हूँ । अब तुम बताओ....... तुम कौन हो और क्या करती हो भला मैं तुम्हारे बारे मैं बिना जाने तुम्हारी मदत कैसे करूँगा?