Mohobbat toh Mohobbat hai - 9 in Hindi Love Stories by Vandana thakur books and stories PDF | मोहब्बत तो मोहब्बत है - Part-10

Featured Books
  • મારા અનુભવો - ભાગ 19

    ધારાવાહિક:- મારા અનુભવોભાગ:- 19શિર્ષક:- ભદ્રેશ્વરલેખક:- શ્રી...

  • ફરે તે ફરફરે - 39

      નસીબમાં હોય તો જ  કહાની અટલા એપીસોડ પુરા  ક...

  • બોલો કોને કહીએ

    હમણાં એક મેરેજ કાઉન્સેલર ની પોસ્ટ વાંચી કે  આજે છોકરાં છોકરી...

  • ભાગવત રહસ્ય - 114

    ભાગવત રહસ્ય-૧૧૪   મનુષ્યમાં સ્વાર્થ બુદ્ધિ જાગે છે-ત્યારે તે...

  • ખજાનો - 81

    ઊંડો શ્વાસ લઈ જૉનીએ હિંમત દાખવી." જુઓ મિત્રો..! જો આપણે જ હિ...

Categories
Share

मोहब्बत तो मोहब्बत है - Part-10

कुछ देर बाद

मुम्बई साइंस कॉलेज

हिती और अविनाश, आकाश को ढूंढते हुए कॉलेज कैम्पस मे घुम रहे थे ।

वही स्टुडेन्टस हिती को देखकर अजीब तरिके से मुंह बनाते हुए आपस खुसुर- पुसुर करने लगे ।

" अरे यह तो हिती है, यार बडे दिनो बाद कॉलेज आयी है, पहले कितनी सरिफ बनती थी किसी को नजर भर देखती तक नही थी और आकाश के साथ रंगरलियां मनाकर बैठी थी,,,,,,"

स्टुडेन्टस की भीड मे से एक लडके ने हिती को देखते हुए कहा ।

उस लड़के की यह बातें सुनकर अविनाश की मुठ्ठियां गुस्से से भींच गई ।वो रूक गया वो पलट कर लड़की की तरफ देखता हूं उससे पहले ही हिती ने अविनाश का हाथ पकड लिया । अविनाश ने हिती की तरफ देखा तो हिती ने ना मे अपना सिर हिला दिया ।

हिती ने अविनाश का हाथ पकडा और उसे ले जाने लगी तभी किसी दूसरे लडके ने कहा-: अरे भाई इन जैसे मिडिल क्लास लड़कियों का कुछ नहीं हो सकता, देख एक का हाथ छोडा और दूसरे का पकड लिया, पहले आकाश के साथ, अब अविनाश के साथ, अरे यह लडकी तो बडी चालाक निकली यार एक के साथ रंगरलिया मनाकर बैठी है अब दूसरे के साथ,,,!!!

अविनाश की त्यौरियां चठ गई, पर उसने जैसे तैसे करके खुद को कन्ट्रॉल किया हुआ था ।

हिती ने अपना सिर हिला दिया और चुपचाप आगे बढने लगी, तभी पहले वाले लडके की आवाज उसके कानो मे पडी-: यार इसका सही है, एक रईसजादे को छोड़ा तो दूसरे को पकड़ लिया, एक बार मुझे भी मिल जाये मेरी भी राते रंगीन हो जायेगी....."

इस बार लडके की बाते सुनकर अविनाश बौखला गया, उसकी आंखों में गुस्से की आग जलने लगी थी ।

अविनाश कुछ करता उससे पहले ही हिती ने उसका हाथ छोड दिया और भीड की तरफ बढ गयी, उसे देखकर उस पहले वाले लडके ने कहा-: देख बुलाया और चली भी आ रही है,,,,,!!! वो लडका हंसता हुआ हिती को देखने लगा, हिती उस लडके के पास आकर रूकी और उसनें उसके चेहरे को एकटक देखते हुए एक झटके के साथ उसके गालों पर दो तीन थप्पड़ एक साथ ही रख दिये, लड़का हक्का-बक्का सा अपने हाथो को गाल पर रखे खडा हो गया । अविनाश भी हिती के इस हरकत पर हैरान रह गया पर इसके चेहरे पर अचानक ही एक लंबी मुस्कान फैल गई, वो चुपचाप खडा हिती को देखने लगा । बाकि सभी स्टूडेंट्स में हिती की हिम्मत देखकर चुप हो गया, हिती का चेहरा इस वक्त गुस्से से लाल हो गया था, मुझे देखकर सभी खामोश से खड़े हो गए ।

हिती ने अपने पैरो से चप्पल निकाली और उस लडके और दूसरे लडके जिसने अविनाश के बारे मे कहा था उस पर बरसाने लगी ।

" क्यो बे हरामजादो, मै क्या तुम्हे वैश्या लगती हू, तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई मेरे बारे में यह सब कहने की, हर बार लड़की केरेक्टर पर ही उंगली उठाते हैं तुम जैसे लोग, तुम लोगों को तो चौराहे पर खड़े करके पीटना चाहिए, और आकाश से प्यार करना मेरी गलती थी, और आज मै अपनी उस गलती को सही करने ही आयी हूं, साथ ही तुम जैसो का मुंह भी बन्द करना है मुझे,,,," कहते हुए हिती ने लगातार उन पर चप्पल बरसाना जारी रखा ।

कुछ देर पीटने के बाद वह दोनों लड़के वहां से दुम दबाकर भाग निकले, बाकि सभी स्टुडेन्टस मे से अब किसी की भी हिम्मत ही थी से कुछ भी कहने की नहीं हो रही थी ।

" और कोई बचा है, किसी को ओर कुछ कहना है मेरे बारे मे, या मेरे केरेक्टर के बारे मे,,,,, " हिती की बात सुनकर सभी चुपचाप सिर झुकाए खड़े हो गए ।

" बोलो, बोलते क्यो नही हो,,,,,,," हिती ने इतना कहा तभी एक जानी पहचानी सी आवाज उसके कानों में पड़ी-: हां मुझे कहना है बहुत कुछ,,,,,!!!

हिती और अविनाश ने आवाज की दिशा में देखा तो गोरी अपने हाथ बांध खडी थी, वही आकाश भी उसके पास ही खडा था, साथ ही दो- तीन लडके लडकियां भी थे चो हिती को देखकर अजीब तरीके से मुस्कुरा रहे थे ।

अविनाश ने उन सभी को देखा तो उसके चेहरे पर गंभीर भाव आ गये, वही हिती ने अपनी चप्पल नीचे रख दी और उन सभी की तरफ बिना किसी भाव के देखने लगी । वही वो सभी हिती और अविनाश की तरफ कदम बढाये चले आये ।

हिती ने आकाश और गौरी को देखा तो उसके माथे की नसे तन गई थी, अविनाश, हिती के पास आकर खडा हो गया ।

गौरी, हिती के सामने खडे होते हुए-: औह तो आप आ ही गई यहां,,,,,,!! कितने दिन से इंतजार कर रही थी तुम्हारा,,, मुझे तो तुम्हें बहुत कुछ बोलना था पर एक केरेक्टरलेस लडकी को क्या ही बोलूं.....????

" स्टअप गौरी,,,, कैरक्टरलेस तुम हो, जो किसी ओर के प्यार को अपना बनाकर उसके साथ,,,छिः......!!! अविनाश ने गौरी को फटकारते हुए कहा ।

" औह,,, मैने किसी के प्यार को अपना नही बनाया है पर वो शुरूआत से ही मेरा था, आकाश को कभी हिती के लिये फिलिंग्स आयी ही नही,,,,,,!!! क्यो सही कह रही हू ना बेबी,,,,,," गौरी ने आकाश की तरफ देखा तो आकाश ने अपना सिर हिला दिया ।

" हां डार्लिंग सही कहा तुमने, यह लडकी तो मुझे पहले से ही पसन्द नही थी, इसको सिर्फ मै दोस्त मानता था, और इस ने जबरदस्ती मुझे अपने प्यार के जाल में फंसा भी लिया लिया पर तुम सही समय में मेरी लाइफ में आ गई और तुमने मुझे इससे बचा लिया हमेशा से सिर्फ तुमसे ही प्यार करता हूं ना कि इससे,,,,," आकाश ने बेहद बेशर्मी से कहा ।

हिती के दिल को दोबारा आकाश की बातें चीर गई उसकी आंखों में दोबारा नहीं आ गई थी उसने जैसे तैसे खुद को मजबूत किया ।

" क्यों आकाश क्यों कर रहे हो तुम यह सब तुम्हारे कारण हमारा बच्चा,,,, "

आकाश उसकी बात काटते हुए -' शट अप मेरा कोई बच्चा नहीं है, पता नहीं किसका पाप था?? वह जो तुम मेरे गले बांध रही हो और खबरदार तुमने अब दोबारा किसी और के पाप को मेरा बच्चा कहा तो,,,,,," आकाश ने बेहद बेरुखी के साथ कहा ।

हिती आकाश की इतनी बेरुखी और कड़वी बातें सुनकर बिल्कुल टूट गई उसकी आंखों से दोबारा आंसू बह निकले उसने खुद को जितना मजबूत किया था वह वापस बिल्कुल टूट गई कल तक आकाश यह मान रहा था कि उन दोनों के बीच उस रात जो हुआ वह सब सच था पर आज अचानक ही आकाश ने उन दोनों के बच्चे को अपना कहने से भी मना कर दिया था आकाश इतना पत्थर दिल कब से हो गया हिती इस बात से बिल्कुल टूट गई ।

हिती की आंखों से आंसू गालो पर लुढक आये ।

" आकाश,,,,, तुम इतने मतलबी, झूठे और धोखेबाज कैसे हो सकते हो, तुम्हें मैंने अपनी जिंदगी माना और तुमने ही मेरी जिंदगी को तबाह कर दिया,,,,,," हिती का गला रूंध गया ।

" मै धोखेबाज नही हु, तुम ही बदजलन,,,,,," आकाश ने इतना कहा ही था कि अविनाश जो इतनी देर से अपना गुस्सा दबाया खडा था उसने आकाश के गालों पर एक जोरदार तमाचा जड़ दिया । आकाश गाल पर हाथ रखे खडा हो गया, अविनाश के तमाचे की आवाज से कॉलेज कैम्पस गूंज उठा ।

गौरी की त्यौरियां चढ गई, उसने गुस्से से अविनाश की तरफ देखा ।

" तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे बेबी को मारने की,,, यू बल्डी,,,,,!!!

गोरी ने अविनाश को मारने के लिए हाथ उठाया ही था कि अविनाश ने उसका हाथ हवा में ही रोक दिया, फिर उसके हाथ को मोड़ते हुए पीठ पर ले गया ।

" लीसन बहुत हुआ तुम्हारा चाहूं तो तुम्हारे हाथ को तोड़ कर फेंक सकता हूं पर तुम लड़की हो इसलिए अभी तक सही सलामत खड़ी हो वरना तुम जैसे लोगो को उनकी औकात दिखाने से पहले मैं एक पल नही सोचता,,,,,,"

अविनाश ने धक्का देकर गौरी को धक्का देकर आगे की तरफ छोड दिया । सामने खड़ी लड़की ने गोरी को संभाला, गोरी ने पलटकर अविनाश की तरफ देखा अविनाश की आंखें गुस्से से उसे ही घूर रही थी, गौरी ने अपने हाथ को सहलाया और अविनाश को घूरने लगी ।

अब तक आकाश भी सम्भल चुका था उसने अविनाश की तरफ देखा फिर हिती की तरफ देखकर जोर- जोर से ताली बजाते हुए हंसने लगा ।

हिती के आंखो से आंसू बह रहे थे, वही वो आकाश की हरकत पर असमंजस से उसे देख भी रही थी ।

वही अविनाश और बाकि सभी भी आकाश को सवालिया नजरों से देखने लगे ।

" वाह यार हिती क्या लड़की हो तुम, मतलब मैं नहीं मिला तो अविनाश को अपने प्यार के जाल में फंसा लिया तुमने,,,इतनी एक्स्ट्राऑर्डिनरी लड़की कैसे हो सकती है,,,,," कहते हुए आकाश ने हिती की तरफ देखकर एक व्यंग्य भरी मुस्कान दे दी ।

" आकाश जस्ट शट अप वरना,,," अविनाश ने गुस्से से आकाश को घूरते हुए कहा ।

" नाउ यू शट अप, बहुत हो गया तेरा अब मुझे बोलने दे,,," आकाश ने अविनाश को उंगली दिखाते हुए कहा ।

अविनाश कुछ कहता तभी हिती ने अविनाश का हाथ पकड़ लिया । हिती ने जोर से उसका हाथ दबाते हुए उसे शांत रहने को कहा ।

अविनाश चुप हो गया, उसने एक नजर हिती की तरफ देखा जो आंखो मे आंसू भरे आकाश को देख रही थी, वही आकाश ने हिती को अविनाश का हाथ पकडे देख लिया तो वो मुस्कुरा दिया ।जबकि गौरी अपना हाथ मसलते हुए एक तिरछी मुस्कान के साथ उन तीनों को देख रही थी ।

आकाश ने अपने माथे पर अंगूठा रगडते हुए हिती से कहा-: वाह क्या बात है इतना प्यार, तुमने अविनाश का हाथ पकड़ा और यह शांत भी हो गया, क्या बात है, खैर मेरी ही गलती है जो मै तुम्हें शरीफ समझता था पर तुम ऐसी निकलेगी यह तो आज पता चल रहा है मेरा बचपन का दोस्त अविनाश तुम्हारे कारण अब तक तीन से चार थप्पड़ मार चुका है, तुम्हें पता है यह कितना भी गुस्सा क्यों ना हो पर इसनें कभी मुझ पर हाथ नहीं उठाया,,,,," आकाश ने हिती की आंखो मे देखते हुए कहा ।

" आकाश,,, सुनो,,,,सुनो इन सब में मेरी कोई गलती नहीं है, तुम प्लीज मेरे प्यार को इस तरह मत कहो मैंने सिर्फ आज तक तुमसे ही प्यार किया है और,,,,,,, "

हिती ने रोते हुए आकाश का हाथ पकडा तो आकाश ने तुरन्त उसका हाथ झटक दिया ।

" दूर रहो मुझसे, छुना भी मत मुझे समझी तुम,,,,,तुम किसी ओर के साथ रंगरलिया मनाकर प्रेग्नेंट हो गई और फिर तुमने पैसों की लालच में वह पाप मेरे गले में बांधने की कोशिश की और गोरी के कारण मैं तुम्हारे इस प्यार के जाल से बच निकला तो तुमने अविनाश को ही,,, वेरी वेल डन हिती,,,,,," आकाश ने हिती ने आंखो मे देखते हुए कहा ।

आकाश की बात सुनकर अब अविनाश का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया था उसने हिति से अपना हाथ छुड़ाया, फिर उसकी कॉलर पकडकर उसकी आंखो मे गुस्से से देखते हुए कहा-:" मैं तेरी जान ले लूंगा अगर तू चुप नही रहा तो,,,"

आकाश और अविनाश की आंखे टकरा रही थी, वही हिती की आंखो से झर-झर करके आंसू बह रह थे ।

आकाश ने अचानक ही अविनाश को एक मुक्का जड दिया । अविनाश के होंठो से खून बह निकले और उसकी आकाश के कॉलर से पकड छूट गई ।

अविनाश ने अपने हाथों से होंठ को टच किया हम तो उसके अंगूठे पर खून लग गया अविनाश ने एक नजर खून की तरफ देखा फिर गुस्से से आकाश की तरफ बढ़ गया उसने लगातार आकाश के चेहरे पर मुक्के बरसाना शुरू कर दिया, आकाश ने भी अविनाश को मारना शुरू कर दिया वह उसके पेट पर लगातार मुक्के मारे जा रहा था दोनों एक दूसरे से बुरी तरह भीड़ गये।

सभी स्टुडेन्टस उन दोनो को चुपचाप खडे देख रहे थे, वही गौरी एक मुस्कान के साथ उन दोनो को देख रही थी ।

" साले तुझे मैं आज मार दूंगा, तेरे कारण हिती का यह हाल हो गया,,,," आकाश के ऊपर बैठे अविनाश ने उसके चेहरे पर लगातार मुक्के बरसाते हुए कहा ।

कुछ देर लगातार मारने के बाद आकाश बेहोश होने लगा तो आकाश के दोस्तो और गौरी ने अविनाश को आकाश को अविनाश से दूर किया।

" छोड़ दो इसे यह मर जाएगा,,,," एक लड़के ने अविनाश को आकाश से अलग करते हुए कहा ।

लड़का, अविनाश को आकाश से दूर उठाकर ले गया, गौरी और बाकि सभी ने आकाश को सम्भाला ।

अविनाश ने अपने आप को उस लडके से छुडवाते हुए अपने होंठो के किनारे से खून को साफ किया ।

" आज आखिरी बार तूने हिती को यह सब बकवास कही है अब,,आगे से उसे कुछ कहने की सोचना भी मत,,,," अविनाश ने आकाश को वॉर्निंग देते हुए कहा ।

" पहले तुम अपनी हिती को तो ढूंढ लो,,," गौरी ने आकाश को सम्भालते हुए अविनाश से कहा ।

अविनाश ने गौरी की बात सुनकर यहां-वहा देखा तो गौरी वहां नही थी ।।

" हिती,,,,,हिती कहां गई,,,," अविनाश ने बैचैनगी से कहा ।

" भाग गई वो यहां से,,तुम दोनो को लडवाना ही तो चाहती थी, भाग गई अपना काम खत्म करके,,,,,," गौरी ने आकाश के सिर को अपने सीने से लगाते हुए कहा, अविनाश ने गौरी की बात सुनी तो वो कॉलेज से बाहर की तरफ भाग निकला ।


Continue...........