Secret Admirer - Part 71 in Hindi Love Stories by Poonam Sharma books and stories PDF | Secret Admirer - Part 71

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Secret Admirer - Part 71

"लाइक इट," कबीर ने अमायरा को पीछे से उसकी कमर पर हाथ रख बाहों में भर लिया, जबकि इस लक्जिरियस कॉटेज की बालकनी से अमायरा यहां की खूबसूरती में ही खोई हुई थी। दुपहर हो गई थी दोनो को यहां आए हुए, अपनी डेस्टिनेशन पर। और यहां आते ही अमायरा यहां कॉटेज की बनावट देख कर ही दंग रह गई थी, जो की कॉटेज कम कोई लक्जिरियस सुइट ज्यादा लग रहा था। वैसे भी कबीर से वोह कम की उम्मीद कैसे कर सकती थी। आज वोह पहली बार सही मायने में किसी ट्रिप पर थी उसके कबीर के साथ, वोह बस अभी सरप्राइज़ में ही थी सब देख कर। वोह कॉटेज जमीन से थोड़े ऊंचे में बना हुआ था, जिसमे घुसने के बाद एक साइड बड़ा सा आलीशान लिविंग रूम है, और एक साइड छोटा सा स्विमिंग पूल। उसने जैसी वहां से सीढियां ऊपर जाते देखी थी, किसी छोटे बच्चे की तरह वोह भी भागते हुए चढ़ गई थी, फर्स्ट फ्लोर की तरफ। उसे बच्चो की तरह भागते देख कर कबीर मुस्कुरा पड़ा था और फिर कॉटेज के स्टाफ जो की उन्हे रिसेप्शन से यहां तक लेकर आए थे उन्हे टिप दे कर वापिस भेज दिया था।
फर्स्ट फ्लोर पर बना बैड रूम बहुत ही खूबसूरत था, जिसका फर्श पारदर्शी था जिससे नीचे बने स्विमिंग पूल को साफ साफ देखा जा सकता था। उस कमरे में दो कांच से बने दरवाजे थे, एक पूरा ग्लास का वाशरूम और दूसरा दरवाजा रास्ता दिखाता था बालकनी का। और उस बालकनी से चारो तरफ की वादियां, हरा भरा सुंदर वातावरण दिखता था। थोड़ी दूरी पर एक छोटी सी नदी बहती हुई दिखती थी और कॉटेज के चारों ओर छोटी छोटी लाइन से झाड़ियां। थोड़ी दूरी पर अमायरा को और भी कॉटेज दिख रहे थे लेकिन सभी एक निश्चित दूरी पर थे ताकि सबकी प्राइवेसी मेंटेन रहे। उसको अपनी आखरी ट्रिप जो वोह ऊटी गई थी वोह याद आ गई, जो वोह अपनी शादी से पहले अपने फ्रेंड्स के साथ गई थी। उस वक्त वोह जिस होटल में रुके थे उसका बेडरूम इस बेडरूम का एक चौथाई भी नही था। और उसके साथ एक छोटी सी बालकनी जहां से वोह साथ वाले कमरे में जो रुक थे उनकी बातें आसानी से सुन सकती थी।

थोड़ी दूरी पर कुछ बड़ी बड़ी झाड़ियां भी थी जिनके पीछे लंबे लंबे ऊंचे पेड़ थे। उसे पानी के लहरों का शोर तोह सुनाई दे रहा था लेकिन बड़ी बड़ी झाड़ियों और बड़े बड़े पेड़ों को वजह से समुंदर दिखाई नही दे रहा था। वोह जानती थी की पेड़ के पीछे बहुत बड़ा समुंदर है और जितनी जल्दी हो सके वोह वहां जाना चाहती थी। वोह बेसब्र हो रही थी वहां जाने के लिए और तभी उसे अपनी कमर पर कबीर का हाथ महसूस हुआ था और वो पीछे पलट गई कबीर की तरफ।

"लाइक इट? आई लव इट। थैंक यू मुझे इतनी खूबसूरत जगह पर लाने के लिए।" अमायरा ने कबीर के गाल को जल्दी से चूम लिया और फिर वापिस पलट कर खूबसूरत नज़ारे देखने लगी।

"मुझे खुशी हुई की तुम्हे अच्छा लगा। तुम्हारे बर्थडे को यादगार बनाने के लिए इतना ही मैं जो कर सकता था।" कबीर ने जवाब दिया, और अपना चेहरा उसकी गर्दन में छुपा लिया।

"ऐसा मत कहिए। यह मेरा अब तक का सबसे बेस्ट बर्थडे है। मुझे यह जगह बहुत पसंद आई।" अमायरा ने खुशी से चहकते हुए कहा।

"हम इससे भी अच्छी जगह जा सकते थे, पर हमारे पास पासपोर्ट नही था।" कबीर ने उदासी से जवाब दिया।

"पर यह तोह मेरी गलती थी न, आपकी थोड़ी ना।" अमायरा ने अपना हाथ कबीर के हाथ पर रख कर जवाब दिया, जैसे उसे कह रही हो की कभी मुझे मत छोड़ कर जाना, कभी भी नही।

"ऐसा नही है। यह मेरी गलती है। मैने कभी तुम पर, तुम्हारी चीजों पर ध्यान ही नही दिया। मुझे ध्यान रखना चाहिए था, जो मैने नही किया। आई एम सॉरी अमायरा। मैने कभी तुम्हे उतनी अहमियत नहीं दी। मैं एक बहुत बुरा हसबैंड रहा हूं।" कबीर ने कहा। और अमायरा फिर उसकी ओर पलट गई। कबीर के हाथ अभी भी अमायरा की कमर पर कस हुए था और अमायरा के हाथ अब कबीर गर्दन के चारों ओर गोल घेरा बनाए हुए थे।

"हे!, खबरदार अगर मेरे हसबैंड के बारे में कुछ कहा भी तोह। मेरे हसबैंड दुनिया के सबसे अच्छे हसबैंड हैं।" अमायरा मुस्कुराई और कबीर शर्माने लगा। अमायरा ज़ोर से हँस पड़ी कबीर का चेहरा देख कर, उसने खुशी से उसके गाल खींचे और कबीर अपने गाल पर हाथ रख कर उसे घूरने लगा।

"ओके जैसे ही हम घर वापिस जायेंगे, मैं तुम्हारे पासपोर्ट को रिन्यू करवा दूंगा और हम जायेंगे एक लॉन्ग ब्रेक पर। हमारे हनीमून पर जिसका हमे कबसे इंतजार था।" कबीर ने जवाब दिया और अमायरा ने हां में सिर हिला दिया। "बताओ मुझे की तुम्हे कहां जाने का मन है?"

"मुझे नही पता। आप ही डिसाइड करिए। आप ज्यादा अच्छी तरह से डिसीजन लेते हैं।" अमायरा ने जवाब दिया।

"नही। मैने यह जगह डिसाइड की ना। अब अगली ट्रिप तुम ही प्लान करोगी।"

"उह्ह्..... क्या हम बाद में डिसाइड करें?"

"कम ऑन अमायरा। बस एक जगह ही तोह चुन्नी है। कहीं भी। कोई तोह ऐसी डेटिनेशन होगी जहां तुम जाना चाहती होगी?"

"उह्ह्ह्ह्ह.................... हां इजिप्ट।"

"इजिप्ट। क्यूं?"

"क्योंकि जब मैं छोटी थी, पिरामिड्स के बारे में किताबों में पढ़ा था, लाशें दफनाई जाति हैं वहां पर और कैसे वोह लाशें फिर वापिस आ जाती हैं और कहर बरसाती है जो भी उसे डिस्टर्ब करता है। मैं हमेशा से ही वोह ममीज़ देखना चाहती थी।" अमायरा ने ड्रामा करते हुए कहा और कबीर ज़ोर से हँसने लगा।

"क्या? आप क्यूं हँस रहें हैं? आप ही ने तो मुझसे पूछा था की मैं कौनसी जगह जाना चाहती हूं।" अमायरा ने घूरा।

"हां पूछा था। पर क्या तुम जानती हो की तुम अभी भी बच्ची हो। कभी बड़ी नही होगी। बट प्रोमिस इस अ प्रोमिस। और इसका मतलब यह है की हम जायेंगे इजिप्ट जल्द ही, हां मैं यह प्रोमिस नही कर सकता की एक्चुअली में तुम्हे वहां ममीज़ दिखेंगी, क्योंकि उन्हें अब उन्हे प्रोटेक्टेड और प्रिजर्व्ड करके कहीं और दफनाया गया है। अब वहां कुछ नही है। ज्यादा तर विजीटर्स को अब वहां पर खाली पिरामिड ही दिखता है।" कबीर ने उसे बताया और अमायरा थोड़ा निराश हो गई।

"सच में? वोह हमें नही देखने देंगे?"

"शायद। मैं भी कभी नही गया हूं तो पूरी तरह से श्योर नही हूं। हम जायेंगे और खुद देख लेंगे की वहा क्या है।" कबीर उसे चीयर कर रहा था। वोह उसे उसके बर्थडे से कुछ घंटे पहले यूं उदास नही होने देना चाहता था।

"वैसे एक बात बताइए, आपने यह जगह क्यूं चूस की थी?" अमायरा ने ऐसे ही कोई सवाल पूछ दिया।

"क्योंकि यह जगह तुम्हारे ड्रीम डेस्टिनेशन से काफी नज़दीक थी और लगभग उसकी ही तरह थी।" कबीर ने रेहसमई ढंग से कहा और अमायरा कन्फ्यूज्ड हो गई।

"मेरी ड्रीम डेस्टिनेशन? यह आइलैंड?" अमायरा ने कन्फ्यूज्ड होते हुए पूछा।

"यह नहीं। लेकिन इसके आस पास ही।" कबीर ने बातों को अभी भी घुमाना जारी रखा और अमायरा को सही जवाब ना मिलने से और कन्फ्यूजन होने लगी।

"हम तोह यहां हैं हैवलॉक आइलैंड में। तोह मेरा ड्रीम डेसिटिने........ आप मुझे यहां इसलिए लाए हैं क्योंकि सेंटिनल आइलैंड यहां से पास ही है?" अमायरा ने अविश्वसनीय रूप से पूछा और कबीर ने अपने कंधे उचका दिए। वोह चौंक गई थी की कबीर को वोह जगह याद है जो उसने ऐसे ही कुछ महीने पहले कबीर के साथ एक आर्गुमेंट में अपने ड्रीम डेस्टिनेशन के बारे में बताया था, वोह उस वक्त बिलकुल भी सीरियस नही थी।

"यूं इस तरह से हैरान नज़रों से मुझे देखना बंद करो मिसिस मैहरा। जिस तरह से तुम पाउट बना रही हो मेरा मन कर रहा है की अभी इसी वक्त तुम्हे किस कर लूं।"

"पर कैसे....."

"क्या मैने तुम्हे कभी यह नहीं बताया है की मैं तुम्हारी हर बात नोटिस करता हूं? और जबकि मैं बहुत कोशिश करता था तुमसे दूर रहने की, कुछ तोह ऐसा था जो मुझे तुम्हारी ओर खींचता था। तोह मैं इतनी इंपोर्टेंट डिटेल कैसे भूल सकता हूं?" कबीर ने अपनी एक आईब्रो ऊपर उचका के पूछा। और अमायरा शर्माते हुए मुस्कुराने लगी।

"तोह अब हम यहां आ गए हैं, तोह क्या हम....वहां जा सकते हैं?" अमायरा ने किसी छोटे बच्चे की तरह आंखे टिमटिमाते हुए पूछा।

"नो अमायरा। मैने कहा ना इसे नज़दीक मैं तुम्हे नही ले जा सकता। तुम्हे पता है ना की सेंटिनल आइलैंड के लोग काफी डेंजरस ट्राइब्स हैं। वोह हमें कभी भी अलाउड नही करेंगे उनके आइलैंड में आने के लिए। हमे क्या किसी को भी इजाज़त नहीं देंगे।" कबीर ने गंभीरता से जवाब दिया।

"आप बहुत बोरिंग हैं," अमायरा ने मुंह फुला लिया।

"हां। और बहुत प्यार भी करता हूं, तुमसे, और अपनी जिंदगी से। मुझे कोई शौक नहीं है उनके उड़ते तीरों से मरना। अब चलो थोड़ी देर आराम कर लो, फिर हम बाहर चलेंगे।"

"पर मैं बहुत थक गई हूं। हालांकि जितनी यह जगह मुझे पसंद आई है, उतनी ही दूर भी है। मेरा मतलब है की कौन इतने घंटे एयरक्राफ्ट से नीचे बस पानी ही देखता रहता है। और फिर उसके बाद एक बोट से इतना लंबा रास्ता, चारों तरफ सिर्फ पानी।" अमायरा ने कंप्लेन करते हुए कहा।

"वैसे, अगर मैं चाहूं भी न, तोह भी इस जगह को मेन सिटी में शिफ्ट नही कर सकता। आई होप यू अंडरस्टैंड डेट।" कबीर ने उसे चिढ़ाया और अमायरा कबीर के सीने पर हल्का सा मारने लगी।

"हम कहां जा रहें हैं?"

"यह सर्प्राइज है। अगर तुम्हे अच्छा लगे तोह एक घंटे में नीचे आ जाओ, और फिर हम चलेंगे। हम उधर समुंदर के पास जायेंगे तोह उसके हिसाब से ही कुछ पहनना।" कबीर ने उससे कहा और उसे अंदर कमरे में ले आया आराम करने के लिए।

एक घंटे तक आराम करने की बजाय वोह बस यही सोचती रही की सरप्राइज़ क्या है। उसका सरप्राइज तब खुला जब उसने अपने आप को एक बोट में पाया, डरी हुई थी यह सब देख कर। उन्हे दूसरे छोर तक जाना था। वोह सन सैट के आसपास यहां आए थे। उन्हे लाइफ जैकेट भी पहनने को कहा गया था। नाइट बोट के बारे में थोड़ा बहुत समझा कर उसे एक चीज़ दिखाने ले जाया जा रहा था जहां बहुत सारी चमकती हुई कुछ चीज़ दिखती है। अमायरा को कुछ समझ नही आ रहा था की यह हो क्या रहा है। वोह यही सोच रही थी की इस सब का क्या मतलब है और कबीर उसे यहां क्यूं लेकर आया है, एस्पेशली उसकी बर्थडे की एक शाम पहले।

क्या होगा अगर मैं इस बड़े से समुंदर में मर जाऊंगी, जहां चारो तरफ अंधेरा होगा? ओह माय गॉड। प्लीज मुझे बचा लो। मैं तोह इन्हे कह भी नही सकती की मुझे वापिस ले चलिए क्योंकि कितने प्यार से, कितने दिल से इन्होंने मेरे लिए सरप्राइस प्लान किया है। अब मैं आगे से कभी भी इन्हे कोई ट्रिप प्लान करने नही दूंगी। अगर मैं आज यहां से वापिस जिंदा गई तोह।

अमायरा ने अपने आप से कहा और उस छोटी सी बोट में पैडल मारने लगी। दूसरी बोट में और भी कुछ लोग आ रहे थे। जल्द ही यह दोनो उस जगह पहुँच गए जहां पहुंचना था, पानी के बीचो बीच। और फाइनली अमायरा समझ गई की कबीर उसे यहां क्यूं लेकर आया है।

गाइड ने उन्हें बताया की यहां पर बहुत बड़ी तादात में पानी में रहने वाले जीव जंतु की कई नस्ले हैं, जिसमे ब्राइट कलर के केकड़े जिनसे सारंगी जैसी धुन निकलती है, शर्मीली मड स्किपर्स, ब्लू आइज़ अंडमान बुलबुल, तोते, सफेद पेट वाले समुंद्री ईगल्स, नाइटजार्स, एंड ब्लड क्लैम्स (सीप)। जैसे जैसे अमायरा बोट में पैडल मार रही थी, हजारों की तादात में छोटी छोटी नन्ही मछलियां चारों ओर फैल जा रही थी, जो की यह बड़ी मछलियों का खाना होती हैं। ये नन्ही मछलियां रात के अंधेरे में चमकती हुई किसी सितारे के जैसे दिखती हैं।

हर बार पैडल मारने पर जो पानी में खलबली मचती और उससे नन्ही मछलियां चारों ओर फैलती, ऐसा लगता जैसे पानी में सितारे उतर आएं हैं। अमायरा के चारों ओर पानी एक दम शांत था और जो समुंदर किनारे से रोशनी आ रही थी वोह भी ज्यादा दूर नहीं थी, फिर भी अमायरा को ऐसा लग रहा था जैसे वोह किसी दूसरी दुनिया में ही आ गई हो। उसने दूसरी बोट से किसी की आवाज़ सुनी जो उसे ऊपर देखने को कह रहा था। पूरा आसमान करोड़ो सितारे से भरा हुआ था, इतने सितारे थे जितने उसने अपनी पूरी जिंदगी में नही देखे थे। उसने कभी नोटिस ही नही किया था की उनके जीवन में इतने स्टार्स है।

शायद प्रदूषण की वजह से ही आसमान पर बादल छाए रहते हैं और वास्तविक खूबसूरत नजारे से हम हमेशा अनदेखी रह जाते हैं।

उसे अपनी जिंदगी का यह एक्सपीरियंस बहुत ही पसंद आया था। वोह तोह डिसाइड ही नही कर पा रही थी की वोह ऊपर आसमान को निहारे या फिर पानी में खूबसूरत जीवों को निहारे। कौन सा नज़ारा ज्यादा खूबसूरत है यह तै कर पाना मुश्किल था। दोनो की ही खूबसूरती एक दूसरे के बराबर थी और एक दूसरे को पूर्ण करती थी। और इस मोमेंट वोह अपने आप को रोक ही नही पाई कबीर को धन्यवाद देने के लिए की वोह उसे यहां इतनी अच्छी जगह ले कर आया। उसके बर्थडे की यह सबसे अच्छी और खूबसूरत शुरवात थी।

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दोनो अपने कॉटेज में रात को करीब नौ बजे वापिस आए। और साफ सुथरे कपड़े पहन कर वोह दोनो उसी रिजॉर्ट के एक रेस्टोरेंट में पहुँच गए डिनर करने के लिए। उस वक्त करीब दस बज चुके थे जब वोह दोनो रेस्टोरेंट में डिनर के लिए बैठे थे। उस बड़े से हॉल के बीचों बीच एक बैंड लाइव परफॉर्मेंस दे रहा था। उसी के चारों तरफ डिनर टेबल रखी हुईं थी। लोग वहां खाने के साथ साथ गाना और डांस तीनों एंजॉय कर रहे थे। अमायरा ने अपनी टेबल बैंड से सबसे दूर कॉर्नर की चुनी थी क्योंकि उसे भीड़ से अलग शांति से अपना खाना खाना था। वोह दोनो खाना खाने लगे, और कुछ देर पहले के अपने बेहतरीन एक्सपीरियंस को एक दूसरे के साथ शेयर करने लगे, उसके बाद उन्होंने कल क्या क्या करेंगे उस बारे में बातें की और कुछ इधर उधर की बातें करते रहे। अमायरा उस धुन को गुनगुनाने लगी जो बैंड परफॉर्म कर रहा था और साथ ही वोह डांस भी करना चाहती थी। अमायरा कबीर को खींच कर डांस फ्लोर पर ले गई और कुछ स्टेप्स सीखा कर उसके साथ डांस करने लगी। अमायरा उसके मूव्स देख कर खूब एंजॉय करने लगी, वोह हर चीज़ में उसके साथ कोशिश कर रहा था। उसने मन ही भगवान को उसकी जिंदगी में इतना प्यार करने वाला हसबैंड देने के लिए धन्यवाद दिया। कुछ देर बाद उसने रियलाइज किया की वोह काफी देर से एक दूसरे के साथ डांस कर रहें थे। कबीर ने अपने हाथ में बंधी घड़ी देखी और अमायरा की कमर पर अपना हाथ कस दिया। उसने उसे और करीब खींचा उसके कान में बहुत करीब हो कर इतने लाउड म्यूजिक के बाद भी फुसफुसाते हुए कुछ कहा।

"हैप्पी बर्थडे स्वीट हार्ट।" कबीर ने उसे विश किया और मानो जैसे अमायरा खुशी से झूम उठी। यह अब तक का उसका बेस्ट बर्थडे था। सबसे पहले उस इंसान से विश लेना, वोह भी इस तरह उसको स्पेशल फील करा के, जिसे वोह सारी उम्र सिक्रेटली पसंद करती रही, सबसे उसकी तारीफ सुन सुन कर अपने मन में ही उसे चाहती रही, वोह उसकी सराहना करती थी और कब उसे भी प्यार हो गया पता ही नही चला। प्यार हुआ भी है या नही कुछ पता नही। बस वो इतना जानता ही अब वोह उसके बिना नही रह सकती। कुछ देर पहले तक तोह वोह डर रही थी की वोह जिंदा वापिस आ भी पाएगी या नही, पर वोह उसके साथ वापिस आई एक नए एक्सपीरियंस के साथ जो वोह जिंदगी भर नही भूलेगी। पूरा श्रेय उस इंसान को जो अब उसकी जीने की वजह है।

"थैंक यू............................कबीर।" अमायरा ने भी वापिस उसी तरह फुसफुसाते हुए कहा और कबीर शॉक्ड। इससे पहले की कबीर कुछ रिएक्ट करता बैंड बंद हो गया और गाना बंद करके कुछ अनाउंस करने लगा। अमायरा तोह चौंक ही गई अपना नाम अनाउंस होते सुन कर। सिंगर्स उसे स्टेज पर बुला रहे थे। अमायरा ने कन्फ्यूज्ड हो कर कबीर को देखा और कबीर ने ऐसे रिएक्ट किया जैसे कुछ पता ही नही। वोह दोनो थोड़ा आगे बढ़े, और जैसे ही अमायरा उस छोटे से स्टेज पर चढ़ी सिंगर्स ने उसके लिए, उसे विश करने के लिए, बर्थडे सॉन्ग गाना शुरू कर दिया। अगले ही पल वहां मजूद सभी लोग जो अजनबी थे सब उसे विश करने लगी और अमायरा सरप्राइज्ड हो गई। तभी एक वेटर एक कार्ट पुल करते हुए लाया, उसमे एक सुंदर सा केक था। कबीर ने अमायरा को केक काटने के लिए कहा और अमायरा इतनी इमोशनल हो गई की सबके सामने उसे गले लगाए बिना रह नहीं पाई। इस वक्त उसे इन अनजानों की भीड़ की कोई परवाह नही थी। अमायरा ने केक कट किया, एक दूसरे को खिलाया, फिर बाकी सभी लोगों के साथ भी शेयर किया, और कुछ देर और डांस करके तकरीबन और एक घंटे बाद दोनो अपने कमरे की ओर चले गए।

एक्साइटमेंट तोह जाने का नाम ही नही ले रही थी। वोह आज बहुत खुश थी। लेकिन दिन भर की ट्रैवलिंग और बोटिंग के बाद अब वोह दोनो बहुत थक चुके थे। दोनो को ही जल्द नींद आ गई। कबीर की बाहों में अमायरा को सुकून ही नही, अपने आप में ही स्पेशल फील हो रहा था, उसके साथ आज का यह दिन देखने के लिए, उसके साथ जीने के लिए, अब तक उसको यह सब देखने के लिए, महसूस करने के लिए उसने भगवान का दिल से धन्यवाद किया। सिर्फ उसके साथ होने के लिए ही नही बल्कि उससे प्यार करने के लिए भी।











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कहानी अभी जारी है...
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