डिंपी अपने पति से ज़िद करती है मुझे आज घुमाने ले चलो। डिंपी का पति जीत कहता है आज दूकान में बहुत काम है आज नही जा पाएंगे। जीत कि दवा कि दुकान है जिसके वजह से जीत अपनी पत्नी के साथ जल्दी बाहर नही जा पाता था। जीत के ऊपर घर कि पूरी ज़िमेदारी है जीत अपनी मां को घर का खर्चा देता है जिससे डिंपी को बुरा लगता है। जीत कि पत्नी डिंपी लड़ाई करती है मुझे भी पैसे दो सिर्फ अपनी मां को ही देते है आप। जीत ने डिंपी को खुश करने के लिए एक आईडिया सोचा। वो खुद ना जाकर पैसे देकर डिंपी को खुश कर सके।
जीत कि दुकान में चंदन नाम का एक लड़का काम करता था। जीत चंदन को बहुत मानता था इसलिए जीत ने अपनी बाइक कि चाबी चंदन को दे दी। चंदन से कहा जाओ तुम्हारी भाभी का कॉल आया है उसके साथ थोड़ा काम से चले जाओ। चंदन डिंपी के घर जाता है डिंपी चंदन के साथ बाहर काम से जाती है। जीत जब रात को घर आता है डिंपी से कहता अब तो तुम खुश हो ना मैं बहुत बिजी रहता हु बिज़नेस में इसलिए चंदन को तुम्हारे लिए भेज दिया। डिंपी बाबू मैं तुमको बहुत चाहता हु बस थोड़ा काम के वजह से तुम्हे बाहर नही ले जा सकता
चंदन एक भरोसेमंद इंसान है इसलिए मैने चंदन से कह दिया तुम्हारी भाभी डिंपी को जब जरूरत हो बाइक ले जाया करो। जीत डिंपी को बहुत प्यार करता था पर डिंपी जीत से बहुत लड़ाई करती थी। जीत थके हारे अपनी दुकान से आकर आराम करना चाहता था। डिंपी जीत से प्यार से बात नही करती थी और बहुत लड़ाई करती थी। जीत डिंपी का बहुत दुलार उठाता है डिंपी उसे लड़ती रहती है। जीत डिंपी को प्यार से गुड़िया ही कहता था। ऐसे ही समय बीतता गया चंदन और डिंपी एक दूसरे के साथ घूमने लगे।
डिंपी को चंदन के साथ एक अलग ही सुकून मिलता था। जीत अगर डिंपी को कहता आज मैं तुमको घुमाने ले चलूंगा। डिंपी बहाना बना देती आज मेरा सिर दर्द हो रहा है फिर कभी चलते हैं। धीरे धीरे डिंपी और चंदन का प्रेम परवाना चढ़ने लगा। डिंपी और चंदन अब दूर दूर जाते अब चंदन जीत से झूठ बोलता काम से जा रहे है और वो डिंपी के साथ जाता। डिंपी चंदन प्यार में अंधे हो गए थे डिंपी भूल गईं कि वो अपने ससुराल मैं रहती है। जीत जब तक दुकान से नही आता चंदन अकेले डिंपी के कमरे में बैठा रहता।
किसी अनजान इंसान का अपनी बहु के इतने करीब जाते देख जीत कि मम्मी को अच्छा नहीं लगता था।
एक दिन जीत कि मम्मी जीत से कहने लगी बेटा जब तुम नही रहते हो तो चंदन घंटों बहु के पास बैठा रहता है। यह सब ठीक नही है कि बाहरी कोई इंसान का इतना ज्यादा घर में रहना। जीत अपनी मम्मी से कहता है मम्मी चंदन को मैं बहुत अच्छे से जानता हु। चंदन डिंपी को अपनी बहन जैसे समझता है। मुझे चंदन पे आंख बंद करके भरोसा है वो मुझे कभी धोखा नहीं दे सकता।
डिंपी और चंदन के प्रेम प्रसंग के बारे में पूरे मोहल्ले को पता था। जीत पे भरोसे का ऐसा पर्दा पढ़ा था बस उसको ही कुछ नही दिख रहा था कि चंदन और डिंपी में क्या चल रहा है। चंदन और डिंपी एक दूसरे के बाहों में प्यार कर रहे थे। डिंपी चंदन से कहती है जीत आते होगे तुम जाओ। चंदन ने कहा अभी नही आयेगा तुम्हारा पति थोड़ी और देर प्यार करने दो ना जान। जीत कि एक आदत वो दरवाजे से ही डिंपी को प्यार से बाबू पुकारते हुए आता था। आज जीत का सर दर्द हो रहा था जिसके वजह से वो सीधे अपने रुम में गया।
रूम मैं जाते ही जीत ने अपनी पत्नी डिंपी को चंदन के बाहों में देखकर जीत के पैर से जैसे ज़मीन खिसक गई। डिंपी सफाई देने लगी जीत आप गलत समझ रहे है। जीत ने कहा मैने तुम पर आंख बंद करके भरोसा किया और तुमने। मैने अपनी मां कि भी बात न सुनी इतना भरोसा किया और तुमने मेरा दिल तोड़ दिया। डिंपी जीत को समझती है तभी जीत गुस्से मैं ढेरो नींद कि दवा खा लेता है। जिससे जीत के तुरंत उल्टी आने लगती है डिंपी घबरा जाती है। जीत को उठाती है जीत तब तक दम तोड़ चुका था।
डिंपी जीत के खत्म होने के बाद एक्टिंग करने करने लगती है। अपने सास को बुलाती है मम्मी यहां आइए देखए इन्हे क्या हो गया यह कुछ बोल नहीं रहे है। जीत कि मम्मी अपने बहु के कमरे में जाती है और अपने बेटे को मरा देखकर रोने लगती है। जीत को कई हॉस्पिटल tretmemt के लिए ले जाया जाता है। सभी हॉस्पिटल में जीत को मृत घोषित कर दिया जाता है। जीत का मृत शरीर घर लाया जाता है। सभी रो रहे थे पर डिंपी रो नही रही रही थी बल्कि घबरा रही थी कही उसे जेल ना हो जाए।
मोहल्ले के सभी लोग जीत कि मिट्टी में बाते कर रहे थे। इनकी औरत का चक्कर किसी दूसरे से था। घर वाले भी जान रहे थे पर वो सिर्फ इसलिए चुप थे क्योंकि उनका बेटा चला गया है। अगर अब वो थाना में रिपोर्ट लिखवाते है तो घर कि बदनामी होगी और दुकान भी सील हो जाएगी। डिंपी घर वालो के सामने नाटक करती जैसे जीत के मरने का दुख है। अकेले में खुश होती थी कि मेरे जिंदगी का काटा निकल गया है। चंदन घर आता तो जीत कि मम्मी और बहन को बुरा लगता है क्योंकि वो सब जानती है चंदन के वजह से जीत कि जान गईं हैं।
डिंपी अपने ससुराल के सभी लोगो से लड़ाई कर लेती कि चंदन मेरे भाई जैसा है। चाहे घर पे किसी को भी बुरा लगे वो आएगा। डिंपी के ससुराल वाले अपनी बहु के डर के वजह से चंदन को कुछ नही कहते थे। चंदन रोज़ डिंपी के पास आता दोनों एक दूसरे के साथ पति पत्नी के तरह रहते। डिंपी चंदन के साथ शादी करने का सोच रहीं थी। चंदन ने कहा डिंपी तुम्हारे बच्चे मेरे बच्चे के तरह है मैं तुमसे शादी करूंगा। शादी कि तैयारी चल रही थी तभी घर पे एक पेपर आता है।
डिंपी उस पेपर को देखकर रोने लगती हैं और जल्दी से चंदन को कॉल करती हैं। चंदन हमारी शादी अब नही हो सकती हैं क्यूकी मेरे ससुराल वालो ने एक चाल चली है। चंदन पूछता है कैसी चाल डिंपी बताओ ना मैने तो अपनी शादी का कपड़ा तक ले लिया है। डिंपी कहती हैं इस पेपर पे लिखा है कि अगर मैने तुम्हारे साथ शादी कि मेरी सारी प्रॉपर्टी मेरी नही होगी। अगर मुझे अपने ससुराल कि प्रॉपर्टी चाहिए तो मैं किसी से भी शादी नही कर सकती। चंदन डिंपी को समझाता है रो मत डिंपी हम दोनो बिना शादी करे पति पत्नी के तरह रहेंगे।
डिंपी और चंदन सालो पति पत्नी के तरह रहते। मोहल्ले में और रिश्तेदारों मैं सब ताना देते देखो इसी लड़के के वजह से इसने अपने पति को मार डाला। पर डिंपी को लोगो कि बातो का कोई फर्क नहीं पढ़ता वो आराम से अपनी जिन्दगी चंदन के साथ जी रही थीं। एक दिन चंदन कि मम्मी ने कहा बेटा अब तुम्हारी शादी हो जाना चाहिए। चंदन अपनी मम्मी कि यह बात सुनकर गुस्सा हो जाता है। मम्मी आज से मूझसे मेरी शादी कि बात ना हो मैं किसी से भी शादी नही करूंगा।
घर वालो के बहुत ज़ोर डालने पे चंदन मान गया चंदन का रिश्ता फिक्स हो गाया दूसरे शहर कि अनजान लड़की के साथ जिससे चंदन और डिंपी के बारे में लड़की वालो को पता न चले। डिंपी को जब चंदन के रिश्ते कि ख़बर हुई डिंपी चंदन के सीने से लिपट कर रोने लगीं। जान तुम ही बताओ अपने प्यार को किसी और के नाम कैसे कर दू। मेरी जान किसी दूसरे के बाहों में हो कैसे सब्र कर लूं। चंदन डिंपी को समझाता है मेरी शादी हो रही है मतलब मेरा जिस्म किसी और का हो रहा है पर मेरी रूह हमेशा तुम्हारी रहेगी।
मैं अपने पत्नी से झूठा दिखावे वाला प्यार करूंगा पर दिल से मैं सिर्फ तुम्हारा हुं। चंदन के शादी के कुछ दिन पहले डिंपी बस गुस्सा करती और रोती रहती। चंदन कि शादी हो जाती हैं चंदन अपने पत्नी के साथ खुशी खुशी रहने लगता है। चंदन ने एक प्लान किया चंदन अपने पत्नी को डिंपी के घर लाता है। कहता है डिंपी मेरी सगी बहन के तरह है तुम डिंपी को चाहोगी मैं तुमसे खुश रहूंगा। चंदन कि मासूम पत्नी दोनो कि चाल नही समझ पाती है। डिंपी कि तबियत जब भी खराब रहती चंदन कि पत्नी डिंपी के घर का सारा काम करती।
एक दिन चंदन को एहसास हुआ कि दूसरी औरत दूसरी ही होती है और अपनी पत्नी से प्यार करो जिन्दगी सुकून से गुजरती हैं।चंदन अब डिंपी के घर कम जाने लगा । अब चंदन अपनी पत्नी को दिल से चाहने लगा चंदन कि पत्नी शादी के तीन साल बाद प्रेगनेंट हो गई। कहते हा ना दोस्तो ऊपर वाले कि लाठी बेअवाज होती है। चंदन ने जीत कि पत्नी को फसाकर जीत कि हस्ती खेलती जिंदगी बरबाद करके जीत को आत्महत्या करने पे मजबूर कर दिया।
चंदन अपनी पत्नी को प्यार कर रहा था तभी चंदन सर में बहुत ही तेज़ दर्द होता है। चंदन कि पत्नी चंदन को कहती है आप जा जी बहुत लापरवाह हो गए हैं बहुत बार हो चूका है इस तरह से। कल मैं आपको डॉक्टर से treamtent कराने के लिए ले चलूंगी। चंदन कि पत्नी डॉक्टर को दिखाने ले जाती है डॉक्टर कहते है यह नॉर्मल दर्द नही है इसकी जांच होगी। दूसरे दिन चंदन कि मेडिकल रिपोर्ट घर आती हैं। रिपोर्ट मैं लिखा था कि चंदन को ब्लड कैंसर है। चंदन अब सिर्फ छह महीना ही जिंदा रहेगा।
चंदन का बहुत बड़े बड़े हॉस्पिटल में Treatment चला पर कही कुछ फायदा न किया। चंदन अब पलंग लग चुका था और कुछ बोल भी नहीं पता था। चंदन अपने पत्नी को बस देखता और उसका पेट जल्दी से मेरा बच्चा इस दुनिया मैं आ जाए मै अपने बच्चे का मुंह देखकर मरू। ऊपर वाले ने चंदन को इतना भी जिंदा ना रखा कि चंदन अपनी पहली औलाद को देख पाता। चंदन का वक्त पूरा हो चुका था चंदन आधी रात दम तोड़ दिया। चंदन के खतम होने के दस दिन के बाद चंदन का एक लड़का हुआ।
चंदन के मृत्यु के कुछ दिन तक डिंपी भी बहुत उदास हुई बहुत रोई बाद मैं नॉर्मल हो गई। चंदन के मौत का सबसे ज्यादा असर चंदन कि पत्नी पे था। चंदन कि पत्नी के जब बच्चा हुआ था हॉस्पिटल में चंदन कि पत्नी का एक पुराना दोस्त डॉक्टर अविनाश थे जिनकी शादी के बाद डिलीवरी के टाइम उनकी पत्नी खत्म हो गई थी और बच्ची भी। अविनाश ने चंदन कि पत्नी को कहा तुम रो मत मैं भी तुम्हारे तरह अकेला हु चलो हम दोनो शादी कर लेते है।चंदन कि पत्नी रिया कि शादी डॉक्टर अविनाश के साथ हो गई दोनो बहुत खुश रहने लगे।