Revenge: A Romance Singham Series - Series 1 Chapter 17 in Hindi Fiction Stories by Poonam Sharma books and stories PDF | Revenge: A Romance Singham Series - Series 1 Chapter 17

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Revenge: A Romance Singham Series - Series 1 Chapter 17

चार दिन बीत चुके थे अभय को गए हुए और अनिका उसे बुरी तरह मिस कर रही थी। वोह इस बात से इंकार नहीं कर सकती थी की वोह अभय सिंघम की तरह झुक रही है।
यह इसलिए नही था की उसने उससे शादी की थी, और उसे मरते दम तक उसके साथ रहना था शायद, बल्कि वोह उसे पसंद करने लगी थी और उसकी रिस्पेक्ट करने लगी थी। अभय ने जो कुछ भी किया था वोह उसके लोगों के लिए और न्याय के लिए किया था, जिससे अनिका उसकी तरफ बढ़ने लगी थी। हां यह भी एक सच्चाई थी की अनिका को अभय बहुत हॉट लगता था, एक्सट्रेमली हॉट।
वोह एहंकारी, मर्दाना चेहरा, कसरती शरीर, तराशी हुई मसल्स, लंबा और कठोर शरीर, जो कभी अनिका के डर की वजह हुआ करती थी.....वोह आज उसकी डर्टी फैंटिसिस बन गया था। वोह बस कैसे भी उसे छूना चाहती थी। वोह उसे अंदर से और बाहर से दोनो तरफ से एक्सप्लोर करना चाहती थी जब तक की उसे अभय सिंघम के बारे में सब कुछ पता नही चल जाता।

"उह्ह्.....अनिका?" एक औरत की आवाज़ ने अपने ही खयालों में खोई हुई अनिका को चौंका दिया।

अनिका ने धीरे से अपनी आंखें झपकाई और लक्ष्मी के खुश चेहरे की तरफ देखा, "हां?"

"मैं बस आपसे यही पूछ रही थी की आप आज रात डिनर अपने कमरे में करेंगी या नीचे डाइनिंग टेबल पर खाएंगी, पर आप बस बेवजह मुस्कुराते हुए मुझे ही घूरी जा रही थी।"

"उम्म्म्......उसके लिए सॉरी।" अनिका ने मुस्कुराते हुए स्वीकारा।
"मैं सोच रहीं हूं की जा कर शावर ले लेती हूं और सो जाती हूं। मुझे बिल्कुल भी भूख नही है, शाम को इतने सारे ट्रीट्स खा कर।"

लक्ष्मी मुस्कुरा पड़ी। "यहां के लोग आपसे बहुत खुश है की आप उनकी मदद करती हो, और बदले में आपको घर का बना खाना ला कर खिलाते हैं, पर आपको सबका खाना एक्सेप्ट करने की जरूरत नहीं है। मैं उनसे कह दूंगी की आपको इतना सारा खाना ना खिलाए करे।"

"नो। कोई बात नही। मुझे अच्छा लगता है उनका यह प्यार देख कर।" अनिका को बहुत अच्छा लग रहा था लोगों के भाव देख कर। उनमें से कुछ बहुत ज्यादा मेहनत करते थे कोई खेतों में काम करता था तोह कोई एस्टेट में ही कहीं और काम करता था, पर वोह अनिका की प्रशंसा के लिए स्पेशल डिशेज बना कर लाने में समय निकाल ही लेते थे।

"इनकी ऐसा करने की और वजह भी हैं," अपनी आंखों में चमक लिए लक्ष्मी ने कहा। "कुछ लोगों का मानना है की तुम्हारी कोख में सिंघम का वारिस आ चुका है और इसलिए तुम्हे मोटा करना चाहते हैं।"

अनिका एक बार फिर ब्लश करने लगी। "उह्ह्.....मैं.....ऊंह...नही हूं। प्रेगनेंट, मेरा मतलब।"

लक्ष्मी ज़ोर से हँस पड़ी। वोह खुशी से अपना सिर हिलाने लगी। "वैसे भी, मैं आपके लिए छाछ और कुछ फल ला कर रख देती हूं। आपको अगर बाद में भूख लगेगी तो आप खा लेना।"

अनिका ने लक्ष्मी को धन्यवाद किया और अपना आज का काम खतम कर अपने कमरे की ओर बढ़ गई। काफी देर तक एक लंबा शावर लेने के बाद अनिका एक बड़े से और सुंदर सी ड्राइवर में अपना नाईट ड्रेस देखने लगी। उसने रियलाइज किया की अब काफी समय हो चुका है और उसे अब अपने कपड़े इस बड़ी सी अलमीरा में लटका देने चाहिए।
उसे बस उसी समय एक अच्छा सा नाइट ड्रेस मिल गया था जब उसने कमरे के मेन दरवाज़े पर एक सॉफ्ट क्लिक जैसी आवाज़ सुनी।
तुरंत ही अनिका को माहौल में गरमाहट महसूस होने लगी। बिना पलटे ही उसे एहसास हो गया की यह लक्ष्मी नही है जो खाना ले कर आई है, यह तोह वोह है।

अभय सिंघम वापिस आ गया था। अनिका का टॉवल से लिपटा शरीर भी ठंड के बजाय गरमाहट महसूस करने लगा जब उसे अपनी पीठ पर किसी की घूरती आंखें महसूस हुई।
उसने महसूस किया था की किसी के धीरे धीरे कदमों की आहट जो उसी की ओर बढ़ रही थी लेकिन उसने पलट कर नही देखा था। अनिका की सांसे अचानक तेज़ चलने लगी, उसे एक अजीब सी घबराहट होने लगी थी। उसकी उंगलियों के नाखून अपनी टॉवल पर गड़ने लगे जब अभय ने उनके बीच दूरी खतम कर ठीक उसके पीछे खड़ा हो गया था।
अभय के शरीर की गरमाहट ने अनिका के शरीर को भी घेर लिया था, जिससे अनिका के पेट में कुछ अजब सी गुदगुदी होने लगी थी।
अनिका ने इंतजार किया की अभय उसे छुए, लेकिन अभय ने उसे नही छुआ, और इस वजह से कहीं न कहीं अनिका को और उकसा रहा था। उसने अपने दोनो पैरों को आपस में जोड़ दिया और अपनी सांसे नियंत्रित करने में जुट गई।

"पीछे पलटों," अभय ने सॉफ्टली ऑर्डर दिया। अभय की गर्म सांसे अनिका को अपने कान पर महसूस हुई जिससे वोह एक बार फिर सिहर उठी।
धीरे से अनिका पलटी पर अपनी नजरें नीचे ही किए हुई थी। अनिका को अभय की नजरें उसके शरीर पर लिपटी टॉवल पर महसूस हो रही थी। और फिर उसने महसूस किया की अभय की उंगलियां उसकी टॉवल के किनारे पर सीने पर एक लाइन खीच रही थी जिससे अनिका के रोंगटे खड़े हो गए। उसके बाद अभय उस लाइन पर अपने गर्म होंठ फेरने लगा। अनिका की आंखें बंद हो गई, उसके शरीर में सिहरन सी दौड़ गई जिससे उसके मुंह से सॉफ्टली कराहने की आवाज़ आ रही थी। उसके पैर कमज़ोर पड़ने लगे जैसे वोह अब ठीक से सीधे खड़ी होने की हालत में नही थी। वोह पीछे हो गई, और अलमीरा का सहारा ले कर खड़ी हो गई।
अभय के होंठ उसके सीने से होते हुए ऊपर की ओर बढ़ने लगे और उसकी गर्दन से होते हुए कान के पास आ कर रुक गए।

"अपने पैर अलग करो," अभय ने अपने होंठ उसके कान पर रगड़ते हुए कहा।

कांपते हुए अनिका ने वैसा ही किया जैसा उसने ऑर्डर दिया था। अनिका वर्जिन थी, लेकिन उसे सेक्स के टेक्निकल एस्पेक्टस पता थे, उसे कोई एक्सपीरियंस नही था ऐसा किसी के साथ करने का। पर उसे पता था की जो कुछ भी आज रात होगा उन दोनो के बीच वोह उससे इमेंसली एंजॉय करेगी।
अपने निचले होंठ को दबा कर और आंखें बंद किए हुए अनिका अभय के अगले मूव का इंतजार करने लगी।

"क्या तुम चाहती हो की मैं आज रात तुम्हे छुऊं?" अभय की टोन ने अनिका की इच्छा को और बढ़ा दिया।

सॉफ्टली कराहने की आवाज़ निकाल कर अनिका ने हां में सिर हिला दिया। उसने अपनी कमर को आगे बढ़ा कर अभय को इनवाइट किया।

अनिका कराह गई जब उसने महसूस किया की टॉवल के ऊपर से ही अभय के बड़े बड़े हाथ उसकी ब्रेस्ट को दबा रहे थे। अभय उसे मसलने लगा।

"बताओ मुझे कितना तुम्हे चाहिए," अभय ने अपनी जीभ उसके कान पर फिराते हुए उसके कान पर एक बाइट ले लिया। अनिका ने कान पर बाइट होने से जो दर्द का एहसास हुआ उससे उसके अंदर ब्रेस्ट से नीचे तक एक और सिहरन दौड़ गई।

"मुझे यह चाहिए," अनिका ने फुसफुसाते हुए धीरे से कहा।

धीरे से अभय ने अनिका की टॉवल की गांठ खोल दी और उसकी टॉवल नीचे गिर पड़ी। टॉवल खुलने से उसके नग्न शरीर पर एक ठंड का एहसास होने की बजाय अनिका को गरमाहट महसूस होने लगी। वोह आईमेंस प्लेजर में थी, उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी।

"अपनी आंखें खोलो," अभय के हाथ उसके ब्रेस्ट पर, फिर उसके पेट पर, और फिर उसकी हिप्स चलने लगी। ऐसा लग रहा था की अभय अनिका की बॉडी शेप को अपने दिमाग में बसा रहा हो।
कांपते हुए, धीरे से अनिका ने अपनी आंखें खोली और अभय की तरफ देखने लगी। लेकिन उसे सिर्फ अभय का माथा और बाल ही दिख रहा था क्योंकि अभय घुटनो पर बैठ कर अपने बड़े बड़े हाथों से अनिका की थाईज अलग कर रहा था। एक अजीब सा एहसास अनिका के शरीर में दौड़ने लगा जब उसने एक पावरफुल, डॉमिनेटिंग आदमी को उसके सामने घुटनों पर बैठे देखा जो उसे ही प्लेजर देने के लिए बैठा था।
अनिका तो कूद ही पड़ी जब अभय की फिंगर उसे प्लेजर दे रही थी। अनिका ज़ोर ज़ोर से कराहने लगी। उसे बहुत एंबारेस्ड लग रहा था, पर साथ ही वोह हाइली अराउज्ड भी थी।

"शशशश.....हम धीरे करेंगे," अभय की धीमी धीमी आवाज़ आ रही थी उसके कमर के नीचे से जो उसे कंपकपा रही थी। अभय ने उसकी आंखों में देख रहा था जैसे मानो उनके बीच बढ़ रही तीव्रता की वजह से उसे अपने वश में करने की कोशिश कर रहा हो।
"मैं चाहता हूं की तुम मेरा टच एंजॉय करो।"

अनिका ने अपना सिर हिला दिया।

"मैं जानता हूं की तुम मुझसे डरती हो और शायद मुझसे नफरत भी करती हो, पर मैं तुम्हे अच्छा महसूस करवाऊंगा जब तक की तुम मेरे छूने के लिए तड़पने ना लग जाओ"

"मैं करूंगी," अनिका ने आवाज़ के साथ सांस अंदर खींची। "मैं तड़पती हूं तुम्हारे छूने के लिए।"

जैसे ही अनिका के मुंह से यह शब्द निकले, अभय के चेहरे पर एक जंगली, अधिकार जताने वाली मुस्कुराहट आ गई। अगले ही पल, अनिका ने महसूस किया की अभय का मुंह उसके निचले इंटीमेट पार्ट के करीब आने लगा है।
अनिका मुंह से तेज़ सांसों की आवाज़ निकालने लगी और अभय के बाल कस कर पकड़ लिए। अनिका के पैर इतने कमज़ोर पड़ने लगे की उसे धमकाने लगे नीचे गिरने के लिए, वोह गिर जाती अगर अभय ने कस कर उसके हिप्स ना पकड़े होते जिससे वोह अलमारी से टिकी रही।

अनिका ने अभय की जीभ उसे एक्सप्लोर करती महसूस की, जिससे अनिका के अंदर एक तरह का तनाव और खीचाव महसूस हो रहा था। वोह कराहती रही और अभय के बालों को कर कर पकड़े हुए और करीब लाती रही। उसका पूरा शरीर भुनभुनाने लगा और वो बीच बीच में अपनी कमर भी हिलाती जा रही थी। वोह अभय के और करीब आने की कोशिश कर रही थी लेकिन अभय ने उसे अपने मजबूत हाथों से पकड़ कर एक जगह ही टिका रखा था और उसका मुंह उसे लगातार एक्सप्लोर किए जा रहा था और उसके अंदर तबाही मचाए जा रहा था।
अनिका का शरीर अभय के छूने से ऐंठता जा रहा था और उसे अपने अंदर तनाव महसूस हो रहा था जब तक की वोह बर्दाश्त से बाहर हो ना गया। जब वोह अपने अंदर और तनाव झेल नही पाई तो उसने रिलीज़ करने दिया। उसका शरीर कांपने लगा और उसे अपने शरीर के अंदर इंटेंस प्लेजर का एहसास होने लगा।

धीरे धीरे, अनिका होश में आने लगी। वोह लंबी लंबी सांसे ले रही थी। उसने महसूस किया की अभय उसके पेट और हिप्स को प्यार से सहला रहा है जैसे उसे शांत करने की कोशिश कर रहा हो। अभय ने थोड़ी देर इंतजार किया ताकी अनिका शांत हो जाए और फिर उसके बाद उसे गोद में उठा लिया।

वोह उसे चेंजिंग रूम से लेकर बैड रूम में आ गया और उसे बैड पर लिटा दिया। अभय उसके साथ ही बैड पर उसके साइड में लेट गया। अभय का शरीर इस वक्त देहक रहा था। जब अभय ने अनिका को दुबारा नही छुआ और ना ही खुद को छूने के लिए उससे कहा तोह अनिका अभय की तरफ पलट गई। अभय की आंखें बंद थी।

"अभय?"

"हां?" अभय ने डांट पीसते हुए पूछा।

"क्या मैं....तुम्हे टच कर सकती हूं?" उसकी आंखें अभय की सिल्क की शर्ट पर थी, उसका मन कर रहा था की शर्ट के बटन खोल दूं और उसके शरीर को एक्सप्लोर करूं जैसे उसका मन इतने दिनो से कर रहा था।

अभय ने आंखे खोली और उसकी नज़रे अनिका नज़रों से जा मिली। तुरंत ही उसके शरीर में आग सी धधक उठी। "हां। जैसे मर्जी वैसे चाहो छुओ।"

अभय थोड़ा थका हुआ लग रहा था, उसकी आंखों के नीचे काले घेरे दिखने लगे थे। "मैं.....उह्ह्.....आपकी नींद नही खराब करना चाहती?" अनिका ने पूछा।

एक हल्की सी मुस्कुराहट आ गई अभय के कठोर चेहरे पर। "मैं शायद ही सो पाऊं अगर मेरी वाइफ बिना कपड़ो के मेरे साथ ही लेटी हो और मुझे चाहत भरी नज़रों से देख रही हो।"

अनिका के गाल शर्म से लाल हो गए, पर उसने धीरे से अपना हाथ अभय की शर्ट में से डाल कर उसके सीने पर रखा। उसे उसके कड़क बालों का एहसास होने लगा। अनिका उसे वैसे ही फील कराना चाहती थी जैसे अभय ने उसे कराया था पर अभय उसे लगातार देखे जा रहा था जिससे उसे शर्म आ रही थी। आखिर में अनिका की उत्सुकता और जरूरत जीत गई।

अनिका ने उसके शर्ट के अंदर हाथ डाला और उसकी स्किन को अपनी हथेली से कस कर दबोच लिया। अभय कराह गया और अपने हिप्स को थोड़ा और उसकी तरफ खिसका दिया। अनिका साफ साफ अभय ट्राउजर थोड़ा उठता हुआ देख सकती थी इरेक्शन की वजह से। उसके अंदर तुरंत एक खुशी की लहर दौड़ गई की उसके एक मामूली से टच से अभय का इरेक्शन हो सकता था।

अनिका का हाथ और बोल्ड होने लगा, और वोह उसकी शर्ट की बटन खोलने लगी, इंच बाय इंच उसका खूबसूरत, तराशा हुआ, गोरी स्किन और मसल्स दिखने लगे थे। वोह उसकी कमर के निचले हिस्से पर बेल्ट लाइन पर अपनी उंगली फेरने लगी।

अनिका ने अपना निचला होंठ काट लिया और हिचकिचाने लगी। मैं और कितनी आगे जा सकती हूं?

अगले ही पल अभय ने उसकी दुविधा को दूर कर दिया और जल्दी जल्दी अपनी पैंट का बटन खोल कर नीचे सरका दिया। अभय ने अपने दोनो हाथों को अपने सिर के नीचे रख लिया, उसे यह इशारा देने के लिए की वोह उसका है और वोह जो चाहे उसके साथ कर सकती है।
अभय की सांसे तेज़ हो गई और वोह उसे गहरी नज़रों से लगातार देखे जा रहा था। अपने आप को बोल्ड महसूस करते हुए, अनिका ने अभय के अंडरवियर के ऊपर ही हाथ फेरना शुरू कर दिया था। एक और गहरी कराह अभय के शरीर को कंपकपा रही थी। धीरे से अनिका ने इलास्टिक नीचे कर दिया और उसका मनहूड रिवील हो गया। वोह काफी मोटा और बड़ा था, अनिका की उम्मीद से भी ज्यादा।

"अभय....क्या मैं तुम्हे वहां किस कर सकती हूं?"

"जो करना चाहो मेरे साथ वोह करो," अभय ने झंकारते हुए कहा।
अनिका ने उसे हाथ में दबोच लिया, वोह उस पत्थर की तरह सख्त ऑर्गन के स्मूथ टैक्सचर पर मोहित हुई जा रही थी।

अभय की सांसे और तेज़ हो गई और वोह कराह गया।

"डू यू लाइक इट?" अनिका ने पूछा।

"आई लव इट," अभय ने गहरी आवाज़ में कहा। अनिका के उसे इंटेंसिली देखने से अभय की आंखें गहरी चमक आ गई।

अनिका को उसकी चाहत को पाने की तड़प और तेज़ हो गई। अनिका अपने हसबैंड को उसके लिए क्रेजी बनाना चाहती थी जब तक की अभय उसकी वजह से अपना कंट्रोल नही खो देता।
अनिका झुक गई और उसकी वेलवेटी स्किन पर एक किस कर लिया। उसके हिप्स में हलचल महसूस होने लगी, और उसके पूरे शरीर में सिहरन दौड़ने लगी।

"मैं तुम्हारा.......तुम्हे मुंह में लेना चाहती हूं।" अनिका कोई क्लिनिकल टर्म का इस्तेमाल नही करना चाहती थी।

अभय के हाथ, अनिका के बालों पर रेंगने लगे। "इसे कॉक कहो, अनिका। मेरे लिए एक बार कहो।" अभय ने ज़ोर से गरजते हुए कहा।

"कॉक।" अनिका ने सॉफ्टली कहा। "मैं तुम्हारा कॉक अपने मुंह में लेना चाहती हूं और तुम्हे वोही प्लेजर देना चाहती हूं जैसा तुमने मुझे दिया था।"

अभय की आंखें बंद हो गई और वोह प्लेजर में तेज़ कराहने लगा। "फक! मुझे बहुत अच्छा लगा तुम्हारे सुंदर मुंह से यह सुन कर।"

अपना हाथ उस पर और कस कर अनिका नीचे झुक गई। अभय फुंकारने लगा। "अपने दांतों का इस्तेमाल मत करो।"

अनिका ने तुरंत छोड़ दिया। "ओह! आई एम सो सॉरी। मैने पहले कभी ऐसा नहीं किया है।"

अनिका को अपने आप में बेवकूफ जैसा फील होने लगा। कुछ सालों से, अपनी क्यूरोसिटी की वजह से, उसने ऐसी कई विडियोज देखी थी जिसमे लड़की लडको को प्लेजर देने के लिए अपने मुंह का इस्तेमाल करती थी, पर उसे खुद बिना किए वोह नही जान सकती थी की कैसे किया जाता है।

"इट्स ओके," अभय ने आश्वस्त किया। वोह अपने हाथ का पीछे का हिस्सा अनिका के ब्रेस्ट पर रगड़ रहा था। "गो ऑन...."

अपना मुंह बड़ा खोल कर उसने एक बार फिर मुंह में ले लिया, पर इस बार अपनी जीभ के सहारे से। वोह अभय की तरफ देखें लगी यह जानने के लिए की इस बार अभय को पसंद आया की नही।

"फक!" अभय फिर गरजा, उसने अनिका के बालों को उसके चेहरे से हटाया ताकी उसका चेहरा देख सके। "यू आर सो फक्किंग ब्यूटीफुल।"

अनिका को इनकरेजमेंट महसूस हुई, उसने अभय को प्लेजर देने का काम जारी रखा। अभय का हाथ अनिका के सिर पर था उसे गाइड करने के लिए की वोह सही कर रही है की नही।

दोनो की ही सांसे उखड़ने लगी, जल्दी अभय के शरीर में कुछ तेजी से एहसास होने लगा। अनिका समझ गई की वोह अब नजदीक है, तोह उसने अपना मूवमेंट तेज़ कर दिया, जब तक की अभय ने उसे हटाया ना था।

अभय ने उसे लेटाया और उसके ऊपर आ गया। उसने अपने दोनो हाथों में उसके ब्रेस्ट ले लिए और उसे एक साथ दबा ने लगा। उसका कॉक उसके पेट पर था जो उसके गरमाहट का एहसास से रहा था। अगले ही पल अभय की आंखें बंद हो गई जब तक की उसके शरीर में धीरे धीरे रिलीज नही कर दिया।

अनिका की सांसे ही रुक गई जब अभय ने आंखें खोली और अपनी नज़रे अनिका पर ही टिका दी। और फिर बिना एक शब्द कहे वोह नीचे झुक गया। अब वोह उसे पोसिसवेली उसे किस कर रहा था, और उसकी जीभ उसके मुंह को एक्सप्लोर कर रही थी, जिससे अनिका के शरीर के अंदर भी तनाव उत्पन होने लगा। अनिका ने एंबारेस होके महसूस किया की वोह एक बार फिर अराउस्ड हो चुकी है जब उसने महसूस किया की अभय की उंगली उसकी सॉफ्ट वेट कोर में अंदर जाने लगी है। वोह लगातार कराह रही थी जब अभय उसके मुंह से होते हुए उसकी गर्दन, फिर ब्रेस्ट पर किस किए जा रहा था। अभय का मुंह आवाज़ें निकाल रहा था उसकी सेंसिटिव ब्रेस्ट को सक करते वक्त। उसने उसकी निप्पल को तेज़ तब तक कटा जब तक की अनिका को तेज़ दर्द एहसास न हो, उसके साथ ही उसकी उंगली अनिका को प्लेजर फील करा रही थी जिस वजह से अनिका का एक बार फिर ऑर्गेज्म रिलीज हो गया।

उसे पता ही नही चला की कितनी देर तक ऐसा होता रहा, पर जब उसे होश आया, तोह उसे अपना शरीर कमज़ोर और संतुष्ट महसूस हो रहा था। अनिका की आंखें अभय की आंखों से मिली जब वोह उसके बाल सहला रहा था।

"यहीं रुको," अभय ने कहा और बैड से उठ कर बाथरूम की और चला गया। जब वोह वापिस आया तो उसके हाथ में एक गर्म पानी से भीगा हुआ कपड़ा था जिससे उसने अनिका के शरीर को साफ करना शुरू किया जहां जहां अभय के ओर्गास्म के निशान थे।

"मैं खुद साफ कर....." अनिका बोलते बोलते रुक गई जब उसने अभय के चेहरे पर जंगली भाव देखा। उसने सोचा की उसे शर्मिंदगी या शर्म महसूस होगी, क्योंकि पिछले कुछ घंटो से जो वोह दोनो कर रहे थे वोह बहुत ही डर्टी था, पर उसे सिर्फ एक्साइटमेंट ही महसूस हो रही थी।

अनिका को अच्छी तरह से साफ करने के बाद अभय बाथरूम में चला गया। अनिका को शावर चलने की आवाज़ आने लगी। कुछ पल बाद अभय वापिस बाहर आया और अनिका साथ बैड पर ऐसे ही बिना कपड़ो के लेट गया। उसने अनिका को अपने करीब खींचा और उसे आधा अपने सीने पर लेटा लिया।

अनिका का शरीर इस वक्त रिलैक्स महसूस कर रहा था। उसने भी अभय को हाथ फैला कर बाहों में भर लिया। क्योंकि वोह बहुत थक चुकी थी इसलिए उसे तुरंत नींद आ गई और वोह नींद के आगोश में चली गई।






कहानी अभी जारी है...
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