Revenge: A Romance Singham Series - Series 1 Chapter 16 in Hindi Fiction Stories by Poonam Sharma books and stories PDF | Revenge: A Romance Singham Series - Series 1 Chapter 16

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Revenge: A Romance Singham Series - Series 1 Chapter 16

"अभी के लिए, हमारे पास सभी अप्रूवल हैं अगले हफ्ते काम शुरू करने के लिए।" बिजनेस सूट पहने एक आदमी अभय और देव के सामने, कंपनी के हेडक्वार्टर के बोर्ड रूम में बैठा था।

"डेट्स गुड, तिवारी। तुम देव के साथ डिटेल पर डिस्कस कर सकते हो। वैसे भी नई यूनिट देव ही मैनेज करेगा।

तिवारी ने सिर हिला दिया। "थैंक्स, अभय," उस आदमी ने कहा और अभय के सामने से फाइल उठाई और कमरे से बाहर निकल गया।

जैसे ही एक सॉफ्ट क्लिक की आवाज़ से दरवाज़ा बंद होने की आवाज़ आई, देव कराहने लगा।

"तीन और यूनिट्स?" क्या तुम मुझे मारना चाहते हो? इतने सारे काम के साथ तोह शायद ही मैं कभी घर वापिस जा पाऊं।"

"यह यूनिट्स बहुत जरूरी हैं हमारे लोगों के लिए। इससे हमारे लोगों को सही रोज़गार मिलेगा।"

देव की भौंहे सिकुड़ गई। "मुझे पता है। पर जो बात मुझे समझ नही आ रही वोह यह है की मुझे सब काम देने की बजाय हम कोई क्वालिफाइड लोग क्यूं नही हायर कर लेते हैं इन यूनिट्स को संभालने के लिए? तुम जानते हो की मुझे घर पर ज्यादा रहना और हमारे लोगों का ध्यान रखना, उनकी मुश्किलों को हल करना कितना पसंद है।"

अभय ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। वोह देव को देख रहा था जो चेयर से खड़े हो कर उस तरफ जा रहा था जहां बहुत सारी ड्रिंक्स रखीं हुईं थी।
अभय जानता था की वोह देव से बहुत जायदा काम करा रहा है, पर उसके पास कोई दूसरा रास्ता नही था। देव का दिमाग गरम रहता है, और वोह खून का प्यासा बन जाता है जब खानदानी दुश्मनी या झगड़े की बात आती है तोह।
जब भी वोह घर पर रहता था और कोई इश्यूज को टैकल कर रहा होता था, तोह अंत में देव के हाथों खून खराबा ही होता था।
ऐसा नही है की अभय खून खराबा नही करता या किसी को जान से नही मारता। पर वोह तभी ऐसा करता था जब वाकई में इसकी जरूरत होती थी— ना की मज़े के लिए।

"सेनानी का क्या हाल चाल है अब?" देव ने पूछा, वोह अभी दो क्रिस्टल ग्लास में स्कॉच डाल रहा था।

"वैसे ही हैं।" अभय ने जवाब दिया, वोह उनकी कोई ज्यादा डिटेल नही देना चाहता था।

"हम उनकी बकवास झेल ही क्यों रहें हैं? बस एक अटैक की जरूरत है और वोह सब एक साथ एक झटके में धराशायी हो जायेंगे।" देव ने कहा और अभय कहीं न कहीं यह जानता था की शॉर्ट टर्म के लिए तोह यह सही है। पर शॉर्ट टर्म सॉल्यूशन उसका अंदाज नही है—वोह वापिस अपनी जगह पर शांति लाना चाहता था जो हमेशा बरकरार रहे।

जब अभय ने कोई रेस्पोंड नही किया तोह देव ने आगे बोलना जारी रखा, "तुम्हे पता है ना हमारे पास हंड्रेड परसेंट चांस है उन्हे मिटाने का रवि के साथ मिल कर और बाकी के आदमियों को वापिस लाने के लिए।" अभय के खास आदमियों और बॉडीगार्ड में से एक आदमी सिंघम से अलग हो गया जब सिंघम्स का प्रजापतियों के साथ समझौता हुआ था शादी को लेकर। पर वोह लोग कुछ दिन बाद वापिस आ गए थे जब उन्हे अनिका का लोगों के लिए काम के बारे में पता चला और फसलों के गोदाम वाले हादसे के बारे में पता चला तोह।
"हमे बस सेनानी ब्रदर्स में से एक चाहिए। हेमंत सेनानी को इस दुनिया से जाना चले जाना चाहिए।"

"देव, यह मत भूलो की वोह हमारे रिश्तेदार हैं।"

"बुलशिट, उन्हे इसकी कोई परवाह नही है। देखा उन्होंने गोडाउन के साथ क्या किया था," देव भड़कते हुए बहस करने लगा।

"जिस आदमी ने वोह काम किया था वोह मर चुका है। जिस दिन मुझे पता चला की उन भाइयों में से किसी एक का भी इसमें हाथ है, मैं उससे निपट लूंगा।"

"यह हुई ना बात।"

"क्या तुमने रणधीप ट्रस्ट फंड मीटिंग अटेंड की थी?"

"हां।" देव ने अपने ग्लास में से शराब का एक घूंट पीते हुए जवाब दिया। "प्रॉफिट फिर से बढ़ गया है। अगर रणधीप जिंदा होता, तोह उसके बच्चे बहुत अमीर हो चुके होते।" उसने एक बार फिर अपना ग्लास भरा और एक बार में ही गटक गया।

इस वक्त शाम के लगभग पांच बज रहे थे।

अभय देव की आंखों में उसका अक्स देख सकता था जब वो रणधीप के बारे में बात कर रहा था। हालांकि देव उस वक्त सिर्फ पांच साल का था जब वो हादसा हुआ था, लेकिन आज भी उसका खौंफ देव को डराता था और उसे बहुत स्ट्रोंगली एफेक्ट करता था।

"और हमारे दूसरे पड़ोसियों के क्या हाल है, क्या सब ठीक है? या फिर उस कुतिया और उसके गुंडे हमारी जमीन पर कोई परेशानी खड़ी कर रहें हैं?" देव ने उपहास उड़ा ते हुए पूछा, घबराहट में ग्लास को घुमाने लगा।

"देव।"

"क्या? मैं बस जानना चाहता हूं। मुझे जब भी चांस मिले न तोह मैं उसे मार ही डालूं। और अब, बदकिस्मती से तुम ने उसकी कसिन से शादी कर ली है।"

"हम बहुत शांति से रह रहें हैं पराजपतियों के साथ। मुझे बताए बिना मैं नही चाहता की तुम उनके किसी भी मामले में पड़ो।"

"ओके। फाइन।" देव ने ग्लास से एक और शॉट लिया। "बहुत हो गया उस शैतान के बारे में बात करना, इससे अच्छा हम तुम्हारी एंजल के बारे में बात करते हैं। सो माय बिग ब्रो, तुम्हारी मैरिड लाइफ कैसी चल रही है?"

अभय चेयर पर वापिस बैठ गया, और उस हाई-राइस बिल्डिंग से बाहर का व्यू देखने लगा।
"जैसी होनी चाहिए थी," अभय ने शांति से जवाब दिया।

देव ज़ोर से हँस पड़ा। "रियली? तोह क्यों तुम पिछले एक हफ्ते से सारे काम जल्दी जल्दी खत्म करने पर तुले हो? क्योंकि तुम अपनी बोरिंग, प्रिडिक्टेबल शादी शुदा जिंदगी में वापिस जाना चाहते हो?"

अभय ने कोई जवाब नही दिया ना ही उसके एक्सप्रेशन बदले, पर देव अपनी हरकतों पर अड़ा रहा। "ओह कम ऑन। सिंघम एस्टेट के लोग बेसब्री से अपनी सांसे थाम कर इंतजार कर रहें हैं नन्हे नन्हे बेबी अभय सिंघम को देखने के लिए जो सिंघम मैंशन में इधर उधर भागते रहेंगे। बल्कि मुझे तो एक प्यारी सी भतीजी चाहिए जो बिल्कुल अनिका की तरह दिखती हो।"

अभय ने अभी भी कुछ कमेंट नही किया। इससे पहले की देव आगे कुछ कहता, दरवाज़े पर हुई दस्तक से दोनो की बाते बीच में ही रुक गई।

"देव, मिस टिया माथुर आईं हैं आप से मिलने।"

देव कराह उठा। उसने अपना ग्लास काउंटर पर रखा और सीधे खड़ा हो गया। "कह दो उसे, की मैं आ रहा हूं कुछ देर में।"

जैसे ही देव का असिस्टेंट चला गया अभय की भौंहे सिकुड़ गाए। "तुमने आज नशे में हो। क्या तुम ड्राइव करोगे?"

"मैं नशे में नही हूं," देव ने झूठी नाराजगी के साथ कहा। "और वैसे भी, आज ब्यूटीफुल मिस माथुर ही ड्राइव करने वाली है।" उसने अपनी जैकेट को चेयर पर से उठते हुए कहा। "सुना है शायद आज रात वोह बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड जीत जायेगी। अगर वोह सच में जीतती है तोह हम देर रात तक सेलिब्रेट करेंगे। मेरा इंतजार मत करना।" देव आंख मारते हुए मुस्कुराने लगा।

एक हफ्ते पहले एक टेनिस स्टार थी। और उससे पहले एक सोशलाइट थी। हर महीने देव एक नई लड़की के साथ होता था।
अभय अपने भाई देव को गौर से देख रहा था वहीं देव अपने बालों में अपनी उंगलियां फिरते हुए, अपनी जेब में से च्यूइंग गम निकाल कर खाने लगा।

"मुझे कोई फर्क नही पड़ता की तुम बाहर कितनी देर तक रहोगे और क्या करोगे, बस मैं तुमसे यही उम्मीद करता हूं की तुम कल सुबह ठीक आठ बजे साइट पर पहुँच जाओगे।"

देव कराहया। "आठ! उफ्फ! फॉर गॉड सेक कल तो सन्डे है।"

"शार्प एट, देव।" अभय की टोन ऐसी थी मानो अब कोई बहस नही।

"फाइन।" देव भुनभुनाते हुए कमरे से बाहर निकल गया।

चेयर से उठ कर अभय ने अपने लिए एक ड्रिंक बनाया। उसने एक बड़ा सिप लिया और अपनी आंखें बंद कर ली। वोह अपने अंदर कुछ जलता हुआ महसूस कर रहा था, गले से सीधा पेट तक। वोह धीमे से चलती हुई आग जो उसे अपनी वाइफ की याद दिला रहा था। वोह वाइफ जिसे पहल वोह अपनी पत्नी मानना भी नही चाहता था।

अनिका प्रजापति, अभय की अपनी जिंदगी में किए हुए तयाग में से एक थी। हालांकि उसे बहुत नफरत थी अनिका से शादी करने के आइडिया से, अनिका प्रजापति की फैमिली हिस्ट्री की वजह से। पर फिर भी आगे बढ़ा और उससे शादी की सिर्फ एक वादा निभाने के लिए।

जब उसने उससे शादी की थी तोह उसे पूरी तरह से यकीन था की वोह उससे घृणा करेगा। उसने अपने आप को इस नफरत भरी शादी के लिए भी तैयार किया जो उसे आजीवन उससे बांध देगा।

पर, उसकी पत्नी एक पहली बन कर उसके सामने आई। वोह अभय से डरती भी थी और नफरत भी करती थी। और तब भी शुरुवात से ही अनिका ने सिंघम के लोगों की मदद करने में ही अपना समय बिताया, जबकि उसे यह सब करने की जरूरत नहीं थी। पहले तो अभय को उस पर कुछ शक हुआ था, पर पिछले कुछ हफ्तों में उसे ऑब्जर्व करने के बाद अभय ने यही रियलाइज किया की अनिका सच्ची है, वोह कुछ भी बनावटी नही करती।

बल्कि वोह तोह उस लड़की के बिलकुल भी जैसी नही है जैसी अभय ने कल्पना की थी उसकी। जब नीलांबरी प्रजापति ने उससे शादी का प्रस्ताव भेजा था, अभय बिलकुल भी सर्प्राइज नही हुआ था। बस एक ही बात वोह जनता था उसके बारे में की वोह विदेश में कहीं रहती है। नीलांबरी ने अभय से बात की थी और उसे बताया था की कैसी उसकी भतीजी हमेशा किसी अमीर, हैंडसम और ताकतवर इंसान से ही शादी करने की कल्पना करती रहती है, जैसा की वोह है। अभय जानता था की यह उसकी ईगो नही थी जो वोह उससे शादी करने को तैयार हो गया था। उस समय तक, वोह कई लड़कियों से मिल चुका था और उन सबके सपने भी बिलकुल ऐसे ही थे और वोह सभी मिसिस अभय सिंघम बनना चाहती थी।

पर उन सब में और अनिका में एक फर्क था की उसके अंदर प्रजापति का खून था जो की अभय की वाइफ बनने के लिए सबसे योग्य थी। उसके अलावा सिर्फ एक ही और ऐसी लड़की थी जो अभय की वाइफ बनने के लायक थी वोह थी सबिता प्रजापति, पर अभय जानता था की इससे देव भड़क जायेगा।

इसलिए उसके पास अनिका के अलावा कोई और ऑप्शन नहीं था।

अभय जानता था की जैसे ही अनिका मंदिर के बाहर वोह हिंसा देखेगी, वोह समझ जायेगी की अभय से शादी करने पर उसे असली सच्चाई जिंदगी की पता चल जायेगी। वोह पीछे हटने को चाहेगी।

और उस समय, अभय प्रजापतियों और सिंघम के बीच सिर्फ शांति बनाना चाहता था और वोह जनता था की अगर अनिका पीछे हटी तो प्रजापतियों और सिंघमों के बीच फिर से हिंसा शुरू हो जाएगी जो किसी न किसी का खून ले कर ही खतम होगी। वोह बुरी तरह से पिस चुका था और गुस्सा हो गया था की अनिका पीछे हटने की कोशिश कर चुकी थी जब उसने उसके सामने उसे जाने देने के लिए गिड़गिड़ाया था। अनिका के पास कोई चॉइस नही थी, अभय की वाइफ बनने के सिवाय। वोह दोनो एक वादे से बंधे हुए थे जिस वजह से वोह एक दूसरे के साथ मरते दम तक बांधे रहेंगे क्योंकि अभय को तलाक पर विश्वास नहीं करता था।

अभय उसे और समय देने की कोशिश कर रहा था, शुरवात में उसे इग्नोर करके, पर इससे अभय और फ्रूस्टेट होता चला गया। वोह चीटिंग पर भी विश्वास नहीं करता था। और इसी वजह से, उसने याद किया की वोह कैसे हर रात कैसे तड़प पड़ता था शावर लेते वक्त अपनी वाइफ का चेहरा और बॉडी को याद करके जो हर रात उसके साथ उसके ही बिस्तर पर सोती थी।
उसे तो खुद पर ही विश्वास नहीं होता था की कहीं वोह खुद रोल करके उसके ऊपर नही आ जाए जैसे की वोह उसके लिए तड़प रहा हो भले ही उसकी पत्नी चाहती हो या नही।

धीरे धीरे, उसकी पत्नी उसमे बस्ती चली गई। वोह उसके लिए ऑब्सेस्ड होने लगा, उसकी एक मुस्कुराहट को देखने के लिए या उसे ऐसे ही सोते हुए देखता रहे। वोह बल्कि उनके बीच हल्की फुल्की बातों को भी एंजॉय करने लगा जब वोह अपने दिन और यहां के लोगों के बार में बातें करती। कभी कभी वोह उससे लड़ जाती, उसके अधिकार, उसके रौब को चैलेंज कर देती। उससे गुस्सा होने की बजाय अभय के मन में अनिका को पाने की चाहत और बढ़ने लगी थी।

उसने याद किया की कैसे अनिका उसे देख रही थी और महसूस कर रही थी जब उसने उसे शहर जाने से पहले किस किया था। वोही लम्हा अभय के दिमाग में चार दिन से घूम रहा था, और उसे और बेचैन कर दे रहा था। उसे साफ साफ याद था की कैसे अनिका ने अपना शरीर उसकी ओर घुमाया था और वोह उसका बस टच चाहती थी। वोह बहुत ज्यादा निराश हो गई थी जब अभय ने उसे यह बताया था की वोह जा रहा है।

वोह मेरी है, और उसे मेरी जरूरत है।

इसी ख्याल से उसके बदन में एक आग सी दौड़ गई और इस बार यह आग ज्वालामुखी की तरह फटने को तैयार थी।
उसने किसी को कॉल लगाया।
"भल्ला, गाड़ी तैयार करो। हम आज रात ही घर जा रहें हैं।"

"पर अभय, आपको तोह मंत्री जी से मिलना था डिनर पर रात नौ बजे।"

"उन्हे कॉल करके कोई भी बहाना बना कर कैंसल करदो। मैं आज रात घर पर रहना चाहत हूं।"

अभय ने फोन कट कर दिया। कुछ सोच कर उसका दिल जोरों से धड़क रहा था।

वोह आज रात अपनी पत्नी पर हक जताने जा रहा था।






कहानी अभी जारी है...
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