Pyaar ka Zeher - 62 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | प्यार का ज़हर - 62

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प्यार का ज़हर - 62

जिनू : पता नही भाई इसकी तो एक ही वजह हो सकती है. और वो है. किसीका उन बोम को वैरिंग से काट देना. बडा वाला बेवकुफ बन गए यार. ये जो लोग थे ना जो हमे यहा तक लाये. वो दरअसल पुलिस के ही टीम के थे. उन्होने हमे गुमराह कर दिया यहा पे लाकर.

रवि : लेकिन ये बोम वाला जरिया हमारे पास एक ही था. अब हम कुच नही कर सकते. अब हमे खुद्को उन्के हवाले कर देना पडेगा

जिनू : ठीक है रुक जाओ. हम खुद्को आपके हवाले करते है. कोई भी कुच नही करेगा ठीक है.

रितेश : ठीक है फिर सब उल्टे घूम जाओ और फिर अपने अपने हथियार सरे पीछे की तरफ फेक दो.

《 कुच देर बाद... 》

देवेन्दर : अरे रिहान भाई अब तो बता दो. उस इन्सान का नाम जो चुपके से हमारी मदद कर रहा है.

रिहान : तो सुनो उसका नाम राहुल है.

देवेन्दर : ये उस लड्की का भाई है. ना जिसकी जान आपने बचाई थी.

रिहान : हा सही बोल रहे हो तुम. ये वही राहुल भाई है.

रितेश : खैर ये सब छोडो हुम तीनो को यहा से. अब निकलना होगा पुलिस आती ही होगी बस हम पकडे नही जाना चाहिये. वरना पुलिस को हमारे बारे मे सब पता है.

देवेन्दर : हा चलो जल्दी करो. इसे पहले की पुलिस आ जाये.

《 कुच देर मे... 》

《 मैन टैन पुलिस 》

अर्जुन पुलिस : हवलदार चलो उस जगह का पता भेज दिया है. जहा पे उस व्यक्ति ने उन गुंडो को पकड़ रखा है. चलो जल्दी.

हवलदार : हा चलो साहब

एस एच ओ : अर्जुन आप थोडा सब्र से काम लीजियेगा ठीक है.

अर्जुन : ठीक है आप फिक्र मत करिये हम बिल्कुल सही से काम करेंगे.

( 12 दिन बाद... )

महेर : अरे राज भैया क्या कर रहे हो. चलो ना सब नास्ते के लिये इंतज़ार कर रहे है.

राज : हा चलो अब आते वैसे भी मेरा तैयार होने का काम पुरा हुआ.

महेर : वैसे चाची तो कब्की चली गई आपसे पहले. आप ही देरी से आ रहे हो.

राज. हा बाबा चलो भी अब कितना सुनाओगे.

महेर सुना नही रहे है. बता रहे है. सुनो समझो और जल्दी उठो.

राहुल : अरे महेर क्या हुआ आप राज भाई पे चिल्ला क्यू रहे हो.

महेर : अरे राहुल भैया आपको भी ऐसा लग रहा है. मे चिल्ला रही हू. मे तो सिर्फ इन्हे ये सब बता रही हू. की जल्दी उठो.

राहुल : लेकिन तुम्हारी आवाज तो मेरे कमरे तक आ रही है. इतनी आवाज के साथ ऐसा तो क्या बता रहे हो.

राज : अरे भैया कुच नही है. बस मे देर से उठा इसमे ये भडक गई. और अब इसको ये भी पता नही लग रहा है. की ये भडक रही हू. या धीरे से बोल रही है.

राहुल : महेर ये सब छोडो और ये देखो अखबार.

महेर : अरे ये वाह बढिया काम हुआ है. यहा तो मैंन टैन पुलिस को सलाम है. कसम से बहुत अच्छा काम किया है. पुलिस वालो ने.

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