गजेंद्र : ठीक है फिर मे सिग्नेचर कर देता हू.
《 कुच देर बाद... 》
रितेश : क्या बात है. यार रिहान भाई मतलब की वो जमीन आप अपने नाम करा आये. यकिन नही हो रहा मेरे भाई. जो काम हम महिनो से नही करा पाये आपने एक घंटे मे करवा दिया. मान्न्ना पडेगा यार.
रिहान : भाई इंसान को ना मनाने के लिए दो चिज होनी बहुत जरुरी है : और वो है. प्यार से बात करने का. और दुसरी बात भी यही है. की प्यार से बात करना. कोई जल्द बाजी नही करनी है. बस फ़ीर देखो सामने वाला कैसे मानता है.
रितेश : हा यार बात तो बिलकुल सही है. आपकी.
《 जोशी विलास 》
राज : अरे यहा तो आओ दूर क्यू खडे हो.
हयाती : और कितना पास आये.
राज : और पास आओ और.
राहुल : भाई मे क्या कह रहा था. ओ ओ नही.
हयाती : आ..... आ******
राज : हे भगवान. राहुल भाई तुम यहा क्या कर रहे हो.
राहुल : अरे भाई मुझे क्या पता था की आप दोनो इस तरह अंदर हो. मुझे लगा सिर्फ तुम अकेले होंगे.
राज : लेकिन दरवाजा खट खटाना चाहिए था ना.
राहुल : यार ये क्या हो गया. लेकिन मुझे याद नही रहा मे हमेशा की तरह अंदर आ गया हमे माफ आप दोनो दिल से माफी मांगते है.
हयाती : कोई बात नही भैया. आद्दत है. धीरे धीरे जायेगी कोई बात नही.
राज : वैसे बताओ तो क्या हुआ कैसे आना हुआ. कुच खाश काम था क्या.
राहुल : नही भाई बस कुच खाश नही हमेशा की तरह बस आ गया. लेकिन ये तुम दोनो की बात तो मेरे दिमाग से निकल ही गई पता ही नही चला.
राज : ठीक है तुम चलो हम भी निचे ही आ रहे है.
राहुल : हा लेकिन हम एक बार फिर्से माफी चाहते है. इस तरह आ आगये बिना दरवाजा खट खटाये.
《 कुच देर बाद... 》
रितेश : रिहान भाई आखिर कार तुम ने पहले काम मे ही अपनी कबिल्यत दिखाई है. हम खुश है आपके इस काम से.
रिहान : शुक्रिया भाई. लेकिन सच बताये तो वो इंसान मानने वालो मे से तो बिलकुल नही था. लेकिन हम भी कम नही है. प्यार से समझाना हम जान्ते है. प्यार की नैया चलती है. तो दुसरी नैया को तो हार ही हारना है.
रितेश : लेकिन भाई हर जगह हर किसी से ये एक बात से तो काम नही करा सकते ना यार. कभी तो अपनी भाषा बदलनी होगी.
रिहान : हा भाई क्यू नही जब हाथ वाली भाषा की जरुरत पडी तो वो भी करेंगे. पर फिलहाल सब ठीक है.
देवेन्दर : हा भाई अब शाम भी होने वाली है. तो आप सब अपनी अपनी जगहों पर पहुच जाओ. वैसे भी शहर मे आतंक काम नही हो रहा है. और 50% हम पे शक़ आता रह्ता है. लोगो की तरफ से. सो ये शहर हमारा है. लेकिन फ़ीर भी हम यहा पे ऐसे चिप चिप के रेह रहे है.
रिहान : देवेन्दर भाई आप फिक्र ना करो मे ऐसा चेंज कर दूंगा सब की हम बुरी नज़र से नही अच्छी नज़र से देखेंगे.
《 कुच देर बाद... 》
आगे जान्ने के लिए पढते रहे प्यार का ज़हर और जुदे रहे मेरे साथ