Pyaar ka Zeher - 54 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | प्यार का ज़हर - 54

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प्यार का ज़हर - 54

कर्नल : बहुत अच्छे तो फ़ीर हम रखते है फ़ोन.

जिनू : जी भाई ठीक है रखो.

《《《 रितेश का अड्डा 》》》


रिहान : अरे वाह यार क्या नाम. देवेन्दर दास इतना भयंकर नाम है. फ़ीर भी आप सब लोग इसको फटेला बुलाते है. ये ठीक नही है यार.

रितेश : ठीक है. फ़ीर आज के बाद नही बुलाएंगे ऐसा ठीक है. देवेन्दर भाई बुलाएंगे.

देवेन्दर : शुक्रिया रिहान भाई आज आपकी वजह से मुझे फिर्से अपना नाम मिल गया. वरना तो मे अपना नाम ही भुल गया था.

रितेश : माफ करना यार एक बार हमने मस्ती मे बोल दिया था. तो आद्दत सी लग गई थी. लेकिन ये फटेला बोलने पर तुमने भी तो कुछ कहा नही तो हमे लगा की तुम्हे बुरा नही लगा होगा. एक बार बता देते.

देवेन्दर : चलो कोई बात नही. जो हो गया सो हो गया. अब आगे क्या करना है.

रितेश : हा तो तुम और रिहान दोनो जाओ उस जमीन वाले को मनाने. और कुछ पैसे लेते जाना. और उसको देदे ना.

रिहान : ठीक है मे उस को मना लूंगा.

《 कुच देर बाद... 》

गजेंद्र : आइये आइये आखिर कार गजेंद्र की कायनात मे आपको आना ही पडा. तो स्वागत है इस कायनात मे. और अब अपना काम बोलिए.

रिहान : सबसे पहले तो आपका बहुत बहुत शुक्रिया. की आपने हमारा इतने अच्छे से स्वागत किया. दरअसल बात ये है. की हमे ना जमीन के सिल सीले मे बात करनी है. रितेश भाई से आपकी बात हुए होगी.

गजेंद्र : ठीक है तो बैठो बैठ कर बात करते.

रिहान : हा तो हम यही कह रहे थे की उस जमीन मे ऐसा तो क्या है. की आप बेचना नही चाहते हो. और हमारे रितेश भाई उसको किसी भी किम्मत पर खरीदना चाहते है.

गजेंद्र : दरअसल उस जमीन मे कुच खास नही है. लेकिन तुम्हारे रितेश भाई ना थोडी अक्कड मे बात की थी. इस लिए मेने भी मना कर दिया.

रिहान : अच्छा ऐसी बात है. वैसे आप उनकी फ़िक्र मत करिये मे उन्हे समझा दूंगा. वो है ही ऐसे. बतमिजी से बात करने वाले. और उनकी तरफ से हम माफी मांगना चाहते है.

गजेंद्र : अरे आप क्यू माफी मांग रहे हो. गलती कोई और करे माफी कोई और मांगे अच्छा नही लगता. वैसे वो जमीन आपको चाहिए क्यू?

देवेन्दर : दरअसल रितेश भाई बता रहे थे की वो जमीन ना बिलकुल एक दम शहर के नजदीक मे है. तो वहा पे एक मौल मनाना है.

गजेंद्र : हा तो ठीक है. बना लो रोका किसने है. लेकिन जमीन का दाम कितना दोगे.

रिहान : इस जमीन का दाम रितेश भाई ने बोला है. की वो जितना मांगे उतना देदे ना. तो आप बताईये आप कितना लगाते हो इस इस जमीन का दाम.

गजेंद्र : इस जमीन का दाम तो कितना होना चहिये? हा 50करोड होगा शायद क्यू की वो जमीन एक हाईवे पे है.

रिहान : ठीक है तो फ़ीर आप यहा सिग्नेचर कर दिजीये और इस जमीन का दाम ले लिजिये.

आगे जान्ने के लिए पढते प्यार का ज़हर और जुडे रहे मेरे साथ