Pyaar ka Zeher - 52 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | प्यार का ज़हर - 52

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प्यार का ज़हर - 52

सरस : अरे हा मम्मी ये बात आपने बिलकुल सही बोली है. मतलब रिहान जी मजबुरी मे आकर ये सब कर रहे है. हे भगवान हम तो खाली पीली उस्पे शक़ कर रहे थे. अच्छा हुआ मम्मी जो आपने हमे ये सब बताया. वरना हम क्या कर बैठ ते हम खुद नही सोच सकते थे.

राहुल : कोई बात नही सरस. अगर रिहान मजबुरी मे ये सब कर रहा है. तो मे उसका साथ जरुर दूंगा. लेकिन गुप्त तरीके के से. क्यू की मे तो उन लोगो के बिच मे कभी नही जाऊंगा. लेकिन वहा रिहान फस चुका है. इस लिए जाऊंगा.

सरस : मे भी आऊंगी आपके साथ.

राहुल : नही बिलकुल नही. ना तुम ना राज कोई भी नही आयेगा मेरे साथ. मे अकेला जाऊंगा तभी ये कर पाऊंगा वरना मे कभी नही उसको छुड़वा पाउन्गा.

राज : लेकिन इस चिज मे खतरा भी तो है. तुम अकेले कैसे करोगे गुंडो से और पुलिस से बच कर.

प्रणाली : वैसे अब तुम लोगो की बाते खतम हुए हो. तो अब आओ खाना खा लो नाश्ता तो रेह गया. अब इसको मत छोडो चलो आओ सब लोग.

राहुल : हा चलो अब कर लेते है.

《 कुच देर बाद... 》》》

रिहान : यार रितेश भाई तुम्हारे गुंडो को मेने खाली पीली पिट दिया. अगर पहले ही ये बात हम सोच लेते तो शायद आपके लोगो की ये हालत नही होती.

रितेश : अरे यही तो एक चिज अच्छी हुई ना भाई. अगर तुम इन गुंडो को मारते नही तो मुझे कहा पता लगने वाला था. तुम्हारी खशियत तब दिखी मुझे.

रिहान : हा ये भी सही है.

रितेश : वैसे उस समश्या के बारे मे क्या सोचा फ़ीर तुमने.

रिहान : हा मेने वहा जानकारी निकाली थी. फ़ोन करके लेकिन वहा जमीन का मालिक बोल रहा है. रुबरु बात करो जो भी करो.

रितेश : ठीक है तो फ़ीर चले जाओ और एक आखरी बार बात कर लो. क्यू की इसके बाद हम जो उसका हष्र करने वाले है. वो ये सोच नही सकता है.

रिहान : फटेला भाई कहा गया. और वैसे भाई इस फटेले भाई का नाम फटेला कैसे?

रितेश : दरअसल एक बार ना एक जगह पे हमारी कुच गुंडो से लडाई हो गई थी. तो उस मे से एक गुंडे इसके कुर्ते को ही फाड दिया. तब से हम सब इसको फटेला भाई बुलाते है. बडे प्यार से.

रिहान : ओ अच्छा लेकिन आज के बाद इसको फटेला कोई भी नही बोलेगा ठीक है. वैसे इस का सही नाम क्या है.

रितेश : इसका सही नाम देवेन्दर दास

दिव्या : खैर कोई बात नही. अब अपनी शादी मे ज्यादा वक़्त नही लगना चाहिए.

राहुल : हा मेने बात की है. एक बार और याद दिला दूंगा उन सबको ठीक है.

दिव्या : हा लेकिन जल्दी.

राहुल : अरे इतना वक़्त इंतज़ार किया है. कुछ वक़्त और सही.

दिव्या : हा शादी तो आराम से होगी तो चलेगी लेकिन हो सही ना.

राहुल : हा हो जायेगा ठीक है.

《 कुच देर बाद... 》

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