Mahila Purusho me takraav kyo ? - 28 in Hindi Human Science by Captain Dharnidhar books and stories PDF | महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 28 - केदारनाथ की चोटी

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 28 - केदारनाथ की चोटी

भोला सभी लड़कियो को केदारनाथ के बारे मे बता रहा था । लड़कियों को केदारनाथ के बारे में जानना अच्छा लग रहा था । कजरी ने अपनी पूरी टीम को कहा अब हमे चौपाल में चलना चाहिए । दादोसा आगये होंगे ... यह कह उसने अपने साथ आये सभी को देखा उस दल में दामिनी व केतकी और अभय केतकी का पति नही था । कजरी ने सोचा वे भी यहीं होंगे गांव देख रहे होंगे ..
अब कजरी भोला के साथ अपनी टीम को लेकर चौपाल पहुंच गयी थी ..वहां जाकर देखा मंदिर के सामने बहुत बड़ा खाली मैदान था । उसी मैदान में एक 40×40 का हॉल बना था । उसमे प्रोजेक्टर लगा था उसमे जमीन पर बैठने की व्यवस्था थी फोम के गद्दो पर सफेद चादर बिछी थी साइड की दीवारो के साथ प्लास्टिक की चेयर लगी थी जिन पर लाल रंग की गद्दी फिट की हुई थी । प्रोजेक्ट के सामने 15×15 का एक स्टेज बना था ,माइक स्टेंड स्टेज के कॉर्नर पर लगा था । स्टेज पर दो चेयर लगी थी । उस हॉल के पांच दरवाजे थे ,सामने के दरवाजे पर एक घड़ी लगी थी ताकि वक्ता को टाइम का ध्यान रहे । कजरी ने सभी लड़कियों को लाइन से बैठा दिया । और उनसे कहा ..आप अपने प्रश्न नोट करके रखे । जो बाते अच्छी लगे वे नोट भी कर ले ।
एक युवक के साथ पंडित जी ने हॉल में प्रवेश किया ..कजरी ने उनकी अगवानी की ..सभी लड़कियां अपने स्थान पर खड़ी हो गयी ..पंडित जी ने हंसते हुए दोनो हाथों से बैठने का संकेत करते हुए कहा ..बैठिए ..बैठिए
पंडित जी के साथ आये युवक ने कजरी से बात की .. कजरी हां हां मे सिर हिला रही थी .. वह युवक पंडित जी की बगल की चेयर पर जाकर बैठ गया ..
कजरी ने चारों तरफ दामिनी को देखा वह नजर नही आई ..फिर उसने अपनी छोटी बहिन बदली को संकेत करके बुलाया और अपनी डायरी मे लिखे कुछ बिंदुओ पर अंगुली रखकर उसे कहा कि आपको कार्यक्रम की एंकरिंग करनी है .. बदली ने कहा दीदी आप ही कर लीजिए न .. बदली तुम कर सकती हो धीरे से कहा।
बदली ने सबको हाथ जोड़कर नमस्कार किया .. फिर अपना परिचय देते हुए ..पंडित जी की तरफ देखते हुए बोली दादोसा कार्यक्रम शुरू करने की इजाजत है ..पंडित जी ने अपनी गर्दन हिलाकर इजाजत दी .. आज का कार्यक्रम लगभग एक घंटे का रहने वाला है । हम आज आदर्श गांव के प्रणेता आदरणीय पंडित केदारनाथ जी के सम्मुख बैठे हैं । केदारनाथ जी एक समाज सेवी व्यक्ति हैं पिछले 15 साल से इस गांव की सेवा मे लगे है
जैसाकि हम हर साल किसी स्थान पर भ्रमण का कार्यक्रम रखते आये हैं । इस साल हमने आदर्श गांव को चुना है । सबसे पहले एक गीत होगा उसके बाद दादोसा से मार्गदर्शन प्राप्त होगा ।
गीत के लिए गोपाल भैया को आमंत्रित करती हूँ .. पंडित जी की बगल मे बैठे युवक ने आकर गीत गाया .. हम सेवक हैं मानवता के सेवा धर्म हमारा है , दीन दुखी की सेवा करना यह संकल्प हमारा है ..
क्रमशः -