Suicide in Hindi Human Science by Reshu Sachan books and stories PDF | आत्महत्या

Featured Books
Categories
Share

आत्महत्या

 न जाने कितने लोग रोज अपने अपनों को बेगाना करके इस दुनियां को अलविदा कहकर चले जाते हैं| उनकी अकाल मृत्यु की वजह भी क्या आख़िर आत्महत्या| माना जा सकता है कि उनकी मौत की वजह वो खुद ही बने  , खुद की ही जान ली उन्होंने , शायद उनकी किस्मत में मौत की दस्तक का दरवाजा उनको स्वयं ही खोलना था| खैर, वजह कुछ भी हो, कोई भी हो, वो तो चले गए हमसे बहुत दूर , पास रह गयी तो सिर्फ उनकी यादें, वो लम्हे जो उनके साथ गुजरे, वो उनके अपने जो तन्हा हो गए, उनके लिए वो अब एक टिमटिमाता सितारा हो गए                शायद ही कभी कोई किसी को रोंक पाता होगा , आत्महत्या जैसे बड़े कदम उठाने से| यकीन नहीं होता वो इंसान जो अक्सर सब जगह असफल हो जाता था , मौत को गले लगाने में उससे कोई चूक क्यों नही हुई! अव्वल आ गया वो इस मतलबी दुनिया को छोड़कर सितारों में अपना घर बनाने को| किसी की गर्लफ्रैंड छोड़कर चली गयी, तो लो वो भी दुनिया को अलविदा कह गया, मानो उसके लिए सब कुछ वही थी| अरे, अगर सब वही थी तो उसने क्यों छोड़ा तुम्हें| बेशक वो तुम्हारे लायक नही थी| तुम्हारे माँ - बाप जो तुम्हे इस दुनियां में लाये, तुम्हे जिंदगी दी , तुम्हारे लिए जिसने अपना समय, पैसा सब कुछ कुर्बान किया , क्या उनके लिए तुम्हारा जरा सा भी फर्ज नहीं बनता| हमेशा जिंदगी में एक बात याद रखो, दुख देने वाले लोग तो बहुत आएंगे जिंदगी में और अपना मकसद पूरा करके चले भी जाएंगे , पर जिनकी खुशी तुममे है , उनके लिए ही तुम्हें जीना है| तुम्हारे उदास चेहरे  से जिसे फर्क  पड़े, उनके लिए ही तुम्हे खुश रहना है | यह तो महज एक उदाहरण था, खुद की जान लेने के सौ बहाने आ जाते हैं सामने| किसी की डांट बुरी लगी तो जान दे दी| कुछ पाने की हसरत थी न मिली तो जान दे दी| कुछ खो गया तो जान दे दी| नौकरी न मिली, नौकरी चली गयी, बड़े अधिकारी मानसिक शोषण करते हैं, बीवी से न बनी, पति से न बनी, माँ बाप ने डांट दिया, बच्चों ने नहीं समझा, व्यापार में घाटा हुआ, खेती में खाने का अनाज तक नही हुआ, शेयर बाजार में जमा पूंजी डूब गई या किसी असाध्य लाइलाज बीमारी से न लड़ सके, ऐसे न जाने कितने बहाने होते हैं लोगों के आत्महत्या करने के|

               एक पहल ही बहुत बदलाव ला सकती है | हमारे आस पास के लोग, हमारे अपने लोग , हम अगर किसी के भी व्यवहार में कुछ परिवर्तन देखें तो तुरंत हमें उसे टटोलना चाहिए | उसे इतनी जगह देनी चाहिए कि वो अपनी जिन्दगी के उन पन्नो को हमारे सामने खोल के पढ़ा सके , जो भीतर ही भीतर उसे दीमक की तरह खाये जा रहे|  सही कहते हैं लोग ,सुख बांटने से बढ़ता है और दुख बांटने से कम होता है| अगर किसी से अपना दुख बता भर दो तो मन हल्का महसूस होता है , फिर अगर कोई अपना समझकर आपको सुन ले और आपसे इतना ही कह दे कि वो आपके साथ है तो मानो सारी समस्या ही खत्म| हम सबके लिए तो नहीं पर हां जो हमारे अपने लोग जो हमसे जुडे हैं उनको तो नहीं खोने देंगे| हाँ हमसे जो बन पड़ेगा उसकी मदद करेंगे मगर उसे जिंदगी से हारकर मौत को गले नही लगाने देंगे| हमें हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि हम किसी की खुशियों की वजह बने , हमारी वजह से किसी की भी भावनाए आहत न हो| दोस्ती जैसा खुले दिल का रिश्ता सबके बीच हो, फिर वो चाहे माँ बाप का बच्चों से हो, या पति पत्नी का हो, भाई बहन का हो या कोई और भी रिश्ता| जहाँ आप सहज हो अपनी बात रखने में, अपना दर्द साझा करने में| अगर हमसे जुड़ा कोई भी व्यक्ति आत्महत्या जैसा कदम उठाता है तो उसके किये कही न कहीं हम खुद भी जिम्मेदार हैं , क्यों नही कभी हमने उसे यकीन दिलाया , यार तू जब भी किसी मुसीबत में होना, मुझे सबसे पहले याद करना ,देख मैं तेरा साथ दूंगा,साथ मिलकर मुसीबत से डंटकर सामना करेंगें, सुन तू कभी हिम्मत न हारना, तेरे न हो ने से मुझे बहुत फर्क पड़ेगा ,इसलिए तुझे हमेशा मेरे साथ रहना है,तू कायर भी नहीं है मेरे दोस्त, तुझमे वो हिम्मत है कि मुसीबत भी कोशों दूर भाग जाएगी| बस कुछ इसी तरह क्यों न हम अपने अपनों से एक बार बात करें उन्हें अपनी जिंदगी में उनकी जगह का अहसास करायें| हो सकता है , हमारी यह कोशिश हमारे किसी अपने को हमसे खोने न दे| कल अफसोस करने से बेहतर है आज एक कदम बढ़ाएं , अपने लिए , अपने अपनों के लिए,,,,