स्नेहिल नमस्कार मित्रों
कैसे हैं आप सब?
आज हम बात करते हैं मुस्कान की। आप ही सोचें सुबह सुबह आपको कोई मुस्कुराता चेहरा दिखाई देता है तो मन कैसा प्रफुल्लित हो जाता है। बस यही बात है जब हम किसी प्यारी सी चीज को देखते हैं जैसे आसमान की लालिमा.. सूर्य की किरणें.. खिले हुए फूल.. ताजे पत्ते.. बारिश की कुछ बूंदे और सामने मुस्कुराता चेहरा तो जान लीजिए कि आपका सारा दिन खूबसूरत बन गया।
मुस्कान बाधाओं को दूर करती है, तनावपूर्ण परिस्थितियों को आरामदायक बनाती है,हम आकर्षक दिखते हैं, हममें ऊर्जा का संचार होता है,लोग हमारे आस पास रहना पसन्द करते हैं, हम उनको अच्छे लगते हैं और वे हम पर विश्वास करने लगते हैं।
वाकई मुस्कुराहट एक शक्तिशाली हैक है जिसको अत्यधिक कम करके आँका जाता है। सच तो यह है कि सुंदर से सुंदर मनुष्य यदि चेहरा लटका कर बैठता है तो कोई उसे पसंद नहीं करता और साधारण दिखने वाला मनुष्य यदि मुस्कान से स्वागत करता है तो सब उससे प्रभावित होते हैं, प्यार करते हैं, सम्मान करते हैं और अपना दोस्त बनाना चाहते हैं।
अवचेतन रूप में हम इस बात से वाकिफ होते हैं और यदि हम ध्यान दें तो समय आने पर यह हमारे अस्तित्व का हिस्सा बन जाती है। तभी हमारे चेहरे पर अधिकांशतः मुस्कान खेलती रहती है और हम सबको अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। औरों के साथ साथ हम भी खुशी से खिल उठते हैं। मित्रों, मुस्कान को अपना सबसे प्यारा दोस्त बनाना बहुत जरूरी है !!
कुदरत के सभी जीवों में केवल इंसान को ही मुस्कुराने की योग्यता प्राप्त है। जैसे शब्दों की, संवेदनाओं की अपने आपको मुखरित करने की योग्यता केवल मनुष्य को ही मिली है!!
जिस घर में सबके चेहरे मुस्कुराते दिखाई देते हैं उस घर में सब लोग जाना चाहते हैं वहां से सकारात्मकता प्राप्त होती है और सब एक सुकून लेकर वहां से आते हैं। हमारे घर में सबकी हंसने-मुस्कुराने की आदत ने एक दूसरे के प्रति प्यार तो बढ़ाया ही है साथ ही इससे किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने की क्षमता भी मिलती है। हंसते-मुस्कुराते लोगों का साथ सब पसन्द करते हैं और रोनी सूरत से दूर भागते हैं।
मित्रों जिंदगी केवल एक बार मिलती है किस खु हंसी खुशी से जीना चाहिए खुशी हो या गम अंधेरा हो या उजाला परेशानी हो या सुख कोई भी गम क्यों ना हो मुस्कुराने से हर चीज हर तकलीफ छोटी लगने लगती है और वह तकलीफ के दिन जल्दी से गुजर जाते हैं जैसे कभी कुछ परेशानी ना हुई हो हो या गम,! इस दुनिया में किसी को अमरता का वरदान नहीं मिला। चिन्ता चिता समान है इसलिए जाने से पहले क्यों जाने की जरूरत है। समय पर तो जाना ही होगा इसलिए हर पल को खुशनुमा बनाएं और जीवन को प्यार से मुस्कुराते हुए जीने की कोशिश करें अगली बार फिर किसी प्यारे से विषय के साथ मिलते हैं जो हमारे जीवन में हर पल उपयोगी हो। हम सब जानते हैं ज़िन्दगी न मिलेगी दोबारा !!
मुस्कुराते रहें और मुस्कान बांटते रहें।
आपकी मित्र
डॉ प्रणव भारती