Tadap Ishq ki - 18 in Hindi Love Stories by Miss Thinker books and stories PDF | तड़प इश्क की - 18

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तड़प इश्क की - 18

अब आगे.......

किरन ड्रामे भरी आवाज में कहती हैं...." सर्प्राइज , , वो हेंडसम बाॅय.."

" अपनी बकवास बंद और बता जल्दी क्या बात है..?.."

" तू खामखां मुझ पर भड़क रही है , एक बार उस लड़के को देख ले फिर खुदबखुद तू उसकी दिवानी बन जाएगी.."

" जस्ट शट अप , तू उसी के बारे में सोचती रह मै जा रही हूं..." एकांक्षी चेयर से उठ जाती है तभी किरन उसे रोकते हुए कहती हैं...." अरे साॅरी यार मजाक कर रही थी , रिलेक्स , , "

" मुझे तेरा ये मजाक बिल्कुल अच्छा नहीं लगा , ..."

तभी पीछे से आवाज़ आती है..." तो फिर कैसा मजाक अच्छा लगता है तुम्हें..." एकांक्षी और किरन एकसाथ पीछे मुड़कर देखती है और दोनों को मुंह से एक साथ निकलता है..." आ गया भटकती आत्मा..."

एकांक्षी गुस्से में उसे घूरते हुए कहती हैं....." अपने काम से काम रखो , , मेरे पीछे आने की जरूरत नहीं है , मिस्टर मल्होत्रा..."

विक्रम जो अपने दोस्तों के साथ कैंटीन में एंटर हुआ था , उन्हें देखकर कहता है..." मैं तो डर गया , एकांक्षी से..."

उसके इस तरह मजाक बनाते हुए देख एकांक्षी जाने लगती है तभी वो उसकी कलाई पकड़कर अपने करीब खींच लेता है और उसे ऊपर से लेकर नीचे तक देखते हुए कहता है..." मानना पड़ेगा , तुम चलती फिरती कटारी हो जो सीधा दिल वार करती ..."

एकांक्षी झटके से अपना हाथ छुड़ाती हुई उससे कहती हैं..." मुझे बचके रहना कहीं ये कटारी तूझे यमलोक न पहुंचा दे..."

एकांक्षी वहां से चली जाती हैं और विक्रम अपने आप से कहता है...." कितना भागोगी मुझसे, , क्या इस जन्म में भी तुम मुझ से बच जाओगी .... नहीं एकांक्षी नहीं , , !

एकांक्षी और किरन क्लास रूम में पहुंचते हैं , एकांक्षी गुस्से में जाकर अपनी सिट पर बैठ जाती है वहीं किरन की नजर लगातार एंट्रेंस पर थी , तभी वो जिसे ढूंढ रही शायद वो तो नहीं लेकिन जिसे देखकर वो बस उसी में खो गई थी उसने क्लास में एक रायल एंट्री मारी....

सबकी नजर एंट्रेंस पर थी लेकिन हमारी एकांक्षी तो कहीं गुम हो रखी थी , उस लड़के को देखकर किरन एकांक्षी को कोहनी मारते हुए कहती हैं...." एकांक्षी देख न एक बार , ये वही लड़का है जिसने अपने एक बार में सारी लड़कियों के दिल चुरा लिए है....."

एकांक्षी गुस्से में चिल्लाती है...." बस कर ...." लेकिन तभी उसकी नज़र उसपर पड़ती है....

उस लड़के के कैज्यूल लूक , हेंडसम पोर्सेनल्टी बबेक पर गिटार और होंठों पर एक कातिलाना मुस्कुराहट ने एकांक्षी को उसे देखने पर मजबूर कर दिया , कुछ पल के लिए वो उसे देख रही थी जिसे देखकर किरन हल्की सी मुस्कान के साथ उससे कहती हैं...." देखा कितना हेंडसम है न ये , तू भी को गई न...."

एकांक्षी किरन को घूरते हुए कहती हैं...." हां तो इतना भी कूल नहीं है..."

किरन बिना कुछ बोले सीधा उसके पास जाकर हाथ आगे बढ़ाते हुए कहती...." Hey I'm Kiran parihar....and you...."

लेकिन उस लड़के की नजर तो सिर्फ एकांक्षी पर टिकी थी लेकिन फिर भी किरन के दोबारा पूछने पर उसका ध्यान किरन पर आता है....." एम सॉरी , मेरा ध्यान नहीं था , आई एम आद्रिक चक्रवर्ती..."

" नाइस नेम ...यू आर गिटारिस्ट..." किरन ने पूछा...

" येस ..!..."

" Can you play music ..."

" Off course..."आद्रिक ये बात एकांक्षी को देखते हुए कहता है लेकिन एकांक्षी मुंह फेरे अपने फोन में नजरें जमाए हुए बैठी थी , जिससे आद्रिक तुरंत गिटार प्ले करने लगता है , , , उसके गिटार प्ले करते ही सब लड़कियों ने उसे घेर लिया था, , लेकिन एकांक्षी अपनी ख्यालों में ही खोई हुई थी , तभी उसे अंदर एक अजीब सी बैचेनी होने लगती है...

" ये मुझे क्या हो रहा है ,, ये गिटार की धुन मुझे बर्दाश्त नहीं हो रही है , , ऐसा कभी नहीं हुआ...." उसके चेहरे पर एक बैचेनी छा जाती है...

उसके आसपास कुछ आवाजें गूंजने लगती है...." अधिराज , सारंगी बजाना बंद मत कीजिए..."

" वैदेही आपको आना होगा..."

एकांक्षी कानों पर हाथ रखते हुए जोर से चिल्लाती है....' स्टाॅप दिस म्यूजिक...."

उसके चिल्लाने से सबका ध्यान उसकी तरफ जाता है और किरन तुरंत उसके पास आकर कहती हैं...." एकांक्षी क्या हुआ , इस म्यूजिक को क्यूं बंद करवाने के लिए कह रही है... तुझे तो म्यूजिक पसंद है न..."

एकांक्षी सीरियस टोन में कहती हैं...." हां पसंद है लेकिन इसका म्यूजिक मुझे रिस्टलेस्नेस कर रहा है ..."

तभी किसी लड़की की आवाज आती है...." अगर इतनी ही प्रोब्लम हो रही है तो यहां क्यूं बैठी हो बाहर चली जाओ..."

एकांक्षी गुस्से में वहां से चली जाती हैं और किरन उसके अचानक चेंज हुए बिहेवियर से हैरानी भरी नजरों से उसे जाते हुए देखती है... लेकिन आद्रिक भी गिटार प्ले करना बंद कर देता है और चुपचाप वहां बैठ जाता है , , सब उसे गिटार प्ले करने के लिए फोर्स करते हैं लेकिन वो साफ़ इंकार कर देता है.......

एकांक्षी काॅरिडार से होती हुई स्टेयर्स पर पहुंच जाती है लेकिन उसके कानों में अभी भी वहीं शब्द गूंज रहे थे जिसे सुनकर एकांक्षी अपने आप से बड़बड़ाती है....." ये अधिराज , बार बार क्यूं सुनाई दे रहा है और अब ये वैदेही कौन है...?..ओह गॉड प्लीज़ हेल्प मी , , जबसे मैंने उस चिड़िया को बचाया मेरे साथ बहुत अजीब अजीब घटनाएं हो रही है... मेरी प्रोब्लम कम थी कि अब ये आद्रिक नाम का तूफान और आ गया , , !...."

एकांक्षी धीरे धीरे स्टेयर्स से नीचे जाती है लेकिन उसके माइंड ने उसका साथ देना छोड़ दिया और उसके सामने अंधेरा छा जाता है जिससे उसका बेलेंस बिगड़ने लगता है लेकिन तभी किसी के हाथों ने उसे वापस पड़कर खींच लिया था ,

एकांक्षी पूरी तरह बेहोश नहीं थी इसलिए उसके चेहरे को देखने की कोशिश करती है जोकि उसके सामने धुंधला जाता है ...

वो शख्स एकांक्षी को देखकर कहता है.." तुम्हारा ध्यान कहां है एकांक्षी..."

................to be continued...........

कौन है ये शख्स जिसने एकांक्षी को गिरने से बचाया...?

जानने के लिए जुड़े रहिए