Mohobbat toh Mohobbat hai - 1 in Hindi Love Stories by Vandana thakur books and stories PDF | मोहब्बत तो मोहब्बत है - Part-1

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मोहब्बत तो मोहब्बत है - Part-1

मुम्बई, महाराष्ट्र
मुम्बई साइंस कॉलेज

वो दौडती हुई कॉलेज केम्पस पहुची,,,, वो रोते हुए कॉलेज केम्पस मे चारो तरफ नजरे दौडा रही थी ।

वो भागते हुए पूरे कॉलेज मे किसी को ढूंढने लगी,,,, उसकी आंखो से लगातार आंसू बह रहे थे, चेहरा बिल्कुल रो- रोकर लाल पडा हुआ,,,,,!!

उसकी आंखे लाल हो चुकी थी जैसे वो दो रातो सो सोई ना हो, उसकी सकल कितनी अजीब हो चुकी थी उस दौरान....!!!

वो हर क्लास रूम को देखते हुए जा रही थी और होंठो मे किसी का नाम बुदबुदा रही थी ।

कॉलेज कैम्पस मे खडे स्टुडेन्टस उसे देख रहे थे और कुछ आपस मे बडबडा रहे थे ।

वो भागते हुए कॉलेज की छत की तरफ बढी तभी एक लडकी जो कि उसका नाम चिखते हुए उसके पास ही आ रही थी उसनें सीढियो पर चढ रही उस लडकी का हाथ झट से पकडकर अपनी तरफ घुमाया ।

" कहां जा रही है वो यहां नही है,,,हिती,,,, वो रूम नम्बर 205 मे हैं और अब कोई फायदा नही है उसके पास जाकर भी, जो तूने सुना और देखा सब सच है....."

" पर वो ऐसा कैसे कर सकता है यार, वो,,,वो प्यार करता है मुझसे,,,, वो तो कहता था वो कभी नही बदलेगा,,,, मैने उसके लिये क्या कुछ नही किया,,,? वो फिर मेरे साथ....." कहते हुए हिती के आंखो से आंसू झर-झर गिरने लगे ।

" देख हिती,,सम्भाल खुद को,,,!!! उससे मैने कही यह बातें पर,,,,,!!!

" पर क्या,,,, क्या मान्या,,, क्या,,, पर..!!! हिती ने मान्या तो झकझोरते हुए कहा ।

" उसने कहा कि वो,,, वो तुझे सिर्फ अपनी दोस्त मानता था...." मान्या ने हिती की आंखो मे देखते हुए कहा ।

हिती स्तब्ध सी मान्या को ताकती रह गई,,, उसका गला रूंध चुका था उसे समझ नही आया अब आगे वो क्या कहे, उसकी आंखो से आंसू थमने का नाम नही ले रहे थे ।

हिती ने मान्या के चेहरे को एकटक बिना किसी भाव से देखते हुए -" पर,,,,, पर,,,, हम दोनो दोस्त कैसे,,, हो सकते है,,,,!!!

" हिती सम्भाल यार खुद को,,,, वो तुझसे प्यार नही करता,, उसने यही कहा कि तूने उस पर अपना प्यार थोपा,,, तुझे उस रात उसे जबरदस्ती हां करवायी,,,,!!!

हिती यह सुनकर शांत सी रह गई उसे कुछ समझ नही आ रहा था कि एक पल मे उसके साथ क्या हो गया । हिती की आंखो के सामने अन्धेरा छाने लगा वो वही फ्लोर पर बेहोश होकर गिर पडी ।

" हिती,,,,हिती....!! कहते हुए मान्या, परेशान सी वही हिती के पास फ्लोर पर बैठ गई ।

मान्या, हिती के गाल थपथपाते हुए उसे होश में लाने की कोशिश कर रही थी ।

मान्या ने परेशानी से पास खडे स्टुडेन्टस से कहा-: प्लीज हेल्प करवाओ,,,कोई डॉक्टर को बुलाओ,,!

आस-पास खडे लडको मे से एक लडका बाहर आया और हिती को गोद मे उठाकर कॉलेज से बाहर की तरफ ले आया, उसनें अपनी कार मे हिती को बैठाया, मान्या भी हिती के साथ कार की पिछली सीट पर बैठ गई ।

" तुम हिती के पास बैठो,,मान्या, और इसे होश मे लाने की कोशिश करो..." उस लडके ने मान्या की तरफ अपने सीट से पानी की बोतल बढा दी ।

मान्या ने बोतल ली, और हिती के चेहरे पर पानी छिडकने लगी पर हिती, बेहोश थी, उसने अपनी आंखे नही खोली, उसे अचानक क्या हुआ यह मान्या या किसी को समझ नही आ रहा था ।

" अविनाश,,,, हिती आंखे नही खोल रही है,,,,!!प्लीज कार तेज चलाओ,,,! मुझे डर लग रहा है,,,इसे अचानक क्या हो गया....? मान्या ने रोते हुए अविनाश से कहा ।

जो तेजी से कार चला रहा था साथ ही बारी- बारी पीछे हिती को भी कार के शीशे मे देख रहा था उसके चेहरे पर परेशानी की लकिरे साफ दिखाई दे रही थी ।

" हां मै तेज ही चला रहा हू,,, तुम हिती को होश मे लाने की कोशिश करती रहो, और इस तरह रोना बन्द करो..." अविनाश ने मान्या को लगभग डांटते हुए कहा ।

मान्या अविनाश की डांट सुनकर कुछ शांत हो गई उसनें हिती के चेहरे पर पानी छिडकना जारी रखा, पर बारी- बारी उसे हिती की हालत देखकर रोना भी आ रहा था, हिती के चेहरे पर शून्य भाव थे, वो बेहोश सी मान्या के गोद मे सो रही थी ।

अविनाश ने शीशे मे एक बार फिर हिती का चेहरा देखा उसने कार की स्पीड ओर बढा दी, अब कार मुम्बई की सडको पर दुगुनी रफ्तार से दौड रही थी ।

कुछ देर बाद
सीटी हॉस्पिटल

अविनाश, हिती को गोद मे उठाकर दौडते हुए हॉस्पिटल के अन्दर आया ।

" नर्स डॉ. कहा है...? मेरी दोस्त को पता नही अचानक क्या हो गया है वो अचानक ही बेहोश हो गई और अब इसे होश भी नहीं आ रहा है....." मान्या ने सिसकते हुए वहां से गुजर रही नर्स से कहा ।

" वो पेसेन्ट का चैकअप कर रही है...!! आप वॉर्ड नम्बर-4 मे चले जाइये डॉक्टर वही है...." नर्स ने हिती की तरफ देखकर कहा ।

अविनाश नर्स की बात सुनकर हिती को लेकर तुरन्त ही वॉर्ड नम्बर-4 की तरफ बढ गया ।

" डॉक्टर,,डॉक्टर,,,!! अविनाश ने डॉ. को आवाज लगाते हुए कहा ।

तभी डॉक्टर अविनाश की आवाज सुनकर उसकी तरफ आती है,,,,!!

" डॉक्टर, हिती को न जाने अचानक क्या हो गया है,,,? प्लीज कुछ किजिये इसे होश मे लाइये, यह आंखे ही नही खोल रही है...." अविनाश ने दर्द भरे स्वर मे कहा ।

" आप इन्हे यहां बेड पर लेटा दिजिये और आप बाहर जाइये,, मै इनका चैकअप करती हू...." डॉक्टर ने हिती को देखते हुए कहा ।

तभी मान्या भी वहां पहुच गई,,,, अविनाश ने हिती को बेड पर लेटा दिया फिर मान्या और अविनाश दोनों बाहर आकर खड़े हो गए ।

मान्या शांत सी एक कोने मे खडी थी, वही अविनाश लगातार परेशानी से यहां- वहां चहल कदमी कर रहा था । उसके चेहरे पर परेशानी के भाव साफ दिखाई दे रहे हैं उसके चेहरे का रंग फीका पड़ चुका था, उसके चेहरे के भाव कुछ इस तरह थे कि वह अब कभी भी रो देगा ।

मान्या ने अविनाश की हालत देखी तो उसकी तरह बढ़ गई उसने अविनाश के कंधे पर हाथ रखते हुए उसे अपनी तरफ घुमाया ।

अविनाश अचानक ही मान्या के गले से लग गया, यह देखकर मान्या स्तब्ध सी खडी रह गई, उसे कुछ नही समझ नही आया कि अचानक अविनाश को क्या हुआ ।

" यार,,,, हिती,,,,उसे क्या हुआ,,,? वो ठीक तो हो जाएगी,,? उसे क्या जरूरत है अपनी तबियत खराब करने की,,,, वो भी किसी ऐसे शख्स के लिए जो उसकी कदर ही नहीं करता जो उसे छोड़कर किसी और के पास जा रहा है,,,, यार मान्या मेै नही देख पा रहा हू उसे ऐसे,,,,!! मै नही देख पा रहा हू उसे ऐसी हालत में......" कहते हुए अविनाश का गला रूंध गया, उसनें कसकर मान्या को गले से लगा लिया और उसके कंधे पर सिर रखकर रोने लगा ।

मान्या, अविनाश की बातें सुनकर स्तब्ध रह गई अविनाश का हिती के लिए परेशान होना, और इस तरह बच्चों की तरह रोना उसे समझ नही आ रहा था कि अविनाश जो कभी हिती के सामने आता नहीं था, उससे ढंग से बात नहीं करता था उसे हिती की इतनी फिक्र क्यो...?

मान्या को अविनाश का यह व्यवहार खल गया ।पर इस वक्त वह मान्या से लिपटकर किसी बच्चे की तरह रो रहा था ।

" तुम उससे प्यार करते हो,,,,?? मान्या ने अचानक ही सवाल किया । अविनाश मान्या का सवाल सुनकर शांत हो गया वो तुरंत माया से दूर हट कर खड़ा हो गया, और यहां वहा देखने लगा।

" इधर-उधर क्या देख रहे हो? मेरी तरफ देखो और मेरे सवालों का जवाब दो,,,, क्या तुम हिती से प्यार करते हो,,,?

अविनाश ने नजरे फेरे रखी, उसने कुछ नही कहा।

मान्या ने अपनी भौंहे तान ली, वो अविनाश के सामने आकर खडी हो गई और हाथ बांधकर अविनाश के चेहरे को घूरने लगी ।

अविनाश, मान्या को अपनी तरफ यू देखता पाकर वहां से हटकर जाने लगा तो मान्या ने तुरन्त उसका हाथ पकडकर उसे रोकते हुए कहा-: कहां जा रहे हो जो पूछ रही हूं उसका जवाब दो हिती से प्यार करते हो...?

" न,,,,नही,,,नही करता मै उससे प्यार....!! अविनाश ने मान्या की तरफ पलटते हुए सख्त लहजे में कहा ।

" अच्छा तो फिर आंखों में आंसू क्यों,,,? क्यों उसके लिए रो रहे हो क्यों उसकी इतनी फिक्र जता रहे हो,,,? सच कहो करते हो ना उससे प्यार...."

अविनाश ने कुछ नहीं कहा वह चुपचाप नजरे झुकाए खड़ा रहा ।

" बताओ,,,,, कहो कुछ जो मैं पूछ रही हूं उसका जवाब चाहिए मुझे,,,,!!! मान्या ने बेहद सख्त लहजे से कहा ।

"हां करता हूं मैं उससे प्यार,,पर क्या फायदा है मेरे प्यार का,,, वह तो किसी और से प्यार करती है ना,,,, वो उस आकाश से प्यार करती है,,,!! और आकाश मेरा दोस्त है, आकाश जो हिती के साथ कर रहा है उसके बाद तो हिती मुझसे भी नफरत ही करेगी...." अविनाश ने बेहद बेरुखी से जवाब दिया ।

उसके चेहरे पर एक दर्द उभर आया जिसे वो अपने गुस्से और ईगो के पीछे छिपाने की कोशिश कर रहा था पर मान्या ने उसके इस दर्द को देख लिया,,,,!!!

अविनाश से कुछ कहने वाली थी कि तभी डॉ. बाहर आयी ।

" पेसेन्ट को दवाई दे दी है, उन्हे थोडी देर मे होश आ जायेगा,,,!!! डॉ. ने अविनाश और मान्या की तरफ देखते हुए कहा ।

"पर उसे हुआ क्या था वह अचानक बेहोश कैसे हो गई...? मान्या ने चिंता भरे लहजे से कहा ।

" खुशी के कारण,,,!!! सी इज प्रेग्नेंट...!! डॉ. ने प्यारी मुस्कान के साथ कहां ।

" व्हाट......!!! मान्या और अविनाश ने हैरानी से कहा, उन दोनो की आंखे हैरानगी से फटी रह गई थी ।


धारावाहिक टू बी continue......