change is the rule of the world in Hindi Short Stories by Jas lodariya books and stories PDF | परिवर्तन ही संसार का नियम है

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परिवर्तन ही संसार का नियम है

जीवन के संग्राम की महत्वपूर्ण सीढ़ी है परिवर्तन...

दोस्तों इस जीवन में वही आगे बढ़ते हैं जो परिवर्तन की प्रक्रिया से भयभीत नहीं होते। वे भली भाँति जानते हैं कि स्थिरता ही जड़ता, नीरसता और निष्क्रियता की जनक है। परिवर्तन ही संसार का नियम है। जो आगे नहीं बढ़ता है, नए अनुभवों का स्वागत नहीं करता है वह अपनी जीवन की ऊर्जा को गँवा बैठता है।

हम अपने चारों ओर देखते हैं कि जो कल तक महत्वपूर्ण वस्तुएँ थी आज उनका कोई मूल्य नहीं रहा। यहाँ तक कि कल के प्रसिद्ध लोग आज में भूला दिए जाते हैं। जो इस जीवन में कुछ करने के लिए पैदा हुए हैं उन्हें बीते को भूलना और आते हुए को स्वीकार करना ही पड़ेगा। यह जीवन रुकने के लिए नहीं मिला है। कितनी भी मुसीबत आये तब भी रुकना उचित नहीं। रुकने के स्थान पर प्रतिकूलताओं से लड़ने की मनःस्थिति बनानी आवश्यक है।

जो भी बदल रहा है वो बदलेगा ही।
रात-दिन, जाड़ा-गर्मी, हानि-लाभ, मिलने और बिछुड़ने के अनेक प्रकार के परिवर्तन मनुष्य के जीवन में आते ही हैं। परस्पर विरोधी होते हुए भी ये एक सम्भावना अपने साथ लिए होते हैं। पतझड़ के आने से वसंत का आना सुनिश्चित हो जाता है। इसलिए दोस्तों जीवन को सजग बनाओ। ज़िन्दगी को होश में रखो। जो भी बदल रहा है वो बदलेगा ही। आप उसे नहीं रोक सकते क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है। कोई बहुत लम्बे समय पुराना आपका दोस्त आपको धोखा दे तो आप उसे ऐसा करने से रोक नहीं सकते।

हाँ आप अगर आपका जीवन होश से भरा है तो आप मानसिक, भावनात्मक और आर्थिक रूप से संभलकर अपने को संतुलित रख सकते हैं। जिस दोस्त के साथ आप रोज घूमते-मिलते-बैठते थे अब आप ऐसा नहीं कर पाएंगे यह परिवर्तन आपको स्वीकारना ही होगा।

जीवन का मार्ग राजपथ नहीं है जो सीधा और सपाट हो बल्कि जीवन का मार्ग कहीं सपाट, कहीं पथरीला, कहीं रेतीला और कहीं तो ऐसा है जहाँ कोई रास्ता ही नहीं है। ज़िन्दगी के बदलावों को स्वीकारने के लिए हमें पहले से तैयार रहना होगा।


जीवन की ऊर्जा को आप सही दिशा में तभी नियोजित कर सकते हैं जब आप जीवन में होने वाले परिवर्तनों से संतुलित होकर सामंजस्य बिठाना और अवसर पैदा करना सीख जाएँ।

कुरूक्षेत्र में जब अर्जुन धर्मसंकट में फंस गए तब भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें गीता का उपदेश दिया. गीता में जीवन का सार छिपा हुआ है. जिसने गीता के उपदेशों को समझ लिया और अपने जीवन में उतार लिया समझों उसका जीवन सफल हो गया है. गीता व्यक्ति को अच्छे बुरे का भेद बताती है. जीवन की सफलता का मंत्र गीता के उपदेशों में छिपा है. मान्यता है कि गीता का पाठ करने से भगवान कृष्ण का आर्शीवाद प्राप्त होता है. भगवान कृष्ण अपने भक्तों पर कभी कष्ट नहीं आने देते हैं. गीता का सार व्यक्ति को महानता की ओर ले जाता है. आइए जानते हैं श्रीमद्भागवत गीता से आज का सक्सेस मंत्र-

परिवर्तन संसार का नियम है. इस संसार में कोई भी चीज स्थाई नहीं है. जो आया है वह जाएगा. जिसने जन्म लिया है उसका एक दिन अंत भी होगा. लेकिन व्यक्ति इन बातों को भूल जाता है. पद और शक्ति के घमंड में वह इन बातों को भूल जाता है. व्यक्ति के कष्ट का कारण भी यही है. जो व्यक्ति इस तथ्य को समझ लेता है वह जीवन के अर्थ का समझ लेता है और जीवन का आनंद उठाता है. व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारियों का सही तरह से निर्वाहन करना चाहिए. कल क्या होगा इस फेर में नहीं फंसना चाहिए. जो वर्तमान को अच्छा बनाते हैं और आज पर विश्वास करते हैं वही सफल होते हैं. इसे अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि जो आज है वो कल नहीं होगा. मेरा तेरा ये सब व्यर्थ है. इस जंजाल से जितना जल्दी हो सके निकलने का प्रयास करना चाहिए|

जीवन में कुछ भी तुम्हारा नहीं है. ये शरीर भी पंच तत्वों से बना है. एक समय के बाद जब आत्म इस शरीर से आजाद हो जाएगी ये शरीर वापिस उसी आग, हवा, पानी, मिट्टी और आकश में मिल जाएगा. इसलिए लालच को त्यागकर व्यक्ति को जीवन का आनंद उठाना चाहिए. ये जीवन अनमोल है. इसे दूसरों की सेवा में समर्पित कर देना चाहिए. प्रभु इसी से खुश होते हैं. जो व्यक्ति ऐसा नही कर पाते हैं वे आपने आप को धोखा दे रहे हैं. कुछ भी साथ नहीं जाता है. सब यहीं रह जाता है. व्यक्ति को इसी जन्म अच्छे और बुरे कर्मों का फल प्राप्त होता है |