Tum hi to ho - 6 in Hindi Love Stories by Queen of Night books and stories PDF | Tum hi to ho - 6

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Tum hi to ho - 6

आगे की कहानी
वहीं जब सिद्धि उन्हें पानी देती है तभी उसका फोन बजता है देखती हैं तो उसकी माँ का फोन है और वो उठाती है
सामने से उसकी माँ कहती है
कहा है तू कुछ खाया क्या तूने
तो वो कहती है माँ मैं घर आ रही हूँ आप चिंता मत करिए
उसकी माँ पूछती है बेटा जॉब लगी क्या तेरे इंटरव्यू कैसे गए
माँ अभी तो जॉब नहीं लगी है pro जल्दी ही लग जाएगी आप प्लीज़ अपना ध्यान रखना
वो जब ये सारी बातें कर रही थी कि उसे ध्यान ही नहीं रहा कि दिग्विजय जी अभी भी वहीं है और शायद उन्होंने उसकी सारी बातें सुनी है
जब वो फोन रखते है कि
दिग्विजय कहते है thank you बेटा वैसे आपका नाम क्या है
अंकल मेरा नाम सिद्धि है सिद्धि राउत
और आपका क्या नाम है
दिग्विजय पाटिल वेसे बेटा अगर आप बुरा ना माने तो एक बात पूछे
सिद्धि ने कहा हा
दिग्विजय अंकल ने कहा वो मैंने तुम्हारी बात सुनी आप जॉब ढूंढ रही है
सिद्धि ने सुना तो वो उदास हो गयी बहोत दिनों की मेहनत के बाद बस experience ना होने की वज़ह से उसे जॉब नहीं मिल रहीं है
दिग्विजय अंकल ने उसे खोए हुए देखा तो बोले माफ़ करना बेटा मैं तो बस ऐसे ही पूछ रहा था
सिद्धि ने कहा नहीं अंकल और हा मैं जॉब ढूंढ रही थी पर शायद अब लगता है की नहीं मिलेगी
अंकल ने कहा क्यु
सिद्धि ने कहा वो अंकल सब का कहना यह कि मुझे जिस काम का कोई experience नहीं है
पर अंकल जब तक काम करूंगी नहीं तो मुझे समझेंगा कैसे मैं पुरी कोशिश करूंगी पर कोई जॉब तो दे
तभी उसका ध्यान टाइम की और गया जो 8 बजा रही थी उसने उन अंकल की और देखा और कहा अंकल हम चलते है हमें देर हो जाएगी और हा अपना ख्याल रखियेगा byy
इतना बोल वो जल्दी से उठी और चलि गयी
दिग्विजय ने उसे रोकने की कोशिश की पर वो चलि तभी वहां समीर आया उसने कहा सर चले
हा चलो

वहीं शुभ अपने कैबिन मैं बैठा काम कर रहा था वो कोई फाइल चेक कर रहा था पूरा ऑफिस खाली हो चूका था बस वो और राघव था वो हमेशा अपने काम मैं कोई गलती नहीं होने देता तभी राघव आता है कहता है सर 8 बज चुके है
शुभ कहता है हा तुम घर चले जाओ मैं भी निकल रहा हू

थोड़ी देर बाद वो ऑफिस से बाहर आ चुका था अपनी गाड़ी मैं बैठ घर की और निकल रहा था तभी उसका फोन बजा फोन निधि कर रही थी वो कहती है दादा कहा हो आप
शुभ कहता है हा आ रहा हू थोड़ी देर में
निधि कहती हैं ठीक है
फोन रख देती है
शुभ गाड़ी चला रहा था की अचानक बारिश शुरू हो गयी और वो इतनी तेज थी आगे का रास्ता देखना मुश्किल हो रहा था
उसने खुद से ही कहा थोडी देर के लिए गाड़ी एक साइड मै रोक देते है बारिश कम होने के बाद निकल जाएंगे
तभी उसे वहां एक जगह पर नुक्कड दिखता है
वेसे तो बड़े लोगों को ये पसंद नहीं होता
पर शुभ अलग था और सबसे खास बात की उसे चाय पसंद थी
बारिश के मौसम में चाय का स्वाद और भी अच्छा लगने लगता है
इसलिए वो गाड़ी पार्क कर देता है और वहां नुक्कड के पास आ जाता है जिस रास्ते से वो जा रहा था वो सुनसान रेहता था या यू कहे की शाम के बाद ज्यादा चहल-पहल नहीं थी
वो वहां जाता है तो वहां कुछ लोग चाय का मजा लेते हुए बातें कर रहे थे उसने जाके एक चाय ऑर्डर की और वो यहां वहां देखने लगा तभी उसे एक आवाज सुनाई दी जो उसी के पास लेकिन थोड़ी दूरी पर खड़ी थीं पर उसकी प्यारी आवाज सुनाई दे सकती थी उसने देखा वो थोड़ा भीग चुकी थी और उसके बाल गीले हो चुके थे वो ल़डकि किसी से फोन पर बात कर रही थी

वो बोल रही थी
हा माँ मैं ठीक हुँ मुझे टाइम लग जाएगा बहोत बारिश हो रही है हा आप अपना ख्याल रखिए ठीक है
हा मैं जल्दी ही आती हू

आगे की कहानी अगले भाग में
By guys