Shoharat ka Ghamand - 1 in Hindi Fiction Stories by shama parveen books and stories PDF | शोहरत का घमंड - 1

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शोहरत का घमंड - 1

आलिया का आज कॉलेज में आखिरी दिन है। इसलिए आज वो कॉलेज में पार्टी कर रही है सभी के साथ क्योंकि अब वो कॉलेज नही आयेगी। अब वो एग्जाम देगी और उसके बाद कॉलेज से छुट्टी।

पार्टी खत्म होते ही वो घर जाती है। रास्ते में चलते चलते हुए वो सोचने लगती हैं और मन ही मन बहुत खुश होती है। वो सोचती है कि अब हमारे घर के हालात अच्छे हो जाएंगे और में अपनी दोनो बहनों को अच्छे से पढ़ाऊंगी और अपने मम्मी पापा का सारा सपना पूरा करुंगी। पापा अकेले कितनी मेहनत करते हैं। घर का सारा खर्च अकेले ही उठाते हैं। मगर अब उन्हे ज्यादा परेशानी नही होगी क्योकी अब में उनके साठ मिल कर काम करूंगी और उनका बोझ कम करुंगी।

तभी आलिया के घर आ जाता हैं, वो देखती है कि उसके घर के बाहर बहुत भीड़ होती है वो ये सब देख कर घबरा जाती है और जल्दी से आगे बढ़ती है, और अंदर जा कर देखती है कि उसकी मम्मी और बहने रो रही होती है। ये सब देख कर वो और भी घबरा जाती है। और फिर अपनी मम्मी से पूछती हैं कि "क्या हुआ मम्मी आप रो क्यों रहे हो"।
तभी उसकी मम्मी उसे पकड़ के रोने लगती हैं , और "बोलती है बेटा तेरे पापा का एक्सीडेंट हो गया है वो सड़क पार कर रहे थे तभी एक ट्रक वाले ने उन्हे टक्कर मार दी"।

ये सुन कर आलिया भी रोने लगती हैं और बोलती है " मम्मी पापा कहा है"।

तब आलिया की मम्मी बोलती है " बेटा वो तेरे नरेश अंकल उन्हे हॉस्पिटल ले कर गए हैं हम भी जा रहे थे मगर उन्होने हमें जानें नही दिया"।

तभी आलिया बोलती है " आप मुझे बताइए की वो कोन से हॉस्पिटल में है मै अभी जाउंगी उनके पास"।

तब आलिया की मम्मी बोलती है " बेटा तू एक बार अंकल को कॉल कर और पूछ मै भी जाऊंगी मेरा भी दिल बहुत घबरा रहा है मै उन्हे अकेला नही छोड़ सकती "।

तभी आलिया अंकल को कॉल करती है और उनसे हॉस्पिटल का एड्रेस पूछती हैं। उसके बाद वो अपनी मां और बहनों के साथ सीधा हॉस्पिटल चली जाती है।

हॉस्पिटल पहुंच कर वो सभी उन्हे ढूंढते हैं तभी आलिया की नज़र नरेश अंकल पर जाती है। और वो भागते हुए उनके पास जाती है। और उनसे पूछती हैं कि "अंकल मेरे पापा कहा है"।

तब नरेश अंकल बोलते है कि"बेटा वो तो ऑपरेशन थिएटर में है क्योंकि उनका बहुत ही बुरा एक्सीडेंट हुआ है जिससे कि उनकी हड्डियां को भी काफ़ी नुकसान हुआ है और भी पता नहीं क्या क्या हुआ है वो तो डॉक्टर ही जाने "।

तभी डॉक्टर भी वहां पर आ जाते है और पूछते हैं कि "मरीज के घर वाले कहां है"।

तब आलिया बोलती है कि " जी बताइए मैं उनकी बेटी हू"।

तब डॉक्टर बोलता है कि " आप जल्दी से पांच लाख रुपए जमा करिए क्योंकि हमे उनका ऑपरेशन करना है वो भी जल्दी से जल्दी"।

ये सुन कर आलिया बोलती है " पांच लाख"।

तब डॉक्टर बोलता है " जी पांच लाख वो भी बहुत ही जल्दी क्योंकि अगर हमने जल्दी से ऑपरेशन स्टार्ट ना किया ना तो फिर उनके रहने की उम्मीद भी नही रहेगी क्योकी उनका खून भी काफ़ी निकल चुका है "।

ये सुन कर आलिया बहुत ही घबरा जाती है और वो डाक्टर से बोलती है कि "आप पेसो की टैंशन मत लीजिए मैं पेसो का बंदोबस्त करती हूं बस आप जल्दी से जल्दी ऑपरेशन स्टार्ट कर दीजिए "।

तभी आलिया जल्दी से अपनी मां के पास जाती है और सारी बात बता देती हैं , ये सुन कर वो रोने लगती हैं और बोलती है कि "हमारे पास तो इतने पैसे है ही नही। अब हम इतने पैसे कहा से लायेंगे"।

आलिया भी काफ़ी परेशान हो जाती है कि अब हम इतने सारे पैसे कहां से लाए...........