Exploring east india and Bhutan... - Part 24 in Hindi Travel stories by Arun Singla books and stories PDF | Exploring east india and Bhutan... - Part 24

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Exploring east india and Bhutan... - Part 24

Exploring East India and Bhutan-Chapter -24

सोलवां दिन

 

सुबह उठ कर में और मानसी होटल के स्विमिंग पूल में आ गए और वहां लगभग एक घंटा एन्जॉय कर के हम होटल रेस्टोरेंट में नास्ते के लिए आ गए. थोड़ा होटल के बारे में आप को बता दूं.

 

Soenam Tsokhang Resort, Paro Bhutan

यह शहर व् मुख्य मार्किट से लगभग 5 km व्  पारो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से16km की दूरी पर, शोर शराबे से दूर, एकांत में, प्राक्रति  की गोद में स्थित है. होटल के पीछे की तरफ आप सुबह शाम घुमने जा सकते हैं और वाइल्ड लाइफ का अनुभव ले सकते हैं.

 कमरे आधुनिक व् सीनिक सुंदरता वाले हैं, होटल के कमरे से  दिखाई देने वाले घाटी के मनोरम दृश्य दिल को  छु लेते हैं. होटल में रेस्टोरेंट व् बार है. ब्रेकफास्ट लंच डिनर की सुविधा है. भोजन का स्तर उतम व् स्वादिष्ट है. कस्टमर सर्विस शानदार है व् सारा स्टाफ विनम्र व् तुरंत सर्विस के लिए तत्पर रहता है. स्टाफ इंग्लिश व् हिन्दी दोनों भाषा समझ लेता है.

 यहाँ एक किस्सा बताने वाला है, हुआ यूँ कि होटल की बुकिंग हमने ऑनलाइन करवाई थी, व ब्रेकफास्ट किराये में शामिल था, तो ब्रेकफास्ट का आर्डर शाही टूरिस्ट बन कर किया, चेक आउट के समय पता चला, बुकिंग केवल रूम के लिए थी, ना जाने हमसे गलती लगी या कुछ और कारण था, पर गलती की कीमत ₹5500/- चुकानी पड़ी.

ज्ञान सूत्र: चेक इन करते समय पता कर लें, रूम में क्या क्या शामिल है.

 ड्राई क्लीनिंग की वयवस्था है, वाई फाई फ्री है, कार पार्किंग की फ्री  सुविधा है

चेक-इन टाइम 02:00 PM और चेक-आउट टाइम 12:00 PM है

 होटल में रिसोर्ट वाली सुविधाएं नही है, केवल नाम का रिजोर्ट है.

 

ब्रेकफास्ट के बाद पारो में घुमने का प्रोग्राम था.

पारो भूटान का सबसे सुदर शहर है. भ्रमण (Sightseeing) के लिये यहाँ नेशनल म्यूजियम ऑफ भूटान, रिनपुंग ड्जोंग (Rinpung Dzong), टाइगर नेस्ट हिल, ओर चेले ला पास (Chele la pass) है.

 

 

चेले ला पास : सबसे पहले हम चेले ला पास के लिए निकले, यह12454 ft की उचाई पर और पारो से लगभग 46km की दूरी पर भूटान की सबसे ऊंची पर्वतीय सड़क पर स्थित है, और इसी कारण यह रास्ता नवंबर से फरवरी तक भारी स्नो फाल के कारण बन्द रहता है. सड़क के दोनों तरफ सफेद बर्फ की चादर बिछी नजर आ रही थी,और पर्यटक बीच रास्ते में ही गाडी रोक कर बर्फ के साथ खेल रहे थे.

 

पारो से चेले ला पास का तंग रास्ता खडी चडाई व् घने जंगले से हो कर गुजरता है, यह रास्ता स्नो फाल के समय में, सर्दियों में सड़क पर बर्फ होने के कारण और हिमस्खलन के खतरे के कारण खतरनाक हो जाता है, परन्तु रास्ते में बर्फ से ढके पहाड़ों के शानदार दृश्य, झरने,और पहाडी याक मिलते हैं, जो यात्रा को रोमांचकारी बना देते हैं.

 

यह रास्ता ट्रैकिंग और लंबी पैदल यात्रा के शोकीन पर्यटकों के लिए सही स्थान हैं.

रास्ते में नदियों, झरनों,अल्पाइन फूलों व् देवदार के पेड़ों के घने जंगल,के सुंदर दृश्य देखने को मिलते हैं. चेले ला पास पर, अगर मौसम साफ़ हो तो आप भूटान की 22,000 फीट से अधिक ऊँची बर्फ से ढकी चोटी जुमोल्हारी (Jumolhari) के शानदार नजारे देख सक सकते हैं.

 

चेले ला पास के पहाड़ की ढलाने सफ़ेद खसखस से ढकी नजर आती हैं, और ख़ास बात यह है की सफ़ेद खसखस यहाँ के अलावा दुनिया में और कहीं नही पाया जाता.

 चेले ला पास,व्यू पॉइंट का दृश्य अद्भुत था, चारों तरफ ऊँचे सफेद बर्फ से ढके पहाड़ ,उस पर काली घटाएं , नीचे गहरी वादियाँ, इस सुंदरता को शब्दों में बयाँ नहीं किया जा सकता. यहाँ पर एक छोटा सा जलपान का स्टाल था, जहां गर्म चाय, कोफी मोमो, मेग्गी वगेरा उपलब्ध थी.

 

टाइगर हिल :पारो का पहला दर्शनीय स्थल टाइगर हिल है, जिस को वंडर ऑफ भूटान कहते हैं, यहां जाने के लिये आप कार, जीप द्वारा कैम्प आफिस तक जा सकते है, व आगे 5km से ज्यादा पैदल ही जाना पड़ता है. पैदल  आने जाने मे 5-6 घंटे का समय लग जाता है. इस पॉइंट का ट्रैकिंग करते हुए भरपूर आनंद लेने के लिए एक पूरा दिन चाहिए.

 

तभी विनीता का मोबाइल पुकार उठा

“मानसी की कॉल है, पता नही क्या हुआ “ विनीता ने मेरी तरफ देखा

“बात करो” मैंने कहा. विनीता ने मोबाइल स्पीकर पर कर लिया

“हाँ, मानसी बोलो, फ़ोन स्पीकर पर है, वरुण भी सुन रहा है “

“दीदी आज वापसी कब होगी “

“तुम बोलो, कोई जरुरी बात है”

“नही-नही,जरुरी तो नहीं“ मानसी की आवाज में हिचकचाहट नजर आ रही थी

“मानसी, हम अभी वापिस आ रहें है“ मेने बीच में बोलते हुए कहा

“नही भैया, आप अपना प्रोग्राम डिस्टर्ब मत करो, मै तो ऐसे ही बोल राही थी”

“अरे कोई डिस्टर्बेंस नहीं है, बस तुम से बात करने को दिल कर रहा है, इन्तजार करो हम वापिस आ रहें है”

उधर से कोई आवाज नहीं आई, शायद मानसी का दिल भर आया था  

“मानसी, क्या बात है” विनीता उसकी हालत समझ रही थी

“दीदी” और उसने फ़ोन काट दिया

“रोबी, होटल चलो” मेने ड्राईवर को कहा